क्या सच में किसी का पुनर्जन्म होता है? या ये केवल एक ज्योतिषीय कल्पना है? Dr. Madhusudan Ji [Ep. 08]

पुनर्जन्म का विचार कई प्राचीन और आधुनिक संस्कृतियों में पाया जाता है, विशेष रूप से हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म में। पुनर्जन्म के सिद्धांत के अनुसार, आत्मा मृत्यु के बाद एक नए शरीर में जन्म लेती है। यह चक्र तब तक चलता रहता है जब तक आत्मा मोक्ष या निर्वाण प्राप्त नहीं कर लेती।
पुनर्जन्म पर विभिन्न दृष्टिकोण:
1. धार्मिक दृष्टिकोण:
A. हिंदू धर्म: आत्मा अनन्त है और मृत्यु के बाद एक नए शरीर में प्रवेश करती है। कर्म के सिद्धांत के आधार पर आत्मा का अगला जन्म तय होता है।
B. बौद्ध धर्म: पुनर्जन्म को कर्म के सिद्धांत से जोड़ा गया है, लेकिन आत्मा का कोई स्थायी अस्तित्व नहीं माना जाता।
C. जैन धर्म: आत्मा को शाश्वत माना जाता है और उसके कर्म उसके पुनर्जन्म को प्रभावित करते हैं।
D. सिख धर्म: पुनर्जन्म में विश्वास है, और आत्मा की मुक्ति को सर्वोपरि माना जाता है।
2. वैज्ञानिक दृष्टिकोण:
E. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से पुनर्जन्म का कोई ठोस प्रमाण नहीं है। इसे आमतौर पर विज्ञान के दायरे में नहीं माना जाता क्योंकि यह अनुभवजन्य और पुनरावृत्त परीक्षणों द्वारा सिद्ध नहीं किया जा सकता।
F. कुछ मामलों में, जहां लोग अपने पिछले जन्म के अनुभवों का दावा करते हैं, उनकी जांच की गई है, लेकिन कोई स्पष्ट और व्यापक प्रमाण नहीं मिला है।
3. मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण:
G. पुनर्जन्म के अनुभव अक्सर स्मृति, अवचेतन मन, और सांस्कृतिक या पारिवारिक प्रभावों से जुड़े हो सकते हैं।
H. कुछ मनोवैज्ञानिक सिद्धांत इन अनुभवों को समझाने के लिए बचपन की यादों, कल्पना, और आत्म-सूझबूझ का सहारा लेते हैं।
"पुनर्जन्म का विश्वास व्यक्तिगत, सांस्कृतिक और धार्मिक पृष्ठभूमि पर निर्भर करता है। विज्ञान के दृष्टिकोण से पुनर्जन्म को प्रमाणित नहीं किया जा सका है, इसलिए इसे ज्योतिषीय या धार्मिक विश्वास के रूप में अधिक माना जाता है। व्यक्तिगत अनुभव और विश्वास इस पर बहुत हद तक प्रभाव डालते हैं, और इस विषय पर अंतिम सत्य या सिद्धांत अभी भी अप्रमाणित है।"
***
हालाँकि हिंदू धर्म के अनुसार, मृत्यु के बाद की दुनिया को लेकर कई प्रकार की मान्यताएँ और अवधारणाएँ हैं। यह मान्यताएँ मुख्यतः वेदों, पुराणों, उपनिषदों और अन्य धार्मिक ग्रंथों पर आधारित हैं। मृत्यु के बाद आत्मा के सफर को समझने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिया जा सकता है:
1. आत्मा का अनन्त अस्तित्व:
हिंदू धर्म के अनुसार, आत्मा अमर और अविनाशी है। शरीर की मृत्यु होने पर भी आत्मा का नाश नहीं होता। आत्मा एक शरीर से दूसरे शरीर में प्रवास करती है, जिसे पुनर्जन्म कहते हैं।
2. कर्म और पुनर्जन्म:
हिंदू धर्म में कर्म का सिद्धांत बहुत महत्वपूर्ण है। व्यक्ति द्वारा किए गए कर्म उसके अगले जन्म को निर्धारित करते हैं। अच्छे कर्म करने पर आत्मा को सुखमय जीवन मिलता है, जबकि बुरे कर्म करने पर कष्ट भोगने पड़ते हैं।
3. स्वर्ग और नरक:
हिंदू धर्म में स्वर्ग और नरक की भी अवधारणा है। स्वर्ग को देवताओं का वास स्थल माना जाता है, जहां पुण्यात्माएँ मृत्यु के बाद निवास करती हैं और अपने अच्छे कर्मों का फल भोगती हैं। नरक में पापियों को उनके बुरे कर्मों की सजा दी जाती है। ये स्थान स्थायी नहीं होते, और आत्मा को अंततः पुनर्जन्म लेना पड़ता है।
4. मोक्ष:
मोक्ष का अर्थ है आत्मा का जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त होना। यह हिंदू धर्म का सर्वोच्च लक्ष्य है। मोक्ष प्राप्त करने के बाद आत्मा ब्रह्म के साथ एक हो जाती है और उसे पुनर्जन्म नहीं लेना पड़ता। मोक्ष प्राप्ति के लिए ज्ञान, भक्ति, और निष्काम कर्म योग को प्रमुख साधन माना गया है।
5. पितृलोक:
कुछ मान्यताओं के अनुसार, आत्माएँ मृत्यु के बाद पितृलोक में भी जाती हैं, जहां उनके पूर्वज निवास करते हैं। यहाँ आत्मा अपने कर्मों के अनुसार समय बिताती है और पुनर्जन्म की प्रक्रिया में प्रवेश करती है।
6. अंतरिम अवस्था:
मृत्यु के बाद और अगले जन्म से पहले आत्मा एक अंतरिम अवस्था में भी रह सकती है, जिसे प्रेत या भूत कहा जाता है। यह स्थिति आत्मा के अधूरे कर्मों या इच्छाओं के कारण होती है।
हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद की दुनिया को आत्मा के अनन्त सफर का एक हिस्सा माना गया है। यह सफर कर्म, पुनर्जन्म, स्वर्ग, नरक, मोक्ष और पितृलोक जैसी विभिन्न अवस्थाओं से गुजरता है। इन मान्यताओं का उद्देश्य जीवन को सही ढंग से जीने और मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रेरित करना है।
विकास त्रिपाठी शो के इस सातवें एपिसोड में हमने बात की CSIR के वैज्ञानिक और बायोटेक्नोलॉजी के पूर्व प्रोफेसर ‪@Astro-Scientist‬ डॉ. मधुसूदन उपाध्याय जी से, जिन्होंने मृत्यु के बाद के जीवन और पुनर्जन्म की अवधारणाओं पर अपने विचार प्रस्तुत किये।
आगे के एपिसोड देखने के लिए चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें।
Facebook: / viikastriipathii
Instagram: / viikastriipathii
LinkedIn: / viikastriipathii

Пікірлер: 25

  • @user-si2hb3yp2s
    @user-si2hb3yp2s

    Har har Mahadev har har Mahadev 🙏🏼🙏🏼

  • @Neerajkumar-hx6vr
    @Neerajkumar-hx6vr

    jai shree ram

  • @drbhumikathakor3992
    @drbhumikathakor3992

    Very informative video 🎉🙏🏻

  • @jainendradubey9224
    @jainendradubey9224

    बहुत सुन्दर सत्र, मर्मपरक वार्तालाप👌

  • @anupamagaur8079
    @anupamagaur8079

    Bahut sunder bataya aapne ❤❤❤

  • @meenuSharma-cp5rj
    @meenuSharma-cp5rj

    Bahut bahut dhanyawad is video k liye 🙏🏻🙏🏻

  • @NISHIKANTDIXITBARHAJ342
    @NISHIKANTDIXITBARHAJ342

    कर्मफल का सिद्धांत 👍

  • @rashmishukla5825
    @rashmishukla5825

    Dhanywaad sr aapke agle video ka intjaar rhega,🙏

  • @shivamm-sh5qv
    @shivamm-sh5qv

    Informative 🔥

  • @nabinthakur3611
    @nabinthakur3611

    ❤❤❤

  • @renujain2255
    @renujain2255

    Very nice

  • @harshitachaudhry7168
    @harshitachaudhry7168

    Sir Bohot hi informative podcast hai..Lal Kitab jyotish par bhi prakash daale

  • @ajitasharma3101
    @ajitasharma3101

    Very informative

  • @Sudha782
    @Sudha782

    Very knowledgeable

  • @pratyushpandit9527
    @pratyushpandit9527

    ❤❤

  • @RitambharaDixit
    @RitambharaDixit

    🙏🙏

  • @manoj3744
    @manoj3744

    Sir or jyada videos banao

  • @dr.urmilayadav5662
    @dr.urmilayadav5662

    Very insightful. 🙏

  • @ayanmukhopadhyay7341
    @ayanmukhopadhyay7341

    Very important podcast. But I don't understand why it is chopped!!!

  • @morningbliss8985
    @morningbliss8985

    Can you share his contact info on video banner

Келесі