Guest Speaker Shri R K Goel at Nadi Astrology Conference on 28 October 2017- Delhi - Part 2
Guest Speaker Shri R K Goel at Nadi Astrology Conference on 28 October 2017- Delhi - Part 2
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Пікірлер: 14
@astrologervaidikjyotishpaw1329 Жыл бұрын
प्रभु जी बहुत बहुत धन्यवाद इतना साधरण आपने ज्ञान दिया
@bhavnakansara706 Жыл бұрын
🙏
@VIKRANTSARKAR Жыл бұрын
Jai Vikrant Sarkar bahut acha laga
@musicastro9743 Жыл бұрын
Very enlightening 🙏
@narendradixit15563 жыл бұрын
अद्भुत व्याख्यान गुरु देव जी का
@sudhiragarwal5674 жыл бұрын
Excellent 👍👍
@RajeshSharma-ec2qp4 жыл бұрын
बहूत सुन्दर ताऊजी आपसे अच्छा कोई नहि समजा सकता
@shaligramshrivastava38623 жыл бұрын
बहुत सही।क्योकि प्रथ्वि भी अपनी धुरी पर घूमती हे तो नभ मंडल मे संचरित गृहो के एलेक्ट्रॉ मेग्नेटीक फ़ील्ड से निर्मित ऊर्जा का प्रभाव भिन्न 2 कोणीय मां से भिन्न2 होने से इसकी घुर्णन गति के सापेक्ष अध्यायन भी नितांत आवश्यक हे।तभी कुल ऊर्जा का फल केल्कुलेट होगा।
@kumarg5774 жыл бұрын
आप बताएं कि 1 राशि व पहला भाव और मंगल को क्यो मिली मेष ही पहली राशि क्यो तथा पहला भाव और कारण तथा निवारण सपष्ट करे आशा है आप उत्तर देंगे जी
@rajakatadi96724 жыл бұрын
Add English captions sir...
@rameshchander77664 жыл бұрын
Sir address dena
@shivakumarthrithala13163 жыл бұрын
यह अज्ञानी है। सूर्य को ग्रह नहीं मानता है। Star is an English word Mr. Goel. Our rishis have declared that - अनेक ग्रह है लेकिन सप्त ग्रह और 2 छाया ग्रह है कुल 9 ग्रह को लेकर चलो जो पृथ्वी पर असर पड़ता है। सूर्य और चन्द्र प्रकाशक ग्रह है और बाकी 5 ग्रह तारा ग्रह है।
@dwarkasain94283 жыл бұрын
आप सूर्य को ग्रह नहीं मान रहे हैं? लग्न का स्पस्ट मान प्रथ्वी और स्थान का प्रतीक है । आप का कहना है कि ज्योतिष में प्रथ्वी और उसके स्थान कोई महत्व ही नहीं दिया गया ।
Пікірлер: 14
प्रभु जी बहुत बहुत धन्यवाद इतना साधरण आपने ज्ञान दिया
🙏
Jai Vikrant Sarkar bahut acha laga
Very enlightening 🙏
अद्भुत व्याख्यान गुरु देव जी का
Excellent 👍👍
बहूत सुन्दर ताऊजी आपसे अच्छा कोई नहि समजा सकता
बहुत सही।क्योकि प्रथ्वि भी अपनी धुरी पर घूमती हे तो नभ मंडल मे संचरित गृहो के एलेक्ट्रॉ मेग्नेटीक फ़ील्ड से निर्मित ऊर्जा का प्रभाव भिन्न 2 कोणीय मां से भिन्न2 होने से इसकी घुर्णन गति के सापेक्ष अध्यायन भी नितांत आवश्यक हे।तभी कुल ऊर्जा का फल केल्कुलेट होगा।
आप बताएं कि 1 राशि व पहला भाव और मंगल को क्यो मिली मेष ही पहली राशि क्यो तथा पहला भाव और कारण तथा निवारण सपष्ट करे आशा है आप उत्तर देंगे जी
Add English captions sir...
Sir address dena
यह अज्ञानी है। सूर्य को ग्रह नहीं मानता है। Star is an English word Mr. Goel. Our rishis have declared that - अनेक ग्रह है लेकिन सप्त ग्रह और 2 छाया ग्रह है कुल 9 ग्रह को लेकर चलो जो पृथ्वी पर असर पड़ता है। सूर्य और चन्द्र प्रकाशक ग्रह है और बाकी 5 ग्रह तारा ग्रह है।
आप सूर्य को ग्रह नहीं मान रहे हैं? लग्न का स्पस्ट मान प्रथ्वी और स्थान का प्रतीक है । आप का कहना है कि ज्योतिष में प्रथ्वी और उसके स्थान कोई महत्व ही नहीं दिया गया ।