जिस घर में हमारा जन्म हुआ पालन-पोषण हुआ वही घर पलायन के कारण इस तरह बंजर पडे हुये हैं 😭😭😭
। • क्या उत्तराखंड के गाँव... दुख की बात है पलायन के कारण उत्तराखंड के गाँव के गाँव बंजर पडे हैं , कितना दुख होता है अपनी जन्म भूमि को इस तरह बंजर देखकर।
Жүктеу.....
Пікірлер: 358
@prithvisinghrawat59903 ай бұрын
रोने से अच्छा यह होता कि आप सब मिलकर इस बनजर भूमि में फलों के वृक्ष लगवा देती,जो आगे वाली पीढ़ियों के लिए पुणय का कार्य होता।
@keshudhami7760
3 ай бұрын
भाई जी लगता है आपने कभी खुद एक पौधा भी नहीं लगाया है चलो मान लिया इन बहनों ने नारंगी माल्टा के पौधे लगा भी लिया तो उनको उगने तक पानी कौन डालेगा और जानवरों से सुरक्षा कौन करेगा पलायन यूके में घर घर की कहानी है भाई
@prithvisinghrawat5990
3 ай бұрын
मेरा बात किसी को दुखी करने के लिए नहीं ना ही कोई सवाल जबाव करने के लिए।जब मुझे पेड़ लगाने का अनुभव होगा,तभी मैंने अपना कमेन्ट दिया होगा।@@keshudhami7760
@user-li2hy4xk2d
3 ай бұрын
बहन जी भी मात्र वीडियो बनने के लिए आई है
@prithvisinghrawat5990
3 ай бұрын
कमेन्ट मानना या ना मानना आपकी इच्छा पर निर्भर करता है।@@keshudhami7760
@kameshlohumi2 ай бұрын
चिंता मत करिए ये सब बंजर घरों में हमारे मुस्लिम भाई रहेंगे कुछ साल रुकिए सब गांव हरे भरे हो जायेंगे । क्योंकि अब मुस्लिम भाई लगे पहाड़ो की ओर पलायन करने लगे है❤
@user-jz2tv3nv5e
2 ай бұрын
You are Right Bhai
@mahendrakhatri2479
5 күн бұрын
बंग्लादेसीयो को ओर क़्या चाहिये वो समय बहुत जल्द आने वाला है
@khushalsinghkoranga17013 ай бұрын
बहुत दुःखद है यह | स्वर्ग सी जन्म भूमि आज इस हाल में |
@ManojSingh-lh4jn3 ай бұрын
तभी तो कहता हूं कि आप ऐसे सरकारों को चुनो जो हमारे उत्तराखंड को संवारने में हमारी-आपकी मददगार साबित हो 😢
@kusumkandari249429 күн бұрын
बिल्कुल सही कहा बहन बहुत बुरा लगता है अपने जन्म भूमि को बंजर देखकर आप सभी बहनों को मेरा प्रणाम 😭🙏
@ashatomar19033 ай бұрын
देवी जी गढ़वाल छोड़ के शहर में चले गए हो लेकिन उससे भी ज्यादा दुखद बात तो यह है यह है कि आपको गढ़वाली भाषा आते हुए भी जानबूझकर आप गढ़वाली में नहीं बोल रहे हो हिंदी में बोल रहे हो कम से कम अगर मातृभूमि का त्याग कर दिया है आपने तो मातृभाषा का तो त्याग मत करो मातृभाषा को बोलने में शर्माना नहीं चाहिए
@digamberuniyal810
3 ай бұрын
आपने बहुत अच्छा जवाब दिया भाई साहब ! मै स्वयं अपने गांव से बाहर रह रहा हूं लेकिन मैने अपना घर बिलकुल सुंदर बनाया है। हर दो तीन महीने में एक चक्कर अवश्य ही अपने घर जाता हूं साफ सफाई तथा रिपेयर का कार्य कराता रहता हूं । मेरी इच्छा है कि मेरा बुढ़ापा भी वहीं बीते जहां मेरा बचपन गुजरा । कम से कम अपने माता पिता की संपत्ति को तब तक तो जरूर जिंदा रखूंगा जब तक मैं जिंदा रहूं। प्रणाम जी !❤❤❤
@AaditiRawatRawat
2 ай бұрын
Ye video sirf like or comment karwane ke liye bani hai Didi ji agar rona aa raha hai to garhwal apne ap jese logo ki wajha se aaj shadi hona bhi duswar ho gaya 😖😖😖
@jptamta1213 ай бұрын
अपनी - जन्म भूमि को कभी भूलना नहीं चाहिए जिसको स्वर्ग से भी बढ़ कर दर्जा दिया है❤ बहुत बढ़िया हृदय को हुने वाला ब्लौग ' अति उनम ।
@mohanbisht62023 ай бұрын
सारे पहाड़ की यही कहानी है ये सिलसिला रुकने वाला नहीं है शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार के अभाव के कारण ऐसी हालत पहाड़ में रुकने वाली नहीं है। बहुत सुंदर भावनात्मक ब्लॉग।
@puran72chandratripathi593 ай бұрын
पूरा उत्तराखंड आज ऐसे ही रोज रहा है शहरों में विस्थापित लोगों के वापस आने की कोई सूरत नहीं दिखाई देती 😢😢😢🎉
@vinodpokhriyal37403 ай бұрын
मै पहाड में हूँ, आजकल गाँव मे ज्यादातर बुजुर्ग हैं, 10 किलो प्याज के चक्कर मे पेयजल से सिचाई हो रही है,पीने को पानी नही है।माने यहां कैसे रहे? पलायन तो होना ही है।मै भी यही सोचता हूँ यहाँ से कब निकला जाय।पानी नही,दवाई नही,हर बक्त जंगली जानवर का डर।जो लोग चले गए, ज्यादा सुखी हैं।
@madansinghpanwar60963 ай бұрын
सही बात है बचपन फिर लौट कर नही आता केवल यादो के सिवाय
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
🙏🙏
@lpsharma92093 ай бұрын
बहन आप ने मुझे अपने घर की याद दिलाई है और अपने घर और गांव की ओर आने का संदेश दिया है आप को नमस्कार ओर बहुत बहुत धन्यवाद
@pramilarawat9817
3 ай бұрын
🙏🙏🙏
@DeepaRawat_mahilashaktimandali2 ай бұрын
हम भी शहर मै रहतेहै पर हमने अपना घर बहुत सुंदर बनाया है मंदिर भी 😊
@NarayanSingh-qi4xs3 ай бұрын
देव भूमि मे अपने पितरों की छाया जन्म भूमि वहां का बचपन आज हमें भी याद आ गया बाबू बूबू ने मेहनत से घर बनाये ये सब देखकर आखों में आंसू आ गये।
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
🙏🙏🙏😢😢
@SATISH_NEGI3 ай бұрын
जिन घरों में जन्मे हम उसके खुले किवाड़ छोड़ आये। महज दो जून रोटी के लिए अपने सुन्दर पहाड़ छोड़ आये। 😢😢😢
आप लोगों की बातें सुनकर मुझे लगता है कि आप लोग आज भी अपने ससुराल में अपने गांव के घरों में ही रहते होंगे 🙏🙏
@pramilavlogsuttrakhandi3 ай бұрын
जिस घर में हमारा जन्म हुआ पालन-पोषण हुआ वही घर पलायन के कारण इस तरह बंजर पडे हुये हैं 😭😭😭
@Shamsher_ChandАй бұрын
जिम्मेदार कौन? आँसू बहाने से क्या होगा? ये रोना लोगों को ज्यादा प्रभावित नहीं कर सकता, क्योंकि अपने स्तर पर क्या प्रयास किया ये महत्वपूर्ण है l जय भवानी
@anitadevrani12743 ай бұрын
बहुत सुंदर 🙏🙏❤️❤️रोङ की जगह गाँव तो अच्छा लग रहा फिर भी पलायन ❤
@anitadevrani1274
3 ай бұрын
हम भी आप के साथ जुङ गए ❤❤
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
Thankyou 🙏
@savitarana11503 ай бұрын
बचपन की यादें रुला दिया आपने
@nandansingh81142 ай бұрын
अपणी पुश्तैनी कूड़ा पुंगड़ा इनिके बंजर पड़ीगे हमारा पुरांणा पितर लोग बहुत दुखद होवला सभी उत्तराखंड लोगोअं तैं यु बिषय पर सोचंण पलोअ पिछियैडि़ बहुत देर हुये जैलि ।जय देबी भूमि उत्तराखंड ❤❤❤❤❤❤❤
@kamevet3 ай бұрын
प्रमिला बहुत अच्छी वीडियो बनाई मायके के बंजर खेत वह मकान को देखकर बहुत ही बुरा लग रहा है😭😭😭
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
😭😭😭
@guddigusain81663 ай бұрын
साल में एक बार घर जरूर जाना चाहिए❤❤? अपना गांव छोड़ना नहीं चाहिए
@ruhiyovlog53673 ай бұрын
मैं भी उत्तराखंड का हु दीदी आज जब में ड्यूटी में था आपकी यह वीडियो देख रहा था आंखो में आसू आ गए आज उत्तराखंड में हर गांव का यही हाल है आई लव उत्तराखंड आई लव पहाड़
@DevendraSingh-qq1kc3 ай бұрын
और उत्तराखंड सरकार से मेरा निवेदन है कि जिसकी भी जमीन 12 साल से बंजर पड़ी है और अपने घर नहीं आता है उसकी जमीन को सरकार को अधिकरण कर देना चाहिए और जो आदमी पहाड़ में निवास करते हैं उनको दे देना चाहिए
@devbhumiuatranchal5617
3 ай бұрын
Teri okat free ki hi khane ki hi lagta hai,
@digamberuniyal810
3 ай бұрын
भाई साहब कौन करेगा खेती , सरकारों ने सस्ती और मुफ्त की राशन ने लोगों को पंगु बना दिया है। प्रणाम जी !
@DevendraSingh-qq1kc
3 ай бұрын
@@digamberuniyal810 सर जी मैं जिला पिथौरागढ़ बेरीनाग मैं रहता हूं जहां पर ब्राह्मणों का गांव है और वहां से सारे ब्राह्मण पलायन कर गए हैं एक दो परिवार राजपूत भी रहता है राजपूत परिवार के एक नौजवान ने बहुत बड़ी साग सब्जी की बागवानी की है जिससे वह सालाना 500000 की सब्जी बेचता है चांदनी चौक में बर्तन साफ करना यहां के नौजवान को अच्छा लगता है लेकिन करोड़ों की जमीन घर में पड़ी है उसमें खेती करने में आदमी को शर्म आती है
@vijayasemwal_3 ай бұрын
ऐसे देखकर बहुत बुरा लगता है भुली ♥️♥️♥️ परमात्मा की कृपा से हम गांव में ही रहते हैं ❤
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
🙏🙏
@pahadijyotishi3 ай бұрын
जय श्रीराम 🙏 जय ईष्ट देवता जय कुलदेवी देवता, जय पित्रों की भूमि, जो दिन बीत चुके वो कभी नही आयेंगे 😢😢😢
@manjeetsolanki48673 ай бұрын
राज्य सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें।इन बेटियों के आंसुओं को समझते हुए पहाड़ के युवाओं के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध करायें जिससे कि पलायन रुके।
@madhukarsrivastava3183
3 ай бұрын
भाई यह रोजगार की वजह से पलायन का मामला नहीं है क्योंकि इनके सभी भाइयों ने देहरादून में मकान बनवाए हैं!! यह केवल आधुनिक सुख सुविधाओं की ललक का मामला है!! आज गाँव की महिला/ पुरुष दोनों ही आरामदायक सुविधापूर्ण जीवन चाहते हैं, शारीरिक मेहनत कोई नहीं करना चाहता है और यह बात सच है कि पहाड़ के गांवों में जीवन बहुत श्रमसाध्य है !!
@dineshmaletha60023 ай бұрын
आने वाली पीढ़ी हमको गालियां देंगी ❤
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
Ji 🙏🙏
@ChandraMohan-rb6fw3 ай бұрын
काश उत्तराखंड की औरतों को ससुराल के घरों पर भी रोना आता।तो पहाड़ों का ये। हाल नही होता।
@jogasingh2338
3 ай бұрын
पाहडो से पलायन का मुख्य कारण महिला ही है
@akshmodernschool7009
3 ай бұрын
@@jogasingh2338 सही कहा ना होगा बांस ना बजेगी बाँसुरी शादी करना बन्द कर दो तब आँखे खुलेंगी अरे सभी मिलकर महिलाओ को दोषी मान लिया बो भी इंसान है उनका मन भी करता है अपने हिसाब से जीने का बदलाब प्राकृति का ही नियम है
@rameshrawat96393 ай бұрын
🚩जय जय देवभूमि उत्तराखंड 🌹🙏 🚩जय जय बद्री केदार 🌹🌹🙏 धन्य हैं बह देवभूमि की बेटियां बहुएं माताएं जिन्होनें कठीन परिस्थितियों और सिमित संसाधनों से अपनी खेती बाडी़ और आपने पित्रों के मकानों में रोसनी का दीपक जला रखा हे अपनी कठिन मेहनत के दम पर कर रही हैं खेती 💐 धन्यवाद हाथ जोड़कर 🙏
@premlalsaklani75913 ай бұрын
कौन जिम्मेदार हैं हम सभी लोगों को सोचना चाहिए। अभी भी समय है अपनी जन्म भूमि को संजोएं नहीं तो बहुत देर हो जायेगी।
@user-li4wb6vb2o2 ай бұрын
Sehi bola betiyan Jahan bhi jayen shadi ke baad maike chahe koi ho ja na ho ghar dekhker hi Rona aa jata hai
@c.loliya95663 ай бұрын
वैसे आपकी बात सही है। पर जरा दोनों पहलुओं को समझना जरूरी है। पहली बात आपने अपने मायके को देखा रोना आया, दूसरी बात अपने ससुराल के घरों को भी देखो। आपने अपनी सुख सुविधा के लिए ससुराल के घरों को बंजर करवा दिया,इसी प्रकार आपकी भाभियों ने भी बंजर करवा दिया। इसके लिए महिलाएं जिम्मेदार है। पुरूष तो पहले से ही बाहर रहा है। इसलिए सभी महिलाएं इस जिम्मेदारी को निभायें। उत्तराखंड अपने आप सुधर जायेगा।
@avinashikhantwal9404
3 ай бұрын
Bhai ji Aap ne bahut he sundar baat kahi,Ish palayan ka ek karan Mahila bhi hai.Purush to pahle say bahar jata raha hai kamane k liye.lekin mahilao ki wajah say ki hamko kam nahi karna pare.Ish tarah Hamara Gadwal palayan ka karan hai.Aap ka wakai Parsansniya hai🙏🙏
@sonuranapahadibhaijayuttra124
3 ай бұрын
Shi bat brother 👍
@Bhagwati_rawat
3 ай бұрын
Shi बात आप सभी भी सहरी हो गये
@harshmahara6550
3 ай бұрын
महिलाओं ने गददारी की है पुरूषों को तो नौकरी के लिये दूर जाना ही पडता है
@DineshDinesh-vv3wj
3 ай бұрын
Bahut bahut sunder aaj apkaa bolg dekhaa.. Sochne wali baat e h ki palayan ku hua h hamare pahadon se....kahin nakahin hamare pahadon aaj bhi moolbhut jaruraten...jaise 1.education 2 medical 3.rojgaar 4.h wo h dekha dekhi aaj ke dour p apke gawn wali kahani hamare poore pahad ki h...ji bura to har kisi ko lagta h .jab apni jnm bhumi ko is haal m dekhega to. Ek majboori h ji .or ek jimmedari.apne bachon ko lekar. Lekin uske sath sath ham apni bahut bdi birast ko khote ja rahe h ...😢😢m khud army se hi or apne gawn ko bahut miss karta hu. Rona ataa h bahut....bt kise kahe. aaj hm hi bahr h bachon ke khatir. JAI Dev bhoomi uttarakhand 🙏
@ganeshbisht40333 ай бұрын
बहन पूरे उत्तराखंड का यही हाल है दिल से रोना आ रहा है
@ranaji12br
3 ай бұрын
Nhi bhaiji kabi hamare pauri rath ana koi palayan nhi
@bhaskarnaithani96703 ай бұрын
अभी आने वाले १० सालों में और भी बुरी स्थिति होने वाली है हमारे उत्तराखंड की ,सबको देहरादून चाहिए।
@rajinderjoshi20483 ай бұрын
Apna Ghar ka dhyan rakhna chahiye or sabhi ko saath milkar uttarakhand ka vikas karna chahiye ❤😂😊
@totaram.dudpuri3 ай бұрын
दीदी नमस्कार वैसे पलायन का कारण हमारी माता और बहनों का बड़ा हाथ है आपको दोनो पहलो पर समझना चाहिए जहांआपका ससुराल है क्या आप वहां रह रही हो
@Manojkumar-vh4lj2 ай бұрын
Bahut hi sunder aur Emotional moments... yaad na jaye beete dino ki....
@Negichannel7803 ай бұрын
दीदी आपने मुझे भी रुला दिया 😢😢😢
@user-iz2hm1ff5o2 ай бұрын
पलायन की पीड़ा 😢😢😢😢😢❤❤❤❤❤
@babitatyagi34283 ай бұрын
Aap ne mere ko mere bachpan yad diladiya pahad ho ya samtal phle sab ka bachpan ak jesa tha ab sab ko shro ka hi rhna pasnd h
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
💐💐💐
@darshanNegivlogsАй бұрын
क्या करें जी कोई भी पहाड़ों में रहना नहीं चाहते हैं आ रहा है समय पहाड़ों का
@ssrana75723 ай бұрын
पलायन भी तो हम ही कर रहे हैं अगर जन्म भूमि से सच्चा लगाव है तो फिर पलायन क्यों कर रहे हैं? पलायन पर सबसा जयादा वही बोल रहा है जो स्वयं पलायन कर रहा है जिन्हें अपनी जन्म भूमि से वास्तविक प्रेम है वह आज भी अपनी जन्म भूमि नहीं छोड रहा है आज भी यहीं रह रहा है।
@sonuranapahadibhaijayuttra124
3 ай бұрын
Bilkul shi ji 👍
@manjunayal94212 ай бұрын
बहुत ही दुखद की बातहै बहन 🎉
@ganeshprasad17223 ай бұрын
उत्तराखंड बनने के बाद ऐसी ही बरबादी होनी थी तो उत्तर प्रदेश ही बढ़िया था राजधानी लखनऊ रहती तो सभी लोग देहरादून तो नहीं जाते भाड़ में जाए ऐसा विकास जो केवल देहरादून तक सीमित है ।
@paraj-anilrawat3 ай бұрын
बहनों हम सब ही जिम्मेदार है इस दुर्दशा के, अगर बीच बीच में सब को आते रहना चाहिए और पित्रों के धरोहर को संभालते रहना चाहिए।
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
🙏🙏🙏
@VirendraPanwar-tr4th3 ай бұрын
हमारे भी आंसू आ गए इस उत्तराखंड के प्लान की दशा को देखकर के😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
@ranjeetnegi72812 ай бұрын
Bahut sundar didi parmila
@user-im8nw3hw1y2 ай бұрын
देखिए जब तक रोजगार और स्कूल, हॉस्पिटल, मार्केट आदि की सुविधाएं नहीं होगी तो कोई केसे रहेगा पुराना समय अलग था
@surendradhiman54123 ай бұрын
हर हर महादेव ❤ध्याणियो का रोना पित्र पुर्वजों का आशीर्वाद मिलना होता है। सभी बहिनो को सादर प्रणाम 🙏🙏 यादें तो आहीं जाती दीदी जी आज भी हम अपने खेत खलियानों कै खुशहाल बना सकते हैं।
@jaibirrawat92963 ай бұрын
बहुत ही भाऊक ऐसी चीज देख के बहुत ही रोना आता है
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
😢😢
@phadichillvloger48433 ай бұрын
सब जगह के यही हाल है बहन❤❤
@seemabisht17443 ай бұрын
रुला दिया आपने आज दीदी 😢😢
@user-my2hv1xe5v2 ай бұрын
Nice picture bahin ji
@DharmsinghNegi3 ай бұрын
🎉😢बहुत ही भाउक चित्रण किया है ।सभी बहनों को धन्यवाद शुभ आशीर्वाद ।धर्म सिंह् नेगी तुनवाला देहरादून ।
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
🙏🙏🙏
@KaranBisht-ko7rq3 ай бұрын
Sahi bola aapne bahan ji mujhe bhi Kasam se Rona aa raha h
@rameshbisht29213 ай бұрын
वाकई में बहुत दुःख होता है अपनी जन्मभूमि और मातृ भूमि को देख कर, हमारे पौड़ी गढ़वाल में भी येसा ही है, आजीविका चलाने के लिए,, आंखो मे आंसू आ गए आप सभी बहीनो को देख कर, बचपन की यादे,, nice vlog भूलू
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
🙏🙏🙏
@balwantsingh81383 ай бұрын
Beti ek Jaisi sthiti hai😢😢
@user-jz9cl1ku3i2 ай бұрын
सोच बडी रखो हमारे घर खेती बाडी वही है दुनिया मे लोगो के हर अगल देशो मे घर होते है पर वे लोग देखभाल करते रहते है देखभाल करे सब कुछ वापस हो सकता है बाकी as you know जीवन परिवर्तन है
@manjeetsolanki48673 ай бұрын
एक बेटी दर्द । बेटियां अपनी जन्म भूमि को बयां करके भावुक हो रही हैं।
@jaswantsinghbisht93693 ай бұрын
है गांव अभी तक टूटा मकां हमारा है उसमें अभी बाकी नामोंनिशां हमारा।
@afellowtraveller3 ай бұрын
बेहतरीन भावुक वीडियो
@KavitaBishtVlogs.3 ай бұрын
बहुत सुंदर ब्लॉग बहना आपने तो रूला दिया 😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭
@VijaySharma-cr9tv2 ай бұрын
Bhout acha lega iske liye aap khud zimmewar hai
@harishjoshi67813 ай бұрын
रोने की जरूरत नहीं किसने बंजर किया उसको बताओ
@BhagwatiParsad-zv1sq2 ай бұрын
आप लोगों की वजह से ही देवभूमि आज बंजर पड़ी हुई है
@rajneeshdimridoonvalley3833 ай бұрын
मैं हमेशा हर उत्तराखंड के लोगों के ब्लॉग पर जो गाऊँ का पलायन दिखाते हैं कॉमेंट कर्ता हूं कि गाऊँ को एसा छोडें नहीं साल 6 महीने में जरूर जाएं हमारे बाप दादा की मेहनत को बर्बाद न करें. उनका तबी आशीर्वाद मिलेगा तभी आप falenge fulenge एक हफ्ते ही जाएं पर जाएं
@cmskohli1770Ай бұрын
बहुत बढ़िया ♥️♥️♥️♥️
@sunitadhanda3 ай бұрын
काश हमारे पास होता तो हम अच्छे से केयर करते ।
@virranauttarakhandi24333 ай бұрын
लगभग सभी गांवों में विकास के अंधे दौड़ में सभी गांवो में पलायन का ऐसा मंजर देखने को मिल रहा है दीदी क्या vor दिन आएंगे की नहीं समझ नहीं आता है । क्या होगा ये विकास में
@anandsharma15952 ай бұрын
जन्म भूमि से लगाव , सब समय का बदलाव। केवल स्मृतियां रह गई हैं।
@rajeshjayal90023 ай бұрын
Very very sentimental and painful!!!!
@jtpsrawat8803 ай бұрын
हे राम हे राम हे राम
@HarishChand-nv9ts3 ай бұрын
बहन जी इन घरों और खेतों को बंजर करने का श्रेय भी तो आपके भाइयों को ही लेना पड़ेगा ऐसा क्या निराला है देहरादून का किसी अन्य शहर में जो कि अपनी जन्मभूमि का ये हाल बना दिया है चलो ये तो आपका मायका है और यहां आप लोगों का बचपन बीता है पर क्या आज जो आपका अपना घर या ससुराल है वो आबाद है ? क्या कभी उसके लिए भी आंसू निकलते है क्या कभी झूठे ही सही दिल में खयाल आता है कि चलो उसे संवार लें क्योंकि वो तो आपके अपने हाथों में है और इसमें कुछ असंभव भी नहीं । उत्तराखंडियों के ऐसे आंसुओं को देखकर उनके लिए कोई शब्द नहीं निकलते जो अपने पूर्वजों के अथक और अकल्पनीय प्रयासों से संजोए गए और गरीबी और बेबसी के बाबजूद बनाए गए इतने सुंदर और बड़े बड़े मकानों और खेत खलिहानों को सदा के लिए ऐसे छोड़ गए कि साल में एक दो बार दो चार दिन ही सही वहां के रख रखाव और देख भाल के लिए वहां चले जाएं हम पहाड़ियों के पास पहाड़ के मुकाबले कितनी जमीन और मकान शहरों में है। जब आज आप जैसे लोग हार मान बैठे हो तो आपके बच्चे जो इस जगह से अछूते हैं वो वहां क्यों झांकने भी जायेंगे 🙏
@gardenvlogs12 ай бұрын
आगे आने वाली पीढियां यही रहेंगी समय ऐसा आयेगा।
@memory11343 ай бұрын
Sabse bada karan education h unke liye hi mhilayen bahar ja rhi ghr me kaam bhi to jyada h ati kaam bhi swasthya ke liye hanikarak h jaise hmari mother unhone hmesha kheti ki aur aaj cancer se jujh rhi h shanti to pahadon me hi h lekin wha kaam krna bhut tough hmare ganvo ke bhi yhi haal hn .nai peethi ki karmath h sabke bache pta nhi kya -2 banage suvidhayen to h nhi pahadon me bache bhi buddi ho to khin bhi padh jate hn but obtion h aadami ke pas to kya kr skte hn 2-4 logon ne hi ganv bacha rakhe h school bhi bnd hone ki kagar par hn
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
Bhagwan aapki mother ko bahut jaldi theek kar dega
@harshmahara65503 ай бұрын
पैसा अधिक हो जाने के कारण ये हाल हुआ लोगों ने मेहनत करना छोड़ दिया
@ushapokhriyal99773 ай бұрын
बहुत खराब लग रहा है मुझे भी सब के घरों का यही हाल है हमारे भी
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
😭😭😭
@DevendraSingh-qq1kc3 ай бұрын
कुमाऊं की अपेक्षा गढ़वाल से ज्यादा पलायन हो गया है आप लोगों से निवेदन है कि जरूर इस पहाड़ को बसाने का कोशिश करें इस बंजर भूमि में चाय का बागान भी लगा सकते हैं और kiwi की खेती कर सकते हैं
😢😢 government kuch nhi karti uttrakhand k gaon khandar hota jaa rhe h😕😕
@vinoduniyal64103 ай бұрын
मैडम इसकी जिम्मेदार भी हम ही हैं । अब रोनाकिस लिए
@UttamSingh-hc1ks3 ай бұрын
Apni purni yadon ko agar jinda rakhna hai too aap is jagh pay fir se bana lo ji ..jab v aap ka dil kare aap aa ja sakte ho our aap ko v khusi hogi ....
@harishbhandari56532 ай бұрын
Bahut dukhud
@muneshwarlalmanoharlal85003 ай бұрын
Muneshwar lal up Hardoi Uttar Pradesh India
@Vaijantidevirana3 ай бұрын
दीदी मैं ❤दिल से ❤️ 🙏 मैं आपके जो भीतर में मायके का अपनीं जन्मभूमि के प्रति प्यार, प्रेम और स्नेह और सम्मान,,दर्द, पीड़ा, संवेदनाओं और भावनाओं को व्यक्त किया है 🎉❤❤ सम्मान करती हूं 🙏 ❤ बहुत बुरू लगणूं रे दीदी ❤❤😢😢😢😢😢😢😢😢😢
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
😢😢
@Vaijantidevirana
3 ай бұрын
@@pramilavlogsuttrakhandi ❤️😭❤️😭❤️🌹💐🌺🙏🙏🙏🙏🙏
@user-lf1mp3zn7n3 ай бұрын
Bhut sunder blogging...feel so sad me too parmila
@suvedprakash32773 ай бұрын
बिटिया साल मे एक दो बार.जरूर. गांव आया करो,कमसे कम हमारी मात्रिभूमि आगे आने वाली पीढी को हमारा अतीत बताती रहेगी।
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
🙏🙏
@pratapsinghrawat-Nyangarh3 ай бұрын
रोने से कोई फायदा नही भूली। सभी लोग वापिस गांव जाने की प्लानिंग करो चाहे ससुराल के हों या मैती। रोड़ दुविधा है तो पहले वाली आधी से ज्यादा समस्या का समाधान हो चुका है। इसको हमें मुहिम बनाना होगा।
@mpsnegi93453 ай бұрын
बहन आप लोग हर साल गांव में आया करो। आपका वीडियो बहुत मार्मिक है
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
🙏🙏🙏
@santichandra84073 ай бұрын
Sandar Ji 🙏🙏🙏
@vimalbhatt28283 ай бұрын
Rone ke alawa ab kuch nahi hai hamarey gharo ko dekh kar
Пікірлер: 358
रोने से अच्छा यह होता कि आप सब मिलकर इस बनजर भूमि में फलों के वृक्ष लगवा देती,जो आगे वाली पीढ़ियों के लिए पुणय का कार्य होता।
@keshudhami7760
3 ай бұрын
भाई जी लगता है आपने कभी खुद एक पौधा भी नहीं लगाया है चलो मान लिया इन बहनों ने नारंगी माल्टा के पौधे लगा भी लिया तो उनको उगने तक पानी कौन डालेगा और जानवरों से सुरक्षा कौन करेगा पलायन यूके में घर घर की कहानी है भाई
@prithvisinghrawat5990
3 ай бұрын
मेरा बात किसी को दुखी करने के लिए नहीं ना ही कोई सवाल जबाव करने के लिए।जब मुझे पेड़ लगाने का अनुभव होगा,तभी मैंने अपना कमेन्ट दिया होगा।@@keshudhami7760
@user-li2hy4xk2d
3 ай бұрын
बहन जी भी मात्र वीडियो बनने के लिए आई है
@prithvisinghrawat5990
3 ай бұрын
कमेन्ट मानना या ना मानना आपकी इच्छा पर निर्भर करता है।@@keshudhami7760
चिंता मत करिए ये सब बंजर घरों में हमारे मुस्लिम भाई रहेंगे कुछ साल रुकिए सब गांव हरे भरे हो जायेंगे । क्योंकि अब मुस्लिम भाई लगे पहाड़ो की ओर पलायन करने लगे है❤
@user-jz2tv3nv5e
2 ай бұрын
You are Right Bhai
@mahendrakhatri2479
5 күн бұрын
बंग्लादेसीयो को ओर क़्या चाहिये वो समय बहुत जल्द आने वाला है
बहुत दुःखद है यह | स्वर्ग सी जन्म भूमि आज इस हाल में |
तभी तो कहता हूं कि आप ऐसे सरकारों को चुनो जो हमारे उत्तराखंड को संवारने में हमारी-आपकी मददगार साबित हो 😢
बिल्कुल सही कहा बहन बहुत बुरा लगता है अपने जन्म भूमि को बंजर देखकर आप सभी बहनों को मेरा प्रणाम 😭🙏
देवी जी गढ़वाल छोड़ के शहर में चले गए हो लेकिन उससे भी ज्यादा दुखद बात तो यह है यह है कि आपको गढ़वाली भाषा आते हुए भी जानबूझकर आप गढ़वाली में नहीं बोल रहे हो हिंदी में बोल रहे हो कम से कम अगर मातृभूमि का त्याग कर दिया है आपने तो मातृभाषा का तो त्याग मत करो मातृभाषा को बोलने में शर्माना नहीं चाहिए
@digamberuniyal810
3 ай бұрын
आपने बहुत अच्छा जवाब दिया भाई साहब ! मै स्वयं अपने गांव से बाहर रह रहा हूं लेकिन मैने अपना घर बिलकुल सुंदर बनाया है। हर दो तीन महीने में एक चक्कर अवश्य ही अपने घर जाता हूं साफ सफाई तथा रिपेयर का कार्य कराता रहता हूं । मेरी इच्छा है कि मेरा बुढ़ापा भी वहीं बीते जहां मेरा बचपन गुजरा । कम से कम अपने माता पिता की संपत्ति को तब तक तो जरूर जिंदा रखूंगा जब तक मैं जिंदा रहूं। प्रणाम जी !❤❤❤
@AaditiRawatRawat
2 ай бұрын
Ye video sirf like or comment karwane ke liye bani hai Didi ji agar rona aa raha hai to garhwal apne ap jese logo ki wajha se aaj shadi hona bhi duswar ho gaya 😖😖😖
अपनी - जन्म भूमि को कभी भूलना नहीं चाहिए जिसको स्वर्ग से भी बढ़ कर दर्जा दिया है❤ बहुत बढ़िया हृदय को हुने वाला ब्लौग ' अति उनम ।
सारे पहाड़ की यही कहानी है ये सिलसिला रुकने वाला नहीं है शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार के अभाव के कारण ऐसी हालत पहाड़ में रुकने वाली नहीं है। बहुत सुंदर भावनात्मक ब्लॉग।
पूरा उत्तराखंड आज ऐसे ही रोज रहा है शहरों में विस्थापित लोगों के वापस आने की कोई सूरत नहीं दिखाई देती 😢😢😢🎉
मै पहाड में हूँ, आजकल गाँव मे ज्यादातर बुजुर्ग हैं, 10 किलो प्याज के चक्कर मे पेयजल से सिचाई हो रही है,पीने को पानी नही है।माने यहां कैसे रहे? पलायन तो होना ही है।मै भी यही सोचता हूँ यहाँ से कब निकला जाय।पानी नही,दवाई नही,हर बक्त जंगली जानवर का डर।जो लोग चले गए, ज्यादा सुखी हैं।
सही बात है बचपन फिर लौट कर नही आता केवल यादो के सिवाय
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
🙏🙏
बहन आप ने मुझे अपने घर की याद दिलाई है और अपने घर और गांव की ओर आने का संदेश दिया है आप को नमस्कार ओर बहुत बहुत धन्यवाद
@pramilarawat9817
3 ай бұрын
🙏🙏🙏
हम भी शहर मै रहतेहै पर हमने अपना घर बहुत सुंदर बनाया है मंदिर भी 😊
देव भूमि मे अपने पितरों की छाया जन्म भूमि वहां का बचपन आज हमें भी याद आ गया बाबू बूबू ने मेहनत से घर बनाये ये सब देखकर आखों में आंसू आ गये।
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
🙏🙏🙏😢😢
जिन घरों में जन्मे हम उसके खुले किवाड़ छोड़ आये। महज दो जून रोटी के लिए अपने सुन्दर पहाड़ छोड़ आये। 😢😢😢
@Bagwan1973
3 ай бұрын
youtube.com/@Bagwan1973?si=l68fadubTc9d7B4g?sub_confirmation=1
आप लोगों की बातें सुनकर मुझे लगता है कि आप लोग आज भी अपने ससुराल में अपने गांव के घरों में ही रहते होंगे 🙏🙏
जिस घर में हमारा जन्म हुआ पालन-पोषण हुआ वही घर पलायन के कारण इस तरह बंजर पडे हुये हैं 😭😭😭
जिम्मेदार कौन? आँसू बहाने से क्या होगा? ये रोना लोगों को ज्यादा प्रभावित नहीं कर सकता, क्योंकि अपने स्तर पर क्या प्रयास किया ये महत्वपूर्ण है l जय भवानी
बहुत सुंदर 🙏🙏❤️❤️रोङ की जगह गाँव तो अच्छा लग रहा फिर भी पलायन ❤
@anitadevrani1274
3 ай бұрын
हम भी आप के साथ जुङ गए ❤❤
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
Thankyou 🙏
बचपन की यादें रुला दिया आपने
अपणी पुश्तैनी कूड़ा पुंगड़ा इनिके बंजर पड़ीगे हमारा पुरांणा पितर लोग बहुत दुखद होवला सभी उत्तराखंड लोगोअं तैं यु बिषय पर सोचंण पलोअ पिछियैडि़ बहुत देर हुये जैलि ।जय देबी भूमि उत्तराखंड ❤❤❤❤❤❤❤
प्रमिला बहुत अच्छी वीडियो बनाई मायके के बंजर खेत वह मकान को देखकर बहुत ही बुरा लग रहा है😭😭😭
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
😭😭😭
साल में एक बार घर जरूर जाना चाहिए❤❤? अपना गांव छोड़ना नहीं चाहिए
मैं भी उत्तराखंड का हु दीदी आज जब में ड्यूटी में था आपकी यह वीडियो देख रहा था आंखो में आसू आ गए आज उत्तराखंड में हर गांव का यही हाल है आई लव उत्तराखंड आई लव पहाड़
और उत्तराखंड सरकार से मेरा निवेदन है कि जिसकी भी जमीन 12 साल से बंजर पड़ी है और अपने घर नहीं आता है उसकी जमीन को सरकार को अधिकरण कर देना चाहिए और जो आदमी पहाड़ में निवास करते हैं उनको दे देना चाहिए
@devbhumiuatranchal5617
3 ай бұрын
Teri okat free ki hi khane ki hi lagta hai,
@digamberuniyal810
3 ай бұрын
भाई साहब कौन करेगा खेती , सरकारों ने सस्ती और मुफ्त की राशन ने लोगों को पंगु बना दिया है। प्रणाम जी !
@DevendraSingh-qq1kc
3 ай бұрын
@@digamberuniyal810 सर जी मैं जिला पिथौरागढ़ बेरीनाग मैं रहता हूं जहां पर ब्राह्मणों का गांव है और वहां से सारे ब्राह्मण पलायन कर गए हैं एक दो परिवार राजपूत भी रहता है राजपूत परिवार के एक नौजवान ने बहुत बड़ी साग सब्जी की बागवानी की है जिससे वह सालाना 500000 की सब्जी बेचता है चांदनी चौक में बर्तन साफ करना यहां के नौजवान को अच्छा लगता है लेकिन करोड़ों की जमीन घर में पड़ी है उसमें खेती करने में आदमी को शर्म आती है
ऐसे देखकर बहुत बुरा लगता है भुली ♥️♥️♥️ परमात्मा की कृपा से हम गांव में ही रहते हैं ❤
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
🙏🙏
जय श्रीराम 🙏 जय ईष्ट देवता जय कुलदेवी देवता, जय पित्रों की भूमि, जो दिन बीत चुके वो कभी नही आयेंगे 😢😢😢
राज्य सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें।इन बेटियों के आंसुओं को समझते हुए पहाड़ के युवाओं के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध करायें जिससे कि पलायन रुके।
@madhukarsrivastava3183
3 ай бұрын
भाई यह रोजगार की वजह से पलायन का मामला नहीं है क्योंकि इनके सभी भाइयों ने देहरादून में मकान बनवाए हैं!! यह केवल आधुनिक सुख सुविधाओं की ललक का मामला है!! आज गाँव की महिला/ पुरुष दोनों ही आरामदायक सुविधापूर्ण जीवन चाहते हैं, शारीरिक मेहनत कोई नहीं करना चाहता है और यह बात सच है कि पहाड़ के गांवों में जीवन बहुत श्रमसाध्य है !!
आने वाली पीढ़ी हमको गालियां देंगी ❤
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
Ji 🙏🙏
काश उत्तराखंड की औरतों को ससुराल के घरों पर भी रोना आता।तो पहाड़ों का ये। हाल नही होता।
@jogasingh2338
3 ай бұрын
पाहडो से पलायन का मुख्य कारण महिला ही है
@akshmodernschool7009
3 ай бұрын
@@jogasingh2338 सही कहा ना होगा बांस ना बजेगी बाँसुरी शादी करना बन्द कर दो तब आँखे खुलेंगी अरे सभी मिलकर महिलाओ को दोषी मान लिया बो भी इंसान है उनका मन भी करता है अपने हिसाब से जीने का बदलाब प्राकृति का ही नियम है
🚩जय जय देवभूमि उत्तराखंड 🌹🙏 🚩जय जय बद्री केदार 🌹🌹🙏 धन्य हैं बह देवभूमि की बेटियां बहुएं माताएं जिन्होनें कठीन परिस्थितियों और सिमित संसाधनों से अपनी खेती बाडी़ और आपने पित्रों के मकानों में रोसनी का दीपक जला रखा हे अपनी कठिन मेहनत के दम पर कर रही हैं खेती 💐 धन्यवाद हाथ जोड़कर 🙏
कौन जिम्मेदार हैं हम सभी लोगों को सोचना चाहिए। अभी भी समय है अपनी जन्म भूमि को संजोएं नहीं तो बहुत देर हो जायेगी।
Sehi bola betiyan Jahan bhi jayen shadi ke baad maike chahe koi ho ja na ho ghar dekhker hi Rona aa jata hai
वैसे आपकी बात सही है। पर जरा दोनों पहलुओं को समझना जरूरी है। पहली बात आपने अपने मायके को देखा रोना आया, दूसरी बात अपने ससुराल के घरों को भी देखो। आपने अपनी सुख सुविधा के लिए ससुराल के घरों को बंजर करवा दिया,इसी प्रकार आपकी भाभियों ने भी बंजर करवा दिया। इसके लिए महिलाएं जिम्मेदार है। पुरूष तो पहले से ही बाहर रहा है। इसलिए सभी महिलाएं इस जिम्मेदारी को निभायें। उत्तराखंड अपने आप सुधर जायेगा।
@avinashikhantwal9404
3 ай бұрын
Bhai ji Aap ne bahut he sundar baat kahi,Ish palayan ka ek karan Mahila bhi hai.Purush to pahle say bahar jata raha hai kamane k liye.lekin mahilao ki wajah say ki hamko kam nahi karna pare.Ish tarah Hamara Gadwal palayan ka karan hai.Aap ka wakai Parsansniya hai🙏🙏
@sonuranapahadibhaijayuttra124
3 ай бұрын
Shi bat brother 👍
@Bhagwati_rawat
3 ай бұрын
Shi बात आप सभी भी सहरी हो गये
@harshmahara6550
3 ай бұрын
महिलाओं ने गददारी की है पुरूषों को तो नौकरी के लिये दूर जाना ही पडता है
@DineshDinesh-vv3wj
3 ай бұрын
Bahut bahut sunder aaj apkaa bolg dekhaa.. Sochne wali baat e h ki palayan ku hua h hamare pahadon se....kahin nakahin hamare pahadon aaj bhi moolbhut jaruraten...jaise 1.education 2 medical 3.rojgaar 4.h wo h dekha dekhi aaj ke dour p apke gawn wali kahani hamare poore pahad ki h...ji bura to har kisi ko lagta h .jab apni jnm bhumi ko is haal m dekhega to. Ek majboori h ji .or ek jimmedari.apne bachon ko lekar. Lekin uske sath sath ham apni bahut bdi birast ko khote ja rahe h ...😢😢m khud army se hi or apne gawn ko bahut miss karta hu. Rona ataa h bahut....bt kise kahe. aaj hm hi bahr h bachon ke khatir. JAI Dev bhoomi uttarakhand 🙏
बहन पूरे उत्तराखंड का यही हाल है दिल से रोना आ रहा है
@ranaji12br
3 ай бұрын
Nhi bhaiji kabi hamare pauri rath ana koi palayan nhi
अभी आने वाले १० सालों में और भी बुरी स्थिति होने वाली है हमारे उत्तराखंड की ,सबको देहरादून चाहिए।
Apna Ghar ka dhyan rakhna chahiye or sabhi ko saath milkar uttarakhand ka vikas karna chahiye ❤😂😊
दीदी नमस्कार वैसे पलायन का कारण हमारी माता और बहनों का बड़ा हाथ है आपको दोनो पहलो पर समझना चाहिए जहांआपका ससुराल है क्या आप वहां रह रही हो
Bahut hi sunder aur Emotional moments... yaad na jaye beete dino ki....
दीदी आपने मुझे भी रुला दिया 😢😢😢
पलायन की पीड़ा 😢😢😢😢😢❤❤❤❤❤
Aap ne mere ko mere bachpan yad diladiya pahad ho ya samtal phle sab ka bachpan ak jesa tha ab sab ko shro ka hi rhna pasnd h
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
💐💐💐
क्या करें जी कोई भी पहाड़ों में रहना नहीं चाहते हैं आ रहा है समय पहाड़ों का
पलायन भी तो हम ही कर रहे हैं अगर जन्म भूमि से सच्चा लगाव है तो फिर पलायन क्यों कर रहे हैं? पलायन पर सबसा जयादा वही बोल रहा है जो स्वयं पलायन कर रहा है जिन्हें अपनी जन्म भूमि से वास्तविक प्रेम है वह आज भी अपनी जन्म भूमि नहीं छोड रहा है आज भी यहीं रह रहा है।
@sonuranapahadibhaijayuttra124
3 ай бұрын
Bilkul shi ji 👍
बहुत ही दुखद की बातहै बहन 🎉
उत्तराखंड बनने के बाद ऐसी ही बरबादी होनी थी तो उत्तर प्रदेश ही बढ़िया था राजधानी लखनऊ रहती तो सभी लोग देहरादून तो नहीं जाते भाड़ में जाए ऐसा विकास जो केवल देहरादून तक सीमित है ।
बहनों हम सब ही जिम्मेदार है इस दुर्दशा के, अगर बीच बीच में सब को आते रहना चाहिए और पित्रों के धरोहर को संभालते रहना चाहिए।
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
🙏🙏🙏
हमारे भी आंसू आ गए इस उत्तराखंड के प्लान की दशा को देखकर के😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
Bahut sundar didi parmila
देखिए जब तक रोजगार और स्कूल, हॉस्पिटल, मार्केट आदि की सुविधाएं नहीं होगी तो कोई केसे रहेगा पुराना समय अलग था
हर हर महादेव ❤ध्याणियो का रोना पित्र पुर्वजों का आशीर्वाद मिलना होता है। सभी बहिनो को सादर प्रणाम 🙏🙏 यादें तो आहीं जाती दीदी जी आज भी हम अपने खेत खलियानों कै खुशहाल बना सकते हैं।
बहुत ही भाऊक ऐसी चीज देख के बहुत ही रोना आता है
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
😢😢
सब जगह के यही हाल है बहन❤❤
रुला दिया आपने आज दीदी 😢😢
Nice picture bahin ji
🎉😢बहुत ही भाउक चित्रण किया है ।सभी बहनों को धन्यवाद शुभ आशीर्वाद ।धर्म सिंह् नेगी तुनवाला देहरादून ।
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
🙏🙏🙏
Sahi bola aapne bahan ji mujhe bhi Kasam se Rona aa raha h
वाकई में बहुत दुःख होता है अपनी जन्मभूमि और मातृ भूमि को देख कर, हमारे पौड़ी गढ़वाल में भी येसा ही है, आजीविका चलाने के लिए,, आंखो मे आंसू आ गए आप सभी बहीनो को देख कर, बचपन की यादे,, nice vlog भूलू
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
🙏🙏🙏
Beti ek Jaisi sthiti hai😢😢
सोच बडी रखो हमारे घर खेती बाडी वही है दुनिया मे लोगो के हर अगल देशो मे घर होते है पर वे लोग देखभाल करते रहते है देखभाल करे सब कुछ वापस हो सकता है बाकी as you know जीवन परिवर्तन है
एक बेटी दर्द । बेटियां अपनी जन्म भूमि को बयां करके भावुक हो रही हैं।
है गांव अभी तक टूटा मकां हमारा है उसमें अभी बाकी नामोंनिशां हमारा।
बेहतरीन भावुक वीडियो
बहुत सुंदर ब्लॉग बहना आपने तो रूला दिया 😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭
Bhout acha lega iske liye aap khud zimmewar hai
रोने की जरूरत नहीं किसने बंजर किया उसको बताओ
आप लोगों की वजह से ही देवभूमि आज बंजर पड़ी हुई है
मैं हमेशा हर उत्तराखंड के लोगों के ब्लॉग पर जो गाऊँ का पलायन दिखाते हैं कॉमेंट कर्ता हूं कि गाऊँ को एसा छोडें नहीं साल 6 महीने में जरूर जाएं हमारे बाप दादा की मेहनत को बर्बाद न करें. उनका तबी आशीर्वाद मिलेगा तभी आप falenge fulenge एक हफ्ते ही जाएं पर जाएं
बहुत बढ़िया ♥️♥️♥️♥️
काश हमारे पास होता तो हम अच्छे से केयर करते ।
लगभग सभी गांवों में विकास के अंधे दौड़ में सभी गांवो में पलायन का ऐसा मंजर देखने को मिल रहा है दीदी क्या vor दिन आएंगे की नहीं समझ नहीं आता है । क्या होगा ये विकास में
जन्म भूमि से लगाव , सब समय का बदलाव। केवल स्मृतियां रह गई हैं।
Very very sentimental and painful!!!!
हे राम हे राम हे राम
बहन जी इन घरों और खेतों को बंजर करने का श्रेय भी तो आपके भाइयों को ही लेना पड़ेगा ऐसा क्या निराला है देहरादून का किसी अन्य शहर में जो कि अपनी जन्मभूमि का ये हाल बना दिया है चलो ये तो आपका मायका है और यहां आप लोगों का बचपन बीता है पर क्या आज जो आपका अपना घर या ससुराल है वो आबाद है ? क्या कभी उसके लिए भी आंसू निकलते है क्या कभी झूठे ही सही दिल में खयाल आता है कि चलो उसे संवार लें क्योंकि वो तो आपके अपने हाथों में है और इसमें कुछ असंभव भी नहीं । उत्तराखंडियों के ऐसे आंसुओं को देखकर उनके लिए कोई शब्द नहीं निकलते जो अपने पूर्वजों के अथक और अकल्पनीय प्रयासों से संजोए गए और गरीबी और बेबसी के बाबजूद बनाए गए इतने सुंदर और बड़े बड़े मकानों और खेत खलिहानों को सदा के लिए ऐसे छोड़ गए कि साल में एक दो बार दो चार दिन ही सही वहां के रख रखाव और देख भाल के लिए वहां चले जाएं हम पहाड़ियों के पास पहाड़ के मुकाबले कितनी जमीन और मकान शहरों में है। जब आज आप जैसे लोग हार मान बैठे हो तो आपके बच्चे जो इस जगह से अछूते हैं वो वहां क्यों झांकने भी जायेंगे 🙏
आगे आने वाली पीढियां यही रहेंगी समय ऐसा आयेगा।
Sabse bada karan education h unke liye hi mhilayen bahar ja rhi ghr me kaam bhi to jyada h ati kaam bhi swasthya ke liye hanikarak h jaise hmari mother unhone hmesha kheti ki aur aaj cancer se jujh rhi h shanti to pahadon me hi h lekin wha kaam krna bhut tough hmare ganvo ke bhi yhi haal hn .nai peethi ki karmath h sabke bache pta nhi kya -2 banage suvidhayen to h nhi pahadon me bache bhi buddi ho to khin bhi padh jate hn but obtion h aadami ke pas to kya kr skte hn 2-4 logon ne hi ganv bacha rakhe h school bhi bnd hone ki kagar par hn
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
Bhagwan aapki mother ko bahut jaldi theek kar dega
पैसा अधिक हो जाने के कारण ये हाल हुआ लोगों ने मेहनत करना छोड़ दिया
बहुत खराब लग रहा है मुझे भी सब के घरों का यही हाल है हमारे भी
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
😭😭😭
कुमाऊं की अपेक्षा गढ़वाल से ज्यादा पलायन हो गया है आप लोगों से निवेदन है कि जरूर इस पहाड़ को बसाने का कोशिश करें इस बंजर भूमि में चाय का बागान भी लगा सकते हैं और kiwi की खेती कर सकते हैं
Bachpan ki yad aa gyi
@Bagwan1973
3 ай бұрын
youtube.com/@Bagwan1973?si=l68fadubTc9d7B4g?sub_confirmation=1
आपका घर तो सचमुच अच्छी जगह पर है, चारों तरफ से खुला खुला, अगर आप लोग चाहो तो अभी भी वहाँ रह सकते हो..
@pramilavlogsuttrakhandi
2 ай бұрын
kzread.info/dash/bejne/poN5rbmzmNG2mrw.htmlsi=RSPjEhH8GxP9kiQU
@pramilavlogsuttrakhandi
2 ай бұрын
🙏🙏
क्या कहूं बहिनों पूरे गढ़वाल में सभी जगह यही हाल है ❤😂🎉😂❤
Very.sad.good.video
येसा ही रोना मुझे भी आता है जब गांव जाती हू ना मां हे ना पापा हे कोई नहीं रहता है घर में
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
😢😢😢
Rone dhone se koi labh nhi apne ghar ki dekh rekh karnichahiye hamare logon ko Akal hai hi nhi
बहुत सुन्दर दीदीजी 🙏🙏🙏
Mujhe Rona AA gya deedi
@Bagwan1973
3 ай бұрын
youtube.com/@Bagwan1973?si=l68fadubTc9d7B4g?sub_confirmation=1
😢😢 government kuch nhi karti uttrakhand k gaon khandar hota jaa rhe h😕😕
मैडम इसकी जिम्मेदार भी हम ही हैं । अब रोनाकिस लिए
Apni purni yadon ko agar jinda rakhna hai too aap is jagh pay fir se bana lo ji ..jab v aap ka dil kare aap aa ja sakte ho our aap ko v khusi hogi ....
Bahut dukhud
Muneshwar lal up Hardoi Uttar Pradesh India
दीदी मैं ❤दिल से ❤️ 🙏 मैं आपके जो भीतर में मायके का अपनीं जन्मभूमि के प्रति प्यार, प्रेम और स्नेह और सम्मान,,दर्द, पीड़ा, संवेदनाओं और भावनाओं को व्यक्त किया है 🎉❤❤ सम्मान करती हूं 🙏 ❤ बहुत बुरू लगणूं रे दीदी ❤❤😢😢😢😢😢😢😢😢😢
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
😢😢
@Vaijantidevirana
3 ай бұрын
@@pramilavlogsuttrakhandi ❤️😭❤️😭❤️🌹💐🌺🙏🙏🙏🙏🙏
Bhut sunder blogging...feel so sad me too parmila
बिटिया साल मे एक दो बार.जरूर. गांव आया करो,कमसे कम हमारी मात्रिभूमि आगे आने वाली पीढी को हमारा अतीत बताती रहेगी।
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
🙏🙏
रोने से कोई फायदा नही भूली। सभी लोग वापिस गांव जाने की प्लानिंग करो चाहे ससुराल के हों या मैती। रोड़ दुविधा है तो पहले वाली आधी से ज्यादा समस्या का समाधान हो चुका है। इसको हमें मुहिम बनाना होगा।
बहन आप लोग हर साल गांव में आया करो। आपका वीडियो बहुत मार्मिक है
@pramilavlogsuttrakhandi
3 ай бұрын
🙏🙏🙏
Sandar Ji 🙏🙏🙏
Rone ke alawa ab kuch nahi hai hamarey gharo ko dekh kar