हमारा खौफ़नाक भविष्य - ऐसी होती है प्रलय || आचार्य प्रशांत (2024)
🧔🏻♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं?
लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquir...
⚡ आचार्य प्रशांत से जुड़ी नियमित जानकारी चाहते हैं?
व्हाट्सएप चैनल से जुड़े: whatsapp.com/channel/0029Va6Z...
📚 आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?
फ्री डिलीवरी पाएँ: acharyaprashant.org/hi/books?...
🔥 आचार्य प्रशांत के काम को गति देना चाहते हैं?
योगदान करें, कर्तव्य निभाएँ: acharyaprashant.org/hi/contri...
🏋🏻 आचार्य प्रशांत के साथ काम करना चाहते हैं?
संस्था में नियुक्ति के लिए आवेदन भेजें: acharyaprashant.org/hi/hiring...
➖➖➖➖➖➖
#acharyaprashant #dubaiflood #nature
वीडियो जानकारी: 18.04.24, बोध प्रत्यूषा, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
~ दुबई में आए तूफान और भारी बारिश का कारण क्या है?
~ क्या दुबई में बाढ़ आना, प्रकृति की एक प्रक्रिया है?
~ प्रकृति के अधीन जाकर हम अपना नुकसान कैसे कर रहे हैं?
~ कैसे जलवायु परिवर्तन को रोका जा सकता है?
~ पृथ्वी पर आ रही आपदाओं का प्रमुख कारण मनुष्य का भोग कैसे है?
~ ग्लेशियर के पिघलने से पूरी पृथ्वी और जलवायु में क्या परिवर्तन हो रहे हैं?
~ कैसे बढ़ता तापमान मार रहा है पृथ्वी को?
~ क्लाइमेट चेंज का कारण हमारे अन्दर कैसे छिपा है?
~ कैसे बचें अपने सर्वनाश से?
➖➖➖➖➖➖
कबीर सोई पीर हैं, जो जाने पर पीर ।
जो पर पीर न जानहिं, ते काफ़िर बेपीर ।।
कहता हूँ कहि जात हूँ, कहा जु मान हमार।
जाका गला तुम काटिहो, सो फिर काटि तुम्हार।।
संगीत: मिलिंद दाते
~~~~~
Пікірлер: 799
"आचार्य प्रशांत से गीता सीखना चाहते हैं? लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00022 ✨ हर महीने 30 लाइव सत्र ✨ 15,000+ गीता छात्रों की कम्युनिटी ✨ पिछले 200+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क ✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल"
@user-hq7ce2xr5d
Ай бұрын
Bsr 🌨️🌱⛈️🌳🌈🌹🙏💞
@homosapian501
Ай бұрын
❤❤❤
@vintikumari3958
Ай бұрын
Climate change के कारण तो सबको पता ही होते है पर हम ऐसा क्या करे ? अपनी गलतियों को केसे सुधारे आचार्य जी...
@Captain_00076
Ай бұрын
@vintikumari3958 save tree 🌲
पृथ्वी थी और रहेगी मिटेगा तो इंसान 🙏🏻
@ksmotivationspeech7493
Ай бұрын
Bilkul sahi ka sir
@sandeepguleria7534
Ай бұрын
Insan ka vikas shristi ka vinaash hai.
@Horizon.890
Ай бұрын
Ha yarr sahi
@RedWhitepubg
Ай бұрын
Ha ☺️ jaldi khtm ho insaan
@shalinipal4442
Ай бұрын
Sahi
हम आदिवासी लोग प्रकृति को मा कि तरह मानते है,पूजते है और प्रकृति को ही भगवान मानते है🌲🏞️🙏❤️
@SarvanKumar-xn3kx
Ай бұрын
अच्छा है कि तुम पाखंडी नहीं हो 🎉
@itsyogu22
Ай бұрын
Hn इसलिए तो जंगल में पाए जाने वाले प्रजातियों को विलुप्त कर दिए खा2 के
@krishgaming9080
Ай бұрын
Salla acharya ko pakhand mat bol wo jo bolte hai acche bolte hai aur jo guna dete hai hume unko smman dena chahiye n unko surakshit rakhna chahiye agar koi threat aaye to@@SarvanKumar-xn3kx
@Abgujjar_
Ай бұрын
❤
जो जितना अधिक भोगेगा वो उतना अधिक कष्ट उठाएगा
@rupeshdash2351
Ай бұрын
Right
@amitchaudhary5500
Ай бұрын
Wo kast nahi uthayega balki puri maanav jati
@ManishKumar-dg9on
Ай бұрын
To Uska Asar Baki Logon per bhi to padega
@VKrishna-tw3ns
Ай бұрын
ऐसा नहीं है भाई प्रकृति भेद भाव नही करती । वो जब रूप बदलेगी उसका असर सब पर पड़ेगा । #savenature #saveearth #achryaprasant
@AK-lc1sj
Ай бұрын
आध्यात्म कहता है कि जिसने भोगा वही जागा !
आचार्य जी आप ऐसी बातें बता रहे हैं जो ना कोई वैज्ञानिक ना डॉक्टर ना बुद्धिजीवी बता रहा है। इसी लिए हम आपको पसंद करते हैं
इस ब्रह्माण्ड का एक मात्र प्राणी मनुष्य ही है जो सबसे धूर्त है और उसका विनाश ऐसा होगा कि जैसे कभी उसका अस्तित्व था ही नही .......😂😂😂
पृथ्वी मां थी और रहेगी मिटेगा तो ये हैवान (इंसान)
@dhananjaysahu454
Ай бұрын
❤
आज की ये विडियो हरेक कंट्री के लोगो को देखना चाहिए, कितने लोग सहमत हो
जनसंख्या नियंत्रण जरूरी है।
@techynishu24
Ай бұрын
Elon musk ka naam suna hai
इंसान अपनी औकात भूल गया है, ये आत्मज्ञान की कमी से हो रहा है, आत्मज्ञान का मतलब ही है अपनी औकात परखते रहना । ~आचार्य प्रशांत🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@ranjitmahato5335
Ай бұрын
Wow
आचार्य प्रशांत जी जो कहते है स्पष्ट कहते है
प्रकृति अपना संतुलन स्वयं बनाती हैं।
@Generalfac
19 күн бұрын
यह सही बात है.
इतनी विकास की भी क्या जरूरत जब सब विनाश ही होगा जल्द 😢😢
इतना प्रयास करके आचार्य जी ने इतना बोला है climate change पे,हर एक बात अब सामने घटित होती दिख रही है।
अहंकार सब खा जाता है। फिर भी उसकी भूख नहीं मिटती। जैसे अहंकार आज पूरी पृथ्वी को खाने की स्थिति पर आ गया है। इस अहंकार की भूख ख़तम हो सकती है सिर्फ़ आध्यात्मिक ज्ञान (आत्मज्ञान)से । प्रणाम आचार्य जी 🙏🏾❤️
@S.v.y3301
20 күн бұрын
Adheyatemak uteni bani avtha me nahee ashakheta hai ishe binsh to nishechar hai hee
प्रकृति को नमन के बजाय भोगने की इंसान की कोशिश जो कि प्रकृति के सामने धूल के कण का शतांश से भी छोटा हिस्सा है उसका अस्तित्व पल भर में नष्ट हो जाएगा।
मनुष्य क्या है? मनुष्य अपनी एक सोच है, धारणा है मनुष्य अपना मन है। -आचार्य प्रशांत
@money_idea
Ай бұрын
और मनुष्य अहम भी है जो छोड़ना नहीं चाहता है और बदलना भी नहीं चाहता है बस अधिक से अधिक भोगना ही चाहता है.. हा में मनुष्य हूं ये भी मेरा अहम है 🫵😤
@Weirdo806
Ай бұрын
Ok@@money_idea
अहम अपनी कामना के अनुसार प्रकृति को रूप देना चाहता है, पर प्रकृति को रत्ती भर भी फर्क नहीं पड़ता वो सिर्फ प्रतिक्रिया देती है ,जिस प्रतिक्रिया के कारण प्रकृति का नहीं हमारा ही नुकसान होता है ।✨
निजता तब आती है जब आत्मज्ञान आता है🙏🏻 😊
न हमार शरीर इस लायक है कि कुछ सह सकें और न ही हमारा मन हम पृथ्वी के सबसे कमजोर प्रजाति है, पृथ्वी पर एक चौथाई मनुष्य ऐसे हैं जो मनुष्य द्वारा निर्मित दवाओं पर आश्रित है,
श्री कृष्ण कहीं बाहर नहीं हैं, वो हमारे अंदर ही है बस हम ही अपने अज्ञान की वज़ह से उन्हें देख नहीं पाते हमे जल्दी से जल्दी अपने भीतर के कृष्ण को देखना होगा और अपनी पृथ्वी माँ को बचाना होगा 🙏🙏🙏🙏
@hritukamalsingh3418
Ай бұрын
Apne AAP KO bachana hai
@BhavikSolanki-nh9hb
Ай бұрын
❤
इसमे मनुष्य का घाटा उससे प्रकृति🌿🍃 का कुछ नहीं जाता।
प्रकृति से दूर होकर हमने अपनी शरीर और मन की शक्ति दोनों को खो दिया है, आप सबसे अनुरोध है जितना ज़रूरी है सिर्फ उतना ही भोग करें, ज्यादा नहीं 🙏🙏
इंसान अकेला जो स्वरचित व्यवस्था पर आश्रित है। प्रकृति से दूर होकर हम शारीरिक रूप से सबसे असुरक्षित जीव बन गए हैं और मानसिक रूप से भी।
कहता हुं कहि जात हूं, कहा जु मान हमार। जाका गला तुम काटिहो, सो फिर काटि तुम्हार।। ~ संत कबीर
After Watching This Video Jhunnu Be Like : अब तो हम खत्म होने जा ही रहे हैं तो क्यों ना और तेजी से भोग किया जाए😢😢
तीन लोक नौ खण्ड में गुरु से बड़ा न कोय 🙏🙏🙏🙏
@vs9546
Ай бұрын
कबीर सात द्वीप नौ खण्ड में, गुरु से बड़ा ना कोय। करता करे ना कर सके, गुरु करे सो होय।।
कहता हूँ कहि जात हूँ, कहा जु मान हमार। जाका गला तुम काटिहो, सो फिर काटि तुम्हार ॥ ☝🏻संत कबीर
@user-ul9jz7zc4i
Ай бұрын
❤❤❤❤
@manishnarware5385
Ай бұрын
Bahut badhiya Bhai
@taniatoor6935
Ай бұрын
Meaning?
आचार्य जी प्रणाम....ये वीडियो भारत देश ही नहीं दुनिया के हर इंसान ने देखना जरुरी हैं
कुछ लोग बिना शरीर के जिन्दा होते हैं
तुम्हारा काम प्रकृति को भोगना नहीं है, भोगा किसी छोटी चीज को जाता है - आचार्य जी❤❤❤
अगर मनुष्य द्वारा निर्मित व्यवस्था टूटती है चरमरा के तो किसी भी अन्य प्रजाति से ज्यादा मनुष्य को दुख होना है।
बहुत गहरी बात है प्रकृति को समझना इंसान समझदार हो कर भी लापरवाही से जीवन जिए जा रहा है दूर का सोचता भी है तो मैं मेरे परिवार से ऊपर नहीं.....
ईश्वर ने एक बात बहुत खूब कहा है, अगर आप प्रकृति से नेचर से खिलवाड़ करोगे ना तो कभी ये प्रकृति आप से भी खिलवाड़ करेगी।❤❤
तुम इस दुनिया में कहीं से आए नहीं हो तुम इस मिट्टी से उठे हो और तुम इस मिट्टी से उठे हो क्यों कि यहां पर कुछ विशेष परिस्थितियां थीं तुम उन्हीं परिस्थितियों से छेड़छाड़ कर रहे हो, तुम दोबारा मिट्टी हो जाओगे ~आचार्य प्रशांत
प्रकृति से दूर रहकर हम शारीरिक रूप से सबसे असुरक्षित जीव बन गए हैं, और मानसिक रूप से भी, दुनिया के किसी प्रजाति में अवसाद, डिप्रेशन, मेंटल हेल्थ,की उतनी बड़ी समस्या नहीं है, जितनी कि मनुष्य में है,
सही में आचार्य जी, वैसे शहर, देश जहां ज्यादा बारिश नही होती थी वहां अब भयंकर बारिश, बाढ़ आ रही है और वहां की बसावट की व्यवस्था इतने भारी बारिश झेलने के काबिल नही है।
इंसान अपनी औकात भूल गया है, क्यों कि उसमें आत्म ज्ञान नहीं है,
@S.v.y3301
20 күн бұрын
Atema geyan hai pahuch nahee hai anjane me peyog hota hai par bo maya me rahate
Please sabhi log mil ke achrya ji k channel ko 100 million aur uske bad 500 million Tak ki subscribers hone chahiye 🎉
Proud to be an indigenous people..we have always worshiped nature ❤🏞️🌱...
जंगल से आए हुए हमें बहुत कम समय हुआ है इसलिए हमारी आंखों को हरियाली देखना आती आवश्यक है॥आचार्य जी॥
प्रकृति माँ है, पत्नी नहीं। उसे नमन करो भोग नहीं। जो भी कोई प्रकृति को अर्थात् देवी को भोग की वस्तु समझेगा घोर दुख पाएगा। ~आचार्य प्रशांत
@blkuniqueeducation
Ай бұрын
प्रकृति माँ हैं, पत्नी नही, उसे नमन करो, भोगों नही। अद्भुत व्याख्या ❤❤
@vishaltutiarts284
Ай бұрын
Prakriti hi maa qki hum uski god m sote. It's true.
इंसान जितना अधिक भोगेगा उतना अधिक कष्ट उठाएगा दुबई में जलप्रलय इसका उदाहरण है रेगिस्तान में ऐसी तबाही दुनिया में आने वाले खतरे का एक संकेत है ।
Acharya ji पिछले 10-15 साल से theory में समझा समझा केर थक चुके है ,🤦♂️ पर अब प्रैक्टिकल के रूप मैं हो रहा है 🙂 देखते है हम इंसान अब भी सुधारते है कि नहीं 🙏🙏
@rummy2416
Ай бұрын
हम नहीं सुधरेंगे क्यों हमें बस अपना देखते हैं ना
इतना अच्छा ज्ञान और बोध का कंटेंट बहुत कम यूट्यूब प्रदान कर पता है ,सुन कर बहुत शांति मिली
मनुष्य अपनी एक सोच है, धारणा है, मनुष्य अपना मन है ~ आचार्य प्रशांत
आदिवासी: प्रकृति ही भगवान है
माटी कहे कुम्हार से तू क्या रोंदे मोए, एक दिन ऐसा होएगा मैं रोंदू तोए ||
Hum Jhunnu log😂😂😂😂 wah Acharyaji aap bahut humorous hai...Mahaan hai aap
प्रकृति में एकदम छोटा सा बदलाव और पूरी मानव जाति समाप्त !
गीता भीतर से वह मुक्त करती है वृत्ति से और बाहर से मुक्त करती है संस्कृति से जब आप मुक्त हो जाते हो तब आप जगत और प्रकृति के लिए {निष्काम कर्म } हो जाते हो l ~आचार्य प्रशांत
जब इंसान खुद को खुदा समझ लेगा और प्रकृति🌿🍃 के साथ दुर्व्यवहार करेगा।तो इसका दंड जरूर मिलेगा।🙏🙏
Prakriti hamare andhe bhogon ke liye nhi h, shakshi hona h uss ki sunderta ke, uss ki vishalta ke, 🌈🕉️🌈🌼🌻🌳🌴🌿🌾🙏🙏🙏
जीव का आधार सन्तुलन है पृथ्वी जैविक है यानी अस्तित्व हमारा मिटेगा पृथ्वी का नही
साधो तेई पीर है, जो जाने पर पीर। जो पर पीर न जानहिं, ते काफिर बेपीर।।
🙏🙏🙏🙏Ji ha acharya ji bhog ke chakkar me hi in इन मनुष्यो ने पृथ्वी को बरबाद कर दिया है
शायद जब तक लोग climate change समझेंगें तब तक बहुत देर हो जायेगी। 😢
@prajju8114
Ай бұрын
kabhi nhi samjhegi insaan!
@bishnuvardhansingh6583
19 күн бұрын
Der all ready ho chuki h
Bhamand m prithvi ki hasti itni si h jitni Ganga m pani ki ek boond, wo maha maa h, itni badi h k, ek palk bhi japke tuo hamare liye maha pralay h, 🌼🌴🌿🌾🌷🌺🌳🌻💐🌹🌼🙏🙏🙏
what a nice line...prakriti se dur hokar hum sharirik roop se sabse jyada kamjor prani ban gaye hai aur mansik roop se bhi... Aur kanto jungle aur bana lo unchi unchi imarate....
No one in the world at present time like you acharya ji 🌹🙅🏻♂️@Raje0397🧎🏻♂️🧎🏻♂️🧎🏻♂️
आजकल अमीर लोग underground bunker बना रहें।युद्ध और climat चेंज से निपटने के लिए
सभी दर्शक को विनंती है आचार्य प्रशांत जी के विङीयो मे जो सिध्दांतीक वाक्य और सुञ गुढ बाते कमेंट मे लिखा करे धन्यवाद
Modern Light Of Asia 🙏🙏🚩
बहुत लाभदायक साबित हुआ।
पृथ्वी थी और रहेगी मिटेगा तो इंसान
प्रकृति के दृष्टा बनो,दूर से आनंद लो प्रकृति को भोगा नहीं जाता।
सर मै छत्तीसगढ़ राज्य से हु अप्रैल का महीना है, अप्रैल के महीना मे इतना गर्मी मैने नही देखा था जो इतना गर्मी मई जून मे होता था अब अप्रैल मे दिख रहा है
हमारे यहां कल बहुत भयानक आग लगी थी कुछ गांव भी जले हैं और हम बाल-बाल बचें
please be a vegetarian and save the nature from destroy
Sudhrenge toh hum katai nai. Abhi during pandemic log aisi baat aisi samajh aisa gyan dikha aur baat rhe the ki dekhi humne galat kiya toh ye prakriti ne hume sabak sikhaya, . Ab hum badal jayenge but jaise pandemic gaya phir wahi loot khasot and humanity again in deep coma. Jagna jaise bahoot muskil ho gya
सही बात है सर सारी दिक्कत गरीबों की से ज्यादा मिडिल क्लास की सर
Humans End is Near 😢
@DineshKumar-pm2yh
Ай бұрын
True
नमन आचार्य जी 🙏🏻🙏🏻♥️💐
Main To chahti hun 100 karod layak mile❤ aur Aacharya Prashant ji Pradhanmantri bane Hamare Desh Ka
Acharya ji ❌ we have to become like acharya ji ✅. Tabhi jeevan saarthak hai
I am not sad about me or other humans but about animals. Just protect them and let humans die alone
आपकी भविष्यवाणी सही हुई
💫 The Earth 🌏 is not sick . 💫 The Earth 🌏 is adjusting itself to eliminate man . - Acharya Prashant🙏🙏🪔🪔
दोस्तो सभी acharya prashant ji की वीडियो को LIKE KARO. Comment करो. KZread आगे promote करेगा. ♥
जब काम भरा हो आखों मे तो सच नज़र नहीं आता है l प्रणाम गुरु देव🙏🙏🙏🙏
साधो तेई पीर है, जो जाने पर पीर, जो पर पीर न जानहि,ते काफिर बेपीर।
प्रकृति को बचाने वाले हम कौन होते हें बचाना तो अपने आप को है प्रकृति से ! प्रकृति हम इंसानों से पहले थी और इंसान जब नहीं रहेगा तब भी प्रकृति रहेगी इसी लिए प्रकृति का नुक़सान हमारा नुक़सान है ! हम इंसानों ने लाखों ऐसे जीव हें जिसे हम ने लुप्त कर दिया है जो प्रकृति के सौंदर्य थे और प्रकृति के सुंदरता हम इंसान नहीं हें बाक़ी दूसरे जीव हें हम इंसानों ने तो प्रकृति को सिर्फ़ नुक़सान पहुँचाया है बाक़ी सारे जीव ने प्रकृति को सौंदर्य बनाने में अपना योगदान दिया है
आत्मज्ञान का मतलब है, अपनी औकात परखते रहना, कोटि कोटि नमन आचार्य जी🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
इंसान एक जो असुरक्षित जीव हैं। बाक़ी प्राणी सह लेंगे परंतु मनुष्य नहीं, प्रकृति में होने वाली घटना का असर मनुष्यों में होगा। ॐ नमः शिवाय 🙏🙏🙏
@bkloug3450
Ай бұрын
Ab dimag ghutno m ho to uska koi ilaj ni h na...insano ka..
People don’t want to understand, day by day we are moving towards end of human race. I saw a video today where Uttarakhand valley was destroyed for development I should say destruction. Smh
आज बहुत कुछ जानने को मिला, पृथ्वी और जानवर के बारे में
हमारे समाज को सही दिशा दिखाने वाले आचार्य जी को प्रणाम 🙏🙏🙏🙏
अति शुद्धतम वक्तव्य ❤❤❤ आचार्य जि कि समझ वहत उच्चतम है ये समझ सब को समझ हजाये तो ❤❤❤❤
हुक्मे अन्दर सब को बाहर हुक्म ना कोई नानक हुक्मे जो बुछे ता हुमै कहै ना कोई
Vikas vikas....vinash , prakriti ko nuksaan pahucha kar inshan vikas kar rha hai, hamare samaj ne vikas ki aisi paribhasha samjhi hai, hame prakriti me samanvay bna ke rahna hai, hum logo ko is prithvi ko Sundar aur swachh, Hra bhra banana hai, Jay hind
इन्सान अपनी औकात भूल गया है, ये आत्मज्ञान की कमी से होता है आत्मज्ञान का मतलब ही है अपनी औकात परखते रहना ~आचार्य प्रशांत
ख़ुद को खुदा बनाने के चक्कर में सब बह गया
@bkloug3450
Ай бұрын
Civilization destruction hone k lie hi construction hoti h😂
Aacharya sahab ke charanon Mein koti koti pranam 🙏👋🙋🔥🪔🧘
"Naman! My dear Aacharya Ji"
नमन आचार्य जी🙏🙏❤️ दुबई कि न्यूज़ कल पढा था मैंने ।मुंबई मे भी बारिश हुई है बहुत हि ज्यादा
कुदरत ने क्या खूब रंग दिखाया है, इंसानों को प्रकृति दोहन का सबक सिखाया है, घर में कैद होने के बाद समझ आया है, कि प्रकृति को हमने कितना रुलाया है ❤❤
गुरुजी आपने बिलकुल सत्य जानकारी दी है और यही सत्य है आपको दिल से कोटि कोटि प्रणाम ❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Insaan lupt ho jaye wahi achha hai
सत्यमेव जयते
Ye insan akela hi duniya se ladne nikla hai, par shayad prabhu ke sabse priye insaan hain ye!!!!!