Khet Parvat (खैट पर्वत) Pariyon ka Desh || Travel vlog || रहस्यमयी पर्वत || Uttarakhand || Vlog-6
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आज के व्लोग में हम ऐसे पर्वत के बारे में जानेंगे जिसमें मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि आछरी अर्थात परियाँ वास करती है गढ़वाल में परियों को आछरी कहा जाता है इस पर्वत का नाम है खैट पर्वत परियों का देश.
जोकि टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड में स्थित है तथा समुद्र तल से करीब 10000 फीट की ऊंचाई पर है यह थात गांव के पास ही गुंबदाकार या रेंथल पर्वत पर है । यह पर्वत थात गांव से करीब 5 किलोमीटर दूर है यह गांव घंनसाली में पड़ता है यह khet Pravat पर्वत जन्नत से कम नहीं है। कहते हैं यहां लोगों को अचानक ही कहीं परियों के दर्शन हो जाते हैं। लोगों का ऐसा मानना है कि परियां आस-पास के गांवों की रक्षा करती हैं.
लोगों की मान्यता के अनुसार एक राजा हुआ करते थे जिनका नाम आशा रावत था जिनकी 9 पुत्रियां ही आछरी बन गई कहानी के अनुसार-
चौदाण गांव में राजा आशा रावत का राज था उसकी छह पत्नियां थी लेकिन उनका कोई पुत्र नहीं था राजा बहुत परेशान रहने लगा था उनकी परेशानी को देखकर उनकी बड़ी पत्नी ने कहा कि आप राजा हो तो आप सातवां विवाह कर सकते हो तब राजा थात गांव मे गए वहां दीपा पवार ने उनकी खातिरदारी की तथा उन्होंने राजा से कहा कि आप यहां किस कार्य के लिए आए हो तो राजा ने कहा मैं आपकी छोटी बहन देवा से शादी करना चाहता हूं उसके बाद राजा का विवाह देवा रानी से हो गया तथा वह चौदाण रानी बनकर आ गई कुछ समय बाद रानी देवा ने नो बच्चे को जन्म दिया जिनका नाम राजा ने कमला रौतेली ,देवी रौतेली ,आशा रौतेली , वासदेइ रौतेली, इगुला रौतेली, बिगुल रौतेली , सदेइ रौतेली,गरादुआ रौतेली और वरदेइ रौतेली थी यह बच्चे आम बच्चों की तरह नहीं थी बल्कि चमत्कार से कम भी नहीं थे जब यह 5 वर्ष के थे तब वे छज्जा पर चढ़ने लगे थे तथा जब यह 12 वर्ष के हुए तो सुंदर युवती बन गई जब एक रात वे सभी बहने सूरज गहरी निंद्रा में सो रखी थी तो उनके सपने में सेम नागराज आए तथा उन्होंने उन सभी बहनों को अपनी रानी बना दिया सुबह उठते ही जब सभी बहने जल स्रोत गए तो उन्होंने देखा कि उनके गांव में अंधेरा पर रखा है तथा ऊंचे पर्वतों में धूप खिली हुई है उन्होंने ऊंचे ऊंचे पर्वतों में फूलों के बागान देखें तथा उनसे सज सावरकर इंद्र की अप्सरा जैसी लगने लगी उसके बाद वह अपने पुरोहितों के गांव में गए.
कहते है कि थात गॉव से 5किमी दूरी पर स्थित खैट खाल मंदिर है रहस्यमयी शक्तियों का केंद्र है। प्राचीनकाल से ही इस जगह पर इन बुग्यालों में चिल्लाना, चटक कपड़े पहनना, बेवजह वाद यंत्र बजाना, प्रकृति विपरीत काम करना पूरी तरीके से प्रतिबंधित है। इसलिए वहीं जाएं जो तीन दिन तक नियम संयम और बिना शराब कबाब शबाब के रह सके।
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Пікірлер: 34
jai mata di
Bhaut acha bhai
Nice vedio
Ahnn kya bat h 🙏😎😎
❤️
Bhaya ehape khana peena vyavastha hai
Bhaya market kitna dur hai
So nice mamu ♥️♥️♥️♥️
Devendra Nautiyal ji k anusar ye 9 Aachiriya (Pariya) RAWAN ki patni Mandodari ki putariya thi, jab rawan Tungnath me 18 saal ki tapasya me leen the to mandodari ne Rawan se kaha ki aap to yaha tapasya me leen ho kam se kam ye socho ki hamari koi santan ho, tum to tapsaya me ho me kya karu, to Rawan ne kaha ki tum bhi tapasya karo , to mandodari ne bhi tapasya karni suru kar di or iska falswaroop unko 9 ladkiyo ka or ek putra ka janam huwa, lekin ye bhi putra to indrajeet to indra ko jeetne wala huwa lekin huwa lekin Rawan ko tapasya k bal par ye pata chala ki in 9 ladkiyo k janam k baad se hi lanka ka binas hona suru ho jayega, to Rawan ne kanyawo k janam lete hi inko khait parvat pr patak diya tab se ye kanaye hi yaha Aachari k roop me niwas karti hain, Ab kon se baat Satya hai ye kaise Pata chale
Pariya dikhi kya bhai
VeryNice
Pani ki subidha hee
Me bhi jana chahta hu sr
Bhaya ehape khana peena vyavastha hai