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जनरल स्लीपर कोच के साथ MP सहित देश की प्रसिद्ध ट्रेनों की स्मार्ट डुप्लीकेट ट्रेन चलाने की तैयारी

Пікірлер: 4

  • @Manoj-fn5mp
    @Manoj-fn5mpАй бұрын

    Ujjain chittorgarh train ka namli dhodher dalauda pipliya me stopage Dena chahiye

  • @user-vs5ed4ci1g
    @user-vs5ed4ci1gАй бұрын

    Chittorgarh ujjain tren d ambedkar nagar demu ka krasing barnagar me dena chahiye

  • @pravinkadam6088
    @pravinkadam6088Ай бұрын

    Bhai saab railway se kahe ki traino ki speed to upgrade karo kyuki dilhi se chalnewali karnataka exp 10 hours leti he or use 10minut pehale chalne wali kerla exp 9hours leti he or Andra exp 8hours30 minutes leti he esa kyu

  • @satishchandrabajpai2367
    @satishchandrabajpai2367Ай бұрын

    भाई साहब नमस्कार यदि आपको वेटिंग के हाल चाल देखना है तो पूर्वोत्तर रेलवे जो गोरखपुर इलाहाबाद बंगाल इस तरफ जो चलती है वह देखें वहां के लोग एक में भी घुस के यात्रा करते हैं तुमसे जो बने वह कर लो पुलिस वाले क्योंकि वहां के लोग घर में जाकर मारते हैं और ज्यादातर बोलो एक में घुस जाते हैं और यह चीज मेरे बिहार यूपी बंगाल यह गोरखपुर का उत्तर रेलवे का जो एरिया है इसमें ज्यादा देखा गया है भारत पश्चिम भारत में नहीं देखा गया है स्लीपर में लोग होते हैं वह भी बहुत कम मेरा कुछ ऐसा सच है की काउंटर से जो वेटिंग टिकट जो छल कपट से बुक कराए जाते हैं वह भी का ऑनलाइन कार्ड के थ्रू या यूपीआई के थ्रू किया जाए केवल कंफर्म रस के नगद या अप आयोग से किया जा सकते हैं वेटिंग आता है तो वह भी यूपीआई कार्ड से ऑनलाइन किया जाए नगद नहीं लिया जाए ऑटोमेटिक कुछ इसमें कमी आ जाएगी आदमी 10 बार सोचेगा क्योंकि वह पैसा रिफंड हो जाएगा होता यह है कि कंफर्म टिकट एवं वेटिंग टिकट का भुगतान एक ही प्रकार का होता है उतना ही पैसा देना पड़ता है तो वह यह कहता है कि साहब मैं भी पूरा पैसा दिया है इस विषय में कुछ रेलवे विचार करें दूसरा मेरा सोच यह है पूर्वोत्तर उत्तर भारत की ओर जो रेल चल रही है वह पूरी एयर कंडीशन ही डब्बो में चलाई जाए उसमें किसी प्रकार का जनरल स्लीपर नहीं लगाया जाए एक किस प्रकार की 22 डब्बे की चलाई जाए क्योंकि यह बिहार यूपी वाले सेट मन होते हैं और यह शुरुआत भिंड मुरैना की तरफ से देखने में शुरुआत हो जाती है वह बता लगे कि आप कभी-कभी बैच चल देते हैं एक विशेष अभियान चला देते हैं से कोई फर्क नहीं पड़ता है मोबाइल का योग है सब पता लग जाता है मुझे याद है कि लालू प्रसाद जब रेल मंत्री थे तो उन्होंने पटना से कोलकाता से दिल्ली के लिए 22 डब्बे की जनसाधारण एक्सप्रेस चलाई थी जिसमें स्लीपर डब्बू तो अपवाद में ही थे जनरल थे जिसमें मजदूर हो वहां के गरीब वर्ग ही इसमें भर के चले आते थे वह गाड़ी एक्सप्रेस होती थी ज्यादा कहीं नहीं रुकती थी वह गाड़ी भारत के उत्तर भारत हेतु चाहिए अन्यथा कुछ नहीं होने वाला है आपसे जो बने कर लो जय श्री राम सतीश बाजपेई इंदौर मध्य प्रदेश

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