हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से चारा उत्पादन || fodder production through hydroponics technology ||
पशुओं के संतुलित आहार में हरे चारे का विशेष महत्व होता है क्योंकि हरा चारा पशुओं के लिए पोषक तत्वों का एक किफायती स्त्रोत है। दूध का उत्पादन तेजी से बढ़ाने के लिए पशुओं को अच्छी गुणवत्ता वाला चारा आवश्यक है। यह तो हम जानते ही हैं की दुधारू पशुओं पर करीब 60 से 70 फीसदी खर्च सिर्फ उनकी खुराक पर होता है। इसलिए आवश्यक है कि पशुओं की खुराक उनके उत्पादन के अनुरूप उचित एंव संतुलित हो जिसमे सभी आवश्यक तत्व जैसे प्रोटीन, खनिज लवण,विटामिन, वसा,कार्बोहाइड्रेट एवं जल संतुलित मात्रा में सम्मलित हो। राज्य में लगभग 90 प्रतिशत से भी अधिक किसान लघु और सीमांत किसान हैं या तो भूमिहीन या बहुत कम जमीन है जो मुख्य रूप से सूखे चारे पर निर्भर होते हैं बिहार एक ऐसा राज्य है जिसका अधिकांश क्षेत्र अनेक नदियों से घिरा है जिसके कारण लगभग 10 लाख हेक्टेयर जमीन प्रत्येक वर्ष बाढ़ से प्रभावित होता है जिसमे कोई फसल लेना संभव नहीं है | हरे चारे की कमी के कारण प्राय: पशुपालक सूखा चारा तथा थोड़ा बहुत दाना ही अपने दुधारू पशुओं को खिलाते हैं, जिससे पशु पालक को जितना उत्पादन मिलना चाहिए उतना नहीं मिलता | बाढ़ और सुखाड़ जैसी विषम परिस्थिति में यह आवश्यक हो जाता है कि हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से हरा चारा उत्पादन किया जाय जिससे की हरे चारे के अभाव की समस्या को हल करने में मदद मिल सके | बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने हाइड्रोपोनिक्स तकनीक से हरा चारा उत्पादन कर नयी शुरुआत की है |
हाइड्रोपोनिक्स तकनीक का मतलब यह है की पौधों को बिना मिट्टी के यानी जल संवर्धन विधि द्वरा पौधों को उगाया जाता है | इस तकनीक में मिट्टी का बिना प्रयोग किये आधुनिक तरीके से खेती की जाती है | ख़ास बात यह है की इसमें किसी भी प्रकार का केमिकल या पोषक तत्व किसी भी माध्यम से फसल को प्रदान नहीं किये जाते हैं |केवल शुद्ध पानी और अंकुरित बीजों को तापमान नियंत्रित कर फवारें द्वारा सिंचाई का प्रबंधन करने से सफलतापूर्वक हरा चारा उत्पादन किया जा सकता है |
Пікірлер: 22
Very nice class sir and ma'am Ji
जये हो गऊ माता जी की
Very good video
Jay Bihar
Great ❤
Super ❤
वाह
🎉🎉🎉🎉i am बिहारी
Sir ek video stylo grass par banaye main gaya bihar se hun
नमस्ते , मैं आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवम प्रौद्योगिकी विश्विद्यालय का छात्र हूं आपने बहुत ही अच्छे तरीके से हाइड्रोपोनिक्स के बारे में बताया लेकिन मेरा यह प्रश्न है की इस पद्धति के द्वारा काफी बीज का प्रयोग करना पड़ेगा जिससे हमे रोज के लिए चारा मिलता रहे
क्या बिहार के किसान इतने संपन्न हैं की वो बहुमंजिला ताप नियंत्रण कक्ष बनवा सकें??
@AjitKumar-qd2gl
10 ай бұрын
एक दम सही बात
@kanchidsingh4131
10 ай бұрын
1:14 सही कहा भाई
@subodhsingh9533
10 ай бұрын
Neither the temp. nor humidity disclosed. Exactly working like bihar govt.
@OMUNDRA699
10 ай бұрын
Chotisoch,jattiya,Kya Angrej ki jamane ki car,ajj chalana pasand kerne wale loggRajdoot,Patna Farmer plant solar panel in farm,So we should adopt New technology slowly.tu jaiso ka. Time gaya, Apple farming in Bihar,anjeer, strawberry,dwarf coconut farming 3-4yrs fruiting 5-6 feet height.always try to adopt New technique.
@everythingshere4u.
10 ай бұрын
ये सरकार बस दिखावा करती है, क़ृषि और पशुपालन के नाम पे अन्य राज्य जाकर देखिये कितना मदद किसान को मिलता है
makka ka hara chara me kon kon sa tatw rahta hai
But Bij upchar ke bare me kuch nahi bole! Aur Tray me say excess pani kaise nikale? Temp & Humidity value kitna hoga?
@pavanjat1
4 ай бұрын
Excess water nikalne ke liye tre mein Holes hote hain
Par is tarah se utpadan kiye gye chare me 8 dino k dauran kisi bhi tarike ki photosynthesis na hone ki wajeh se jo dry matter ka approx 9-11% loss hojata hai. Iswajeh se kishano ko khet me hi hare chare ki bandobast karni chahiye.
@arpitkumar2981
4 ай бұрын
Video ke start mein hi kaha gaya hai ki flood prone areas ke liye hai