Meranbhai Gdhavi 2018 ll Pujya Ravatabapa Sradhdhajanli Gama : Saradarapura Live Santvani Vol 4
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*Album : Pujya Ravatabapa Sradhdhajanli Gama : Saradarapura Live Santvani
*Singer : Meranbhai Gdhavi 2018
*Video by : Shivani Video / Vipulgiri Goswami / Moviya
*Label : Shivani Video / Moviya
*Uploded : Shivani Video Official Chennal
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Пікірлер: 61
મેરુ સમા મેરામણભાઇ ને લાખો વંદન કરી 🎉 જય હો ચારણરાજ
Wha મેરાણી દાન સુ શિવ સ્તુતિ સંભળાવી તમે મારી પાસે શબ્દ નથી તમારો આભાર manvana
जय जय महेस संकर जडाल, कन्दर्ब जलंधर त्रिपुर काल। गंगाकिरीट जय जय गिरीस, अजएक महानट अखिल ईस।। रचनाप्ररोह जय संभु रूद्र, सिव जय अनादी करुणासमुद्र। दुरितादिदलन जय बामदेव, दिवपट जय परिजितकामदेव।। जय गरलकंठ विभु गहन जोग, भव भर्ग्ग भीम जय त्यक्तभोग। लय सर्ग चरित जय उर्द्धलिंग, प्रभु जय मित्रीकृत एक पिंग।। नुत अष्ट मूर्ति जय जय त्रिनैन, अगराज स्वसुर करबीर अैन। पावन एकांबक एकपाद, ब्रशकेतु माहद्रग जय बिशाद।। हेरंबजनक जय अट्टहासि, बिबुधेस महाव्रत गुण बिलासि। जय म्रड अनंत बिध्वंस्तजाग, बिस्वांतरात्म साधित बिराग।। मायाअतीत जय अस्थिमाल, भावक अनिच्छ जय इंदुभाल। सिपिविष्ट कलित बिचगृह बिसेस, कल्पान्तनटन जय व्योमकेस।। पावक हिरण्यरेता प्रसन्न, छबि सित महान अणु प्रकट छन्न। सितिकंठ कृत्तिपट नित्यशुद्ध, पशु प्रमथ भूतपति जय प्रबुद्ध।। धूर्जटि करोटि खट्वांग धार, हेलाजित अंधक उरगहार। श्रीखंड परसु थिरचर सहाय, कृत रुक्म अचल केलीनिकाय।। षट्पदी जय महेश जोगेस निखिल अघफंद निवारक। नित्य जरा जनि रहित तथ्य जोगी जगतारत।। ईस फटिक अवदात भक्त भय भूरि बिभंजक। जय सरनागत जगर बिबिध प्राकृत गुन व्यंजक।। ईसान नीललोहित अभय चंद्रचूड नन करहु चिर। ह्वै विकल अद्रि बिल बिच हलत स्वस्थ करहुं रहि तास सिर।। ~~महाकवि सूर्यमल्ल मीसण (वंश भास्कर)
@navneetsangar7896
Жыл бұрын
Bhai bhai bhai
@nanushigwan7742
Жыл бұрын
❤
@motivationalstory4315
5 ай бұрын
ક્યાંથી મળ્યો ???
વાહ મેરામણ ગઢવી વાહ મારા માટે વારણા લવ વારે વારે
10:46 🙏
હરે ચારણ હરે શું મોજ કરાવી છે મારી પાસે શબ્દો નથી વખાણ કરવા માટે નાં જય માતાજી
Vah vah bapu 👍 Jay mogal Jay mataji
Va meranbhai jay ho va charan va ....
Saday mhadevni aavej Krupa rahe
Jivo kavi Raj ganu jivo kaviraj
Wahh Jug jug jio kaviraj
Very good (Morbi-Gujarat)
હા ગઢવી હા મોજ પડીગય હા
ha jio jio bhai ha charan ha
Jay ho charan
મોજ કરાવેઈ મૅરામણ ચોખઃ રાખી ચિતહૈયૂ ક. રાવે હરવૂ ઈ ચારણ ની રીત
વાહ મેરામણ બાપુ વાહ
Jay siyaram
@himmatbhaigohil9913
3 жыл бұрын
વાહદેવીપુતર
Wha meran nahi wha 🙏
Wah kaviraj
Vah maryan bhai gadhvi
સરસ
Jay ho vala
Har har mahadev
જય ભોલેનાથ ગઢવી
Ha mojjjjjjj Ha mojjjjjjjjj 🙏🏻🙏🏻🙏🏻❤️🙇
@gadhvivipuldan2476
2 жыл бұрын
Wah meran bhai Jay ho
Jay Ho meraman bhai
Jiyo jiyo bap jay ho
જય હો જય હો જય હો
Vha meran bgai
હા મોજ હા
Vah Charan
🙏🙏🙏.
વાહ ચારણ વાહ
જીયો ચારણ🙏
જીયો કવિરાજ જીયો
😊😊
Namo vay bhutay ye kaha milega
હર હર મહાદૅવ🙏
10:45
@motivationalstory4315
5 ай бұрын
છે કોઈ પાસે ??
બવ
Kaun sa storam h koi bata do pls
@shubhamkannojiya6601
2 жыл бұрын
Same question..Kon sa srot h
वीडियो प्राकृतिक सुंदर बनावे मूर्ति या फोटो चित्र बीच-बीच में कभी-कभी बताते रहे स्टूडियो
उस संत के दोहे साखियां बतावे जिसने मेहमान के लिए सर कटवाया चोरी किया कहानी बनावे मेरा भाई
मां की ममता क्या होती है मां के प्रकार मां के दोहे शायरी के साथ कहानी बनाने बताओ इमरान भाई गढवी
@jdgadhvi9080
Жыл бұрын
Meran gadhvi
,
Aa stuti ni lyrics mlse?
@anilngadhavi8639
Жыл бұрын
जय जय महेस संकर जडाल, कन्दर्ब जलंधर त्रिपुर काल। गंगाकिरीट जय जय गिरीस, अजएक महानट अखिल ईस।। रचनाप्ररोह जय संभु रूद्र, सिव जय अनादी करुणासमुद्र। दुरितादिदलन जय बामदेव, दिवपट जय परिजितकामदेव।। जय गरलकंठ विभु गहन जोग, भव भर्ग्ग भीम जय त्यक्तभोग। लय सर्ग चरित जय उर्द्धलिंग, प्रभु जय मित्रीकृत एक पिंग।। नुत अष्ट मूर्ति जय जय त्रिनैन, अगराज स्वसुर करबीर अैन। पावन एकांबक एकपाद, ब्रशकेतु माहद्रग जय बिशाद।। हेरंबजनक जय अट्टहासि, बिबुधेस महाव्रत गुण बिलासि। जय म्रड अनंत बिध्वंस्तजाग, बिस्वांतरात्म साधित बिराग।। मायाअतीत जय अस्थिमाल, भावक अनिच्छ जय इंदुभाल। सिपिविष्ट कलित बिचगृह बिसेस, कल्पान्तनटन जय व्योमकेस।। पावक हिरण्यरेता प्रसन्न, छबि सित महान अणु प्रकट छन्न। सितिकंठ कृत्तिपट नित्यशुद्ध, पशु प्रमथ भूतपति जय प्रबुद्ध।। धूर्जटि करोटि खट्वांग धार, हेलाजित अंधक उरगहार। श्रीखंड परसु थिरचर सहाय, कृत रुक्म अचल केलीनिकाय।। षट्पदी जय महेश जोगेस निखिल अघफंद निवारक। नित्य जरा जनि रहित तथ्य जोगी जगतारत।। ईस फटिक अवदात भक्त भय भूरि बिभंजक। जय सरनागत जगर बिबिध प्राकृत गुन व्यंजक।। ईसान नीललोहित अभय चंद्रचूड नन करहु चिर। ह्वै विकल अद्रि बिल बिच हलत स्वस्थ करहुं रहि तास सिर।। ~~महाकवि सूर्यमल्ल मीसण (वंश भास्कर)
10.45 lyrics please
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