नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर | महादेव के नीलकंठ रूप से जुड़ी कथा | नर्मदा नदी | गुजरात | 4K | दर्शन 🙏
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हर हर महादेव भक्तों, इस श्रुष्टि के कण- कण में वास करने वाले, सबके ह्रदय पटल पर निवास करने वाले, सृष्टि के आदि, मध्य और अंत, अनंत परमात्मा भोलेनाथ की कृपा हर समय हम सब पर बरस रही है. वो महादेव भोलेनाथ जिन्होंने सृष्टि की रक्षा के लिए स्वयं विषपान करके विष को अपने कंठ में आभूषण की तरह धारण किया, और बन गए नीलकंठ महादेव तो आइये आपको लेकर चलते हैं भोलेनाथ के उसी स्वरुप के दर्शन को, भरूच स्थित नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर.
मंदिर के बारे में:
भक्तो नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर गुजरात के भरुच ज़िले में नर्मदा परिक्रमा मार्ग में नर्मदा नदी के तट पर उत्तर की ओर स्थित एक बहुत ही प्राचीन मंदिर है, भरुच ज़िले का ये सबसे प्रमुख मन्दिर है। यहाँ मंदिर की दीवारों पर भगवन शिव के 1008 नाम बहुत ही सुन्दरता से अंकित किये गए हैं, मंदिर नदी के तट पर स्थित होने के कारण यहाँ धार्मिकता के साथ ही एह अभीष्ट शान्ति की भी अनुभूति होती है.
भक्तो श्रावण मॉस में यहाँ बहुत ही सुन्दर मेला लगता है, भारी संख्या में श्रद्धालु अपनी कार्य सिद्धि और संकट निवारण के लिए नीलकंठेश्वर महादेव की शरण में आते हैं।
मंदिर का इतिहास:
भक्तो नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर बहुत प्राचीन मंदिर है, जब देव और असुरो ने मिलकर अमृत प्राप्ति के लिए समुद्र मंथन किया था तो अमृत से पहले भयानक हलाहल विष समुद्र से निकला था, जिसे देखकर सभी घबरा गए थे, देव और दानव मंथन छोड़कर भाग खड़े हुए तब ब्रह्मा जी और देवताओ की प्रार्थना पर भगवान् शिव ने वो हलाहल विष पान किया, पर विष को भगवान् ने गले के नीचे नहीं निगला इससे भगवन शिव का कंठ नीला हो गया और तब से भगवान् भोलेनाथ नीलकंठेश्वर महादेव के रूप में भी पूजित हुए।
भरूच स्थित नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर 200 वर्षों से भी अधिक प्राचीन माना जाता है. तथा इसका जीर्णोद्धार लगभग 50 वर्षं पूर्व सांवली के स्वामी बाबा द्वारा कराया गया था. इस तरह समय समय पर इस मंदिर को आधुनिक स्वरुप प्रदान किया गया है।
मंदिर परिसर:
भक्तो ”नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर" अति सुन्दर एवं विशाल मंदिर है, मंदिर का प्रवेश द्वार भी बहुत ही आकर्षक है , मंदिर में प्रवेश के बाद सामने बहुत बड़ा प्रागंण है, मंदिर की दीवारों पर भगवान् शिव के नामों के साथ छोटे -छोटे 1008 शिवलिंग बने हैं जो अत्यधिक मन मोहक प्रतीत होते हैं, यहाँ मंदिर में प्रवेश के बाद नीलकंठेश्वर महादेव के दर्शनों के लिए अलग-अलग लाइन बनाने के लिए स्टील की ग्रिल लगाई गई हैं, जिससे की भक्तजन सुविधानुसार लाइन में जाकर दर्शन कर सके, अंदर मंदिर में प्रवेश के साथ ही सामने गर्भग्रह में श्री नीलकंठेश्वर महादेव के दर्शन होते हैं, जो भक्तो की समस्त कामनाये पूर्ण करने वाले हैं नीलकंठेश्वर महादेव के सामने नंदी जी विराजमान हैं। भक्तो मंदिर के अंदर का परिसर हॉल बहुत विशाल है ,मंदिर के निर्माण के समय इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि यदि बहुत संख्या में भक्तजन एकत्रित हो तो उन्हें असुविधा न हो, अतः मंदिर में एक साथ बहुत बड़ी संख्या में दर्शनार्थी प्रवेश कर सकते हैं, और दर्शनों के बाद मंदिर में ही दर्शनार्थियों और साधु संतो के लिए निःशुल्क भोजन, प्रसाद की व्यवस्था भी मंदिर की ओर से की जाती है,
मंदिर परिसर में हनुमान जी का भी बहुत ही सुंदर मंदिर है जिसमे हनुमान जी का विशाल विग्रह विराजमान है। परिसर के एक ओर नर्मदा स्नान घाट का रास्ता भी है जहाँ पर भक्तजन स्नान ध्यान करते हैं एवं माँ नर्मदा के जल से भगवान् नीलकंठ महादेव का अभिषेक करते हैं. मंदिर परिसर में नागों की प्रतिमा के भी दर्शन होते हैं.
मंदिर में मुख्य देव व अन्य देव मूर्तियां:
भक्तों, मंदिर के गर्भ गृह में मुख्य देव श्री नीलकंठेश्वर महादेव का अभिषेक और पूजा होती है , इनकी पूजा कलयुग में श्रदालुओ की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली है, गर्भग्रह में माँ पार्वती की बड़ी ही सुन्दर मूर्ति है, गर्भग्रह के बाहर एक ओर भगवान् गणेश की प्रतिमा विराजमान है तथा दूसरी ओर भगवान् कार्तिकेय जी विराजित हैं. गर्भग्रह की दीवारों को बहुत ही सुंदर रंगीन पत्तरों द्वारा सजाया गया है. गर्भग्रह सामने नंदी जी तथा कछप की प्रतिमाएं भी विराजित हैं.
आरती का समय:
भक्तो "नीलकंठेश्वर महादेव"जी की आरती का आनंद आप प्रातः 5 बजे उठा सकते हैं और संध्या आरती में सम्मिलित होने का समय 7 बजे है ।
अन्य दर्शनीय स्थल:
भक्तो यदि आप गुजरात में भरुच स्थित "नीलकंठेश्वर महादेव" के दर्शनों के लिए आयें तो साथ ही भृगु ऋषि मंदिर, स्वामी नारायण मंदिर, विश्वेश्वर महादेव मंदिर, श्री ब्रह्मा धर्मेश्वर महादेव मंदिर, नर्मदा माता मंदिर, वैरागी हनुमान मंदिर, शिरडी साई बाबा मंदिर, नर नारायण देव मंदिर आदि प्रमुख मंदिरो के दर्शन भी कर सकते हैं.
Disclaimer: यहाँ मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहाँ यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधि विशेषज्ञ से सलाह लें.
श्रेय:
लेखक: याचना अवस्थी
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Пікірлер: 37
|| ऊँ नम:शिवाय ||
Jai mahakaal mahadev
har har mahadev
ओम श्री नमः पार्वती पतये हर हर महादेव 🙏🏻
Jai mahakal ki
Har har mahadav
Jay Mahakal
Har har Mahadev
Jay mahakal baba
Har har Mahadev 😊
ॐ नमः शिवाय ❤ हर हर महादेव
Mahadev❤
Har har Mahadev ji ki 👏👏👏👏👏
Har har Mahadev 🙏🙏
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🙏🙏 ओम् नमः शिवाय 🙏🙏
JAI shri neelkant BABA ki jai ho
ॐ नमः शिवाय 🙏🙏
जय बाबा भोलेनाथ। हर हर महादेव हर हर महादेव।
jai mata parvati
He Bhole Baba🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🕉🕉🌺🌺✊✊
Jai Shree ShivParvati Jii 🙏❤️
ॐ नमः शिवाय हर हर महादेव कृपा कीजिए प्रभु 🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️🎇🎇❤️❤️❤️❤️❤️❤️
हर हर महादेव 🙏🙏
🚩🚩Om Namah Shivay🚩🚩
good morning🙏🙏jay shiv bhole🌹🏵🌻jay shree.radhe krishna🌺🙏🙏🌹🌺jay shree.ram🌻🌻🙏🌹jay shree.hanuman🌺🌻🌻🙏jay shree.ganeshay🌹🌺🌻🌻🙏🙏jay matarani🌹🌺🌻
ॐ नमः शिवाय हर हर महादेव 🙏🙏🙏🙏🙏🎇🎇🎇🎇🎇❤️❤️❤️
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जय Bholenath जय श्री राम
🌷🕉🛐🙏🤗
हे भगवान भोलेनाथ हर हर महादेव 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
Har Har Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev Mahadev
Jai ho prabhu, hm to apne Kanha k prati aur Prem aur bhakti ka ashirwad lene aana chahte hain prabhu❤❤
Sahi h kaise manu
कितना rent हैं
क्या मंदिर के प्रांगण में रहने की व्यवस्था है?
हर हर महादेव 🙏🙏