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Maya Series Film kumauni film Yaad Teri Eyege निर्माता BN Chhimwal एवं साथियों द्वारा निर्मित

कुमाऊनी फिल्म याद तेरि ऐगे जिसके निर्माता श्रो ब्रह्मा नन्द छिमवाल एवं साथी हैं । परिकल्पना श्री सुरेश बलोदी एवं जगदीश पाण्डेय जी की है। गीतों को शब्दों में पिरोया है श्री सुरेश बलोदी,भुवन रावत,एवं गोपाल पाठक ने ।धुन बनाई है श्री सुरेश बलोदी जी ने । गीतों को मधुर वाणी दी है श्री सुरेश बलोदी,प्रेम मटयानी,भुवन रावत, महेन्द्र लटवाल, अनुराधा निराला, सुनीता बिलवाल, आशा नेगी एवं साथियों ने । फिल्म को मधुर संगीत से सजाया है पं. राजेन्द्र प्रसन्ना जी ने। फिल्म की पटकथा एवं संवाद लिखे हैं श्री राजेन्द्र बिष्ट एवं केदार कन्याल ने । फिल्म का निर्देशन किया है श्री राजेन्द्र बिष्ट जी ने । फ़िल्म में प्रमुख भूमिका निभाई है नायक श्री जसपाल अधिकारी, नायिका सोनिया चौहान, हरीश रावत, संयोगिता ध्यानी, विरेन्द्र कैंठा, ख्याली उप्रेती, लक्ष्मण उप्रेती,रेखा उप्रेती, गंगा दत्त भट्ट,गीता जोशी, आनन्द लटवाल, के.एन.पांडेय, लक्ष्मी रौतेला, चंदन सिंह,राखी मदान, एन.के. शर्मा ,बाला दत्त उप्रेती,कमला उप्रेती,गंगा ठाकुर, हरि खोलिया, केदार कन्याल,एवं अन्य लोगों ने । फिल्म में सभी कलाकारों ने अपने अपने अभिनय से अलग अलग तरह के सन्देश देने की कोशिश की है । फिल्म निर्माण में समस्त ग्रामवासी बिलेख, लोदिया खान, एवं अन्य लोगों ने पूर्ण सहयोग दिया । फिल्म में रूप सज्जा,एवं मेकअप के कार्यभार श्री हरि खोलिया जी का रहा ।आशा है आप सभी दर्शक गण हमारी इस कोशिश को अवश्य सराहेंगे और इस फिल्म को अधिक से अधिक लोगों के बीच पहुंचायेंगे ।
यह फिल्म मुख्यतया उत्तराखण्ड से पलायन को आधार बनाकर बनायी गई है ।किस तरह उत्तराखण्ड के लोग‌ अपनी अपनी आजीविका चलाने के लिए गांव छोड़ने को मजबूर होते हैं और फिर परदेश में आकर छोटी-छोटी नौकरी करने के लिए मजबूर होना पड़ता है ।इस दौरान वह हर विपदाओं को झेलकर अपने आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को पूरी ईमानदारी के साथ बनाये रखता है । फिल्म में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि यदि पलायन ना होता तो जो आज देश की सेवा व सुरक्षा में उत्तराखण्ड में जन्मे एक से बढ़कर एक महानुभाव लगे हैं वे देश को कैसे मिल पाते । इसीलिए एक गीत के माध्यम से भी उत्तराखंड के गौरव को दर्शाने की कोशिश की है , मेरि जन्म भूमि उत्तराखंड महान । जैसा कि फिल्म का नाम है , याद तेरि ऐगे इसमें बताने की कोशिश की है कि किस प्रकार नायक 10-12 वर्ष तक परदेश में रहने के वावजूद भी अपने माता-पिता,परिवार,गांव,बचपन के दिनों के सभी साथी आदि किसी को भी नहीं भूल पाया । और वह फैसला लेता है कि गांव में बसकर क्यों न गांव का विकास किया जाय । मित्रो मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह फिल्म न केवल उत्तराखण्ड के लोगों को बल्कि पूरे देश के लोगों को भी ‌अपनी मातृभूमि, अपनी जन्मभूमि के प्रति एक सन्देश देने में कामयाब रहेगी ।
मित्रो आशा करता हूं कि इस फिल्म के माध्यम से समाज में एक छोटी सी चेतना अवश्य आयेगी । यदि इस फिल्म के माध्यम से समाज में किसी भी तरह से कोई अनुपयुक्त शब्दों का प्रयोग किया गया हो तो उसके लिए मैं निर्माता एवं याद तेरि ऐगे की पूरी टीम के सदस्यों की तरफ से करबद्ध क्षमा चाहता हूं ।और आप सभी से विनम्र निवेदन करना चाहता हूं कि कृप्या फिल्म को अधिक से अधिक लोगों एवं परिवारों तक पहुचायें, और अधिक से अधिक लाइक और सब्सक्राइब कर‌ पूरी टीम का उत्साह बढ़ाकर हमें अपना आशीर्वाद प्रदान करें ।
धन्यवाद
जगदीश पाण्डेय

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