Karm Pragyapti | Hum bhed gyan pragtaye
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सुपरिज्ञातकर्मा आचार्य प्रवर श्री रामलाल जी म.सा. के दिव्य ज्ञानालोक से आलोकित एवं उपाध्याय प्रवर श्री राजेश मुनि जी म.सा. की जिनागम-परिकर्मित-मति से अनुप्राणित एक अलौकिक ग्रंथ है - *कर्म प्रज्ञप्ति*। कर्मों के स्वरूप का और कर्मों पर विजय प्राप्त करने की प्रक्रिया का रोचक वर्णन कर्म प्रज्ञप्ति में किया गया है।
हम कर्म और चेतन की भिन्नता का बोध प्राप्त करके, पुण्य और पाप के स्वरूप को समझकर, राग और द्वेष रुपी अंधकार को दूर करके शाश्वत धाम को प्राप्त करने का पुरुषार्थ करें - यही कर्म प्रज्ञप्ति का सार है।
कर्म प्रज्ञप्ति के इसी सार को महापुरुषों ने एक भजन के रूप में पिरोया है। अध्ययन से पूर्व मन को इन्हीं भावों से भावित करें और आत्मिक स्वरूप में रमण करने का आनंद लेवें।
Пікірлер: 16
❤ super
इस भजन रुपी गागर में कर्म प्रज्ञप्ति रुपी ज्ञान का सागर समाहित लक्षित हो रहा है। शानदार प्रस्तुति के लिए अनेक अनेक साधुवाद। भविष्य में ऐसे अनेक आयाम मिलते रहेंगे यही मंगल आकांक्षा है।
Unique n superb as always. With soulful giving ..
कर्म पर्ज्ञप्ति को व भेद विज्ञान को आत्मसात व आक्रमण का अपुर्व अवसर दिलाता मधुर वाणी में यह संगीत की लहरियों में हमै प्रति दिन व हर समय गुनगुनाना चाहिए।
सुन्दर गायन और अति सुन्दर शब्दावली ।गुरु देवो की क्रिपा बनी रहे
@parasmoonat5393
4 ай бұрын
शानदार , बहुत ही उच्च भाव ❤
wonderful,Jay jinshasan,very soulful voice.......
👍👍👍👌👌👌🎊🎊🎉🎉🎊👏
Well done 🙏
शांति प्रदान करने वाली अदभूत रचना😊
Bahut sunder
👌👌👌❤
शानदार प्रस्तुति ❤
बहुत सुंदर, हमेशा की तरह, सभी को बहुत बहुत बधाई शुभकामनाएं
Lovely 🌹🌹😍😍
जय गुरू राम Jio savan पर अपने song our callertune available कराये।