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कर्ज़ से मुक्ति के लिए | Gajendra Moksha Stotram with lyrics | श्री गजेंद्र मोक्षम् | हरि वंदना

गजेंद्र मोक्ष की कथा :
गजेंद्र मोक्ष की कथा का वर्णन श्रीमद भागवत पुराण में किया गया है। क्षीरसागर में दस हजार योजन ऊँचा त्रिकुट नाम का पर्वत था। उस पर्वत के घोर जंगल में बहुत-सी हथिनियों के साथ एक गजेन्द्र(हाथी) निवास करता था। वह सभी हाथियों का सरदार था। एक दिन वह उसी पर्वत पर अपनी हथिनियों के साथ बड़ी-बड़ी झाड़ियों और पेड़ों को रौंदता हुआ घूम रहा था। उसके पीछे-पीछे हाथियों के छोटे-छोटे बच्चे तथा हथिनियाँ घूम रही थी ।
बड़े जोर की धुप के कारण उसे तथा उसके साथियों को प्यास लगी । तब वह अपने समूह के साथ पास के सरोवर से पाने पी कर अपनी प्यास बुझाने लगा। प्यास बुझाने के बाद वे सभी साथियों के साथ जल- स्नान कर जल- क्रीड़ा करने लगे । उसी समय एक बलवान मगरमच्छ ने उस गजराज के पैर को मुँह मे दबोच कर पाने के अंदर खीचने लगा । गजेंद्र ने अपनी पूरी शक्ति लगा कर अपने आप को छुड़ाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो पाया । गजेंद्र के साथ आये हुए हाथी के बच्चे और हथिनियों ने भी काफी जोर लगाया लेकिन सफल न हो सके । जब गजेंद्र ने अपने आप को मौत के निकट पाया और कोई उपाय शेष नहीं रह गया तब उसने प्रभु की शरण ली और आर्तनाद सए प्रभु की सतुति करने लगा। जिसे सुनकर भगवान श्री हरि स्वयं आकर उसके प्राणों की रक्षा की ।
Song Credits:
Stotram: Gajendra Moksha(Sri Bhaagwat Maha Puran)
Vocal: Kapil Samadhiya
Mix & Master : kapil

Пікірлер: 2

  • @panchughosh2460
    @panchughosh246010 ай бұрын

    ❤❤❤🌺🙏👍

  • @raghuramp2731
    @raghuramp273110 ай бұрын

    R.p.raghuram me always listen 🎶 to gajendra moktsham and I pray God to bless all families 👪 in the world 👪 🌎 🙏 ❤ 💙 ♥ 👪

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