MurariBapuके भगवान कृष्ण के अपमान वालेvideoका सच |मोरारी बापू ने आज समस्त वैष्णव समाज से माफी मांगी
#moraribapu#jigneshdada#moraribapucontroversy
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कुछ प्रसिद्ध कथाकारों ने आक्षेप किया की
- बलरामजी २४ घंटे नशा करते थे?
- भगवान कृष्ण के पुत्र चोरी और मदिरा में लिप्त थे?
- भगवान कृष्ण द्वारका में धर्म स्थापन नहीं कर पाए?
इन सब प्रश्नों का भागवत शास्त्र आधारित उत्तर इस वीडियों में दिया है। कैसे यादवों का नाश हुआ? भगवान कृष्ण क्या शिकारी के द्वारा बिंधे गये थे?
कृपया इस वीडियों को सब सनातन धर्म के लोगों तक पंहुचा दीजिये जिससे उनका संदेह दूर हो।
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Пікірлер: 86
આ બાપુએ તો કૃષ્ણ બલરામ ની આબરૂ લીધી આને સાધુ ગણવો કે રાક્ષસ ગણવો.
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
તને આ Channel पर આ link જોઈ શકો છો... kzread.info/dash/bejne/f4uMmamlf8aZYbw.html અને ભગવદ્ ગીતા તેના મૂળ રૂપે માં ભાવાર્થ સાથે શ્લોક 9.11, 7.15, 7.25 તથા અધ્યાય 16 વગેરે વાંચશો તો ખૂબ જ ભાર પૂર્વક આ વસ્તુ સમજી અને સમજાવી શકશો. આવા निर्लज्ज લોકો ની વાતો સાંભળી વિરોધ ન કરવો પણ અપરાધ છે. 🙏
@pragneshahir2625
3 жыл бұрын
જે शास्त्रों માં नहीं માને એતો રાક્ષસ જ હોય ને...
अपूज्य की पूजा जहाँ हो पूज्य की अवहेलना । होती वहीं दुर्भिक्ष भीषण मृत्यु भीति भयावना ॥
Jay Shri Krishna
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
जय श्री कृष्ण 🙏🙏🙏
कलि का ड्रामा देख, बने कथाकार भगवान । भंडा सबका फूट गया हरि इच्छा बलवान ॥ देख तमाशा ढ़ोंगी का कलि का रूप महान । देव को कर दी साईड में खुद बन गये भगवान ॥ पारस मणि दुर्लभ जिमि तिमि संतन को जान । चेल चपेट के चक्र में सब ढ़ोंगी भगवान ॥ राम नाम ही सार है राम नाम ही सत्व । राम नाम ही परमगुरू राम नाम महतत्व ॥ राम नाम से प्रेम कर दूर होय दुर्बोध । छोड़ अडम्बर ढोंग सब हरि को भजो सुबोध ॥
Hare Krishna
Best video prabhuji
Hame lagta hai ye bahut jaruri hai,sastra vidhi se janna
@KeshavShyamsundarDasISKCON
3 жыл бұрын
इसीलिए हमे मिलके श्री मद भगवद्गीता यथा रूप इत्यादि ग्रंथो का प्रचार करना होगा।
Vary nice
Khub saras... Dhongi O. Bahar padava joie
@KeshavShyamsundarDasISKCON
3 жыл бұрын
આપણે ભગવદ્ ગીતા તેના મૂળ રૂપે વાંચી શું તો બધાં સ્પષ્ટ દેખાશે.
Hare Krishna Prabhuji Bahut Khub , 🙏🏻🙏🏻
Ye shlok kha milenge?
सत्य वचन, प्रभुजी...💯💯
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
All glories to Shrila Prabhupad 🙏
@pragneshahir2625
3 жыл бұрын
सत्यं वद... धर्मं चर... 👍👍👍❤️❤️❤️
Hare Krishna bhai....👍👍👍👏
Nahi
CHOPAY:- RAM kinh chahahi SOI hoi ! Kare anyathha as nahi koi!! Bhavgawan Jo chahate hai vahi hota hai,. Koi Aur nahi Kar sakata. BHAGAWAN krishnji ne Aur BAGAWAN shree RAMJI ne DHARM ki Jo sthhapana ki hai ,koi kathhakar Kaise kah SAKATA hai KI ""DHARM KI STHHAPANA ME *FAILED TOTALY FAILED.
Bapu should retire These words cannot be from real wants. Talking without knowledge ,understanding of great epics.
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
इस *Video मे देखिए कैसे श्रील प्रभुपाद अकेले पूरे विश्व में किए! kzread.info/dash/bejne/domstK5phaTMeag.html Reverce thing 😲😲😲 कृपया इस 👆 Video को पूरा देखें । आखिरी के 7-8 मिनट जरूर देखिए। 🙏 आप अपने आप समज जाएंगे क्या करना चाहिए और किस प्रकार, कौन व्यक्ति क्या कर रहा है..! 🙏
आपने देश को इस्लामिकररण के लिए कितने पैसे लिये।
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
समझें नहीं..! और स्पष्ट करेंगें तो अच्छा होगा। 🙏
जय सीताराम बापु जी
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
जय सियाराम 🙏🙏🙏 👇આ Video પણ જોશો... kzread.info/dash/bejne/domstK5phaTMeag.html Reverce thing 😲😲😲 कृपया इस 👆 Video को पूरा देखें । आखिरी के 7-8 मिनट जरूर देखिए। 🙏 आप अपने आप समज जाएंगे क्या करना चाहिए और किस प्रकार, कौन व्यक्ति क्या कर रहा है..! 🙏
Harash bishad rahit Raghurau ! ShreeRam Charit Manas ki upar likhi gai chopai me kahagaya hai ki BHAGAWAN HARSH AUR VISHAD DONO SE PARE HAI. VE CHIDANAND SWAROOP HAI. TO FIR BAGAWAN SHREE KRISHN JI KO DUKH KI BHRANTI KAISE HO SAKATI HAI ? LAST 26 years Kaise dookh me bitaye?
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
जन्म कर्म च मे दिव्यमेवं यो वेत्ति तत्त्वतः | त्यक्त्वा देहं पुनर्जन्म नैति मामेति सोऽर्जुन || ९ || हे अर्जुन! जो मेरे अविर्भाव तथा कर्मों की दिव्य प्रकृति को जानता है, वह इस शरीर को छोड़ने पर इस भौतिक संसार में पुनः जन्म नहीं लेता, अपितु मेरे सनातन धाम को प्राप्त होता है | और श्लोक 18.55, 4.3 और भी बहुत सारे है। आप जरूर पढ़िए। इसमे कहा है कि केवल भक्ति से ही भगवान को जाना जा सकता है। हमारी Channel पर श्लोक 15 /2 Video आपको मदद रूप होगा। 🙏
Are hmare pravhu ko admi bolta h to kya tu h bhagwan khi apki maa bhen betiyon ko chhedne to nhi aye koi sambhal ke rkhna jra apni ghar ki izat ko
@pragneshahir2625
3 жыл бұрын
રાક્ષસ only do that
Morari muslman na pet nochhe haram khor no😈😈😈😈😈😈😈
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
શું કરવાનું, લોકો ભગવદ્ ગીતા વાંચતાં નથી અને આવાં ઢોંગી લોકો એમનું શોષણ કરી રહ્યાં છે. 🤷♂️
Hello
CHOPAY:- Ram anant anant gunani! Janm karm anant namani!! Bhagwan ka avatar dharan karaneka ek hi udeshy hai, ve apana karm karane k like hi aate hai. Kaun kah SAKATA hai ki Shree RAM Aur Shree KRISHN ji BHAGAWAN DHDARM KI STHHAPANA NAHI KAR SAKE THHE.
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
कुछ मुर्ख लोग एसी बकवास करते हैं... इसीलिए हमें सही प्रचार करने की बहुत आवश्यकता है। इस *Video मे देखिए कैसे श्रील प्रभुपाद अकेले पूरे विश्व में किए! kzread.info/dash/bejne/domstK5phaTMeag.html Reverce thing 😲😲😲 कृपया इस 👆 Video को पूरा देखें । आखिरी के 7-8 मिनट जरूर देखिए। 🙏 आप अपने आप समज जाएंगे क्या करना चाहिए और किस प्रकार, कौन व्यक्ति क्या कर रहा है..! 🙏
Mere bapu 🙏
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
🙏कृपया जरूर देखिए😲 श्रीमद भगवद् गीता : अध्याय 16 श्लोक 23 Don't be Cheated 👍 यः शास्त्रविधिमुत्सृज्य वर्तते कामकारतः | न स सिद्धिमवाप्नोति न सुखं न परां गतिम् || २३ || जो शास्त्रों के आदेशों की अवहेलना करता है और मनमाने ढंग से कार्य करता है, उसे न तो सिद्धि, न सुख, न ही परमगति की प्राप्ति हो पाती है । तात्पर्य : जैसा कि पहले कहा जा चुका है मानव समाज के विभिन्न आश्रमों तथा वर्णों के लिए शास्त्रविधि दी गयी है । प्रत्येक व्यक्ति को इन विधि-विधानों का पालन करना होता है । यदि कोई इनका पालन न करके काम, क्रोध और लोभवश स्वेच्छा से कार्य करता है, तो उसे जीवन में कभी सिद्धि प्राप्त नहीं हो सकती | दूसरे शब्दों में, भले ही मनुष्य ये सारी बातें सिद्धान्त के रूप में जानता रहे, लेकिन यदि वह इन्हें अपने जीवन में नहीं उतार पाता, तो वह अधम जाना जाता है । मनुष्ययोनि में जीव से आशा की जाती है कि वह बुद्धिमान बने और सर्वोच्च पद तक जीवन को ले जाने वाले विधानों का पालन करे । किन्तु यदि वह इनका पालन नहीं करता, तो उसका अधःपतन हो जाता है । लेकिन फिर भी जो विधि-विधानों तथा नैतिक सिद्धान्तों का पालन करता है, किन्तु अन्ततोगत्वा परमेश्र्वर को समझ नहीं पाता, तो उसका सारा ज्ञान व्यर्थ जाता है । और यदि वह ईश्र्वर के अस्तित्व को मान भी ले, किन्तु यदि भगवान् की सेवा नहीं करता, तो भी उसके सारे प्रयास निष्फल हो जाते हैं । अतएव मनुष्य को चाहिए कि अपने आप को कृष्णभावनामृत तथा भक्ति के पद तक ऊपर ले जाये । तभी वह परम सिद्धावस्था को प्राप्त कर सकता है, अन्यथा नहीं ।
@pratapkishorenanda7578
4 жыл бұрын
🙏
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
@@pratapkishorenanda7578 kzread.info/dash/bejne/domstK5phaTMeag.html Reverce thing 😲😲😲 कृपया इस 👆 Video को पूरा देखें । आखिरी के 7-8 मिनट जरूर देखिए। 🙏 आप अपने आप समज जाएंगे क्या करना चाहिए और किस प्रकार, कौन व्यक्ति क्या कर रहा है..! 🙏
रग रग में पाखण्ड भरा है,#कालनेमि के अवतारी हो व्यासपीठ की मर्यादा के, तुम कलुषित #व्यापारी हो। राम कृष्ण की कथा त्याग तुम, #अल्ला_मौला भजते हो! लाज नहीं आती है तुमको, ईश्वर से #छल करते हो!! दूर दूर से पैदल चल कर, तुमको सुनने आते थे! मन में श्रद्धा भरी हुई थी, #दर्शन कर सुख पाते थे!! सदा समझते रहे तुम्हें हम, #वेद_सत्य के तुम हो ज्ञाता! व्यासपीठ चढ़ तुमने जोड़ा, पर #कुरान से अपना नाता!! #करुणानिधि की करुणा भूले, शिव का विष ना दिया दिखाई! रावण वध की कथा छोड़ कर, हमें #शायरी गई पिलाई!! #शिव_विवाह का वर्णन छूटा, बिसर गई कौशल्या माई! चन्द्रमुखी ने व्यासपीठ से, #हाला की महिमा बतलाई!! भुला दिया अरबी डॉलर ने, #वृन्दावन की माटी को! लूट लिया फिल्मी गानों ने, #तुलसी की परिपाटी को!! जिस समाज ने पूजा तुमको, हर प्रकार का मान दिया! पैसों के लालच में तुमने, उस पर #खञ्जर तान दिया!! हम से खाया हमसे पाया, यह कैसा उपहास किया! हिन्दू होकर तुमने आखिर, #हिन्दू का ही नाश किया!! #भृकुटि हमारी तनी हुई है, हृदय कुण्ड में ज्वाला है! और तुम्हारे सब पापों का,#घड़ा फूटने वाला है!! कोटि कोटि हिन्दू जागा है, यह और नहीं चलने देंगे! #व्यासपीठ की मर्यादा से, हम खेल नहीं होने देंगे!! सभी हिन्दू भाईयों बहनों से आग्रह है कि इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना है, और जागरूक करना है सभी #सनातनी_भाइयों बहनों को बहिष्कार करना है इन पाखण्डी धूर्तों#_का। *🙏हर हर महादेव ✍🙏*
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
कृपया सभी माताएँ साथ में या अकेले भी श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप तथा श्री मद भागवत पढ़ेंगे तो बहुत अच्छा होगा। 🙏🙏🙏
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
आप सभी माताओं के आशीर्वाद से और आपकी ही सुविधा के लिए ही हमने ये online प्राचार भी प्रारम्भ किया है। कृपया सभी को SHARE भी कर सकते हैं। 🙏
App sahi galat wye jo app ko galat sabit karane ki kosis kar rahe nhe 🙏💞🙏
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
समज में नहीं आया..। 🤷♂️🙏
बापू ने केवल भगवान कि वेदना कही है। अपमान नही किया है।
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
🙏कृपया जरूर देखिए😲 श्रीमद भगवद् गीता : अध्याय 16 श्लोक 23 Don't be Cheated 👍 kzread.info/dash/bejne/k52G0tJwdKyZmto.html यः शास्त्रविधिमुत्सृज्य वर्तते कामकारतः | न स सिद्धिमवाप्नोति न सुखं न परां गतिम् || २३ || जो शास्त्रों के आदेशों की अवहेलना करता है और मनमाने ढंग से कार्य करता है, उसे न तो सिद्धि, न सुख, न ही परमगति की प्राप्ति हो पाती है । तात्पर्य : जैसा कि पहले कहा जा चुका है मानव समाज के विभिन्न आश्रमों तथा वर्णों के लिए शास्त्रविधि दी गयी है । प्रत्येक व्यक्ति को इन विधि-विधानों का पालन करना होता है । यदि कोई इनका पालन न करके काम, क्रोध और लोभवश स्वेच्छा से कार्य करता है, तो उसे जीवन में कभी सिद्धि प्राप्त नहीं हो सकती | दूसरे शब्दों में, भले ही मनुष्य ये सारी बातें सिद्धान्त के रूप में जानता रहे, लेकिन यदि वह इन्हें अपने जीवन में नहीं उतार पाता, तो वह अधम जाना जाता है । मनुष्ययोनि में जीव से आशा की जाती है कि वह बुद्धिमान बने और सर्वोच्च पद तक जीवन को ले जाने वाले विधानों का पालन करे । किन्तु यदि वह इनका पालन नहीं करता, तो उसका अधःपतन हो जाता है । लेकिन फिर भी जो विधि-विधानों तथा नैतिक सिद्धान्तों का पालन करता है, किन्तु अन्ततोगत्वा परमेश्र्वर को समझ नहीं पाता, तो उसका सारा ज्ञान व्यर्थ जाता है । और यदि वह ईश्र्वर के अस्तित्व को मान भी ले, किन्तु यदि भगवान् की सेवा नहीं करता, तो भी उसके सारे प्रयास निष्फल हो जाते हैं । अतएव मनुष्य को चाहिए कि अपने आप को कृष्णभावनामृत तथा भक्ति के पद तक ऊपर ले जाये । तभी वह परम सिद्धावस्था को प्राप्त कर सकता है, अन्यथा नहीं ।
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
ये भी अच्छे से देख सकते हैं और फिर पढ़ सकते हैं फिर जानिए फिर बात करेंगें kzread.info/dash/bejne/hZ98yNSqp72pZdI.html
@liveletlive9354
4 жыл бұрын
Iskon vaale rotiyaaaan na seke
@liveletlive9354
4 жыл бұрын
अनुष्का शर्मा की बुलबुल मूवी भी देख लेना कृष्णा भगवान् को क्या कहा है राधा जु को क्या कहा है वृन्दावन वालो -----------अब तुम्हे कोहली का क्रिकेट याद आएगा।। हैना ? ?? ?? गाली बकवा सकते हो अपने इष्ट को ??? अब नहीं बोलोगे ??? वृन्दावन वालो --- मोरारी बापू ने तो सिर्फ अपने भाव व्यक्त किये , पुराण शास्त्र में लिखा है। उनकी कृष्णा प्रेम की और वीडियो देखना पूरी , एडिटेड नहीं। पूरी। रो लेना और फिर। सुनलो दुनिया वालो बापू सारे जवाब पहले ही दे चुके है सुनो , जानो , फिर बोलो। ।। जय सियाराम।। kzread.info/dash/bejne/c3p7mtWogribgso.html
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
@@liveletlive9354 शायद आप जैसे अंध भक्तों जिन्होंने कभी भी श्रीमद्भगवद्गीता नहीं पढ़ी वो तो जानते ही नहीं तो क्या बोलेंगे... और इसी कारण एसे तुच्छ वेश्यावृत्ति वालों को भी मोका मिल जाता है... एसे ही कुछ लोगों के लिए प्रहलाद महाराज ने भागवत में कहा है... माफ करना अंग्रेज़ी में भेज रहा हूं... अंध भक्तों के लिए... भक्त प्रहलाद महाराज कहते हैं श्रीमदभागवत 7.5.31 na te viduḥ svārtha-gatiṁ hi viṣṇuṁ durāśayā ye bahir-artha-māninaḥ andhā yathāndhair upanīyamānās te ’pīśa-tantryām uru-dāmni baddhāḥ SYNONYMS na-not; te-they; viduḥ-know; sva-artha-gatim-the ultimate goal of life, or their own real interest; hi-indeed; viṣṇum-Lord Viṣṇu and His abode; durāśayāḥ-being ambitious to enjoy this material world; ye-who; bahiḥ-external sense objects; artha-māninaḥ-considering as valuable; andhāḥ-persons who are blind; yathā-just as; andhaiḥ-by other blind men; upanīyamānāḥ-being led; te-they; api-although; īśa-tantryām-to the ropes (laws) of material nature; uru-having very strong; dāmni-cords; baddhāḥ-bound. TRANSLATION Persons who are strongly entrapped by the consciousness of enjoying material life, and who have therefore accepted as their leader or guru a similar blind man attached to external sense objects, cannot understand that the goal of life is to return home, back to Godhead, and engage in the service of Lord Viṣṇu. As blind men guided by another blind man miss the right path and fall into a ditch, materially attached men led by another materially attached man are bound by the ropes of fruitive labor, which are made of very strong cords, and they continue again and again in materialistic life, suffering the threefold miseries. PURPORT Since there must always be a difference of opinion between demons and devotees, Hiraṇyakaśipu, when criticized by his son Prahlāda Mahārāja, should not have been surprised that Prahlāda Mahārāja differed from his way of life. Nonetheless, Hiraṇyakaśipu was extremely angry and wanted to rebuke his son for deriding his teacher or spiritual master, who had been born in the brāhmaṇa family of the great ācārya Śukrācārya. The word śukra means “semen,” and ācārya refers to a teacher or guru. Hereditary gurus, or spiritual masters, have been accepted everywhere since time immemorial, but Prahlāda Mahārāja declined to accept such a seminal guru or take instruction from him. An actual guru is śrotriya, one who has heard or received perfect knowledge through paramparā, the disciplic succession. Therefore Prahlāda Mahārāja did not recognize a seminal spiritual master. Such spiritual masters are not at all interested in Viṣṇu. Indeed, they are hopeful of material success (bahir-artha-māninaḥ). The word bahiḥ means “external,” artha means “interest,” and mānina means “taking very seriously.” Generally speaking, practically everyone is unaware of the spiritual world. The knowledge of the materialists is restricted within the four-billion-mile limit of this material world, which is in the dark portion of the creation; they do not know that beyond the material world is the spiritual world. Unless one is a devotee of the Lord, one cannot understand the existence of the spiritual world. Gurus, teachers, who are simply interested in this material world are described in this verse as andha, blind. Such blind men may lead many other blind followers without true knowledge of material conditions, but they are not accepted by devotees like Prahlāda Mahārāja. Such blind teachers, being interested in the external, material world, are always bound by the strong ropes of material nature.
Bapu mahan Sant h
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
🙏कृपया जरूर देखिए😲 श्रीमद भगवद् गीता : अध्याय 16 श्लोक 23 Don't be Cheated 👍 यः शास्त्रविधिमुत्सृज्य वर्तते कामकारतः | न स सिद्धिमवाप्नोति न सुखं न परां गतिम् || २३ || जो शास्त्रों के आदेशों की अवहेलना करता है और मनमाने ढंग से कार्य करता है, उसे न तो सिद्धि, न सुख, न ही परमगति की प्राप्ति हो पाती है । तात्पर्य : जैसा कि पहले कहा जा चुका है मानव समाज के विभिन्न आश्रमों तथा वर्णों के लिए शास्त्रविधि दी गयी है । प्रत्येक व्यक्ति को इन विधि-विधानों का पालन करना होता है । यदि कोई इनका पालन न करके काम, क्रोध और लोभवश स्वेच्छा से कार्य करता है, तो उसे जीवन में कभी सिद्धि प्राप्त नहीं हो सकती | दूसरे शब्दों में, भले ही मनुष्य ये सारी बातें सिद्धान्त के रूप में जानता रहे, लेकिन यदि वह इन्हें अपने जीवन में नहीं उतार पाता, तो वह अधम जाना जाता है । मनुष्ययोनि में जीव से आशा की जाती है कि वह बुद्धिमान बने और सर्वोच्च पद तक जीवन को ले जाने वाले विधानों का पालन करे । किन्तु यदि वह इनका पालन नहीं करता, तो उसका अधःपतन हो जाता है । लेकिन फिर भी जो विधि-विधानों तथा नैतिक सिद्धान्तों का पालन करता है, किन्तु अन्ततोगत्वा परमेश्र्वर को समझ नहीं पाता, तो उसका सारा ज्ञान व्यर्थ जाता है । और यदि वह ईश्र्वर के अस्तित्व को मान भी ले, किन्तु यदि भगवान् की सेवा नहीं करता, तो भी उसके सारे प्रयास निष्फल हो जाते हैं । अतएव मनुष्य को चाहिए कि अपने आप को कृष्णभावनामृत तथा भक्ति के पद तक ऊपर ले जाये । तभी वह परम सिद्धावस्था को प्राप्त कर सकता है, अन्यथा नहीं ।
RAM Rhim sab ak h bapu to mahan h
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
कैसे एक है..? बताइए...
Bapu Katha krne ki paisa nhi lete h bapu mahan h
@KeshavShyamsundarDasISKCON
4 жыл бұрын
kzread.info/dash/bejne/domstK5phaTMeag.html Reverce thing 😲😲😲 कृपया इस 👆 Video को पूरा देखें । आखिरी के 7-8 मिनट जरूर देखिए। 🙏 आप अपने आप समज जाएंगे क्या करना चाहिए और किस प्रकार, कौन व्यक्ति क्या कर रहा है..! 🙏
Hare Krishna