माउंटबेटन की सीक्रेट डायरी ने खोले हिंदुस्तान की आजादी से जुड़े कई रहस्य । AZADI KA AMRIT MAHOTSAV
हिंदुस्तान की आजादी का फैसला आनन-फानन में क्यों लिया गया इसके पीछे की असल कहानी क्या थी आज एबीपी न्यूज माउंटबेटन की सीक्रेट डायरी ने खोले कई राज
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Пікірлер: 879
@hariomkrishna435 Жыл бұрын
असली हीरो तो नेता जी बोस थे। जो 1985 तक गुमनाम जिए। जिसे सब ने भूला दिया।
@Satyendarpoonia7665 Жыл бұрын
हमने तो राजीव भाई दीक्षित जी से पहले ही सुन ली थी यही कहानी
@dhananjaynandan5138 Жыл бұрын
यहां आपने अनेक बातों को छुपा लिया
@totalFilmy108 Жыл бұрын
अगर ऐसा बोला जाता है हमने अंग्रेजो को भगाया था,तो बाद मे बहुत दिन तक माउंटबॅटन इधर क्या कर रहा था और फैसले भी वही ले रहा था
@sumitalld1 Жыл бұрын
पूरी कहानी जानने के लिए है विद्वानों को लॉर्ड माउंट बेटेन से ठीक पहले वाले वॉयसरॉय पर भी रिसर्च करना चाहिए...
@roar9073 Жыл бұрын
...और इस रक्तपात के लिए उत्तरदायी लोग आज भी हमारे लिए सम्माननीय बने हुये हैं।
@GurmeetSingh-nm4qw Жыл бұрын
अंग्रेज राज़ में भारत का प्रधानमंत्री नेहरू था ओर पंजाब का प्रधानमंत्री कर्नल हिजात ख़ान था यह पहले दो देश थे भारत तो भारत रह गया ओर पंजाब को पाकिस्तान बना दिया ओर सबसे ज्यादा कुर्बानी देने वाले दोनों देशों में जुल्म सहने को मजबूर हो गए
@VinodKumar-we6sn Жыл бұрын
क्या रूबिका तुम कभी सुधर नहीं पाओगी।
@hemaramola4837 Жыл бұрын
लेकिन देश का दुर्भाग्य था आजादी के समय ऐसी व्यक्ति ने देश की आजादी को हथिया लिया, जो देश हित नही स्वयं हित को सर्वोपर्वी रखा, जिसका खाम्याजा यहाँ की आमजन को भुगतान पड़ा और लाखो लोगो ने अपनी जान गमाकर चूकाया।
@nitinmore9921 Жыл бұрын
इस वीडियो के लिए बहुत बहुत धन्यवाद । Mr.and Mrs. माउंटबेटन की पूरी डायरी को देश के सामने किस्तों में लाया जाए तो अतिउत्तम होगा ।
@gopaljoshi9336 Жыл бұрын
ये डायरेक्ट ट्रांस्टर ऑफ पावर हुआ फ्रीडम नही देश के साथ एक बहुत बड़ा मजाक और षड्यंत्र
@jaipalnehra7483 Жыл бұрын
गोरे जाते-जाते ऐसी सूचनाएं अपनी रॉयल सिक्रेट सर्विस वाले गैंग को दे गये थे। क्योंकि वे देशभक्तों की मुखबिरी किया करते थे।
@ssrawlotloharki3151 Жыл бұрын
गांधी की इज्जत तभी तक थी जब तक हिंदुस्तान की जनता उसका सच नहीं जानती थी।
@naturelife3926 Жыл бұрын
ये लकीर खींचीं थी नेहरू , गांधी व जिन्ना ने.... अंगेजों की इतनी हिम्मत नहीं थी की वो भारत के टुकड़े करदे
@dr.syedmujahidhasan8486 Жыл бұрын
...और लार्ड माउंटबेटन के इस प्लान को सफल करने में मुस्लीम लीग की ही भांती हिंदू महासभा और आर.एस.एस. ने भी ब्रीटीशों की भरपूर सहायता की थी....।।।
@indrakalakumari7084 Жыл бұрын
आजादी कैसे मिली किस प्रकार में किस के बलिदान से मिली यह सब बातें वास्तविक ज्ञान अगर लोगों को पता चल जाएगा देश में कांग्रेस का नामोनिशान मिटा दिया जाएगा जनता दुवारा दुवारा
@rajenderkumardutt6900 Жыл бұрын
"Freedom at Midnight" इससे कहीं ज्यादा किताब है उसे हर भारतीय को पढना चाहिए
@daveradhakrushn9300 Жыл бұрын
आजादी का चीरहरण हुआ इसके भागीदारी करने वालो का पर्दाफाश होना चाहिए और सज़ा
@pradeepkumarsharma6344 Жыл бұрын
आजादी पर मोहर नहीं, ट्रांसफर ऑफ पॉवर,
@sadashivshete403 Жыл бұрын
।।ॐ॥ इतिहासके इन पन्होका ग्यान दिया,धन्यवाद! इस डायरीका गहराईसे अध्ययन आवश्यक है।इतिहासकी गवाह है यह डायरी।
Пікірлер: 879
असली हीरो तो नेता जी बोस थे। जो 1985 तक गुमनाम जिए। जिसे सब ने भूला दिया।
हमने तो राजीव भाई दीक्षित जी से पहले ही सुन ली थी यही कहानी
यहां आपने अनेक बातों को छुपा लिया
अगर ऐसा बोला जाता है हमने अंग्रेजो को भगाया था,तो बाद मे बहुत दिन तक माउंटबॅटन इधर क्या कर रहा था और फैसले भी वही ले रहा था
पूरी कहानी जानने के लिए है विद्वानों को लॉर्ड माउंट बेटेन से ठीक पहले वाले वॉयसरॉय पर भी रिसर्च करना चाहिए...
...और इस रक्तपात के लिए उत्तरदायी लोग आज भी हमारे लिए सम्माननीय बने हुये हैं।
अंग्रेज राज़ में भारत का प्रधानमंत्री नेहरू था ओर पंजाब का प्रधानमंत्री कर्नल हिजात ख़ान था यह पहले दो देश थे भारत तो भारत रह गया ओर पंजाब को पाकिस्तान बना दिया ओर सबसे ज्यादा कुर्बानी देने वाले दोनों देशों में जुल्म सहने को मजबूर हो गए
क्या रूबिका तुम कभी सुधर नहीं पाओगी।
लेकिन देश का दुर्भाग्य था आजादी के समय ऐसी व्यक्ति ने देश की आजादी को हथिया लिया, जो देश हित नही स्वयं हित को सर्वोपर्वी रखा, जिसका खाम्याजा यहाँ की आमजन को भुगतान पड़ा और लाखो लोगो ने अपनी जान गमाकर चूकाया।
इस वीडियो के लिए बहुत बहुत धन्यवाद । Mr.and Mrs. माउंटबेटन की पूरी डायरी को देश के सामने किस्तों में लाया जाए तो अतिउत्तम होगा ।
ये डायरेक्ट ट्रांस्टर ऑफ पावर हुआ फ्रीडम नही देश के साथ एक बहुत बड़ा मजाक और षड्यंत्र
गोरे जाते-जाते ऐसी सूचनाएं अपनी रॉयल सिक्रेट सर्विस वाले गैंग को दे गये थे। क्योंकि वे देशभक्तों की मुखबिरी किया करते थे।
गांधी की इज्जत तभी तक थी जब तक हिंदुस्तान की जनता उसका सच नहीं जानती थी।
ये लकीर खींचीं थी नेहरू , गांधी व जिन्ना ने.... अंगेजों की इतनी हिम्मत नहीं थी की वो भारत के टुकड़े करदे
...और लार्ड माउंटबेटन के इस प्लान को सफल करने में मुस्लीम लीग की ही भांती हिंदू महासभा और आर.एस.एस. ने भी ब्रीटीशों की भरपूर सहायता की थी....।।।
आजादी कैसे मिली किस प्रकार में किस के बलिदान से मिली यह सब बातें वास्तविक ज्ञान अगर लोगों को पता चल जाएगा देश में कांग्रेस का नामोनिशान मिटा दिया जाएगा जनता दुवारा दुवारा
"Freedom at Midnight" इससे कहीं ज्यादा किताब है उसे हर भारतीय को पढना चाहिए
आजादी का चीरहरण हुआ इसके भागीदारी करने वालो का पर्दाफाश होना चाहिए और सज़ा
आजादी पर मोहर नहीं, ट्रांसफर ऑफ पॉवर,
।।ॐ॥ इतिहासके इन पन्होका ग्यान दिया,धन्यवाद! इस डायरीका गहराईसे अध्ययन आवश्यक है।इतिहासकी गवाह है यह डायरी।