"खुशी, खुशी, खुशी"

सुख की चाह सबको, फिर भी दुःख, तनाव, संघर्ष, जीवन में सबके। आखिर उलझाव फंसाव क्यों और कैसे? बच्चों सी खुशी, वयस्कों को हासिल क्यों नहीं? इन्हीं प्रश्नों में उलझती,सुलझाती कुछ पंक्तियां।
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Пікірлер: 1

  • @lalratnakarsingh174
    @lalratnakarsingh17420 күн бұрын

    बहुत ही दार्शनिक अंदाज में सुंदरतम व्याख्या।🎉

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