क्या आत्मा सच में होती हैं?|| By Dr Vikas Divyakirti sir

क्या आत्मा सच में होती हैं?|| By Dr Vikas Divyakirti sir #vikasdivyakirtisir #motivation #inspiration

Пікірлер: 63

  • @hansrajhanshu9501
    @hansrajhanshu9501Ай бұрын

    ❤❤❤

  • @M.R-t4g
    @M.R-t4g15 күн бұрын

    शंकराचार्यजी का विभुपरिमाणवाद मत‌ ही‌ सार्थ हैं मत‌ हैं ! आत्मा‌ आकाश के‌ समाण सर्वव्यापक हैं ! आत्मा कहीसे आती नहीं और ना कही जाती हैं , आना जाना जीव का होता‌ हैं‌! आत्मा कभी बढती घटती नहीं‌‌ हैं, बढना घटना तो‌ जड‌ शरीर का होता हैं !

  • @surajmalkhatkar4407
    @surajmalkhatkar440714 күн бұрын

    Aatma ek energy h

  • @Sarwankumar-hu5wk
    @Sarwankumar-hu5wk2 күн бұрын

    You are the New Renaissance Man Sir ..

  • @kishansinghkhangarot1997
    @kishansinghkhangarot199718 күн бұрын

    Soul is omnipresent.

  • @rajivsinha1967
    @rajivsinha196718 күн бұрын

    Universal truth Ek sareer main 3-3 aatma joint hoke aati hai iska pramaan bhi bahoot zald mil jaayega.

  • @yadvindergarcha
    @yadvindergarcha19 күн бұрын

    एक संसारिक व्यक्ति से प्रोक्ष ज्ञान प्राप्त करोगे तो दुर्गति ही होगी। ब्रह्म, जीव और माया के बारे मे ज्ञान प्राप्त करना चाहते हो। भगवान/अल्लाह से गुरु/रहबर मांगो, फिर उस सच्चे संत से जो ज्ञान मिलेगा, तो आप सभ अनुभव कर सकते हो। यह साहिब, तत्व ज्ञान क्या है ? उसके बारे मे कुछ भी नहीं जानते। पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय, ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय।… कबीर साहिब।।

  • @shrivartashrivarta8193
    @shrivartashrivarta819322 күн бұрын

    आत्मा तो विभू ही है, आप की मीमांसा जीवात्मा के बारे में है।

  • @krupaludev

    @krupaludev

    21 күн бұрын

    Atma or jivatma me kya anter he

  • 23 күн бұрын

    आत्मा का शरीर से कोई संबंध नहीं वह प्रकृति के परे है। वह अयामगत रूप से भिन्न है -गीता

  • @PrinceKumar-zb6lk

    @PrinceKumar-zb6lk

    23 күн бұрын

    आत्मा प्रकृति की गुलाम है

  • 22 күн бұрын

    ​अहंकार प्रकृति का गुलाम है आत्मा नहीं। ज्ञान ठीक करने की जरूरत है।

  • @PrinceKumar-zb6lk

    @PrinceKumar-zb6lk

    22 күн бұрын

    यदि आत्मा प्रकृति की गुलाम नहीं है तो शरीर प्रकृति का अंश है इस समय कौन बंधी हुई है आप कभी भी शरीर से बाहर जा सकते हैं कभी भी सीट के अंदर आ सकते हैं पर ऐसा नहीं है जीवात्मा प्रकृति कीगुलाम है यदि आत्मा का शरीर से कोई संबंध नहीं है तो क्या आपकी आंखें निकाल दी जाए तो आप देख सकते हैं उपनिषद पढ़ो वेदांत और सेदर्शन पढ आप कठोपनिषद के पहले अध्याय की तीसरी बाली का गहरामां श्लोक देखें वैसे उपन्यासों में साफ साफ बताया गया है प्रश्न उपनिषद भीपढ़ कर देखें

  • @PrinceKumar-zb6lk

    @PrinceKumar-zb6lk

    22 күн бұрын

    गीता प्रेस गोरखपुर मैं 9 उपनिषद लिखे हैं पन्ना नंबर 427 में प्रकृति के विषय में लिखा है उपनिषद को वेदांत कहते हैं यह पढ़नेयोग्य है से शास्त्र भी पढ़ने योग्य है ब्रह्म सूत्र भी पढ़ने जो गया है पर समझ कम नहीं आते हैं जी आनंद आत्मा के विषय में आप कह रहे हैं वह दत्तात्रेय की बनाई हुई अवधूत गीता में लिखा है

  • @sunilshinde1289

    @sunilshinde1289

    10 сағат бұрын

    Proove it

  • @shilpashah1508
    @shilpashah150829 күн бұрын

    Sharir ke anusar hi atma hoti he ..atma nirakar he.

  • @interestingworld842
    @interestingworld8422 күн бұрын

    Jinda hai aap ho..mare to kucchch nahi

  • @SunilJain-sq5cw
    @SunilJain-sq5cw29 күн бұрын

    सर जी जय जिनेन्द्र जैन धर्मानुसार आत्मा निराकार होती है। आत्मा का कोई साइज़ नही होता यह तो जिस शरीर मे जाती है उसी आकार में व्याप्त हो जाती है। आत्मा ज्ञान स्वभावी होती है यानी आत्मा और ज्ञान एकरूप होते हैं। सभी आत्माए अलग अलग होती है। शरीर मे जो चेतन तत्व होता है वही आत्मा होती है।

  • @HKS-m5h
    @HKS-m5h24 күн бұрын

    सांसों का लगातार प्रवाह ही शरीर को जीवित रखता है। सांस का प्रवाह रुक जाने से शरीर मृत हो जाता है।यहां केवल 2 ही चीज है।सांस और शरीर।आत्मा कहां है?

  • @mrindianrobot9393

    @mrindianrobot9393

    23 күн бұрын

    गीता सही से नही पढ़ा आपने ? आपके हिसाब से रिमोट से टीवी ऑन करना ....

  • @PrinceKumar-zb6lk

    @PrinceKumar-zb6lk

    23 күн бұрын

    कृष्ण की आत्मा और हमारी आत्मा में क्या अंतरहै कुछ अंतर है या नहीं

  • @deadster1254

    @deadster1254

    22 күн бұрын

    ​@@PrinceKumar-zb6lkjeev atma alag hoti hai Wo tab hoti hai jab insaan khud ko sharing se experience karta hai Balki atma vyapak hai,Eternal hai Anant hai Achal hai Indestructible Nirgun hai

  • @PrinceKumar-zb6lk

    @PrinceKumar-zb6lk

    21 күн бұрын

    आपने इंग्लिश में कमेंट डाला है कुछ समझ नहीं आया पर कुछ समझ गया हूं अपने आत्मा के विषय मेंपूछा है मुक्ति की इच्छा वही करता है जो बंधन में होता है जीवात्मा बंधनमें है जब जीवात्मा तप और ध्यान द्वारा ब्रह्म धार केंद्र से बाहर निकल जाएगी फिर वापस आ जाएगी फिर बाहर निकल जाएगी फिर वापस आ जाएगी उसे अवस्था को हम मोक्ष अवस्था कहते हैं और आनंद में आत्मा आनंद स्वरूप कहते हैं उसे वक्त हम कहते हैं हम अहम् ब्रह्मास्मि में आत्म स्वरूप हूं श्री कृष्णा जी ने गीता भी इस अवस्था में बोली थी दत्तात्रेय जी ने भी इस अवस्था में अवधूत गीता लिखीहै आजकल के लोग बंधन में है और इस अवस्था को कहते हैं हम ब्रह्म अष्टमी मैंही ब्रह्मा हूं ऐसा नहीं कहना चाहिए अभी तो आप बंदर में हो जब उसे अवस्था में पहुंच जाएंगे फिर कहना मैं आनंद स्वरूप अनंत आत्मा हूंसर्वव्यापी हूं इस अवस्था तक पहुंचाने के लिए बहुत भारी तप और ध्यान करना पड़ता है और इस अवस्था को समझ आया भी नहीं जा सकता क्योंकि यह इंद्रियों काविषय है आत्मा और आत्म स्वरूप इंद्रियों से परे है यह एक बहुत गंभीर विषयहै

  • @krupaludev

    @krupaludev

    21 күн бұрын

    सास आत्मा कि वजह से body में चलती है अगर आत्मा चली जाये body में से तो स्वास भी बंद हो जायेगी

  • @shrivartashrivarta8193
    @shrivartashrivarta819320 күн бұрын

    Atma sarvavyapta hai, vibhu hai, jab prakriti ke sansarga se usme mana, vuddhi chitta, ahankar ka udaya hota hai to vaha jeeva ya jeevatma hai. Bharat mein ham shrishti ko jeeva shrishti ke roop mein hi dekhate hai.

  • @anikettripathi7991
    @anikettripathi799123 күн бұрын

    well tried. most rationalizing explanation are in bhagwat geeta. soul is absolute omnipresent . which can't be divided further and present in each and everything even energies and forces are living and responds/communicates with all other matter, energies and forces. so matters and bodies are like fish in a oceans oceans is soul that's why soul is called achala also like parmatma omnipresent infiniteness in few places atama is called parmatma. so oceans are inside every part of fish as well as outside fish infiteness.. all bodies and materials are just manifestations of infinite soul only.

  • @krupaludev

    @krupaludev

    21 күн бұрын

    Then why some fill sorry and some one fill happiness ? if soul is same in all body then all body should fill same

  • @anikettripathi7991

    @anikettripathi7991

    20 күн бұрын

    @@krupaludev according to our deeds and karma. we get qualities of body/system. ocean is same for fish,crocodiles and turtles but all have different natures and attitude.

  • @surendraagrawal2401
    @surendraagrawal240124 күн бұрын

    कुछ समय बाह्य जगत को देखने के साथ साथ अंतर आत्मा का भी ध्यान करना चाहिए, जो १.नाभि से ११अंगुल ऊपर वकचस्थल के मध्य स्थित है २. दो अंगुल चौड़ी है 3. अंगुष्ठ मात्र लंबी है 4. सूर्य की तरह लाल रंग है। 5. दिव्य दो नेत्र आत्म के है। 6. आत्म में कोई मुख नही है, कुछ न खा कर, केवल त्रप्त होती है, अत: तरल पदार्थ आत्म को सनतुष्ट करते है। 7. आत्मा का तेज आंख की काली पुतली में देखा जा सकता है। 8. आत्म की मोटाई सुई की नोक के १०० वे हिस्से से भी पतली होती है, तभी तो आत्मा निकलने पर कोई घाव नही होता।।

  • @mohitjain9997

    @mohitjain9997

    21 күн бұрын

    Esa nhi hai

  • @PramodKumar_0

    @PramodKumar_0

    13 күн бұрын

    मुझे लग रहा ये महाशय आत्मा के बारे में,सारी नापतौल(सूई की नोक का 100वा हिस्सा😂)और खाना पीना,स्थान,रंग रूप,लंबाई चौड़ाई,ये सब करने के लिए,इनकी कोई अलग से प्रयोगशाला होगी,जिसमे सारे, सूक्ष्म से सूक्ष्म इक्यूपमेंट लेकर,अपने भोले भाले चेलों के साथ गए होंगे,तभी इतनी गहराई से ज्ञान हैं,, आत्मा के बारे में, न कोई तर्क वितर्क,न कुछ,और चले आते है ज्ञान देने,आत्मा के बारे में

  • @jagatpal4272
    @jagatpal427217 күн бұрын

    Prakash ka koi Makar nhi hain to batman ka kya

  • @pratibhaSingh-oc2cc
    @pratibhaSingh-oc2cc8 күн бұрын

    Sir ki bat to mere samajh nhi ayi🤔

  • @user-xr3go7bo5q
    @user-xr3go7bo5q3 күн бұрын

    Atma shareer ka adrisiya ang he. Isko nahi peeda hoti he na hi dukh sukh ka aabhash hota he na he ,mean aatma ko kuch nahi hota , jo bhi dukh sukh hota he bo ek man ke shararat he , aatma me ek jevatma he jo sirf GOD jo ki ek bahut bari energy he ,bahi iski reading samjti he ,jo bhaotikta se pare he , manab ke samast karmo ka ise me record rehta he

  • @user-xr3go7bo5q

    @user-xr3go7bo5q

    3 күн бұрын

    0:24 this is the truth according to me ,all my bro. Sis.main thing is that we should do good karma ,never think .is there a thing namely soul or God does not matter if u have never done wrong ,u don't need to worry from GOD .

  • @healthyindia7062
    @healthyindia706217 күн бұрын

    Shareer ke hisab se hi aatma ki shakti aur swaroop hota hai .

  • @panchramNirala-sg4ej
    @panchramNirala-sg4ej19 күн бұрын

    Aatma na janam leti hai na marti hai to to jansankhya kaise badh raha hai

  • @PrinceKumar-zb6lk
    @PrinceKumar-zb6lk23 күн бұрын

    आप जो कह रहे हैं विद्यार्थियों को समझ में नहीं आएगा ज्ञानियों को भी नहींसमझा बहुत बड़ी बात है आत्मा का आकार क्या है उसकावजन क्या है आत्मा कैसी है सभी बातों को छोड़ दो मैं एक ही बात करताहूं❤❤❤❤❤❤❤ बिजली के करंटको समझ

  • @user-gp2nu3jw4y

    @user-gp2nu3jw4y

    16 күн бұрын

    करंट को मापा जा सकता है उसका अनुभव किया जा सकता है एक जगह से दूसरा जगह भेजा जा सकता है जबकि आत्मा में ऐसा कोई गुण नहीं है ज्ञानी मत बनो😂😂😂😂😂

  • @PrinceKumar-zb6lk

    @PrinceKumar-zb6lk

    16 күн бұрын

    @@user-gp2nu3jw4y करंट का मतलब हैचेतन और इलेक्ट्रॉनिक चीजों का मतलब हैशरीर यह एक उदाहरण दे रहा हूं करंट को रेडियो को लगाएंगे रेडियो चलेगा टीवी को लगाएंगे टीवी चलेगा फ्रिज को लगाएंगे फ्रिजचलेगा मोटर को लगाएंगे मोटर चलेंगी पंखे को लगाएंगे पक्का चलेगा हीटर को लगाएंगे हीटर चलेगा एक उधार दे रहा हूं जिस तरह आत्मा अलग अलग शरीर में जाती है और उसको चेतन कर देती है इसी तरह करंट भी अलग अलग इलेक्ट्रॉनिक चीजों में जाकर उन्हें चेतन कर देता है असल में टीवी में फोटो नहीं होती पर करंट के जरिए आती है आत्मा को करंट समझा जा सकता है यह एक उदाहरण है इसको सिर्फ एक उदाहरण देकर समझता हीसमझे नोट टीवी में फोटो होती है ना करंट में फोटो होती है फिर फोटोए कहां से इसी पांच तत्वों और आत्मा आदि को इकट्ठा करने से शरीर बनता है जिसको चेतन रखने के लिए आत्मा महत्वपूर्णहै यह एक उदाहरण दी है बिजली के करंट की आत्मा के लिए आप मुझे मत समझना की करंट ही आत्मा होती है सिर्फ एक उदाहरण है यही आत्मा किसी भी गाय भैंस आदि के शरीर को चेतन करती है और उनके साथ पांच तत्व होना जरूरी है इस विषय को समझाना और समझना बहुत कठिन है यदि मैं आत्महत्या के बारे में कुछ जानता हूं तो मैं आपको बात नहीं सकता क्योंकि बताया तो मन इंद्रियों के द्वारा ही सकता है और समझा भी मानव इंद्रियों के द्वारा ही सकता है आत्महत्या मन इंद्रियों की पहुंच सेदूर है जब ध्यान लगेगा आप ब्रह्म धार केंद्र मेंजाएंगे फिर आपको खुद पता चल जाएगा आत्म तत्व क्या है किसी के बताने पर कोई पता नहीं चलेगा खुद अनुभव होगा तब ही मालूम होगा जेट तब क्या है

  • @PrinceKumar-zb6lk

    @PrinceKumar-zb6lk

    16 күн бұрын

    @@user-gp2nu3jw4y करंट एक उदाहरण देकर समझाइए के लिए कहांगया है आपके घर में टीवी फ्रिज हीटर पंख मोटर रेडियो आदि की चीज बंद पड़ी है एक करंट सभी को चला देता है इसी तरह कई किस्म के शरीर होते हैं गाय भैंस बकरी मनुष्य आदि के कई प्रकार के शरीर होते हैं एक आत्मा ही उन्हें चला देता है पांच तत्वों आदि के साथ आत्मा मिल जाए तो चेतन कहा जाता है हम आत्मा को चेतन कह सकते हैं एक उदाहरण देकर ही समझना होगा यदि मैं आत्म तत्व के विषय में कुछ जानता हूंतो main aapko Bata nahin Sakta यदि आप जानना चाहते हैं तो आप उसे जान नहीं सकते क्योंकि यह मां और इंद्रियों का विषय नहीं है मैं बताऊंगा तो मां और इंद्रियों से आपको बता सकताहूं आप भी मन और इंद्रियों से समझ सकते हैं अमन और इंद्रियों का विषय नहीं है जब ध्यान में आप ब्रह्म धार केंद्र में जाओगे आपको खुद पता चल जाएगा आत्म तत्व क्या है कैसा है किसी के बताने पर कुछ समझ नहीं आता जो समझ आता है वह मन बुद्धि और इंद्रियों का विषय है आत्म तत्व इसे पार है वह अपने आप खुद अंदर ध्यान में जाओगे तो पता चलेगा बिजली का करंट एक उदाहरण देकर समझाया है जिसको मानव बुद्धि और इंद्रियों समझसकती है

  • @PrinceKumar-zb6lk

    @PrinceKumar-zb6lk

    16 күн бұрын

    @@user-gp2nu3jw4y करंट को एक उदाहरण देकर समझाया गया है आपके घर में फ्रिज पंखा हीटर टीवी मिक्सी आदि की चीज पड़ीहोगी एक करंट उनको चला देता है इसी तरह कई किस्म के शरीर होते हैं गाय भैंस बकरी कीड़े मकोड़े आदि के शरीर को एक आत्मा चला देता है इसीलिए करंट को एक उदाहरण देकर समझाया गया है पांच तत्व आदि के शरीर में आत्मा मिलने से शरीर चेतन हो जाता है अभी एक उदाहरण देकर समझाया गया है आत्म तत्व मन इंद्रियों की पहुंच सेपरे है यदि मैं आत्महत्या के विषय में कुछ जानता हूं तो मैं आपको मां और इंद्रियों के जरिए नहीं बतासकता यदि आप समझना चाहते हैं तो आप भी मन और इंद्रियों के विषय में आत्महत्या को नहीं समझ सकते हैं मन बुद्धि और इंद्रियों से पैर का विषय है इसको जानने के लिए ब्राह्मण धार केंद्र में ध्यान ध्यान लगाना होगा फिर जाकर आत्म तत्व समझ आएगा वह क्या है मन इंद्रियों बुद्धि तो इन्हें समझ नहीं सकती है पर इस सब तत्व को जाने का रास्ता जरूर बता सकते हैं अभ्यास करने पर इंसान ब्रह्म धार केंद्र पर जा सकता है और आत्म दर्शन कर सकता है करंट एक आत्मा को समझने का एक उदाहरणदी थी

  • @PrinceKumar-zb6lk

    @PrinceKumar-zb6lk

    16 күн бұрын

    @@user-gp2nu3jw4y करंट एक उदाहरण के लिए इस्तेमाल कियागया है आपके घर में फ्रिज पंखा टीवी मोटर मिक्सर चीज पड़ेहोगी एक करंट सबको चला देता है बिना करंट बंदी पड़ी रहेगी फ्रिज पानी ठंडा नहींकर सकता कई किस्म के शरीर होते हैं मनुष्य गाय बकरी कीड़े मकोड़े आदि के इन सभी को करंट चला देता है पांच तत्व आदि में आत्मा रूपी करंट जाने से श्री चेतन हो जाता है चल फिर सकता है करंट शब्द एक उदाहरण के लिए इस्तेमाल किया गया है इसकोसमझना चाहिए

  • @satyasingh1720
    @satyasingh172024 күн бұрын

    कुछ सिद्ध योगी समेत सरीर के आसमान में उड़ते हैं। सुक्षम् सरीर से बहुत योगी आसमान में उड़ते हैं। आत्मा में लेविट्शन गुण हैं। वह दिये की लौ की तरह है जिसकी रौशनी सारे सरूर में होती है।

  • @sanand8767

    @sanand8767

    24 күн бұрын

    गपोड करना बंद करो। खुले में हगना बंद करो।

  • @deadster1254

    @deadster1254

    22 күн бұрын

    Atma nirgun hai Use same gun aye Hai Par wo nirgun hai

  • @sureshnema1584
    @sureshnema15843 күн бұрын

    आत्मा को समझने से पहले मन क्या है फिर वृत्ति फिर चित्त फिर बुध्दि फिर आत्मा को समझे तो परमात्मा भी समझ आयेगा। और यह पहले स्वयं को समझे तो और स्पष्टता से आत्मा परमात्मा समझ आता है। आदरणीय ए नागराज जी का मध्यस्थ दर्शन जीवन विद्या के नाम से यू ट्यूब पर उपलब्ध है

  • @bhantepriydashi153
    @bhantepriydashi15318 күн бұрын

    Marne ke bad kuch nhi hota

  • @user-hc5sr2ki1p
    @user-hc5sr2ki1p6 сағат бұрын

    विकास दिव्य कीर्ति क्या तुम थोडा ग्यान प्राप्त कर लिए १००बच्चो को पढाने लगे तो अब तुम भगवान धर्म विग्यान से आगे बढ गये क्या ये सोंच रहे हो तुम्हे हम जीरो मानते हैं सनातन धर्म से ही विग्यान निकली है वेद पुराण शास्त्र तो कहते हैं विग्यान भी कहती है की आत्मा अमर है आत्मा होती है अगर विकास दिव्य कीर्ति अगर तुम मे काबिलियत है अपने पिता के असली बेटे हो तो उत्तराखंड में उं पर्वत है तिब्बत में कैलाश पर्वत है मणिमहेश पर्वत है इन पर्वतों के शिखर तक पहुंच के दिखाओ विग्यान का कोई भी यंत्र ले लो जैसे हेलीकॉप्टर इत्यादि शिखर तक पहुंच जाओ जिंदगी भर तुम्हारी गुलामी करूंगा मैं भी मान लूंगा की भगवान नही होते और इक बात सुनो पढ़ें लिखे बैल उत्तराखंड में मणिमहेश पर्वत है जंहा कुछ दूर चढ़ने पर इंसान या कोई भी जानवर पत्थर बन जाता है जाओ चढ के दिखाओ जो दम हो नही है क्षमता या किसी की मृत्यु को टाल के दिखाओ खान सर तुमसे बहुत ज्यादा पढ़े हैं तभी तो हम सब सना

  • @sanjaypatel3328
    @sanjaypatel332824 күн бұрын

    Vedo me brahmano ne weight bhi likha hoga... aajkal sara vigyan vedo me aisa bolte hai 😂😂

  • @Harsh-nk1zj
    @Harsh-nk1zj4 күн бұрын

    Sare gapodi bate koi proof nahi

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