Haldwani Bazar Atikarman Kya Boli Madam | हल्द्वानी अतिक्रमण बाजार में महिला भड़की करारा जवाब |

Haldwani Bazar Atikarman Kya Boli Madam | हल्द्वानी अतिक्रमण बाजार में महिला भड़की करारा जवाब |
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Пікірлер: 20

  • @JyotishVastu-m7i
    @JyotishVastu-m7i17 күн бұрын

    इस कमेंट पढ़ने वाले को नीम करौली हमेशा खुशियाँ दे❤

  • @jasmeetgrover6412
    @jasmeetgrover6412Ай бұрын

    🎉🎉

  • @pravendrarawat4048
    @pravendrarawat4048Ай бұрын

    बहुत सुंदर सर जी ❤

  • @karwaan6896
    @karwaan6896Ай бұрын

    Nice video 🎉🎉🎉🎉🎉 hum aapse Jude chuke hai aap bhi judhiye pleased 🎉🎉🎉🎉

  • @bhuwanbadhani230
    @bhuwanbadhani230Ай бұрын

    कोरंगा जी नबाबी रोड का अतिक्रमण हमारे कमिश्नर साहब के संज्ञान में लाइए। और इसे हटवाइए प्लीज़।

  • @piyushverma7399
    @piyushverma7399Ай бұрын

    Ye anti ji humre yha ko rheti hai

  • @ramadevikaintura
    @ramadevikaintura14 күн бұрын

    अभी भी,सरकार, के पास,बहुत, समय, है, और,अब, बिल्कुल, ठोस कार्रवाई, हो, और, सबको, घर, बना, कर, दे,जो,100, साल बाद भी, किसी, का घर, न, टूटे, और, मास्टर प्लान, से,काम, हो, तालाब,और, पार्क, स्कूल हॉस्पिटल, हर जगह, होने, चाइए, और, जनता, को, भी, सरकार, की बात, समझनी चाहिए

  • @anilkumarjoshi6294
    @anilkumarjoshi6294Ай бұрын

    Koranga g aap bhut risk leke blog bnate ho Salute hai aapko

  • @trilokchandra3870
    @trilokchandra3870Ай бұрын

    Esi soch sabki hogi to sahar sundar hoga nice maidan

  • @merisochapkavichar5038
    @merisochapkavichar5038Ай бұрын

    Haldwani mai dukan se baher saman rekhne per jurmana legana chahiye. Or koi bhi road per saman laker bechega nahi. Atikerman inka hi jayada hai. Market mai chalne ki jagha nahi hai.

  • @akhanduttrakhand8186
    @akhanduttrakhand8186Ай бұрын

    Well done 👍

  • @monujbhandari2028
    @monujbhandari202829 күн бұрын

    Chhote bhai yah to galti ho raha hai

  • @SandeepsinghJaggi
    @SandeepsinghJaggiАй бұрын

    Arha Sarkar kutha ha das saal AK kampni me kaam kartha huaa ho gha ha Aaj dithu nhi mil rhi ha sitkul me bahar ka paramanth ho ham ho Ko gha bhar ya he modhi Ki sarkaar

  • @HarishChand-nv9ts
    @HarishChand-nv9tsАй бұрын

    पूरे हल्द्वानी में अतिक्रमण के अलावा कुछ और है क्या ? जिन पहाड़ियों का पहाड़ में अपनी असीमित भूमि होने के बाद भी उसे बंजर करके पहाड़ से मोहभंग कर चुके हैं वो हल्द्वानी, पीरूमदारा और कोटद्वार में जाकर सौ,दो सौ गज जमीन लेकर इतरा रहे हैं वो भी तो इन बेजुबान तोतों के जैसे ही अपना जीवन बिता रहे हैं ।🤪🤪

  • @thakursingh4995

    @thakursingh4995

    Ай бұрын

    आपकी बात सही है, पर हल्द्वानी भी उत्तराखंड में आता है। आज उत्तराखंड वाले नहीं आये होते तो दुसरे राज्यों से पूरा भर गया होता।फिर कहते आप बाहरी लोगो ने खरीद लिया है पुरा हल्द्वानी। हां ये जरूर है गांव भी नहीं छोड़ना चाहिए।आना जाना करते रहना चाहिए।आने वाले समय में पहाड से हल्द्वानी एक ही दिन में आना जाना हो जायेगा दिन पर दिन सड़कें चोडी हो ही रही है। पहले हम भी हल्द्वानी सुबह चार बजे चलते थे शाम को हल्द्वानी छः बजे पहुंचते थे।आज सात बजे चलने से एक बजे हल्द्वानी पहुंच जाते हैं। यें उत्तराखंड का हिस्सा ओर कुमाऊं का द्वार है इसमें अधिक से अधिक लोग उत्तराखंडी होना चाहिए ओर व्यवसाय भी अधिक से अधिक लोग उत्तराखंडी होना चाहिए ,चाहै ओटो हो सैलानियों को ले जाने वाली गाड़ियां हो,छोटे बड़े दुकान हों, सब्जी फल बाजार हो। चाहै होटल हो। हर जगह उत्तराखंड का कम से कम 70 प्रतिशत होना चाहिए। आज हल्द्वानी में दुसरे राज्यों से आकर अच्छा खासा कमाकर लें जाते हैं बहुतो ने यहां मकान बना लिये है। यें तो हमारा राज्य है लोग बाहर दुसरे राज्यों में काम करने जाते हैं , बहुत सारे लोग बाहरी राज्यों में ही बस चुके हैं । अगर हल्द्वानी में काम करेंगे तो या हल्द्वानी में बसेंगे तो पहाड आना जाना चलता रहेंगा,ओर अपना बोली भाषा भी बोलते रहेंगे। जब पहाड़ के लोग दुसरे राज्यों से पहाड गांव आते हैं तो हल्द्वानी पहुंचने पर अपनापन जैसा लगता है। फिर हल्द्वानी अपने लोग बसेंगे तौ कुछ ना कुछ रोजगार करेंगे। बाहरी लोग बसेंगे तो धीरे-धीरे फिर पहाड़ की तरफ नजरें होंगी, । इसलिए हल्द्वानी बसने में कोई बुराई नहीं है। कुमाऊं का द्वार कहते हैं। जय देवभूमि उत्तराखंड।

  • @HarishChand-nv9ts

    @HarishChand-nv9ts

    Ай бұрын

    @@thakursingh4995 वाह रे वाह 👌👌 बाप दादा की मेहनत से संजोए गए वो खेत खलिहान और लाखों मजबूरियों से बनाए गए उन घरों को बंजर करके दुसरे शहर में बसने का अच्छा बहाना है और दूसरे राज्यों के लोग कौन हैं वो भी तो इसी देश के हैं सबसे ज्यादा तो आज पहाड़ी दूसरे राज्यों में बसे हुए हैं उत्तराखंड में तो फिर भी अभी बहुत कम हैं और जब गांव के गांव खाली होते जा रहे हैं तो फिर वहां कोई भी बसे क्या फर्क पड़ता है वो मुस्लिम हों या नेपाली या फिर कोई और ?

  • @anilsingh7707

    @anilsingh7707

    22 күн бұрын

    देश मे देश के लोग कही भी बस सकते हैं ये कुंठित सोच रखना सही नहीं पहाड़ के लो बहुत संख्या मे बाहर बसे हैं उन्हें बड़े आदर प्यार से बसाते हैं फिर प्लेन वालों से इतनी तकलीफ क्यों ? विदेशी बसे तो बहुत पसंद करते क्यों? एकता रखो आपस मे

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