jyot Ka Din Yah Hai | song 294 | Sakshivani |

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lyrics from Sakshivani
294
1. ज्योति का दिन यह है
ज्योति हो सभों पर । हे प्रभु आज ही हो उदय अन्धेरा दूर तू कर।
2. यह दिन विश्राम का है बल नया हमें दे।
मन चिन्तित व्याकुल थका है तू अपनी शांति दे।
3. यह मेल का दिन भी है
मेल अपना हममें भर । सब छूट और झगड़े होवे क्षय समाप्त तू उन्हें कर।
4. यह दिन है प्रार्थना का,
मन आदरकारी दे । तू हमें अपनी ओर उठा और भेंट हो तुझ ही से।
5. यह अति उत्तम दिन यह पवित्र विश्रामवार । विश्राम न होगा तेरे बिन हे मेरे प्राणधार
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