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नर्मदा यात्रा 23

Narmada Yatra 23 Ayodhya ke Rammandir me MP ka Patthar -Kyo Gayab ho gai 50 km Narmada ki Dhara
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यह वीडियो नर्मदा जल के महत्त्व को बताने वाली एक पारिवारिक यात्रा की श्रृंखला है। नर्मदा नदी मप्र के अमरकंटक नामक स्थान से निकल कर राज्य के मध्य स्थित भू- भाग से बहते महाराष्ट्र तथा गुजरात की सीमावर्ती जिलों से होते हुए खंभात की खाड़ी में अरब सागर में जाकर मिल जाती है।
नर्मदा नदी यहां पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है। इसको “मध्यप्रदेश और गुजरात की जीवनदायनी नदी” भी कहा जाता है क्योंकि यह नदी दोनों ही राज्यों के लोगों के काम आती है। यह जलोढ़ मिट्टी के उपजाऊ मैदानों से होकर बहती है, जिसे नर्मदा घाटी के नाम से भी जाना जाता है। यह घाटी लगभग 320 किमी. में फैली हुई है। एक छोटे से झिरी (जमीन से निकलता पानी के रिसाव) से झरना, प्रपात और विशाल,चौड़े पाट नर्मदा नदी के मार्ग की विविधताएं हैं ।यही इस नदी की विशेषता भी है। बहुत सारी सहायक नदियों को अपने में समा कर, जल धारा लगातार, सदा नीरा बहते हुए अपने किनारे के आबादी की जल पूर्ति से लेकर अब मप्र के इंदौर भोपाल और उज्जैन जैसे बडे़ शहरों में नर्मदा नदी की धारा को पाइपलाइन के जरिए पहुचाकर लाखों गैलन पानी पीने के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है।
नर्मदा घाटी के जनजीवन में भी इस नर्मदा घाटी की तरह ही विविधिताएं हैं। कला संस्कृति जन जीवन खान पान अलग- अलग होने के बाद भी, जीवन दायिनी इस नर्मदा नदी को माता मानने में किसी को भ्रांति या संकोच नही है। सरकार भी इस नदी को एक जीवित इकाई मानती है।
अपने पारिवारिक यात्रा की इस श्रृंखला में इन्ही विविधताओं से भरे नर्मदा घाटी के जन जीवन महतवपूर्ण स्थान, व्यक्तिव बोली भोजन भजन स्थान आदि को जानने निकले हैं। हमारी इस यात्रा के केवल धार्मिक और आध्यात्मिक आयाम ही नही हैं , बल्कि यह पूरे नर्मदा अंचल को जानने की हमारी एक कोशिश है।
इस उद्देश्य और हमारे इस पावन लक्ष्यपूर्ति के लिए,
हम पति-पत्नि,
इसी नर्मदा से पाइप लाइन के जरिए भोपाल के हमारे अपने घर के नल की टोटियों पर आने वाले नर्मदा जल को आधार मानकर नर्मदा नदी के दोनो ओर सड़क मार्ग से नर्मदा उद्गम अमरकंटक तक की यात्रा, कार से कर रहे हैं।
इस बीच हमे क्षेत्र के निवासी, मित्र, प्रिय जन परिवार, स्थानीय, यात्री भी मिलेंगे और हमारे साथ समय भी बिताएंगे ऐसी आशा है। हम उदगम स्थल अमरकंटक तक पहुंचने के लक्ष्य लेकर और नर्मदा नदी के दोनो किनारों के बारे में स्वयं जानने निकले हैं और उसी का अनुभव सांझा कर रहे हैं।
यह उसी यात्रा श्रृंखला का तेईसवां वीडियो है जिसमें हम पिछले वीडियो से लगातार मप्र के आदिवासी इलाके में स्थित मंडला जिले के विभिन्न टूरिस्ट प्लेसेस को एक्सप्लोर कर रहे हैं । उसी कड़ी के इस अगले वीडियो में हम मंडला के एक मार्बल पॉलिश फैक्ट्री से अयोध्या के राम मंदिर के लिए जा रहे पत्थर के कुछ खेप के बारे में बातचीत और उनके कहे आधार पर जानकारी देंगे उसके नर्मदा नदी पर बने विशाल जलाशय बरगी बांध के बैक वॉटर की नदी के ऊपरी भाग की ओर प्रारंभिक या दुसरे शब्दों में कहें तो अंतिम सीमा तक जाएंगे। जहां नर्मदा नदी पर बने इस बरगी बांध का निचला या गेट जबलपुर में है वहीं इसका बैक वाटर धारा के ऊपर की ओर लगभग 70 किमी उपर मंडला शहर के सहस्त्र धारा तक भरा होता है। औसत दिनों में इस जलभराव के कारण मंडला के इस सहस्त्र धारा स्थान से आगे जबलपुर तक नर्मदा जी की धारा दृश्य नही होती अतः कहें कि बांध में कहीं गुप्त हो जाती है। यह समान्य लेकिन रोचक बात है।
इस बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए इस विडियो को जरूर देखें, यह हमारा विनम्र निवेदन है।
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🙏🏻🙏🏻
सादर
मंगल जर्नी

Пікірлер: 2

  • @istpalsimar5889
    @istpalsimar58895 ай бұрын

    जय श्री राम

  • @vikasbhola542
    @vikasbhola5425 ай бұрын

    VERY BEAUTIFUL

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