हिन्दू राष्ट्र पर यह क्या बोल गये पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री प्रेस कॉन्फ़्रेंस में…..
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Пікірлер: 10
@sardarsingh90322 ай бұрын
जयजयश्रीराम 🚩
@krishnakrishnachoudhary80302 ай бұрын
जय हो
@krishnakrishnachoudhary80302 ай бұрын
जय हो हनुमान जी की
@Marwadi_bhajan322 ай бұрын
हमारे सांचौर में तों विश्नोई समाज के महान लोंग कांग्रेस को वोट देते और कांग्रेस सरकार बनाकर कर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाना चाहते हैं 😂 जय जय श्री राम एक बार फिर मोदी सरकार
@user-ps8su3zw1u2 ай бұрын
जय श्री राम
@Marwadi_bhajan322 ай бұрын
गुरु जी विनती यहा पर हिन्दू राष्ट्र या बीजेपी का नाम नहीं लेना नाम लिया तों विश्नोई समाज गुस्सा हो जाएगी 😂😂 जय जय श्री राम एक बार फिर मोदी सरकार
@krishnakrishnachoudhary80302 ай бұрын
आनलाइन अर्जी करना चाहते हैं मेरे भविष्य बारे में कुछ बोलो न साहेब
@krishnakrishnachoudhary80302 ай бұрын
सुबह से पागल के बारे में जानना चाहता था अभी पता चला
@mukeshrajgurudevda44672 ай бұрын
ईश्वर कौन है ? कौन चलाता है यह दुनियां को ??? कहाँ है ईश्वर?? तुम माँ के पेट में थे नौ महीने तक, कोई दुकान तो चलाते नहीं थे, फिर भी जिए। हाथ-पैर भी न थे कि भोजन कर लो, फिर भी जिए। श्वास लेने का भी उपाय न था, फिर भी जिए। नौ महीने माँ के पेट में तुम थे, कैसे जिए? तुम्हारी मर्जी क्या थी? किसकी मर्जी से जिए? फिर माँ के गर्भ से जन्म हुआ, जन्मते ही, जन्म के पहले ही माँ के स्तनों में दूध भर आया, किसकी मर्जी से? अभी दूध को पीनेवाला आने ही वाला है कि दूध तैयार है, किसकी मर्जी से? गर्भ से बाहर होते ही तुमने कभी इसके पहले साँस नहीं ली थी माँ के पेट में तो माँ की साँस से ही काम चलता था- लेकिन जैसे ही तुम्हें माँ से बाहर होने का अवसर आया, तत्क्षण तुमने साँस ली, किसने सिखाया? पहले कभी साँस ली नहीं थी, किसी पाठशाला में गए नहीं थे, किसने सिखाया कैसे साँस लो? किसकी मर्जी से? फिर कौन पचाता है तुम्हारे दूध को जो तुम पीते हो, और तुम्हारे भोजन को? कौन उसे हड्डी-मांस-मज्जा में बदलता है? किसने तुम्हें जीवन की सारी प्रक्रियाएँ दी हैं? कौन जब तुम थक जाते हो तुम्हें सुला देता है? और कौन जब तुम्हारी नींद पूरी हो जाती है तुम्हें उठा देता है? कौन चलाता है इन चाँद-सूर्यों को? कौन इन वृक्षों को हरा रखता है? कौन खिलाता है फूल अनंत-अनंत रंगों के और गंधों के? इतने विराट का आयोजन जिस स्रोत से चल रहा है, एक तुम्हारी छोटी-सी जिंदगी उसके सहारे न चल सकेगी? थोड़ा सोचो, थोड़ा ध्यान करो। अगर इस विराट के आयोजन को तुम चलते हुए देख रहे हो, कहीं तो कोई व्यवधान नहीं है, सब सुंदर चल रहा है, सुंदरतम चल रहा है; ईश्वर दिखता नही बल्कि दिखाता है ईश्वर सुनता नही बल्कि सुनने की शक्ति देता है संसार में कोई भी वस्तु बिना बनाये नही बनती अतः संसार भी किसी ने अवश्य बनाया है यही तो ईश्वर है। कबिरा उस दिन याद कर पग ऊपर तल सिस मृत मण्डल में आकर तु भुल गया जगदीश।। अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें आध्यात्मिक पुस्तक "ज्ञान गंगा"।
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जयजयश्रीराम 🚩
जय हो
जय हो हनुमान जी की
हमारे सांचौर में तों विश्नोई समाज के महान लोंग कांग्रेस को वोट देते और कांग्रेस सरकार बनाकर कर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाना चाहते हैं 😂 जय जय श्री राम एक बार फिर मोदी सरकार
जय श्री राम
गुरु जी विनती यहा पर हिन्दू राष्ट्र या बीजेपी का नाम नहीं लेना नाम लिया तों विश्नोई समाज गुस्सा हो जाएगी 😂😂 जय जय श्री राम एक बार फिर मोदी सरकार
आनलाइन अर्जी करना चाहते हैं मेरे भविष्य बारे में कुछ बोलो न साहेब
सुबह से पागल के बारे में जानना चाहता था अभी पता चला
ईश्वर कौन है ? कौन चलाता है यह दुनियां को ??? कहाँ है ईश्वर?? तुम माँ के पेट में थे नौ महीने तक, कोई दुकान तो चलाते नहीं थे, फिर भी जिए। हाथ-पैर भी न थे कि भोजन कर लो, फिर भी जिए। श्वास लेने का भी उपाय न था, फिर भी जिए। नौ महीने माँ के पेट में तुम थे, कैसे जिए? तुम्हारी मर्जी क्या थी? किसकी मर्जी से जिए? फिर माँ के गर्भ से जन्म हुआ, जन्मते ही, जन्म के पहले ही माँ के स्तनों में दूध भर आया, किसकी मर्जी से? अभी दूध को पीनेवाला आने ही वाला है कि दूध तैयार है, किसकी मर्जी से? गर्भ से बाहर होते ही तुमने कभी इसके पहले साँस नहीं ली थी माँ के पेट में तो माँ की साँस से ही काम चलता था- लेकिन जैसे ही तुम्हें माँ से बाहर होने का अवसर आया, तत्क्षण तुमने साँस ली, किसने सिखाया? पहले कभी साँस ली नहीं थी, किसी पाठशाला में गए नहीं थे, किसने सिखाया कैसे साँस लो? किसकी मर्जी से? फिर कौन पचाता है तुम्हारे दूध को जो तुम पीते हो, और तुम्हारे भोजन को? कौन उसे हड्डी-मांस-मज्जा में बदलता है? किसने तुम्हें जीवन की सारी प्रक्रियाएँ दी हैं? कौन जब तुम थक जाते हो तुम्हें सुला देता है? और कौन जब तुम्हारी नींद पूरी हो जाती है तुम्हें उठा देता है? कौन चलाता है इन चाँद-सूर्यों को? कौन इन वृक्षों को हरा रखता है? कौन खिलाता है फूल अनंत-अनंत रंगों के और गंधों के? इतने विराट का आयोजन जिस स्रोत से चल रहा है, एक तुम्हारी छोटी-सी जिंदगी उसके सहारे न चल सकेगी? थोड़ा सोचो, थोड़ा ध्यान करो। अगर इस विराट के आयोजन को तुम चलते हुए देख रहे हो, कहीं तो कोई व्यवधान नहीं है, सब सुंदर चल रहा है, सुंदरतम चल रहा है; ईश्वर दिखता नही बल्कि दिखाता है ईश्वर सुनता नही बल्कि सुनने की शक्ति देता है संसार में कोई भी वस्तु बिना बनाये नही बनती अतः संसार भी किसी ने अवश्य बनाया है यही तो ईश्वर है। कबिरा उस दिन याद कर पग ऊपर तल सिस मृत मण्डल में आकर तु भुल गया जगदीश।। अधिक जानकारी के लिए अवश्य पढ़ें आध्यात्मिक पुस्तक "ज्ञान गंगा"।
सबको पागल बना दिया