मन में ही जप करता हूँ माला की क्या आवश्यकता?🤔 | NOI-3 | 18 Jan 1997 | Gopāl Kṛṣṇa Goswāmī

जब प्रभुपाद जी से किसी ने बोला मैं तो मन में ही जप करता हूँ माला की क्या आवश्यकता?🤔 | 18 Jan 1997 | Gopāl Kṛṣṇa Goswāmī
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00:00 intro
00:40 रूप गोस्वामी जी बताते हैं कि हम किस तरह भक्ति में आगे बढ़ सकते हैं
01:43 मंगलाचरण
04:20 भक्ति में आगे बढ़ने के लिए 6 सिद्धांत क्या है...?
09:30 गीता का अंतिम उपदेश क्या है...?
10:32 भक्ति मार्ग की सुंदरता क्या है...?
10:45 कई बार लोग सोचते हैं भक्ति करने के लिए घर छोड़ना पड़ेगा
12:10 एक चिड़िया की अद्भुत कथा
13:50 कई बार भक्ति के नियमों को पालन करने में दिक्क्त होती है लेकिन.....
16:30 जो भक्ति में आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं, उनको भगवान बुद्धि प्रदान करते हैं जिससे वह भगवान को समझ सके
17:05 भगवान को समझने के लिए किन चीजों की आवश्यकता है...?
18:00 जब प्रभुपाद जी अमेरिका गए थे तब....
18:50 कई बार हम सोचते हैं कि भक्ति के मार्ग में प्रवेश किया है तो जल्द ही हमें भगवान के दर्शन हो जाए किन्तु....
21:15 आज के समाज में अनेक धार्मिक संस्थाएं है लेकिन......
23:00 भगवान इतने दयालु है कि उन्होंने पूरी शक्ति अपने नामों में डाली है
27:00 अगर श्रद्धा के साथ अर्चा विग्रह की उपसना की जाए तो एक समय के बाद विग्रह आपसे बात भी करेंगे
31:30 एक बार प्रभुपाद से एक व्यक्ति ने बोला कि माला करने लेने की क्या जरूरत है हम तो मन में ही जप करते हैं प्रभुपाद जी ने बोला....
32:50 पुरे विश्व में इस्कॉन संस्था का क्या कार्य है...?
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