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एक माहामानव की तपोस्थली शांतिकुंज हरिद्वार..। एक सोच से एक विचार से गायत्री परिवार के माहा परिवार तक
व्यक्ति की सोच और विचार पवित्र हो और उसके अंदर कुछ अच्छा कर गुजरने का जज्बा हो तो व्यक्ति को उसके मकसद से कोई नहीं रोक सकता है ।
और उसी सोच विचार और कुछ कर गुजरने की ललक ने पंडित श्री राम शर्मा आचार्य को बनाया माहामानव ।
और आचार्य जी के एक छोटे से प्रयास और उनके तपोबल से खड़ा हुआ गायत्री परिवार का एक माहा परिवार जिसमे देश विदेश में गायत्री परिवार के लाखो परिवार जन है।
और शांतिकुंज हरिद्वार सहित पूरे देश में हजारों गायत्री मंदिर और शांतिकुंज भवन.....
बस शांतिकुंज के संचालक मंडल से एक निवेदन की गुरजी के विचारो और संदेश को जन जन तक पहुंचाने का प्रयास निरंतर जारी रखे और शांतिकुंज भवन को तपोभवन ही बनाए रखे और उसकी पवित्रता को बचाते हुए उसे पर्यटन स्थल और होटल और लाज बनने से बचाया जाए ।
आपका
भरत जोशी
९४२५१२३४७०
#शांतिकुंज #हरिद्वार #श्रीराम
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