झील में समा जाएगा उत्तराखंड का ये गांव,आंखों में आंसू लिए ग्रामीण छोड रहे लोहारी गांव, जानिए क्यों
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टिहरी बाँध की विस्थापन की त्रासदी अभी उत्तराखंडवासियों के जहन से गई भी नहीं थी कि अब एक बार फिर कुछ ऐसी ही यादे ताजा हो गई है। क्योंकि जल्द ही जौनसार बावर का एक गांव इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाला है। और इस बार बड़े विस्थापन की गवाह मां यमुना बनने जा रही है। इस व्यासी परियोजना से आसपास के 6 गांव के 334 परिवार प्रभावित हो रहे हैं. इनमें से एक जौनसार-भाबर की अनूठी संस्कृति और परंपरा वाला जनजातीय आबादी वाला गांव लोहारी भी है. 90 परिवार वाला ये पूरा गांव झील में समा जाएगा. लोहारी गांव के लोगों को प्रशासन की तरफ से जगह खाली करने का नोटिस दिया गया है। ग्रामीण अपनी पुरानी यादों को पीछे नहीं छोड़ना चाहते हैं लेकिन प्रशासन का लाव लश्कर देखकर ग्रामीण सहमें हुए हैं। ग्रामीण भावुक होकर अपना-अपना सामान समेटकर गांव खाली करने में लगे हैं। वहीं प्रशासन की ओर से गांव खाली कराने के लिए तहसील और जिला प्रशासन की टीम तैनात कर दी गई है। एडीएम देहरादून शिव कुमार बर्नवाल का कहना है कि व्यासी जल विद्युत परियोजना के डूब क्षेत्र में आने वाले लुहारी गांव के लोगों को नियमानुसार मुआवजा दिया जा चुका है और अब नियमानुसार ही गांव खाली कराने की कार्रवाई की जा रही है। आपको बता दें कि एक सौ बीस मेगावाट की व्यासी बांध परियोजना बिजली उत्पादन के लिए तैयार है। बांध परियोजना की साठ साठ मेगावाट की दोनों टरबाइन कमीशन के लिए तैयार हो चुकी है। जिसके लिए यूजेवीएनएल ने बांध परियोजना की झील में पानी भरना भी शुरू कर दिया था। झील में 621 आरएल तक पानी भरने के बाद बांध परियोजना की सभी टेस्टिंग हो चुकी है। अब बांध परियोजना से विद्युत उत्पादन के लिए 630 आरएल तक पानी भरा जाना अनिवार्य है। तभी परियोजना की टरबाइन शुरू होकर विद्युत उत्पादन हो सकेगा। लेकिन 624 आरएल पर लोहारी गांव बसा है। लोहारी गांव के ग्रामीणों को अन्यत्र विस्थापित करने के बाद ही पानी झील में 630 आरएल तक पानी भर पायेगा। विस्थापन का काम को पहले चुनाव आचार संहिता, फिर सरकार गठन होने तक शासन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। लेकिन अब गांव खाली कराया जा रहा है
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Пікірлер: 373
ग्रामीणो को जमीन के बदले जमीन मिले और सभी प्रकार कि सुख सुविधाएं दि जाये ।
@nrirwt9032
2 жыл бұрын
Zamin ke badle zamin aur paise dono mile h
@Reenapraveenluthiyal
2 жыл бұрын
Apni jamin apni hoti h
@nrirwt9032
2 жыл бұрын
@@Reenapraveenluthiyal kuch pane ke liye kuch khona hi pdta h bhai
@user-lz1qk7wh5x
2 жыл бұрын
जमीन क्या चाहिए उनको उनका पहाड़ उनका घर चाहिए😢😢
सरकार का यह कदम बहुत ही गलत है विकास के नाम पर इतना गंदा काम उचित नहीं पहले ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सरकारी मकान बना कर दें फिर उनको स्थापित करें
@jaatmalangnainshab2507
2 жыл бұрын
Shi kha bhai 👍👍
@shaleenvsahajpal5807
2 жыл бұрын
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
सरकार सिर्फ अपना फायदा देखती है । न कि गरीबों की परिस्थिति 🥲🥲🥲🥲🥲 ग्रामीणवासियो से निवेदन है पीछे मत हटना। अपने लिए लड़ना 💪
@neelambhandari3811
2 жыл бұрын
🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺
और,जिताओ,मोदी,जी,को
@shaleenvsahajpal5807
2 жыл бұрын
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
बीजेपी भी अगर यह अन्याय कर रही है तो फिर आगे इनसे क्या उम्मीद की जाए पहले इनकी पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए कसाई मत बनो बहुमत से जीताकर अब अन्याय मत करो वरना एक दिन बीजेपी भी इतिहास बन जायेगी ।एक बीजेपी का सकरिय कार्य कर्ता जय हिन्द वन्देमातरम
@prsuthar58
2 жыл бұрын
ईन लोगो मुआवजा दिआ था और ईन लोगो ने मुआवजा भी लिआ और गाव भी खाली नही क्या ईन लोगो की गलती है मुआवजा लिआ तो गाव खाली करना चाहिए
इन ग्रामीणों को उपजाऊ जमीन और उचित मुआवजा मिलना चाहिए
@shaleenvsahajpal5807
2 жыл бұрын
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
पहले गाँव वालो के रहने की व्यवस्था सुनिश्चित करें सरकार। तब जाके नोटिस भेजे।
@laxmikashyap9079
2 жыл бұрын
Right
@shaleenvsahajpal5807
2 жыл бұрын
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
@nrirwt9032
2 жыл бұрын
@@shaleenvsahajpal5807 ye sahi h ..
सरकारों का यही तो रोना है। जब तक सरकार में बैठे लोगों को इसी प्रकार की समस्या उत्पन्न ना हो जाए तब तक सरकार में बैठे लोग नहीं सुधरेंगे।
@shaleenvsahajpal5807
2 жыл бұрын
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
@prithvisinghrawat5990
2 жыл бұрын
@@shaleenvsahajpal5807 शासन द्वारा उचित मुआवजा एवं उचित समय पर गांव खाली कराया जाना चाहिए। क्योंकि विकास भी अति आवश्यक है लेकिन विनाश भी नहीं होना चाहिए। क्योंकि रहवासियों का विलाप भविष्य के लिए दुखदाई साबित होगा। आत : शासन को चाहिए था कि बिना किसी दुख के खुशी खुशी से इस कार्य को संपन्न किया जाना था जो कि अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
जिला प्रशासन को शर्म आनी चाहिए कानून अंधा है ये तो सुना था आज ये भी पता चल गया कि सरकार चलाने वाले भी अंधे है। हाय लगेगी सरकार चलाने वालों को गांव वालों की
@shaleenvsahajpal5807
2 жыл бұрын
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
@addicssy_
2 жыл бұрын
Pure Uttarakhand ko shrm ani chahiye
यह तो सरकार की तानाशाही है 48 घंटे में कोई अपने घर को हमेशा के लिए छोड़ कर कैसे जा सकता सरकार को इनके पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए पहले और 1 महीने का समय मिलना चाहिए सभी आसपास के गांव इस गांव वालों के साथ एकजुट होकर धरना प्रदर्शन करें और इस निर्माण कार्य को रुकवाया जब तक इन लोगों के स्थाई रहने की व्यवस्था नहीं करती सरकार
अपना बनाया हुआ घर बार, खेत , जायजाद छोड़ कर जाना कितना दुख होता है ये उनसे पूछो जो ये दर्द ले के आंखो में आसूं लिए बैठे हैं, सरकार का क्या है आज ये कल वो । उनको क्या फर्क पड़ता है किसी का घर उजड़े या बचे। इतना विकास भी नहीं चाहिए की घर ही ना रहे और अपनी जन्मभूमि अपना गांव छोड़ना पडें। दुखद😭🙏
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
शर्म आनी चाहिए सरकार को, पलायन को रोकने k liye kehti hai or aaj khud inhe unke ghr se beghr kr ri hai, ye hai sarkar ka विकास,
@shaleenvsahajpal5807
2 жыл бұрын
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
In parivaro ka samman hona chahiye, in logo ne desh ke development me apna gaoun ka tyag kiya hai,🥺
Very sad 😭😭 god bless u all Lahori nivasi 🙏🙏
Jai Bharat Tv se Guzarish hai kripya Is News par is samsya jyada se jyada madad kare grameeno ki.,.. Aap media hi inka sahara hai. Inki awaaj aage badhaye prashasan tak..please..
सरकार को गांववासियों की बात पर गम्भीरता से बिचार करना चाहिये गाँव वासियों को कहिपर जमीन दिलवानी चाहिये जहाँ पर पूरागाँव ऐकसाथ बसे जिससे गाँव वासी अपनी सँस्कृति व बिरासत को भलिभाँति जीवंत रखसके यदि ये परिवार इधरउधर बिखरजायेंगे तो इन गाँव वासियो की संस्कृति भी बिखर जायेगी
जब अपने ही राज्य के लोगो का विस्थापन किए जा रहे हो,तो ये बिजली उत्पादन किसके लिए कर रहे हो....? किसी दिन ऐसा ना हो जाए कहीं की राज्य से सब लोग विस्थापित हो जाए और राज्य में डैम ही रहे......😬😬 बाकी कुछ कर सकती है सरकार तो इनके लिए अलग से एक गांव बसा दीजिए bss....🙌🙌 बहुत दुआएं मिलेंगी....🙌🇮🇳🚩
@shaleenvsahajpal5807
2 жыл бұрын
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
Wo bachpan ki yadhe wo bachpan ki galiya “leker Ankhon mein Ansoo leker yaar Dil me meaty meaty Yaadein lekar Phir Milenge kabhi 🙏🙏
जिनके मकान डूब क्षेत्र में आ गए उन विस्थापितों को जगह दिए जाने चाहिए। सहायता राशि दी जाने की बातें भी आ रही हैं, विकास के लिए सरकार की पहल सराहनीय है।इस परियोजना से सभी विस्थापित परिवारों को कुछ वर्षों तक नि: शुल्क बिजली आपूर्ति की व्यवस्था होनी चाहिए। सभी परिवारों से पासबुक की कापी मंगाई जानी चाहिए ताकि कोई सहायता राशि से वंचित न हो। कहीं ऐसा न हो उत्पादित बिजली आलीशान कोठियों - बंगलों तक ही सीमित हो और विस्थापित भीख मांगने पर मजबूर हों पर विकसित नागरिक, क्षेत्र, राज्य व रोजगार के साथ विस्थापन आवश्यक अंग है।
सरकार को जमीन ही देनी चाहिए मुआवजा देने से लोगो की problem कम नहीं होती।
अपना घर ही सब कुछ होता है सरकार से अनुरोध है कि गांव वालों को जमीन के बदले जमीन और उचित मुआवजा दिया जाए जिससे इनके आगे का जीवन सुखमय हो
अरे यहां बहार से यहां मुस्लिमो को बसा रे लेकिन देवभूमि वालो की इतनी खराब हालत 😓
@satyaprkash9645
2 жыл бұрын
Bhai preetam Singh ko जिताओ bar bar yahi hoga
अपना गांव तभी छोड़ना जब सरकार आपको जमीन पैसा का कुछ देगी नहीं तो ऐसे मत छोड़ना अपना गांव क्योंकि जो हमारी मातृभूमि होती है शायद सरकार को नहीं पता कि हमारे लिए कितनी प्यारी होती है मातृभूमि जन्मभूमि तो जहां हमारे पितरों ने हमारे लिए सब कुछ बना रखा वही हमारे लिए बड़े-बड़े टाम खड़े कर रहे हैं सरकार और अपने फायदे के बारे में सोच रहे हैं और जनता मरे तो मरे उसके बारे में कुछ नहीं सोच रही है ऐसी गंदी सरकार है यह टिहरी वालों को भी इन्होंने ऐसे ही भगा दीया किसी को तो बहुत सारी जमीन दीया किसी को कुछ भी नहीं दिया कुछ लोग तो मजे में है कुछ नहीं है बिल्कुल अपना गांव छोड़कर मत जाना जब तक सरकार आपके लिए कोई अच्छा सा डिसीजन नहीं लेगी तब तक वहीं रहना चाहिए अपने गांव में डूबी जाए अपनी मातृभूमि को ऐसे मत छोड़ देना इस गंदी सरकार के भरोसे इस सरकार को क्या पता कि जब अपने मातृशक्ति छोड़नी पड़ती है तो हम लोगों को कितना दुख होता है
@shaleenvsahajpal5807
2 жыл бұрын
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
बहुत ही दुखद खबर है यह नाइंसाफी हो रही है स्थानीय गवर्नमेंट और उत्तराखंड सरकार से मेरा अनुरोध है अपने ही स्थानी वासियों के साथ दुर्व्यवहार अन्याय नहीं करें उनको इंसाफ दिया जाए और जमीन उपलब्ध करवा के स्थाई मकान दिया जाए और खेती योग्य उपजाऊ जमीन उपलब्ध करवाए
हे माँ भगवती रक्षा क्रो 🚩🙏
सरकार ने इतने बुरे दिन दिखा दिया है 😭😭😭😭🙄
लोहारी गांव के लोगो को चाहिए कि।एक।जुट होकर प्रशासन के खिलाफ अपने आस पास।के गांव से सहयोग।मांगे और अपनी जमीन पर ही।देते रहे, सारे उत्तराखण्डियों।से अपील।है कि इस गांव के लोगो को पूरा सहयोग दे, नही तो आज बीजेपी लोहारी गांव से हटा रहे हैं। कल पूरे उत्तराखंड को दूसरों व्यापारियों को बेच देंगे।अब आप सोचे
@shaleenvsahajpal5807
2 жыл бұрын
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
Is din ko dekhne ke liye bnai to ye sarkar kyu aj ye log hmari madad nhi kr ri h sarkar se apil h ki plz hmari madad leo
@rahul8581
2 жыл бұрын
Jab tak tum log bjp congress ko vote dete rahoge tab tak ese he palayan Berojgari or jor jabardasti kar k bhagaya jayega
@satyaprkash9645
2 жыл бұрын
Sister jounsar k neta hi chor hain aap logo ko aise tadpne k liye chod diya
Bhut dukhd apna ghr priwar janm bhoomi chor kr dusri jgh rhna bhut muskil h.....😢bhgwan in sb ko swsth rkhe khush rkhe....🙏
बहुत ही श्रम वाली बात है भरतीय सरकार को यही है सब का सात सब का विकास मोदी जी
ऐसे कोई अपनी जन्मभूमि कोई नहीं छोड़ पाएगा भगवान इनकी मदद करे 😭🙏🙏
विकास के नाम पर इंसानियत कैसे भूल सकती है सरकार, ये कदम बहुत ही निंदनीय है
पुष्कर सिंह धामी जी को इनके लिए नए गांव की व्यवस्था करनी चाहिए। यह पूरे सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इसके लिए नए गांव बसाने के लिए भूमि दे।।🙏🙏
भईया ये सरकार अदानी की है तो जो अदानी कहेंगे वहीं ये सरकार करेगी
Kabhi na kre sarkar kisi logon ko eisa majburi ye glt h kahi n Jaye gramin apni jnm bhumi kitna bura LG RHA h sun k sarkar Jaye bhad me
He bhagwan esa kyu hone de rahe ho ap esa ..Apna Gaon to ek insan ke liye sab kuch hota hain 😓😓😭😭😭😭😭😭Mata Rani plss madad karo in Gaon walo ki..plsss🙏🙏🙏
Kitna dukhad hota hoga apna ghar gaon chhodhna.
आप सभी ग्रामीणों को एक जुट होके अपनी लड़ाई खुद लड़नी पड़ेगी क्योंकि परियोजना से नेताओ ने अपनी अपनी जेब पहले ही भर दी है और ये नेता कभी आगे आने वाले नही है।
@shaleenvsahajpal5807
2 жыл бұрын
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
Uk government ko village walo ko time dena chaiye tha.😪😪ye log kaha jayge. 😭😭😭😭😭😭
We stand with lohari villagers, worst government
@shaleenvsahajpal5807
2 жыл бұрын
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
Uttrakhand government RIP 😓😓
जिन गाँव में पलायन नहीं हौवा वहां गवर्नमेंट डेम बनाकर कर गाँव को पानी डूबा ही है आपने फायदे के लिए
@uk14chauhansachin
2 жыл бұрын
Bhai Unki Marji se Kuchh Nahin ho sakta tha Unki Marji hai bhai Ho bhai unhone paise bhi le rakhe hain bhai notice vaise hi Nahin Jata Kabhi main unhen pahle paise diye gaye hain tab unhen notice bheja gaya hai
@pahadigirl3632
2 жыл бұрын
@@uk14chauhansachin kitna pesa mila.kitna tehri valo ko diya or chamoli valo ko crore ki jameen ki keemat kodiyo me lagai hai
देश के विकास के लिए परियोजनाएं आवश्यक हैं। यही सरकार का उदघोष हैं।उसके लिए प्रकृति और मनुष्य का चाहे जितना भी बलिदान देना पड़े। कभी किसी ने किसी महानगर को राष्ट्र के समग्र विकास के लिए नष्ट होते देखा हैं, शायद नहीं। क्योंकि इन महानगरों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय इन्वेस्टमेंट होती हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक कंपनियां देश के कारपोरेट जगत व्यापारिक घरानों की आत्मा इन महानगरों के इर्द-गिर्द घूमती है। किन्तु प्रकृति न्याय करेंगी। थोड़ा सब्र करो।तटीय किनारों पर बसे यह महानगर कुछ समय बाद समुद्र में मिल जाएंगे।और देश के बीचों-बीच बसे हुए महानगर बढ़ती आबादी खाद्यान्न की कमी पिने के पानी का अभाव और भयंकर बाढ़ से अपने आप नष्ट हो जाएंगे।
सरकार को नोटिस जारी करने के अलावा और भी कुछ आता है क्या बहुत बहुत दुःख हुआ मुझे लोहरी गांव के समस्त निवासियों के साथ हो रहे बरताव के साथ ये कैसा देश बना दिया😭😭😭
Meri samvedna lohari vasiyon ke sath h ❤️
सभी लोगो को समय v dena chahiye aur sath hi sath goverment ko enko kahi aur विस्थापित करना चाहिए और मुवाउजा (धन राशि) v Deni chahiye
I miss my Old Tehri City 😥😥😥😥😥😥
Bilkul bhai logo tab tk gaw khali mat karna jab tk sabko rahne ke liye makan nhi dete sarkar hamesa apna fayada dekhti ...
Ram Ram ji ♥️♥️♥️
Or log rote rahjaenge devbhoomi hai hamari vo hamar Uttarakhand hai baba Kedarnath ka aashirwad hamesha hamare Uttarakhand pe bana rahe 🙏
सरकार को पहले लोगों के रहने की व्यवस्था करनी चाहिए ये तो कोही बात नही हुई
विकास भी जरुरी है लेकिन विकास के नाम पर प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करना नुक्सानदेह हो सकता है। बिजली हमारे लिए उपयोगी है लेकिन जिन लोगों के गांव घर खत्म हो गए उन्हें उचित मुआवजा मिलना चाहिए
अन्धा शासन प्रशासन. धामी जी ये लोग कहां जाऐंगे? कौन सी जगह जाऐं. जिलाधिकारी राजस्व विभाग आजतक कहाँ अचेत था?
पहले इन लोगों को विस्थापित किया जाए इनको जमीन के बदले जमीन दी जाय और उत्तराखंड में ही बिजली पैदा हो रही है और महंगा भी उत्तराखण्ड में ही है बिजली
सरकार को इनकी मदद करनी चाहिए सरकार को इनके जमीनों के बदले इन्हे पैसे देने चाहिए इससे उनका दुख कम नी होगा पर कुछ तो frk pdega
Cruelty, in the name of development. No one is in favour of the poor villagers.
@shaleenvsahajpal5807
2 жыл бұрын
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
@shekharjoshi7292
2 жыл бұрын
@@shaleenvsahajpal5807 वीडियो में पूरी बात कहाँ बताते हैं ये लोग. ऐसा लग रहा है जैसे नवरात्रों पर ही प्रशासन बखेड़ा खड़ा कर रहा हो.
सरकार को सर्वप्रथम उनके पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए, ऐसी स्थिति में ये ग्रामीण अपने बच्चों और जानवरों के साथ कहा जायेगे
Ya to apni Dharti ki raksha karo nahin to mar jao Apne Uttrakhand ko dusra Tehri mat banne do
@shaleenvsahajpal5807
2 жыл бұрын
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
Bilkul bilkul amma ki baat sahi h punvas karao tbhi too shi hoga tihari ki trah hi Dtte raho sb aapke sath...sabko rehne k liye jgh di jaye ..sara gav ek jgh hi sath rhe
I support. Bahut badi na inshsfi hai ganu ke shat
सरकार को पुनर्वास मंत्रालय को 24 घंटे चालू रखना चाहिए । और विस्थापित परिवारों का पूरा ध्यान रखना चाहिए क्यों कि जन्मभूमि से हर किसी का विशेष लगाव होता है चाहे वो इंसान हो या जानवर । इस लिए कानून के साथ मानवीय संवेदना का भी खयाल रखा जाना चाहिए ।
उत्तराखंड सरकार से यह उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी की ग्रामीणों के साथ ऐसा करेंगे जबकि 1947 के समय विस्थापित सिखों को उत्तर प्रदेश में तमाम जगह पर मिनी पंजाब बना बना कर दे दिए गए जहां वह अपना भरण-पोषण ही नहीं कर रहे बल्कि एक बिजनेस खेती के रूप में कर रहे हैं राइस मिल और मछली पालन तमाम बड़े स्तर पर खेती ना करके बिजनेस कर रहे हैं हजारों भिगो के फार्म हाउस खोल रखे हैं जबकि वहीं उत्तराखंड में आ रहे तमाम मिनी पंजाब जैसे रुद्रपुर आदि में से ही ऐसे विस्थापित परिवार को जमीने दे दी जानी चाहिए और उत्तराखंड सरकार को अपनी आंखें खोली चाहिए जो तमाम मिनी पंजाब उत्तराखंड में बने हुए उन्होंने हजारों बिगो के फार्म हाउस खोल रखे हैं वह अपना भरण-पोषण नहीं कर रहे बल्कि खेती के रूप में बिजनेस कर रहे हैं ऐसे लोगों की जांच कराकर इस प्रकार के विस्थापित गांव को जमीन देनी चाहिए मकान देने चाहिए और उत्तराखंड की तमाम जनता को ऐसे मिनी पंजाब उसे जमीन लेकर उत्तराखंड के लोगों को देनी चाहिए
Provide all facilities to all those people. They deserve it.
Very sad. Yr rona aa gya in masoomo ki condition par.
पुनर्वासके लिए हिंदुस्तान में कोई अच्छी नीति नहीं है।
zameen k badle zameen do,ghar k badle ghar do aur jo playan krne me nuksan hoga uska muawja do,,,bahar k logo ko basane ki baat krte ho aur jo yaha k base basaye h unhe ujadna chahte ho, ye awsar wadi sarkar h vote se pehle kuch aur vote k baad kuch aur
Hume koi esa development nahi chaaiye ...hume khetii or hmaare khet dono hii pyaare hai ...😟😟😟😟😟😟😟😟😟😟😟😟😟
सरकार ने इनके विस्तापन का क्या इंतजाम किया गया है कृपया करके बताइए
Its really sad to hear these people , Government should take appropriate actions and provide land .
@aaradhya4422
2 жыл бұрын
Done already
@kmmalik9087
2 жыл бұрын
@@aaradhya4422 😭😭😭😭😭
अपना घर छोड़कर कोई नही जाना चाहता सरकार को इनका कोई परमानेंट ठिकाना दे देना चाहिए
@shaleenvsahajpal5807
2 жыл бұрын
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
Jay Uttrakhand devbhumi 🌹🙏🙏
So said😢😢😢
Ye to hamare Uttarakhand ke leye ab aam baat hogayi hai .... Na bigli hamari na yaha naukari hamari ... 😭😭😭
💕
This is injustice.. This villagers deserves proper justice.. Development is important but in a legal way.. Not Illegally.. People have to support those villagers who has lost there everything for the intrest of our development.. Central government and state government have to responsible for there citizens..
sabse pahle sarkar ko in sabke liye jamin deni chahiye jisme in sabke liye b ghar banaye jaye...
@shaleenvsahajpal5807
2 жыл бұрын
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
Navratri ho na bhi ho but hum log apni jgh apni bhoomi aysy kysy chdd dyngy .government ko dhyan dyna chahiye gaw k log knha jaygy . Unko rhny ki jgh di Jay 🙏plzz myri
Koi apni jgh se mt Hilo...sb garhwali ek ho jao...apne hi k liye ldna hoga....
God apki help kre🙏🙏😔😔
😭😭 mata raani jarur aapka maarg darshan krengi
@shaleenvsahajpal5807
2 жыл бұрын
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
गांव वालों के लिए बहुत अन्याय कर दिया है सरकार ने बिना व्यवस्था किये ये लोग किस के मकान में जायेंगे पहले व्यवस्था करें बेघर मत करो
सरकारी अधिकारी का जवाब भी दिखाना चाहिए ये तो इन्होंने मान लिया कि dam का एरिया था खाली करना ही था,
Right bol rhyi h ladey
अपनी जन्मभूमि को छोड़ने का दर्द साफ झलक रहा है सरकार को इनकी ओर ध्यान देना चाहिए और इन्हें उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए
Bhut dukh ki bat ha
Uttrakhand me bht badi trasdi lake hi rahegi ye government.. baduwa legegi in villagers ki ...
@shaleenvsahajpal5807
2 жыл бұрын
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
Janambhoomi.
सरकार से तो पैसा आया होगा लेकिन जो अधिकारी है उनकी मिली भगत है hm khud es अनिमियत्ता ke भुक्त भोगी है ऑलवादर रोड में हमारी जमीन के साथ वालो को अलग मुआवजा मिला और हैं9 अलग जबकि हमारी जमीन रोड pr thi aur baki logo ki hamse neeche
Bhut hi bdi glti ki h government ne kha jayege sb log khi to Jamin deni chahiye thi jaha ek sath rhe skte gav wale
Justice for lohari villagers 🙏🙏
नेता लोग क्या जाने दूसरो को समस्या पहाड़ को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे
@shaleenvsahajpal5807
2 жыл бұрын
क्या यह सही नहीं कि 1980 के दशक में जब लुहारी हथियारी व्यासी परियोजना बनी थी तब गांव वालों को ज़मीन और मुआवजा सब कुछ दे दिया गया था, बाद में भ्रष्टाचार और केंद्र राज्य के झगड़े के चलते परियोजना तीन दशक तक लंबित रही, गांव वाले भी जमीन और मुआवजा लेकर भी गांव में ही बैठे रहे ...
Sarkar ko sunna hi hoga
@anandtiwari52
2 жыл бұрын
Nahin sunegi, reason best known to them.
So sad
सरकार को गांव वालों को जमीन देनी चाहिए
🥺🥺🥺
😥😥😥😥😥
😥😥
Insaniyat k nate sabse pahle Sabhi logon ko k liye rahne ki vyavastha honi chahiye..fir or kary
Justice for lohari gaw 😭