Experience the Mystical Mata Vaishno Devi Yatra
Комедия
जै मां वैष्णो देवी (Yatra dt.01-11-2023)
ऐसा माना जाता है कि माता वैष्णो देवी ने त्रेता युग में माता सरस्वती, मां लक्ष्मी और मां पार्वती के रूप में मानव जाति के कल्याण के लिए एक सुंदर राजकुमारी के रूप में इस संसार में प्रकट हुईं। उस राजकुमारी ने त्रिकुटा पर्वत पर तपस्या की। बाद में उनका शरीर तीन दिव्य ऊर्जाओं, महा शक्तियों महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती के सूक्ष्म रूप में विलीन हो गया।
त्रिकूटा पर्वत पर वैष्णो माता देवी महाकाली (दाएँ), महासरस्वती (बाएँ) और महालक्ष्मी देवी (मध्य), पिण्डी के रूप में गुफा में विराजित है, इन तीनों पिण्डियों के इस joint रूप को वैष्णो देवी का रूप कहा जाता है।
यह स्थान 'भवन' के नाम से प्रसिद्ध है।
ऐसी मान्यता है कि माँ वैष्णो देवी ने भैरोनाथ का वध किया, वध करने पर उसका सर भवन से लगभग 3 किमी दूर जा कर गिरा, आज उस पर स्थान भैरो मंदिर है। कहा जाता है कि अंत में भैरोनाथ को अपनी गलती का पश्चाताप हुआ और उसने देवी से माफ़ी माँगी।
वैष्णो देवी ने भैरोनाथ को वरदान दिया और कहा कि "मेरे दर्शन तब ही पूरे नहीं माने जाएँगे, जब कोई भक्त मेरे बाद तुम्हारे दर्शन करेगा।" भैरो बाबा का यह मंदिर, वैष्णोदेवी मंदिर से ३ किमी की दूरी पर है। भैरों मन्दिर तक जाने के लिए भवन से Roapway Trolly bhi available है।
जय माता दी
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It was great consultation with mr Taneja for asotelogy the points he mentioned was to the point and he does not misguided people or tell them to do expensive solutions ..very kind and honest astrologer