Letter War In Judiciary Over Special Bail From Lower Court To SC | Rajeev Kumar | Capital TV
Advocates and former judges are divided in 2 groups on bail granted and bail denied that’s why letters are being written by these groups to Supreme Court of India as well as chief Justice of India for transparency and impartiality in judicial System.
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Пікірлер: 446
न्याय बिंदु बनी अन्याय बंधु अब न्याय हित में न्याय बिंदु को तुरंत संज्ञान ले कर बर्खास्त करें उच्चतम न्यायालय
न्यायालय को केजरीवाल से फुर्सत मिले तब तो दूसरे प्रकरणों पर ध्यान जायेगा।केजरीवाल और केवल केजरीवाल ,अदालतों को हाईजैक कर लिया है केजरीवाल ने।
@kailaspatel5781
6 күн бұрын
Abhi tak midia ko aur ab court ko high neck Kiya hai kejrine
जज न्याय बिंदु,और पारदी वाला को बर्खास्त करके इन लोगों की एनआईए जांच कराई जाए l
इस जज को यह पूछो कि बाकी हिंदुस्तानियों को और हिंदुओं को भी जीने का अधिकार है या सिर्फ आतंकियों को ही जीने का अधिकार है
न्यायालयको मिलनेवाली छुट्टियां बहुत है वो बड़ी संख्यामे कम करनी चाहिए।तीस्ता सीतलवाड़ को जो टीटमेंट बेल देने के लिए की गई थी उसकी enquiry होनी चाहिए।
एक व्यक्ति ने पूरी न्याय व्यवस्था को घुमा के रख दिया है। जब अपराध सिद्ध हो गया है तो बेल का खेल क्यों ट्रायल क्यों नहीं आरंभ किया जाता। सारे सबूत अगर पुख़्ता हैं तो फ़ैसला क्यों नहीं सुनाया जाता। ऐसा लगता है पूरी कानून व्यवस्था सिर्फ और सिर्फ एक ही व्यक्ति की सेवा में लगी है। बोहुत ही चिंताजनक स्थिति है। इस व्यवस्था को अब बदलने की आवश्कता है ।
@harikishan2732
6 күн бұрын
The dictator ship partiality nontransperancy hidden illgal undue advantages by over ruling all samvadhanik rule of law and norms by any reason by the honourable judges are completely against the actual rule of law and samvidhan and willful support and encouragement to the criminals corruption violence and terror creaters nation looters money launder is highly dangerous to our national intigrety safety unity and sovereignty and secret attack on our most pious democracy loktantra and soul voice of 140crorss bhartvasi citizens and our other pillors of democracy immediate reform in judiciary are most essential
@surajpujari1324
5 күн бұрын
Lagta hai ki Court sirf kejriwal key liye bane hain,
@surajpujari1324
5 күн бұрын
I'm
ज्यूडिशियरी है है शक के घेरे में,कुछ जज कुछ वकील हैं लिप्त हेरा फेरी में!
नए कानून लागू होने के साथ ही सभी 6 करोड़ पेंडिंग केसेस 3 साल के अंदर सुनवाई कंप्लीट किया जाय। भले ही इसके लिए सभी कोर्ट को साल में 365 दिन दिन रात काम करना पड़े
Collegium system khatm hona chahiye
@indirapatel7956
5 күн бұрын
100% agree! Collegium system is the root of corruption!
सब पैसे का खेल है नाम कुछ भी दे लो । हर सरकारी विभाग की तरह न्यायपालिका भी सड़ कर दुर्गंधयुक्त हो ग ई है सुधार आवश्यक है ।
कोठा की औकात तो तीस्ता सीतलवाड़ ने ही नाप दी है l
@user-ps9fe1bu4t
6 күн бұрын
Sahi pakarein hain .phir interiem bail ka bhi jo maamla tha..!
@indirapatel7956
5 күн бұрын
absolute truth!
माल सिर्फ मंत्री, और सीएम ही कमाएगा जज को भी अब करोड़ में घुस चाहिए।
@spsarma1679
6 күн бұрын
This is a very old habit of the corrupt judges, numbers are increasing day by day.
@proudofindiandemocracyocra1445
6 күн бұрын
Corruption started from Top, that' is political leaders , head of police , judiciary.. so on
@kunwarlaldeo3008
6 күн бұрын
हिॅ इस काम केलिए केजरीवाल हॅ न@ ।
ऐसा लगता है न्यायपालिका को और कोई काम नहो है। जब सुनो तब केजरीवाल की जमानत पर सुनवाई हो रही है। क्या यही बात आम अदमी के साथ हो सकता है। वकिल भी अब इसमे उतर गये। क्या होगा इस देश का।
केजरीवाल के चक्कर मे सारे जजों पर सवाल उठने लगे हैं। केजू के लिए हर समय कोर्ट तैयार रहती है जबकि आम लोगों को 6 महीने की तारीख दी जाती है।
@ssjain2359
6 күн бұрын
केजरीवाल की हर सुनवाई के लिए मी लार्ड को स्पेशल फीस मिलती है!
@swdattapadaananda9670
6 күн бұрын
ITNA HI NAHI RAAT 9 PM. TAK KAAM KARTE HEIN TEESTA SETALVAD MACHHAR NA KAATE ISI LIYE BAIL DE DETE HAI .
@swdattapadaananda9670
6 күн бұрын
@@ssjain2359JUSTICE NYAY BINDU KO KITNA ? AUR KYA KYA MILA HOGA JO DASTAVEJ PADHNE KE LIYE TAYAR NAHI THI.
@UmasankariRoy-df3vy
6 күн бұрын
West Bengal ka DA mumla, ssc , har mumla ka lekor cji khel kor diya. Sob mumla 1.5 years 2 years ho giya.
@hentosora4752
6 күн бұрын
Sir ji aap ne 100% sahi bole hai. Vvvvip logo ke liye court ko kulwana chutki ka kaam hai din ho ya raat ho.
ये बेल नही है ये बेल का खेल चल रहा है।इसे न्यायिक सुधार होना बहुत जरूरी है।इस मे पहला कदम कालेजियम ब्यवस्था को समूल नष्ट करने की जरूरत है। इतिशुभम
@indirapatel7956
5 күн бұрын
You are right! In the name of bail, criminals are given freedom of crime performance and ordinary people are suffering.
Collegium system should be stopped immediately and UPSC should recruit judges to high courts and supreme court.
जितनी न्याय पालिका आज गिर गई है उतनी शायद कभी नही थी खासकर भ्रष्टचारियों का खुलेआम फेवर किया जा रहा है
@indirapatel7956
5 күн бұрын
THE ALL TIME WORST!
कोर्ट की देन ही तो है कि सजा याफ़्ता लालू यादव जेल से बाहर है।खा खा कर तंदुरुस्त हो रहे हैं। क्या कोई गरीब आदमी सजा याफ़्ता बाहर रह सकता है।नहीं ना क्यों कि वो गरीब है ना उसके पास जजों के खास वकील होते हैं ना दोनो को देने के लिए धन होता है। पैसे के बल पर इसीलिए लालू बाहर रह कर मजे कर रहे हैं।
कोलेजियम प्रथमतः बंद करें।
नटवरलाल शक्तिशाली टूलकिट के माध्यम से दबाव तकनीक का उपयोग कर रहा है और निश्चित रूप से यह काम कर रहा है, इससे कुछ ही समय में नटवरलाल को जमानत मिल जाएगी। इस मामले में एकमात्र समाधान अनुच्छेद 356, राष्ट्रपति शासन है।
जब देश की राष्ट्रपति चिंता व्यक्त कर चुकी हैं, तो सुधार क्या हो रहा, देश की अधिकांश जनता सब देख रही, जय हिन्द
Supreme Court में सुनवाई ही खत्म होनी चाहिए सब केस हायकोर्ट में खत्म होने चाहिए।
@UmasankariRoy-df3vy
6 күн бұрын
👍
@indirapatel7956
5 күн бұрын
सच बात कही! सुप्रीम की जरूरत ही क्या है, जब सुप्रीम के जजों योग्य न्याय नहीं दे सकते। कोलेजियम सिस्टम भारत और प्रजा को बहुत भारी नुकशान पहुंचा रही है! न रहे बांस, न बजेगी बांसुरी! सुप्रीम ही न हो तो कोलेजियम का दूषण ही नहीं रहेगा!
ईश्वर के अतिरिक्त रुपया सर्वाधिक शक्तिशाली है, क्योंकि रूपये की आवश्यकता सबको है ।
सुप्रीम कोर्ट किसी ना किसी तरह , कहीं ना कहीं से केजरीवाल को ज़मानत जरूर दिलाएगी , क्योंकि सुप्रीम कोर्ट और विदेशी शक्तियां मोदी को प्रधानमंत्री नहीं देखना चाहते हैं ।
Judicial Reform is highly need
बैग बेल, बिटक्वॉइन बेल, राज्यसभा सांसद बेल
भारत में सबसे ज़्यादा ख़राब,गवर्नर संस्था है , जो संपूर्ण चेन्ज की आवश्यकता है
जज भी अब मिडिया चैनलों के ऐंकर बन गये है सुप्रीम कोर्ट पहले सम्माननीय होते थे आज जज बड़े वकील जो अरबों खरबों का मोलभाव में विश्वास रखते हैं औ अब जजों के सम्मानिय बन गये है
मनमानी बेल, घूस की bail, ख़ास आदमी की बेल, बेल की बैल
बेल के प्रकार : फेस बेल, मनी बेल या मजबूरी बेल, कायदेसर बेल, शोशल प्रेशर बेल, पप्पु बेल, राजमाता बेल, मुख्यमंत्री बेल और पता नहीं कौन कौनसी बेल होती हैं वो तो माननिय जज साहब ही बता सकता है।
सुप्रीम कोर्ट को इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है तो उसे अवश्य पूरा कर ने की जरूरत है। इस के साथ न्यायालय और न्यायाधीशो की छुट्टिया भी रेगुलेट होना चाहिए, ये छुट्टिया कभी भी असीमित नही होनी चाहिए। यह विषय सुप्रीम कोर्ट के चन्द्रचूड जी को गंभीरतापूर्वक विचार कर न्याय करने पर विचार करना चाहिए। इतिशुभम
बहुत सुंदर विश्लेषण। न्याय प्रक्रिया में सुधार होना अनिवार्य है
कोलेजियम सिस्टम खत्म कर ओपन स्कीम से पदोन्नति /नियुक्ति हों ?
न्यायपालिका का छुट्टी बंद किया जाए जैसा छुट्टी सरकारी कर्मचारी को मिलता है वैसा हीं छुट्टी जजों को भी मिलनी चाहिए जज भी सरकारी कर्मचारी जैसा वेतन लेते हैं वे स्कूल के बच्चों जैसा छुट्टी क्यों लेते हैं 15:46 15:46
ED should have right to raid the houses of judges
@spsarma1679
6 күн бұрын
Yes. Out of a hundred, in all probability 95 or more judges are corrupt.
@pkothari2178
6 күн бұрын
Correct
पीड़ित व्यक्ति न्यायालय की धीमी रफ्तार के कारण छोटे न्यायालयों में जजेज पर जूता -चप्पल फेंकने लगे हैं। ऐसा अगर उच्च न्यायालय में होने लगेगा तो उसके लिए स्वयं न्यायालय ही जिम्मेदार होंगे। न्यायालय पीड़ित पक्षकारों को ज्यादा ना सताए।
CJIऔर Judiciary को सोचना चाहिए उन्होंने भारतीय न्यायपालिका का चेहरा कितना विकृत कर दिया है।
@swdattapadaananda9670
6 күн бұрын
BILKUL SAHI BAAT KAHA HAI AAPNE MERA POORNA SAHAMAT HAI .
@arvindkumarkulshrestha9432
6 күн бұрын
Sare court band kar dena chahiye
@indirapatel7956
5 күн бұрын
जैसे अंग्रेजी शासकों ने हमारे गौरवशाली इतिहास को विकृत किया, ऐसे ही वर्तमान सुप्रीम ने कर दिया है न्याय को विकृत!
न्यायालय न्याय देने के अलावा सारे काम करने में माहिर हो चुकी है।
@swdattapadaananda9670
6 күн бұрын
BILKUL SAHI BAAT KAHA HAI AAPNE MERA POORNA SAHAMAT HAI.
न्यायालय का चेहरा भ्रष्ट करने काम उसके रखवाले ही कर रहे है ये बहुत बड़ी विटंबना है।
कोर्ट को देश विरोधियों के साथ सहानुभूति क्यों रहती है। देश विरोधियों से सहानुभूति रखना भी देश विरोधी कार्य है ।
@swdattapadaananda9670
6 күн бұрын
100000 % , RIGHT SIR ✅️ 👌.
@akshayrai1775
6 күн бұрын
जुडिसरी हैं कहा प्रचार के लिए जमानत जब मिला तभी समझ गया कि जज क्या होते हैं
@indirapatel7956
5 күн бұрын
सहानुभूति =तगड़ी रिश्वत = सोनिया और केजरी जैसों के अरबों के भंडार से प्राप्त!
@shivahiremath6334
4 күн бұрын
U r very correct brother !!!
@shivahiremath6334
4 күн бұрын
Ye BAIL ki vajah se APRAADHI PAHLE SE JYAADAA BADE, AWR BADE KHATARNAAK APRAADH HO RAHE HAIIN. IS " BAIL KA KHEL " ko TOTALLY BAND KARO.....
ये opposition तो कोई भी चेंज स्वीकारने को तैयार नहीं -- केवल बिघठन/विध्वंश में ही विश्वास रखता है
जजौ का लालच ही इस सब का कारण है ?
Restructuring of judicial system is time of need and it can only be done by Modi Govt.
अगर सही -सही देखा जाय तो, न्यायधिश भी अपराध और अपराधि को अब, बढ़ावा देने में लग गयी है।
Supreme court ko ab deshhit ki chinta nahi hai
गांधी के "अंधे-बन्दरवाले" न्यायालय का खेल विश्वपटल से पूर्णतः समाप्त होना लोकहितकारी है।
गंभीरतम विषय है, व्यापक चर्चा होना चाहिए।
जजेस के संख्या 34 से बढ़ा कर 64 करने की कोई जरूरत नहीं है। अगर सभी कोर्ट 3 साल दिन रात काम करें।साल में 365 दिन तो सभी 6 करोड़ केसेस समाप्त हो सकते हैं
जज न्यायबिंदु को अभी भी अपना पद में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। बाकी ३ जज लोगों को मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ को अब देखना जरूरी होगा।
इस.वकील गैंग का संचालक कौन है? गैंग का समर्थन का प्रबंध करने का मतलब तो यही है कि मुख्य वरिष्ठ वकील असमर्थ हो गये हैं केजरीवाल को जमानत दिलाने में।
हेमंत सोरेन अब केजरीवाल के राह पे चलेगा। अब वो दुबारा सी एम बनगया अगर वापस जेल में जाने का समय आ जाएगा तो सोरेन सी एम पद का इस्तीफा नही देगा
सरकार नियुक्ति में पक्षपात कर सकती है तो क्या कोलिजियम ऐसा नहीं कर सकती ।
I said it earlier; I'll say it again. Every State should have it's own SUPREME COURT.
वजनी गांधी जी को देखते ही कोर्ट में बेल का खेल शुरु हो जाता है ।
@TBA1000
6 күн бұрын
वजनी नही देश विरोधी
वह दिन दूर नहीं जब आमलोग भी ,अदालत के आदेश को मानने से इन्कार करने लगेंगे।
@naveenchandrapathak9274
6 күн бұрын
A call from the Police station and You will go to the police station 😂
Justice varies from court to court, Judge to judge, person to person. What kind of justice is this? I think we are living in an era where village judgments are much much better than courts judgments. Feeling shame for living in this kind of era in Hindusthan
यदि अवमानना का एकतरफा दबाव न होता तो कई सनसनीखेज सच्ची कहानियां हवा में तैर रही होती ।
@indirapatel7956
5 күн бұрын
हम सबने ढेर सारी गालियों की बारिश कर दी होती!ऐसी तूफानी बारिस में एक भी मीलो खड़ा नहीं रहता!
जय हो रुपैया, जय हो पैसा, ये जज है कैसा, न्याय हो जैसा तैसा,
जजों की संपत्ति की जाँच क्यों न हो ?
Whatever is going on inside the judiciary system is required to be rethinkable. In fact, the collegium system should be abolished, and judiciary reforms are absolutely necessary. Besides, all the judiciary posts need to be filled up. Sincere thanks to Rajeevji.
जमानत के लिए विदेशी फंडिंग और विदेशी परियों का एजेंट का दबाव होगा
बहुत ही सही कह रहे हैं और सही विश्लेषण किया. बहुत ही खराब स्थिति हो गई है निचली अदालत से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक. आम जनता तो बहुत ही निराश हो चुकी है केवळ राजनीतिक दलों और नेताओं के हित के लिए ही काम कर रही है
इस परिस्थिति में लगता है कि एक बार दुबारा धारा 356 का प्रयोग होना चाहिए l
Collegium system must stop
JUDITIAL REFORMS IS THE NEED OF THE HOUR, supreme court par sharm aati hai , thousands of crore on Juditial system. It’s tax payers money.
सुप्रीम कोर्ट बंगाल के DA मामले की बारह बार तारीख पे तारीख करके रखा है। फैसला नही दे रहा है। 15 जुलाई को सुनवाई है।
मनमानी बेल पर पाबंदी लानी चाहिए कुछ तय माप दंड हो
सरकार जमानत को खतम कर दे। केस का रिजल्ट जल्दी लगे।
कोर्ट में पैसे काही खेल चलता कंही वकिल कंही पर वकिल और जज दोनों लुटते है और यह, 80 सालों से बिना रुके चल रहा है
There's should be military court for all those are arrested under NIA.
All the new cases should be resolved within 30 days! Jai Hind Bharat.a true Indian living in the U.K
Yo judges paisa lete aur illigal bail de dete inquary karke sidha sidha jail bhejna padega
क्या आम जनता के लिए वकील पत्र जारी करेंगे जमानत के लिए
Central Investigation teams ko jald hi trial shuru karna chahiye ishke liye aap apne case ko jaldi apna earliest charge sheet de
मोदी जी को संविधान बदल के जजों की संपत्ति का ब्यौरा लेना चाहिए चन्द गिने चुने लोग हिंदुस्तान के 140 करोड़ जनता का भविष्य तय नहीं कर सकते
यह सब जॉर्ज सोरस की फंडिंग का कमाल है फंडिंग तो चीन से भी हो रही है पाकिस्तान से भी हो रही है कुछ और देश से भी हो रही है लेकिन जॉर्ज सोरस ने क्लियर डिक्लेयर कर दिया था 600 करोड़
मै पहले भी कह चुका हूँ कि गीता संजय केस मे अरोपी को फांसी हुई तो अंतिम इच्छा मे उसने कहा था काश उसके पास पैसे होते तो वह बच जाता।
जस्टिस मुखोपाध्याय कवि बहुत पैसा मिल गया इसलिए हेमंत सोरेन को बल दे दिया अभी आम जनता को ज्यूडिशरी के ऊपर कोई विश्वास औरभरोसा नहीं है
पैसा भी मिलता होगा जमानत देने में।
Muze bilkul court ke upper bharosa nahi hai maine 10 saal court ka kam dekha hai fhaltu paisa waqt barbaad hota hai
जुडिशियल रिफार्म बहुत,बहुत,बहुत,जरूरी है । राजनीति में और न्यायालयों में इमानदारी आ जाएं तो कफी समस्या समाप्त हो जाएगी ।
अलग अलग तरह की फालतू की बेल देने वालों को अलबेला कहना चाहिए
हर बार विरोधी यों का सहारा लिया तो कुछ नहीं होगा।
लगता है जान कर ऐसा किया जा रहा है ताकि भारत में जनता ग्रह युद्धमें उतर जाए
EXCELLENT EXPOSURE RAJEEV JI I 👌 👍 🙏 👏.
क्या केजरीवाल के हाथ इतने लम्बे हैं?
@bimladhar6575
6 күн бұрын
@@SureshNathani-zi8xfnatewarlal
@natvarsinhzala9078
6 күн бұрын
Sab mile hui hai 😁😁
सुप्रीम कोर्ट को ही समाप्त कर देना चाहिए केवल हाईकोर्ट ही काफी है ।
Letter must be sent to the President of Bharat instead of CJI because CJI is also a player in the bail game.
@pkothari2178
6 күн бұрын
Fully agree
काँँलेजियम पद्धती तुरंत बंद होनी चाहिए । सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश अपनी निवृत्ती के समय अपने चमचों को सुप्रीम कोर्ट मे नियुक्त करने की परंपरा खंडीत हो। ।
Jayhind ❤❤ jaisrram
Ranjan bandhopadhya jo hemant soren ko bail diya un par janch honi chahiye.
जो हजारों,लाखों लोग,न्याय के लिये दशको से धक्के खा रहे है.न्यायलय को उनकी चिंता चुनिंदा चेहरों के प्रति सहानुभूति रखने से पहले करनी चाहिये.क्या?ऐसा हो रहा है.
Rightly said. Keep it up your presentation, and educating Lawers and people.
अग्रेजो की न्याय व्यवस्था सड चुकी है इसे तुरंत बदलना चाहिए राष्ट्रीय न्यायिक आयोग वनाओ
जांच एजेंसियों की अलग अलग कोर्ट ओर जज होना चाहिए, ऐसा करना
Pichhle 2sal may court ke faisle dekh ker janta dukhi hoti hai sitalwad steynder jain lalu kejri jaise netao ki chhoot dekh ker apni court se ye ummid n thi
सबके लिए कानून बराबर भ्रष्टाचारी, देश द्रोहियों पर सहानुभूति की जरुरत नहीं है। सत्यमेव जयते
वीआईपी रसूखदार के लिए तत्काल सुनवाई तत्काल जमानत का इंतजाम हो जाता है कैसा न्याय तंत्र है भगवान बचाएं गरीबों को गरीबों को न्याय कहां मिलता है इतनी तत्परता से
Nyaybindu ka न्याय अन्याय hai
छुट्टी कम करने से क्या होगा। दिल्ली की चार कोर्टों को आम आदमी पार्टी के मुख्य मंत्री और मंत्रियों ने घेर रखा है।