Kumar Vishwas और Munawwar Rana की ऐसी युगलबंदी सुनी न होगी | Sahitya Tak
#KumarVishwas #MunawwarRana #KumarVishwasPoem #MunawwarRanaShayari #ShayariVsPoetry #SayariVsSmiley #SahityaTak
इश्क है तो इश्क का इजहार होना चाहिये
आपको चेहरे से भी बीमार होना चाहिये...
अपनी यादों से कहो इक दिन की छुट्टी दें मुझे
इश्क के हिस्से में भी इतवार होना चाहिये ...शायर मुनव्वर राना और कविराज कुमार विश्वास की युगलबंदी देखने वाली थी. एजेंडा आज तक में शायरी और स्माइली विषय पर एंकर श्वेता सिंह की नुमाइंदगी में जो बातचीत हुई उसे साहित्य तक पर आप भी सुनिए.
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Пікірлер: 275
आप सभी महानुभावों को मेरा सादर नमन। मैंने आप सभी को आज पहली बार सुना मुझे इस बात से कोई अचरज नहीं,कि हमारे देश भारत में जहां संस्कृति को सर्वोपरि माना जाता है, उस देश में आज कहीं-न-कहीं उस चीज की दरकार है जिसको हमारे पूर्वजों ने हमें एक विरासत के रूप में हमें सौंपा। हमें यह जानकारी हासिल करने की लालशा दिल में हमेशा होनी चाहिए, कि हमारी मूल परिपाटी क्या थी? धन्यवाद।
मुनव्वर राणा साहब की हर बातो में जान हे वज़न हे क्योकि उन्होंने जो भी बात कही है वो सारी बातें तज़ुर्बे वाली है और हक़ीक़त हे
सच्ची मोहब्बत में प्यार मिले न मिले लेकिन याद करने के लिए एक चेहरा जरूर मिल जाता है
वाह क्या बात है कविवर बहुत ही सुन्दर पंक्तियां लिखी और अपनी आवाज देकर और भी खूबसूरत बना दिया प्रणाम करतीं हूं 🙏🏻🙏🏻❤️❤️❤️😍
हर एक ग़म को ख़ुशी की तरह बरतना है ये दौर वो है कि जीना भी इक हुनर सा लगे
@subhashkashyap2686
4 жыл бұрын
Kya baat h
@rajakhan-gs5gw
4 жыл бұрын
good
@KhanKhan-nh8be
4 жыл бұрын
Mem isme to maza agaya.
@atulmishra6563
4 жыл бұрын
कोई पत्थर , अब तक नहीं आया मेरे आईने पर, लगता है किसी ने , बढ़ती लौ को हवा दी है , बहुत जुदा है मन मेरा , तुम को ले कर ये , सुना है शोर करने वाले ने ,हकीकत को अदा दी है ..........
@ramjain3926
4 жыл бұрын
*मेरे विचार* #स्वरचित लेख #अनवरत जारी_ #परिवर्तन ******************************************** कड़वा हूं लेकिन सच्चा हूं। ऐब बहुत है मेरे में, लेकिन फरेब नहीं। ************************************************ जुनून होना अच्छा है , लेकिन इतना भी नहीं की, किसी कवि की #व्यंग्य_कविता बन बैठें, हर मां बाप को बच्चे, प्यारे लगा करते, तब भी जन्म से पहले, नामकरण नहीं हुआ करते सफलता से पहले, गुणगान नहीं किया करते। वो पंछी कईयों को हुनर सिखाने का कहने वाले, भविष्य दूसरों का बनाने का दावा करने वाले, वो पंछी उड़कर इस #जंग में, खुद अपने ही पंख कटवा बैठे। बड़ी अजीब दास्तां है, आज खुद #शिकारी_का_शिकार_हो_गया। जो पंछी #कोच बनने की सोच लिए बैठे थे, आज बड़ी गहरी #मोच लिए बैठे है, जैसे कोई शहद पाने की अभिलाषा में, अपनी जुबा ही मधुमक्खी के छत्ते में दे बैठे। जो कल तक थे #खफा_खफा, आज #अहले #वफा कर बैठे, इस जोर आजमाइश में, तुम खुद को चाणक्य समझ बैठे, इस भ्रम में तुम भागवत गीता का सार भूल बैठे। कर्म से पहले तुम फल की चिंता लिए बैठे, युद्ध अनवरत जारी है और तुम विजय की घोषणा कर बैठे वाहा क्या तुम उल्टा सोच बैठे, जिस #चांडाल_चौकड़ी के तुम भरोसे थे, वो तेरे मुंह पर तेरे और मेरे मुंह पर थे, तुम खुद को ज्ञान का भंडार समझ बैठे, साक्षात परब्रह्मा गुरु को भी तुम खुद से कमतर समझ बैठे, जिस परीक्षा रूपी रणभूमि में लड़े, लिए तुम सकल हथियार, तो उस रणभूमि में कोई भी शस्त्र विहीन नहीं था। उस रणभूमि में लड़ने वाला, हर योद्धा अर्जुन और कर्ण था, सफल हुआ अर्जुन, कृष्णा का आशीर्वाद जो उसके संग था। असफल हुए तुम, शकुनी से घिरे दुर्योधन थे तुम। शकुनि की चालें बड़ी विषैली थी, चाहे यह कलयुग का शकुनी हो, चाहे वह महाभारत का शुकुनी था, #पुनः_एक_हुए_दुर्योधन_शकुनी, इस दुर्योधन की भी मती पुनः मारी गई, कृष्णा राम को छोड़कर शकुनि की यारी प्यारी लगी। लाख वकालत कर लो तुम, अहले वफा कर लो तुम, घर अगर हो शीशे का, पत्थर हाथों में लिया नहीं करते, कुछ बातें इशारों में होती है, इशारों की भाषा जान लेना तुम। जब तक ना हो पूर्ण विद्या, तब तक शातिर से युद्ध किया नहीं करते। किसी को बचाने की कला सीखने से पहले, खुद को आग में झोंक दिया नहीं करते, वह तो बच्च नहीं पाएगा, तुम भी, झुलस जाओगे। इसलिए वकालत से पहले, घर तुम्हारा शीशे का यह भी जान लेना। कुछ बातें इशारों में होती है, इशारों की भाषा जान लेना तुम। जब इस मंजर को देखा तो कवि राम ने आगे कुछ यें पंक्तिया कहीं ********************************************* यूं ही खौफ नहीं होता, #अभिशापों का, हृदय मेरा भी रोया था, जब दगा तेरी ओर से हुआ था, वर्ष भर की तपस्या, मेरी धूमिल हुई थी, वह इतिहास था। आज पुनः वर्तमान में, एक तपस्या फिर धूमिल हुई, इतिहास में मेरी हुई, वर्तमान में तेरी हुई, अभी भी भविष्य की समझ ले, दुनिया में कुछ भी कर, बस किसी की बद्दुआ ना लें। इसलिए आज, मन व्यथित भी है, मन प्रफुल्लित भी है, हर्ष है, विषाद भी है, क्युकी मेरे मन में अनुराग है, मेरा मन पवित्र है, इसलिए मन प्रफुल्लित है और उद्वेलित भी। आज मन खुश है तो आत्मा दुखी भी। क्युकी मेरा हृदय निर्मल है। मुझमें #ऐब तो बहुत है लेकिन #फरेब नहीं। ************************************************ उपरोक्त विचार लेखक के निजी हैं।
वाह मुन्नवर राणा साहब और कुमार विश्वास जी आप दोनो की बात ही निराली है।
PranamSriMunabbarji. Up. Sabse. Alag. The. Ho. Rahenge
एक शरीर में कितने दो हैं एक शरीर में कितने दो हैं? गिन के देखो कितने वो हैं? देखने वाली आँखें दो हैं उनके ऊपर भौहें दो हैं सूंघते हैं खुशबू जिनसे नाक तो इक है, नथुने दो हैं भाषाएँ हैं सैकड़ों लेकिन बोलने वाले होंठ तो दो हैं लाखों आवाज़ें हैं सुनते जिनसे सुनने वाले कान तो दो हैं कान भी दो, आंखें भी दो दाएं बाएं कंधे भी दो हैं दो बांहें, दो कुहनियां उनकी हाथ भी दो, अंगूठे भी तो दो हैं दो हाथों की दो हैं कलाइयाँ टाँगे दो हैं, घुटने दो हैं चलना, फिरना, उठना, बैठना दो पैरों के टखने दो हैं पैरों के नीचे दो तलवे हैं भागूं जिनसे एड़ियाँ दो हैं बंद हो तो मुट्ठी हो जाये खोलू गर हथेलियाँ दो हैं अरे, भूल गया था, मार तमाचा मेरे मुंह पे गाल भी दो हैं दोनों पहलू झांक के देखो झांकने के भी बगलें दो हैं कितने दो हैं फिर भी इक ही दिल है इक ही जाँ है एक ही आकाश एक ही सूरज इक जमीं औ इक हिन्दुस्तां है
जख़्म खा कर भी मुस्कुरा रहे हैं हम जख़्म दे कर भी ख़फा सा है कोई
@dranand7239
4 жыл бұрын
वाव
@rajakhan-gs5gw
4 жыл бұрын
wah bahut kuhb
@sagarsahab7800
4 жыл бұрын
Mil mil ke bichhadne ka maza kyo nahi dete... Har baar koi zakham naya kyo nahi dete..😄
@vivektiwari8313
4 жыл бұрын
👌
@jasjitsingh7293
4 жыл бұрын
Excellent
वाह कुमार सर वाह दिल की विश्वास आप हैं 🚩🚩💪💪🙏🏻
Munawar rana jaisa shayer ki kya baat hy sweta singh bahot acchi ancor hyn
सभी शायर जिंदाबाद मुनव्वर राणा तहज़ीब हाफि बेस्ट
Osmmm vala loving feelings... 👌👍👍🙏🙏🙏💐💐😘😘behtareen 👏👏😍😍🌷🌷💯
Kumar has well explaind the sese of poetry.
मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है कभी कबिरा दिवाना था कभी मीरा दीवानी है
Munnawar Rana ji jaisa koi nahi ho Sakta 😘😘😘😘😘😘awesome sir ji
कुमार गाते हैं तो ऐसा लगता है जैसे मेरे बचपन कि यार गाता हो✍️✍️🙏🙏
Na jeene ki aarju thi.. na hasne ka bahana tha kyon ...ho gye h hmm itne bade isse achcha to bachpan ka jmana tha..
Thanksgiving
Kumar vishwas and manauwwr rana.. I like both of you..
Kya baat hai sir ji both superb🙏
मेरी ख्वाहिश है कि मैं फरिस्ता हो जाऊं, मां से ऐसे लिपट जाऊं कि बच्चा हो जाऊं।
@sagarsahab7800
4 жыл бұрын
Na de pardesh ki roti mera aangan mujhe de de.... Jawani dene wale tu mera bachpan mujhe de de.
@aarif_ali_shaikh
4 жыл бұрын
Bhool kar har ek gamo sitam, Madre aanchal me chhip jaun..
स्मृति में जो रहे शेष...... वही विशेष।
@shyamkhatu3925
4 жыл бұрын
kzread.info/dron/paNJmi0KGM0ZC6Q3HiNyvg.html य सुने आप पुराने यादो मे खो जाय गे
@deepakkumarsingh6743
4 жыл бұрын
Good morning
Bohut khub Munawar Rana sb or Kumar vishwas sb
Thanks
Kumar wah..
Beautiful
Waaa sir
Bhut hi sundar
Waaaa
Bahut khoob
Lajawab
Bahut khub vishwas ji
Dono Great hai
सुंदर
कुमार विश्वास और मुनव्वर राणा जिन्दाबाद।
@shyamkhatu3925
4 жыл бұрын
kzread.info/dron/paNJmi0KGM0ZC6Q3HiNyvg.html य सुने आप को माजा आ जाय गा
Nice line
Nice topic 👌 it should continue as it's the challenge of this era we live in 🙏
I endorse Annu sir as he talks about the present scenario.
again you are .......doing good job as anchor
Subhan Allah mashaallah zindabad sir
Munawwar Rana bahut Bade Shayar Hai Unki Mein Palke Jhuka ke unko Puri Izzat deta hun Kumar bhai Bhi Bade Shayar Hai aur bahut acche aadami bhi hai Allah aap donon ko Salamat Rakhe
Inka ishq roshan rahe.
3:07 (MUNAWWAR RANA) THIS IS FROM WHERE AKSHAY KUMAR GOT INSPIRED.... 😂😂😂
हालाते मुल्क देख कर रोया न गया कोशिशें हजार की पर मुंह ढक कर सोया ना गया
@Ssthakur29
4 жыл бұрын
लोगों से रिश्तो को भी संजोया ना गया। बच्चे जब बड़े हुए तो मां-बाप का बोझ भी ढ़ोया ना गया।
Rana sir Great hai
लाजबाव
इनका फूल एपिसोड हो तो पोस्ट करिए
wah
Umda se bhi umda
👌👌👌
Super
Ishq ka hisa ma कभी आईतबार नहीं होता
nice
Listen poetry/shayari and nazm
OK sir nice
सबसे ज्यादा अच्छा कहा मुन्बर जी ने
Bahut hi gajb Viswash ji
Superb kumar ji and Munawwar Rana sahab 👍👍
@shyamkhatu3925
4 жыл бұрын
kzread.info/dron/paNJmi0KGM0ZC6Q3HiNyvg.html य सुने आप को आपने पुराने याद मिले गे
Kya baat kah gaye Kumar Vishwas 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
❤❤❤waah waah waah sir 😂
Munawwar rana jaise vyaktiyo ki dhalti umr ko dekhkar dukh sa hota hai... Hum ase hire ko kbhi khona nhi chahte kzread.info/dash/bejne/fpmprbeRYsLUcdI.html
@irshadameen4391
4 жыл бұрын
Sahi kaha Deepak bhai
@Meri_zuban
4 жыл бұрын
Dil ki baat keh di
@sametarkhesha2362
4 жыл бұрын
Wah Sir ji Thank-you
😘Kumar tumhare leye
Bhut khub munnavar rana
*मेरे विचार* #स्वरचित लेख #अनवरत जारी_ #परिवर्तन ******************************************** कड़वा हूं लेकिन सच्चा हूं। ऐब बहुत है मेरे में, लेकिन फरेब नहीं। ************************************************ जुनून होना अच्छा है , लेकिन इतना भी नहीं की, किसी कवि की #व्यंग्य_कविता बन बैठें, हर मां बाप को बच्चे, प्यारे लगा करते, तब भी जन्म से पहले, नामकरण नहीं हुआ करते सफलता से पहले, गुणगान नहीं किया करते। वो पंछी कईयों को हुनर सिखाने का कहने वाले, भविष्य दूसरों का बनाने का दावा करने वाले, वो पंछी उड़कर इस #जंग में, खुद अपने ही पंख कटवा बैठे। बड़ी अजीब दास्तां है, आज खुद #शिकारी_का_शिकार_हो_गया। जो पंछी #कोच बनने की सोच लिए बैठे थे, आज बड़ी गहरी #मोच लिए बैठे है, जैसे कोई शहद पाने की अभिलाषा में, अपनी जुबा ही मधुमक्खी के छत्ते में दे बैठे। जो कल तक थे #खफा_खफा, आज #अहले #वफा कर बैठे, इस जोर आजमाइश में, तुम खुद को चाणक्य समझ बैठे, इस भ्रम में तुम भागवत गीता का सार भूल बैठे। कर्म से पहले तुम फल की चिंता लिए बैठे, युद्ध अनवरत जारी है और तुम विजय की घोषणा कर बैठे वाहा क्या तुम उल्टा सोच बैठे, जिस #चांडाल_चौकड़ी के तुम भरोसे थे, वो तेरे मुंह पर तेरे और मेरे मुंह पर थे, तुम खुद को ज्ञान का भंडार समझ बैठे, साक्षात परब्रह्मा गुरु को भी तुम खुद से कमतर समझ बैठे, जिस परीक्षा रूपी रणभूमि में लड़े, लिए तुम सकल हथियार, तो उस रणभूमि में कोई भी शस्त्र विहीन नहीं था। उस रणभूमि में लड़ने वाला, हर योद्धा अर्जुन और कर्ण था, सफल हुआ अर्जुन, कृष्णा का आशीर्वाद जो उसके संग था। असफल हुए तुम, शकुनी से घिरे दुर्योधन थे तुम। शकुनि की चालें बड़ी विषैली थी, चाहे यह कलयुग का शकुनी हो, चाहे वह महाभारत का शुकुनी था, #पुनः_एक_हुए_दुर्योधन_शकुनी, इस दुर्योधन की भी मती पुनः मारी गई, कृष्णा राम को छोड़कर शकुनि की यारी प्यारी लगी। लाख वकालत कर लो तुम, अहले वफा कर लो तुम, घर अगर हो शीशे का, पत्थर हाथों में लिया नहीं करते, कुछ बातें इशारों में होती है, इशारों की भाषा जान लेना तुम। जब तक ना हो पूर्ण विद्या, तब तक शातिर से युद्ध किया नहीं करते। किसी को बचाने की कला सीखने से पहले, खुद को आग में झोंक दिया नहीं करते, वह तो बच्च नहीं पाएगा, तुम भी, झुलस जाओगे। इसलिए वकालत से पहले, घर तुम्हारा शीशे का यह भी जान लेना। कुछ बातें इशारों में होती है, इशारों की भाषा जान लेना तुम। जब इस मंजर को देखा तो कवि राम ने आगे कुछ यें पंक्तिया कहीं ********************************************* यूं ही खौफ नहीं होता, #अभिशापों का, हृदय मेरा भी रोया था, जब दगा तेरी ओर से हुआ था, वर्ष भर की तपस्या, मेरी धूमिल हुई थी, वह इतिहास था। आज पुनः वर्तमान में, एक तपस्या फिर धूमिल हुई, इतिहास में मेरी हुई, वर्तमान में तेरी हुई, अभी भी भविष्य की समझ ले, दुनिया में कुछ भी कर, बस किसी की बद्दुआ ना लें। इसलिए आज, मन व्यथित भी है, मन प्रफुल्लित भी है, हर्ष है, विषाद भी है, क्युकी मेरे मन में अनुराग है, मेरा मन पवित्र है, इसलिए मन प्रफुल्लित है और उद्वेलित भी। आज मन खुश है तो आत्मा दुखी भी। क्युकी मेरा हृदय निर्मल है। मुझमें #ऐब तो बहुत है लेकिन #फरेब नहीं। ************************************************ उपरोक्त विचार लेखक के निजी हैं।
वो अपनी जिद पर अड़ा था , मैं अपनी जिद पर अड़ी थी एक तकरार हुई और हम दूर गए।।।
@mohanrana1532
4 жыл бұрын
@@deepshikhasoni6980 okk di di
@mohanrana1532
4 жыл бұрын
Good morning di di
@deepshikhasoni6980
4 жыл бұрын
@@mohanrana1532 gm bhai...
@sandeepkatewa1660
4 жыл бұрын
Bahut khub likha h likhane wale ne
@mohanrana1532
4 жыл бұрын
@@deepshikhasoni6980 gd eveng di di
Great Kumar sir
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
👌👏👏👏👏👏👏👍😍
ishq bhi log Tizarat ki Trah krte h ham yahi kaam ibadat ki Trah krte h
👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
Love you munavavar rana
Munawwar Rana you are great
Love you oye
Munnabar and kumar great
Anu Kapoor 🙏🙏👏👏
Hota h sir ham apke shayri bhejte h
मैं आपके शो में बैठा था बगल से बैठे लड़के ने मुझसे पूछा यह कौन है अनु मलिक जब हमारे कवि बैठे होते हैं उनका परिचय बताने की कोई आवश्यकता नहीं होती
Munawwar Rana wo nageena zinki shayri mai mehanat or psheena hai
तो अब सही से जीने के सलीको की जय हो
@rajakhan-gs5gw
4 жыл бұрын
ha
जय हो मुनौवर राना साहब
Munnawar rana the Best line,s
Wah Biswas ji
👏👏👏👏💠💠👏👏👏👏💠💠
ये दिल ये दिल्लगी मेरा दिल तोड़ गई।।।
@atulmishra6563
4 жыл бұрын
कोई पत्थर , अब तक नहीं आया मेरे आईने पर, लगता है किसी ने , बढ़ती लौ को हवा दी है , बहुत जुदा है मन मेरा , तुम को ले कर ये , सुना है शोर करने वाले ने ,हकीकत को अदा दी है ..........
@deepshikhasoni6980
4 жыл бұрын
@@atulmishra6563उनकी तासीर बेहद कडवी होती है ,,जिनसे गुफ्तगू शक्कर जैसी होती है।।।
@mohdharisrayeen6575
4 жыл бұрын
मिला हूँ ख़ाक में ऊँची मगर औकात रक्खी है..!! तुम्हारी बात थी आखिर तुम्हारी बात रक्खी है..!! भले ही पेट की खातिर कहीं दिन बेच आता हूँ..!! तुम्हारी याद की खातिर तो पूरी रात रक्खी है..!!
मना लिया है उसे फिर उसकी शर्तो पर तमाम उम्र किसे रूटने की फुरसत थी भटक रहें है जहा आज अजनबी कि तरह इसी गली में कहीं पर हमारी जन्नत थी कमाल ये है के जब बी किसी से बिछड़े हम यही लगा के यहीं आखरी मोहब्ब्त थी
عشق بجھتا ہے اسے کُچھ تو ہوا دے ساون
Ek baar shahin bag jao please
I love kumar
बदन में दौड़ता लहू ईमान वाला है पर जालिम समझता है पाकिस्तान वाला है
@firstpathshala651
4 жыл бұрын
Very nice
@anandbalwada6729
4 жыл бұрын
Really!!!
@mohduvesh6609
4 жыл бұрын
@@anandbalwada6729 ji
@anandbalwada6729
4 жыл бұрын
Really amazing!!
@kushamgupta4222
4 жыл бұрын
UVESH KHAN बदन मे दौड़ता खून कुरानवादी जिहादी उग्रवादी वाला है पर गैर मुस्लिम इसे इन्सान समझ बैठा
Likh kuch aisa e Dil, jise padh wo roye bhi na Aur Raat bhar soye bhi na!!
@nijamansari9577
4 жыл бұрын
Gajab bro
Purana hai yeh to 💌
@divinecolours9572
4 жыл бұрын
alok saini kzread.info/dash/bejne/ZpxozZemnJDTl5c.html
3:30
Only for Kumar bhaiya
Rahat ndori ji ke bolaiye ji
Munawar Rana Sahab AAP ke braber baith sakta hai brabri ker Nahi sakta
Munawwar Rana sahab aap par jamana Naz karta hai
whenever there is a debate or discussion on logical topic anchors like shweta or anjana or arnab,they become mute 😂😂😂😂😂...otherwise they will never let you hv your words
🤑😀😀😀🙋
Khali khat se bhi aati hai unki khusboo sabdo ki jarrorat hi nhi isqh Toh hai hi bejuban