शूद्र गरीब क्यों ? मनुस्मृति / संविधान । वर्ण तो चार हैं लेकिन धन के स्रोत तीन ही हैं।

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KZread • दलित ! OBC और किसान ! ...

Пікірлер: 2 200

  • @G.K_WITH_ME_
    @G.K_WITH_ME_5 ай бұрын

    आगे बढ़ना है तो पढ़ना है और एक दूसरे को सपोर्ट करना है। जय भीम जय संविधान 🙏🙏🙏🙏

  • @SurinderKumar-qn1wg

    @SurinderKumar-qn1wg

    Ай бұрын

    Right

  • @vishalgautam6333

    @vishalgautam6333

    3 күн бұрын

    ​@@SurinderKumar-qn1wg11qqqqqq

  • @readytohelf
    @readytohelf4 ай бұрын

    बाबा साहब ने मनुस्मृति जला कर बहुत बढ़ा पुन्न कर्म किया था जय भीम जय संविधान 💙

  • @sudhirsingh1563

    @sudhirsingh1563

    17 күн бұрын

    बहुत गलत किया कोई अध्ययन नही था

  • @rajendraPratap-ks6qg
    @rajendraPratap-ks6qg7 ай бұрын

    मनुस्मृति मानव जीवन के लिए कलंक है 👈👈👈👈👈👈

  • @HaridevSharma-rc1jv

    @HaridevSharma-rc1jv

    Ай бұрын

    मनु स्मृति में जन्म से सभी शूद्र होते हैं संस्कार होने से द्विज अर्थात दूसरा जन्म विद्या माता गुरु पिता वेद पढ़े तब विप्र और ब्रह्म जाने तब ब्राह्मण बनता है।। शरीर की शोभा चारों अंगो से होती है इसी प्रकार चारों वर्णौ से ही एक मानव, समाज की शोभा है।। धन्यवाद। आर्य पुत्र।।

  • @VihanshKumar

    @VihanshKumar

    Ай бұрын

    Agar ha varn vyavastha chod da Kay ho jayga Bharat ko chodkar duniya jitna dash ha kahi bhi varnvad nahi ha khub tarkki kar raha Japan American chin( jai manvta)

  • @studywithlakhendra

    @studywithlakhendra

    Ай бұрын

    आज की वास्तविकता से बहुत दूर है

  • @budhprakash9200

    @budhprakash9200

    20 күн бұрын

    शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है । यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं । शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह बिंदी अवश्य लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं। चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है। कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं। कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं। द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं। शूद्रण भी द्विज और पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। जो द्विज तपश्रम उद्योग उत्पादन निर्माण कार्य करते हैं वे शूद्रण हो जाते हैं। अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है। क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है। इस पोस्ट को कापी कर अन्य सबजन को लेखक प्रकाशक को भेजकर कर प्रिंट सुधार करवाएं।

  • @vijaykhillare9349

    @vijaykhillare9349

    20 күн бұрын

    Shudra ka bramhane mu me liya tha esliy shudra bana​@@HaridevSharma-rc1jv

  • @SurinderKumar-qn1wg
    @SurinderKumar-qn1wgАй бұрын

    मनुस्मृति मानव जीवन के लिए कलंक है 🥲🥲🥲

  • @samarbahadur4316
    @samarbahadur43169 ай бұрын

    ,, शुद्रो को सदियों से सताया गया है इसलिए यह गरीब है

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/lYauj5eHnparidY.html भारत की न्यायपालिका में SC/ST के जज कम क्यों हैं ??

  • @JitendraYadav-hu8li

    @JitendraYadav-hu8li

    9 ай бұрын

    Actually garibi karm par nirbhar hai. Jati par nahi

  • @JitendraYadav-hu8li

    @JitendraYadav-hu8li

    9 ай бұрын

    Actually garibi karm par nirbhar hai. Jati par nahi

  • @VinodKohli-qh4vg

    @VinodKohli-qh4vg

    3 ай бұрын

    ​@@pvplawindiaobc chhod diye dar lagta hai sc obc ko ek karne me beta jis din sc obc jag gaya na to samhj lena

  • @user-oc1dw4qq1d

    @user-oc1dw4qq1d

    3 ай бұрын

    गरीब वो है जो कामचोर है

  • @blchouhan9720
    @blchouhan97209 ай бұрын

    ब्रम्हा ने इन चारों वर्णों को केवल भारत में ही पेदा किया। विदेशों में नहीं।

  • @bhupindersinghkanwar5681

    @bhupindersinghkanwar5681

    9 ай бұрын

    Everywhere Verna exist but they stated slavery system of killing theirs shudra and capturing trurs land

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    यही तो सबको समझना होगा।

  • @satyendramishra7877

    @satyendramishra7877

    9 ай бұрын

    ब्रम्हा ने चार वर्ण नहीं पैदा किये बल्कि मनु द्वारा विभाजित चार कार्य को ब्रम्हा के चार अंगों से तुलना किया गया है l ब्राम्हण कार्य को मष्तिष्क से, क्षत्रिय कार्य को बाहु से, वैश्य कार्य को उदर से, सेवा कार्य को पैर से l

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @ShrawanSaazOfficial

    @ShrawanSaazOfficial

    9 ай бұрын

    @@satyendramishra7877 ऋग्वेद के दशम मंडल के पुरूष सुक्त में पढ लीजिए।और अगर मनु ने लिखा तो मनु भी तो ब्रह्मा के पुत्र हैं।मत्स्य पुरान पढ लीजिए जिसमें ब्रह्मा ने सरस्वती को पैदा किया और अपनी कन्या सरस्वती से ही मनु को पैदा किया । जिन की रचना मनुस्मृति है । अगर ब्रह्मणों पर आरोप लगता है तो क्या संगठित रूप में ब्र्हमणों ने मनुस्मृति का आज तक विरोध किया ? वैन किया? आज तो हिन्दू राष्ट्र बनाकर यही संविधान लागू होगा । जब संविधान बना था तिलक ने कहा था इस में मनुस्मृति का कुछ भी अंश नहीं है यह 10 साल में खत्म हो जाएगा और RSS 50साल तक अपने मुख्यालय पर तिरंगा झंडा नहीं फहराया ।

  • @user-yaksh
    @user-yaksh7 ай бұрын

    मनु स्मृति बनाने वाले ब्रह्मा को आज भी कोई नहीं पूजता है l सब जानते हैं l उसने तो अपनी बेटी को ही अपनी पत्नी बना लिया था l भगवान शिव और विष्णु की ही पूजा की जाती है l वो जमाना गया l आज देश संविधान से चलता है l मेरा तो सबसे प्रसिद्ध ग्रंथ हमारा संविधान है जो हमेशा अमर है l जय संविधान l जय भारत l जय भीम l

  • @user-go8mq9kp8g
    @user-go8mq9kp8g9 ай бұрын

    ना मनोस्मृति से ना गीता से ना कुरान से भारत चलेगा तो सिर्फ़ संविधान से 🤟🤟💯

  • @jipsum

    @jipsum

    9 ай бұрын

    गीता कोई नियम कानून की किताब नही वो सिर्फ यूनिवर्स की जानकारी h उसको मनुस्मृति और कुरान बाइबिल रामायण से तुलना न करे

  • @jipsum

    @jipsum

    9 ай бұрын

    मैं तो चाहता चमार पासी भंगी साफ सुथरे रहे mgr साले दारू पीते गांजा पीते सुवर खाते रण्डी नाच देखते गंदे रहते अंबानी वही बनेगा जो दिमाग और शरीर दोनो से मेहनत करेगा दारू गांजा भांग वाला नही सुधरो हरिजन आदिवासी समाज 10 बच्चे ना पैदा करो तंबाखू मत खाओ 🙏🙏🥰

  • @jaibharat4999

    @jaibharat4999

    9 ай бұрын

    Desh sambidhan se nahi chalta jish ke pas paisa hai wo bikau shambidhan ko chalate hai

  • @nitinchoubey6272

    @nitinchoubey6272

    9 ай бұрын

    O Bhai Geeta ji ki tulna kishi bhi cheej se karne ke pehle use samjho dear geeta ji koi rajnitik nhi hai.

  • @rambabusingh3110

    @rambabusingh3110

    9 ай бұрын

    तो संविधान में ही लिखा है कि मुस्लिम अपना जीवन यापन सरिया के अनुसार करेगा. और हिन्दू,हिंदू धर्म के आधार पर.

  • @sundeutsch
    @sundeutsch14 күн бұрын

    बहुत खूब। वर्ण तो चार हैं मगर धन के स्रोत केवल तीन हैं। सही कहा।

  • @jagannathrao5607
    @jagannathrao5607Ай бұрын

    शुद्रो के गरीबी का प्रमुख कारण मनुस्मृति है ।

  • @budhprakash9200

    @budhprakash9200

    20 күн бұрын

    मुख से ब्रह्मण, बांह से क्षत्रिय ,पेटउदर से शूद्रण और चरण से वैश्य हरएक मानव जन हैं और जो मानव जन अध्यापक शिक्षक गुरुजन पुरोहित विप्रजन द्विजोत्तम हैं वे उच्च पद पर होते हैं । पाचमुख मतलब है पांचजन = जनसेवक दासजन वेतभोगी × ( अध्यापकजन ब्रह्मवर्णजन + सुरक्षकजन क्षत्रमवर्णजन + उत्पादकजन शूद्रमवर्णजन + वितरकजन वैशमवर्णजन)। यही चारवर्ण पांचज़न सनातन शाश्वत जीविकोपार्जन प्रबन्धन विषय व्यवस्था है। शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है । यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं । शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं। चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है। कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं। कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं। द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं। शूद्रण भी द्विज पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है। क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।

  • @sbpyadav6507
    @sbpyadav65076 ай бұрын

    संविधान सर्वोपरि, देश संविधान से चलेगा , जहां सब का सम्मान हो, सब के लिए समान कानून हो,कोई हेरा फेरी नही हो, मनुस्मृति को खारिज करो अब जरूरत नहीं ।

  • @snehanshkumar8481
    @snehanshkumar84816 ай бұрын

    इसलिए अंबेडकर ने किताब जलाई ❤

  • @arunkumardas9645

    @arunkumardas9645

    5 ай бұрын

    जय भीम जय संविधान

  • @vikrantchelakchakwe5974

    @vikrantchelakchakwe5974

    Ай бұрын

    Ambedkar ne sudro ko bodh dharm apnane ko kaha lekin ye samaj se dur ho gya o b c samaj

  • @sunriseclasses7857
    @sunriseclasses78579 ай бұрын

    ब्राह्मण में कभी भी न्यायिक प्रकृति नहीं होती है

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @thelogicalindian99

    @thelogicalindian99

    8 ай бұрын

    बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzread.info/dash/bejne/gYyBzad_pd3ff7w.html

  • @sharanlalparmal5260

    @sharanlalparmal5260

    4 ай бұрын

    Right

  • @amirmakwana1076

    @amirmakwana1076

    Ай бұрын

    100% Right 🔔

  • @AnandKumar-kb4ca

    @AnandKumar-kb4ca

    21 күн бұрын

    फिर भी जज ये ही लोग बने हुए हैं।

  • @dayanandtandi8939
    @dayanandtandi89399 ай бұрын

    लेकिन नौकरी करने के लिए क्यों छटपटाहट है ब्राह्मण

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @satyanarayanshani5731
    @satyanarayanshani57317 ай бұрын

    ब्राह्मण का चरित्र् न्याय पूर्ण नहीं होता हैं जय भीम जय संबिधान

  • @Mohan-uh3fo
    @Mohan-uh3fo7 күн бұрын

    बेहतरीन, ज्ञान के चक्षु खोलने वाला वीडियो

  • @jagatpal4547
    @jagatpal45479 ай бұрын

    ब्रहम्हा जी ने भारत मे चार र्वण बनाए लेकिन चीन अमेरिका जापान और आस्ट्रेलिया और भी बहुत से देस मे एक ही र्वण बना के हमारे साथ ना इनसफी की है ब्रहम्मा जी ने

  • @meenakshiverma4865

    @meenakshiverma4865

    9 ай бұрын

    कोई ब्रह्मा जी नहीं थे

  • @Geniu693

    @Geniu693

    9 ай бұрын

    ब्रह्मा एक काल्पनिक किरदार है जिसका प्रयोग बाह्मणो ने फूट डालो और राज करो की नीति को अपनाया | ताकि भारत के लोगों को जाति में बाँट कर राज कर सके।

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @prakashdawar3173

    @prakashdawar3173

    9 ай бұрын

    आपने तो धर्म हु परिवर्तन कर लिया है...

  • @jipsum

    @jipsum

    9 ай бұрын

    मैं तो चाहता चमार पासी भंगी साफ सुथरे रहे mgr साले दारू पीते गांजा पीते सुवर खाते रण्डी नाच देखते गंदे रहते अंबानी वही बनेगा जो दिमाग और शरीर दोनो से मेहनत करेगा दारू गांजा भांग वाला नही सुधरो हरिजन आदिवासी समाज 10 बच्चे ना पैदा करो तंबाखू मत खाओ 🙏🙏🥰

  • @HariOm-vy3yy
    @HariOm-vy3yy9 ай бұрын

    ब्राह्मण का चरित्र न्यायिक नहीं होता

  • @prakharshankar3064

    @prakharshankar3064

    9 ай бұрын

    😂 chutiya kuchh bhi mat bola kar

  • @prakharshankar3064

    @prakharshankar3064

    9 ай бұрын

    Subhash Chandra Bose, Laxmi Bai Ram Prasad Bismil ,

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @rajendrapandey3598

    @rajendrapandey3598

    9 ай бұрын

    ये अंग्रेजों की भाषा है।

  • @vaibhav9340

    @vaibhav9340

    7 ай бұрын

    Bhai aise comment mat kiya karo

  • @somputra1004
    @somputra10049 ай бұрын

    जिनके पास शिक्षा का अधिकार था उन्होने स्वलाभ लेने के लिए सबको मूर्ख बनाया... ये ईश्वर का न्याय नही हो सकता..... 🙏

  • @GhanshyamKoshal

    @GhanshyamKoshal

    6 ай бұрын

    g.m❤

  • @DoraraDorara-mm5mw

    @DoraraDorara-mm5mw

    6 ай бұрын

    Bilkul sahi baat hai🎉

  • @sudhirsingh1563

    @sudhirsingh1563

    17 күн бұрын

    शिक्षा का अधिकार छिने क्यो नही क्योकि लम्पट रहना था क्यो कि पढ़ाई जो कठिन होती है किसी के पास कोई अधिकार ईश्वर ने अपने तरफ से नही दिया था जो कि तुम मान गये वे लोग अपने परिश्रम एवं साहस से प्राप्त किया था बाबा साहब ज्योतिबा फूले रैदास ने परिश्रम किया था पहले जिनके पास शक्तिया थी उनकी आलोचना के बजाय उनसे सीखो भारतीयो को यूरोप से सिखनी चाहिए न की घृणा करनी चाहिए घृणा करके उनका कुछ नही उखाङ पाओगे बल्कि अपनी ही विवेक को नष्ट कर देगो

  • @chandermohan1134

    @chandermohan1134

    6 күн бұрын

    Dollar paid bourgeoise scholar is unnecessarily indulging in subjective talk and exaggerating the things beyond limits. SfiRam.

  • @sukhdeoram1914
    @sukhdeoram19149 ай бұрын

    त्रिपाठी साहब आप ने तो चारो वर्णों का कार्य व्यवहार बहुत ही ढंग से समझाया इससे प्रतीत होता है कि शूद्रों को मनुस्मृति के अनुसार सामाजिक व्यवस्था में ब्रह्मा जी कितना अत्याचारी थे जो शूद्रों को जीने‌का अधिकार ही छीन लिया है और के वल कर्तव्य को निस्वार्थ भाव से करना कहा गया है बाकी वर्णों को स्वार्थी शुरू से ही बना दिया है जो स्वार्थ से बसीभूत शूद्रों पर अत्याचार जुल्म और शोषण करता रहा अतः यही कारण है कि वे भगवान के पूजते हैं और अब शूद्रों पूजने से बहिष्कार कर दिया है जो विल्कुल ठीक किया है।

  • @jipsum

    @jipsum

    9 ай бұрын

    मैं तो चाहता चमार पासी भंगी साफ सुथरे रहे mgr साले दारू पीते गांजा पीते सुवर खाते रण्डी नाच देखते गंदे रहते अंबानी वही बनेगा जो दिमाग और शरीर दोनो से मेहनत करेगा दारू गांजा भांग वाला नही सुधरो हरिजन आदिवासी समाज 10 बच्चे ना पैदा करो तंबाखू मत खाओ 🙏🙏🥰

  • @pankajkumarpritam1596

    @pankajkumarpritam1596

    7 ай бұрын

    बिल्कुल सही कहा आपने सर।

  • @arunkumardas9645

    @arunkumardas9645

    5 ай бұрын

    जय भीम जय संविधान

  • @Abcdefghijk_12367

    @Abcdefghijk_12367

    Ай бұрын

    Shudra ka garibi ka karan yeah bhi ki shudron dwara apne apko Brahmin Kshatriya vaishya varn ke jo wastvik log hai unme me se apne aap ko ek manna tau swabhavik hai yha ke shudra ka gulami se nikalna Impossible hai

  • @budhprakash9200

    @budhprakash9200

    20 күн бұрын

    मुख से ब्रह्मण, बांह से क्षत्रिय ,पेटउदर से शूद्रण और चरण से वैश्य हरएक मानव जन हैं और जो मानव जन अध्यापक शिक्षक गुरुजन पुरोहित विप्रजन द्विजोत्तम हैं वे उच्च पद पर होते हैं । पाचमुख मतलब है पांचजन = जनसेवक दासजन वेतभोगी × ( अध्यापकजन ब्रह्मवर्णजन + सुरक्षकजन क्षत्रमवर्णजन + उत्पादकजन शूद्रमवर्णजन + वितरकजन वैशमवर्णजन)। यही चारवर्ण पांचज़न सनातन शाश्वत जीविकोपार्जन प्रबन्धन विषय व्यवस्था है। शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है । यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं । शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं। चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है। कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं। कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं। द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं। शूद्रण भी द्विज पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है। क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।

  • @CHANDNIKUMARI-vz3mj
    @CHANDNIKUMARI-vz3mj9 ай бұрын

    दलित समाज से आती और इतनी मेहनत करने के बाद में भी आज भी स्थिति अच्छी नहीं है आज इसका में कारण जान के बहुत खुशी हुई लेकिन मैं अपने समाज को आगे बढ़ाने के लिए नई पीढ़ी को एक अच्छी दिशा देने के लिए दिन रात मन लगाकर कठिन से कठिन परिश्रम कर रही हूं सर आपको ऐसी वीडियो बनाने के लिए बहुत बहुत

  • @yashwantraogedam287

    @yashwantraogedam287

    9 ай бұрын

    Chutium phosphate 10:52 10:52 manusmuti ki kitab kabki hai.kalparsoki ya 100,hajar do hajar sal pahle ki hai. Sadiyose OBC ke log jo Bheja shir khud ka hai lekin bramnoke akkal se chalte aaye hai .

  • @RockyBhai-fw1dt

    @RockyBhai-fw1dt

    9 ай бұрын

    ​@@yashwantraogedam287सबकी जमीनें बराबर कर वर्ण जाति व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त कर दे सरकार तो बाभन बनिया सब औकात में आ जाएंगे

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @thelogicalindian99

    @thelogicalindian99

    9 ай бұрын

    संविधान ने दलितों के लिए स्कूल और मंदिर दोनों के द्वार खोले। उनका किससे कितना विकास हुआ ??? kzread.info/dash/bejne/g3d3qrt9h9mqpbQ.htmlsi=8-brMcoCOSPX1tan

  • @ar02816

    @ar02816

    9 ай бұрын

    @@RockyBhai-fw1dt विद्रोह हो जायेगा

  • @dineshwarmanjhi5055
    @dineshwarmanjhi50559 ай бұрын

    शुद्रों का कर्म और धर्म था बाकी तीनों वर्ण की सेवा करना। चूंकि उनके पास न जमीन थी न व्यवसाय था न कोई हस्तशिल्प का काम था। इसलिए टैक्स लगाने की गुंजाइश कम थी। अतः स्तन पर टैक्स लगाया गया। हाय रे! इंसान, हाय रे! इंसानी सभ्यता।

  • @satyendramishra7877

    @satyendramishra7877

    9 ай бұрын

    जिस मनुस्मृति मे महिलाओं के लिये यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता कहा गया है उसमे स्तन कर की बात नहीं हो सकती है l केरल का क्रूर राजा था जिसने ऐसा कर लगाया l

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @KantijiMotivation2005

    @KantijiMotivation2005

    9 ай бұрын

    ​@@satyendramishra7877right❤

  • @maheshsinghmunnusingh5494

    @maheshsinghmunnusingh5494

    8 ай бұрын

    सारा उत्पादन शूद्र के पास था तो गरीब केसे हो गया

  • @suganchand5157

    @suganchand5157

    7 ай бұрын

    ​@@pvplawindia0:54

  • @KAMALAYODHYAVLOG
    @KAMALAYODHYAVLOG9 ай бұрын

    ब्रह्मा जी का जन्म कैसे हुआ और ब्रह्मा जी के माता पिता कौन थे, कृपया साक्ष्य के साथ उत्तर दें सर

  • @budhprakash9200

    @budhprakash9200

    20 күн бұрын

    मुख से ब्रह्मण, बांह से क्षत्रिय ,पेटउदर से शूद्रण और चरण से वैश्य हरएक मानव जन हैं और जो मानव जन अध्यापक शिक्षक गुरुजन पुरोहित विप्रजन द्विजोत्तम हैं वे उच्च पद पर होते हैं । पाचमुख मतलब है पांचजन = जनसेवक दासजन वेतभोगी × ( अध्यापकजन ब्रह्मवर्णजन + सुरक्षकजन क्षत्रमवर्णजन + उत्पादकजन शूद्रमवर्णजन + वितरकजन वैशमवर्णजन)। यही चारवर्ण पांचज़न सनातन शाश्वत जीविकोपार्जन प्रबन्धन विषय व्यवस्था है। शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है । यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं । शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं। चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है। कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं। कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं। द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं। शूद्रण भी द्विज पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है। क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।

  • @parradgerminatesthedemocra2979
    @parradgerminatesthedemocra2979Ай бұрын

    हिंदू धर्म (सही नाम-ब्राह्मणवाद ) में प्रोपेगंडा तो बहुत ही सुन्दर आकर्षक और लावण्यपूर्ण होता है लेकिन जमीनी हकीकत सिर्फ उल्टी ही नहीं होती, बहुत वीभत्स भी होती है। मिसाल के लिए नारी के सम्मान में कसीदे तो बहुत पढ़ें जाते हैं, उसे देवी भी कहा जाता है,लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि भारत में नारी हत्या, दहेज-हत्या, बालात्कार सामुहिक बालात्कार दहेज प्रताड़ना, कन्या -भ्रूण हत्या, कन्याओं की खरीद -फरोख्त,देह व्यापार में ढकेला जने के आंकड़े बहुत बहुत अधिक है।

  • @anishgkworld
    @anishgkworld9 ай бұрын

    मनुस्मृति इतना अच्छा होता तो गुलाम ही क्यों होते केवल क्षत्रिए युद्ध कर रहे थे बाकी सब देख रहे थे

  • @kamina646

    @kamina646

    9 ай бұрын

    Aaj bhi to keval sena hi ladti hai aam aadmi nahi

  • @anishgkworld

    @anishgkworld

    9 ай бұрын

    Bro Sena me sabi jaati ke log hain sirf chattriye nahi

  • @kamina646

    @kamina646

    9 ай бұрын

    @@anishgkworld gandu vahi to kshtriya hai

  • @satyendramishra7877

    @satyendramishra7877

    9 ай бұрын

    क्षत्रीय वर्ण भी सभी जात के मजबूत शक्तिशाली लोगो से ही बना था l

  • @anishgkworld

    @anishgkworld

    9 ай бұрын

    @@satyendramishra7877 तो आज जो चमार है और वो सेना में है उसे क्षत्रिय जैसा व्यवहार क्यो नहीं होता उसकी जाती क्यो नही बदलती ???? और भी बहुत सारे प्रश्न हैं केवल बोलने से नहीं होता अपनी सोच बदलो और खुद को ब्राम्हण नही इन्सान बनाओ जय हिन्द

  • @bdbaria
    @bdbaria9 ай бұрын

    आप कोई भी लीपा पोथी कीजिए शूद्रो की बेहाली का मुख्य कारण ब्राह्मण ही है।

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @kshemendratripathi98

    @kshemendratripathi98

    9 ай бұрын

    Brahman jimmedar hai to Angrez aur Mughal aap ke ristedar the

  • @ShrawanSaazOfficial

    @ShrawanSaazOfficial

    9 ай бұрын

    @@kshemendratripathi98 मुगल काल में ब्रह्मण बैठ के अल्ला उपनिषद लिख रहे थे ,अकबर को शंकराचार्य का पुरवज बताकर बूरह्मण भाई कहा ।भविष्य पुराण पढ लीजिए। सभी अबर के दरवारी थे। जब पता था मुगल ने राम का मंदिर तोडा तो अकबर के दरवार में मलाई खा रहे थे । कोई ब्रह्मण विरोध क्यों नहीं किया? और ना ही लिखा ,चाहे तुलसी ही कायों न हो । ब्रह्मण ही चार वर्ण बनाकर केवल 2.5 % लोगों को लडने व रक्षा करने का अधिकार दिया। ब्रह्मण,वैश्य, और शूद्र को इस से दूर रखा गया फलतः हम मुगल और अंग्रेज के गुलाम हो गये । कोई 33 कोटि काल्पनिक देवी देवता बचाने नहीं आये । आज उन देवी देवताओं की भारत में कोई जखरूरत नहीं है । जब पूरी दुनिया में कोरोना फैला था तो ईश्वर,अल्लाह,God कहाँ भाग गये थे ? सब जगह ताला लगा था, 2 साल तक पूजा ,इवादत बंद रहा । यदि विज्ञान ,चिकित्सा विज्ञान समाधान नहीं ढूंढता तो मानव पृथ्वी से समाप्त हो जाते । आवश्यकता है आज धर्म से ऊपर उठने की। जय विज्ञान जय संविधान ।

  • @anilsahu8899

    @anilsahu8899

    9 ай бұрын

    100% true , mere kuch rajput friend hai wo bhi yahi bolte hai in logo ne Raja logo ulte sidhe Kam karwe or Raja logo ko khub loota , Aaj India jitni bhi kuritiya hai inki hi den hai , temple inki dukan hai or aam janta ko Katha suna kar 1000 cror dan me lete hai ac , gadiya , luxury house , sandar sadiya sab bhakto ke paiso se chal Raha hai , pujari bhi only Brahman hi hota hai or koi nahi why ??. Ye smartly sabko chutiya banate hai dharm ki aad me , bagut Kuch Hai bolne ko mere pas , Sabse Jayda castism inme Hai but show Nahi dete .

  • @KaushilyaDevi-fx7zk
    @KaushilyaDevi-fx7zk9 ай бұрын

    मनुस्मृति किसी भी स्तर से उचित नहीं है इसने हमेशा ही जाति विशेष के वर्चस्व को बनाए रखा है, जबकि संविधान सबको बराबरी देने की बात करता है। जब संविधान द्वारा इसको अमान्य कर दिया गया है फिर भी मनुस्मृति का महिमा मंडल क्यों?

  • @user-tt2qu6bc1d

    @user-tt2qu6bc1d

    5 ай бұрын

    भाई जी एक बार पढ़ लो

  • @budhprakash9200

    @budhprakash9200

    20 күн бұрын

    विश्व विद्वान मित्रो! जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं इसलिए जन्म से जन होते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को शरीर के चार अंग को समान माना गया है । जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी है और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है। इसलिए चरण समान वैश्य होता है। अत: किसी भी वर्ण को नामधारी वर्ण वाला बताकर मानकर सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक जन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा जन सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा जन उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा जन वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन कार्यरत है। यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं। दो विषय अलग अलग हैं जैसे कि वर्ण जाति और वंश ज्ञाति इनको को समझना चाहिए । स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि कहा जाता है । जबकि वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है। चार वर्ण कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) । इन्ही चतुरवर्ण में पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत होते हैं। चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) । आयु आश्रम अनुसार जीवन प्रबंधन किया जाता है। यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर सोच सुधार करें और प्रिंट सुधार करें। बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।

  • @arjunjogwanshi5656
    @arjunjogwanshi56567 ай бұрын

    मनुस्मृति को बनाने वाला और इसको लागू करवा कर शूद्रों का शोषण करने वाला,ये सभी मानवता के लिए कलंक थे,हैं और आगे भी रहेंगे।

  • @sajjankumar3650
    @sajjankumar36509 ай бұрын

    Constitution of India is better book of India ❤ Dr. baba saheb Ambedakar is great person of India ❤

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @user-wh1eu4up1h

    @user-wh1eu4up1h

    9 ай бұрын

    ​@@pvplawindiatunniyo type video banaya aapne ekdam Bakloli wala

  • @nareshnayak9995

    @nareshnayak9995

    9 ай бұрын

    ekad bar padha v h 😂

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @jipsum

    @jipsum

    9 ай бұрын

    मैं तो चाहता चमार पासी भंगी साफ सुथरे रहे mgr साले दारू पीते गांजा पीते सुवर खाते रण्डी नाच देखते गंदे रहते अंबानी वही बनेगा जो दिमाग और शरीर दोनो से मेहनत करेगा दारू गांजा भांग वाला नही सुधरो हरिजन आदिवासी समाज 10 बच्चे ना पैदा करो तंबाखू मत खाओ 🙏🙏🥰

  • @user-go3rv9mh3z
    @user-go3rv9mh3z9 ай бұрын

    ब्रम्हा जी सती प्रथा भी लिखे और दलित महिलाओ को निर्वस्त्र रहना

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    ऐसी अतार्किक बातों के चलते ही भारत ग़ुलाम रहा और आज भी विकसित नहीं हो पा रहा है। जबतक सभी जाति और धर्म के लोग शिक्षित और तार्किक नहीं होंगे तब तक भारत से ये बुराइयाँ दूर नहीं होंगी।

  • @thelogicalindian99

    @thelogicalindian99

    8 ай бұрын

    बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzread.info/dash/bejne/gYyBzad_pd3ff7w.html

  • @RAJKUMAR-ut9yv

    @RAJKUMAR-ut9yv

    6 ай бұрын

    ​@@pvplawindia तुम सबसे घटिया आदमी है ओबीसी को भड़का रहा है एससी एसटी को शूद्र बताना चाहता है।। ओबीसी ही शूद्र है एससी एसटी अति शूद्र है।।।।

  • @Shalini_videoshorts
    @Shalini_videoshorts6 ай бұрын

    ऊँचे कुल का जनमिया,करनी ऊँची ना होए।सवर्ण कलश सुरा भरा,साधु निन्दा होए।।मनुवादी ब्राह्मणों के द्वारा शूद्र शोषण और अत्याचार से पीड़ित थे।जब बाबा साहेब जी ने मनुस्मृति को पढ़ा और उन्हें समझ आ गया कि ना रहेगी स्मृति ना रहेगें।ना मनुवादी ब्राह्मण।जय भीम🙏🙏☝📘

  • @budhprakash9200

    @budhprakash9200

    20 күн бұрын

    विश्व विद्वान मित्रो! जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं इसलिए जन्म से जन होते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को शरीर के चार अंग को समान माना गया है । जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी है और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है। इसलिए चरण समान वैश्य होता है। अत: किसी भी वर्ण को नामधारी वर्ण वाला बताकर मानकर सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक जन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा जन सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा जन उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा जन वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन कार्यरत है। यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं। दो विषय अलग अलग हैं जैसे कि वर्ण जाति और वंश ज्ञाति इनको को समझना चाहिए । स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि कहा जाता है । जबकि वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है। चार वर्ण कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) । इन्ही चतुरवर्ण में पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत होते हैं। चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) । आयु आश्रम अनुसार जीवन प्रबंधन किया जाता है। यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर सोच सुधार करें और प्रिंट सुधार करें। बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।

  • @meglapersad1481
    @meglapersad14818 ай бұрын

    पंकज कुमार त्रिपाठी जी ! आपको नमन है कि आपने समाज के सबसे दबे कुचले वर्ग को नायक बनाकर विवेचना शुरू किये है । आधुनिक जमाने मे यह कार्य परोपकारी कार्यो मे सबसे आगे श्रेष्ठ और प्रथम सोपान पर है । हम सृष्टी का सृजन , पालन और संहार करने वाली परम शक्ति से प्रार्थना करते है कि इस पुनीत कार्य के लिये आपको मोक्छ प्रदान करे ।

  • @pankajkumarpritam1596

    @pankajkumarpritam1596

    7 ай бұрын

    😂😂😂

  • @krrishchumber2509
    @krrishchumber25099 ай бұрын

    इस समस्या की जड़ जातिवाद है, जो ब्राह्मण धर्म से आती है. आजकल बहुत nautnki चल रही है, के जाति जन्‍म से नहीं करम से होती है

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    सच्चाई ये है कि समाज में जाति जन्म से ही मानी जाती है। मैंने आजतक किसी किताब में जाति-व्यवस्था को कर्म पर आधारित नहीं पाया। मुझसे जो लोग कहते हैं कि ये पहले कर्म पर आधारित थी उनसे मैं पूछता हूँ कि ऐसा कब था ?? और किस ग्रंथ में लिखा है?? लेकिन वे कभी इन प्रश्नों का जवाब नहीं देते।

  • @prakharshankar3064

    @prakharshankar3064

    9 ай бұрын

    @@pvplawindia Geeta Padho Durga Das Rathod kshtriya the Aaj Rathod teli he isliye samaj main Nikalakar research karo

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @LoverofEnglishandfriends

    @LoverofEnglishandfriends

    9 ай бұрын

    jaati ko smapt krna nahi chahate aur reservation de do khatm karne ko sb india me hua videso me kuchh nahi hua

  • @KantijiMotivation2005

    @KantijiMotivation2005

    9 ай бұрын

    ​@@pvplawindiaकिसी भी ग्रंथ में ऐसा लिखा नही है कि जाति या वर्ण जन्म से होगा ,, आपकी हिम्मत हो तो सबूत दिखा दीजिए ,, हम आपको सैकड़ों सबूत पेश कर देंगे जहां वर्ण को कर्म के अनुसार माना गया है,, आज के अज्ञानी मूर्ख लोग जिन्हें संस्कृत का स भी नहीं पता , वे ग्रंथों पर सवाल उठाते है ये हास्यप्रद है 😂

  • @RockyBhai-fw1dt
    @RockyBhai-fw1dt9 ай бұрын

    सरकार सबकी जमीनें बराबर कर वर्ण जाति व्यवस्था पूरी तरह से समाप्त कर दे तो सभी बुराइयां स्वतः समाप्त

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @budhprakash9200

    @budhprakash9200

    20 күн бұрын

    सनातन दक्ष धर्म - जनसंख्या संतुलन आज की जरूरत l औसतन प्रति दम्पति दो बच्चे समय की मांग l A - कुछ दम्पति के कोई सन्तान नहीं होती है = 0 B - कुछ दम्पति तो एक ही संतान पैदा करते हैं = 1 C - ज्यादा तर दम्पति दो संतान पैदा करते हैं = 2 D - कुछ ही दम्पति तीन संतान पैदा करते हैं = 3 E - बहुत कम दम्पति चार संतान पैदा करते हैं = 4 सबका औसत निकालते हैं तो प्रति दम्पत्ति दो बच्चे ही आता है l औसत = 0 +1 +2 +3 +4 =10/5 = 2 दो लेकिन अब धर्म पंथ दीन सम्प्रदाय को बढ़ाने के नाम पर जनसंख्या बढ़ाना उचित सोच नहीं है l किसी मध्य कालीन साम्प्रदायिक गुरु की किताब पढ़कर माइंड सेटिंग्स करवाते हुए अपने ऊपर वाले इश्वर अल्लाह गॉड के नाम पर अब लॉकतन्त्र विज्ञान युग में जनसंख्या बढ़ाना उचित सोच नहीं कही जा सकती है l अब हर दम्पत्ति को जनसंख्या संतुलन का ध्यान अवश्य रखना चाहिए l वेद ऋषि ज्ञान अनुसार एक स्त्री से दस बच्चे तक पैदा करना कहा गया था लेकिन वो उस समय काल की मांग थी युद्घ होते थे बीमारी ज्यादा होती थी l लेकिन आजकल दो बच्चो के साथ ही अच्छा जीवन जिया जा सकता है l पांच ज़न l जय सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म l ॐ l

  • @user-lg4uf2xg8u
    @user-lg4uf2xg8u7 ай бұрын

    सरकार को चाहिए सब की जमीन बराबर कर दे सभी को सामान होकर अधिकार दे दे जमीन को ध्रुवीकरण करके बटवारा करके सभी को एक बराबर बांट दे तभी यह सब बंद हो जाती व्यवस्था समाप्त हो जाती

  • @shaileshmishra6070

    @shaileshmishra6070

    25 күн бұрын

    Sabse jyada Nasha aapki jaati mein log karte Hain meet mujra ka Sevan karke pita ke dhan ko barbad karke jo bhi yah kam Karega uske pas Dhan Na Hoga Brahman mein abhi bhi 80% log nasa ka Sevan nahi karte hain garibi ki vajah

  • @budhprakash9200

    @budhprakash9200

    20 күн бұрын

    विश्व विद्वान मित्रो! जन्म से सब जन दस इन्द्रिय समान लेकर जन्म लेते हैं इसलिए जन्म से जन होते हैं और संस्कार से द्विजन ( स्त्री-पुरुष ) होते हैं । जन्म से सबजन दस इंद्रिय के साथ-साथ शरीर के चार अंग मुख, बांह, पेट और चरण समान लेकर जन्म लेते हैं। समाज के चार वर्ण कर्म विभाग ब्रह्म,क्षत्रम, शूद्रम और वैशम वर्ण विभाग को शरीर के चार अंग को समान माना गया है । जब एक जन है तो वह मुख समान ब्रह्म वर्ण कर्मी है, बांह समान क्षत्रम वर्ण कर्मी है, पेटऊरू समान शूद्रम वर्ण कर्मी है और चरण समान वैशम वर्ण कर्मी है। चरण पांव चलाकर ही व्यापार वाणिज्य क्रय विक्रय वितरण वैशम वर्ण कर्म होता है। इसलिए चरण समान वैश्य होता है। अत: किसी भी वर्ण को नामधारी वर्ण वाला बताकर मानकर सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। लेकिन जब पांचजन सामाजिक कर्मी हैं तो एक जन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक विप्रजन (ब्राह्मण) है , दूसरा जन सुरक्षक चौकीदार न्यायाधीश (क्षत्रिय) है, तीसरा जन उत्पादक निर्माता उद्योगण (शूद्राण) है और चौथा जन वितरक वाणिक व्यापारी ट्रांसपोर्टर आढती (वैश्य) है तथा पांचवा जन चारो वर्ण कर्म विभाग में वेतनमान पर ऋषिजन दासजन जनसेवक नौकरजन सेवकजन कार्यरत है। यह अकाट्य सत्य सनातन शाश्वत ज्ञान प्राप्त करने का सबजन को समान अवसर उपलब्ध है। कोई भी जन वर्ण कर्म किए बिना भी किसी वर्ण को मानकर बताकर मात्र नामधारी वर्ण वाला बन कर रह सकते हैं यह भी समान अवसर सबजन को उपलब्ध है अर्थात हरएक मानव जन खुद स्वयं को ब्रह्मण, क्षत्रिय, शूद्राण और वैश्य कोई भी वर्ण वाला मानकर बताकर जीवन निर्वाह कर सकते हैं। दो विषय अलग अलग हैं जैसे कि वर्ण जाति और वंश ज्ञाति इनको को समझना चाहिए । स्मरण रखना चाहिए कि वर्ण जाति शब्दावली का निर्माण कार्य करने वालो को पुकारने के लिए किया गया है इनको विभाग पदवि कहा जाता है । जबकि वंश ज्ञाति गोत्र शब्दावली का निर्माण विवाह सम्बंध संस्कार करने के लिए किया गया है , ताकि श्रेष्ठ संतान उत्पन्न करने के लिए सपिण्ड गोत्र वंश कुल बचाव कर विवाह सम्बंध संस्कार किये जाते रहें । यह पौराणिक वैदिक सतयुग राजर्षि ऋषि मुनियो की संसद ने शब्द निर्माण किया है। चार वर्ण कर्म ( शिक्षण+ सुरक्षण+ उत्पादन+ वितरण ) = चार वर्ण ( ब्रह्म + क्षत्रम+ शूद्रम+ वैशम ) । इन्ही चतुरवर्ण में पांचवेजन वेतनमान पर कार्यरत होते हैं। चार आश्रम ( ब्रह्मचर्य + ग्रहस्थ+ वानप्रस्थ+ यति आश्रम ) । आयु आश्रम अनुसार जीवन प्रबंधन किया जाता है। यह अकाट्य सत्य सनातन दक्ष धर्म संस्कार शाश्वत ज्ञान की पोस्ट पढ़कर समझकर सोच सुधार करें और प्रिंट सुधार करें। बुद्ध प्रकाश प्रजापत की इस पोस्ट को कापी कर सबजन को भेजकर सबजन को ब्रह्मण बनाएं ।

  • @user-jb1pc1zh5j
    @user-jb1pc1zh5j4 ай бұрын

    मनुस्मृति मानव जीवन के लिए काला कानून जो देश में ❤असमानता। जातिवाद और पाखण्ड और विषमता और नफरत फैलाता है। जय संविधान ❤❤

  • @shilaingle5849
    @shilaingle58499 ай бұрын

    😢. शूद्र का सभ छिन लिये थे 😢 जमीन,, जमीनदारी,,सोना खाना,,पाणी,, हक्क,,घर 🏠,,और जंगल के तर्फे खदेड दिये थै,, 😘 तो शुद्र गरीब ही रह गये,,और शिक्षा पे पाबंदी लगा रखी थी,,आज पढ भी रहे है,,तो आज प्रायव्हेट शिक्षा संस्था बनी है 😢😢😢

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    एक दम सही कहा आपने। बहुत हद तक समाज आज भी मनुस्मृति के बनाये नियमों से चल रहा है।

  • @wishyr5940

    @wishyr5940

    9 ай бұрын

    वही मैं कहूं , कोई ब्राह्मण सामाजिक विश्लेषण करे और उसमे शातिराना खेल न हो ये संभव नही, त्रिपाठी जी ने आज के बदलाव की बात की लेकिन बदलाव के असली नायकों का नाम भी नही लिया । अब सेवक शूद्र है , तो खाना बनाना, वर्तन साफ करना ,डोली उठाना , गाड़ीवान , लोहे के सामान बना कर दरबार खेती कर अनाज दरबार में पहुंचना , द्वारपाल , लकड़ी के सामान , दरबार की सफाई करना , आदि आदि , और जनेऊ नही धारण करना । पारिश्रमिक ब्राह्मण क्षत्रिय तय करें । तो त्रिपाठी जी बताइए यह काम सेवा कर्म नही तो क्या है ? दरबार के आय व्यय का लेखा जोखा करनेवाले किस वर्ण के थे ? कौन था ब्रह्मा? कहां रहता था ? यह किताब किसी शातिर ब्राह्मण का लिखा हुआ है , किसी ईश्वर का नही । दूसरी बात त्रिपाठी जी आज जो ओबीसी और एससी एसटी की एकता उनके सामाजिक हैसियत की वजह से बन रही है उसमे मठ्ठा डालना आपकी असली मकसद है ।।।

  • @sudhakarbharti7743

    @sudhakarbharti7743

    9 ай бұрын

    Right Ji 🙏🙏

  • @sunilsaini4059

    @sunilsaini4059

    9 ай бұрын

    कबकी बात है ये

  • @Ajaysingh-bt9vp

    @Ajaysingh-bt9vp

    9 ай бұрын

    Jay Bhim namo buddhay

  • @SubhashChandra-wo7rz
    @SubhashChandra-wo7rz9 ай бұрын

    सेवा के बदले धन मिलता था , आज भी मिलता है बासी-जूठन , फटे चिथड़े , अपमान - तिरस्कार गालियां

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @user-mt8fm9cg3h

    @user-mt8fm9cg3h

    9 ай бұрын

    To dena kaun chahta hai sab sale madharchod the na isiliye to sambandh ke dwara isa khoota gand me dal Diya Jo aaj bhi bawaseer ki tarh dard ho Raha hai Jai bheem jai samvidhan namo budhay thanks you saheb ji amar rahe

  • @thelogicalindian99

    @thelogicalindian99

    8 ай бұрын

    बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzread.info/dash/bejne/gYyBzad_pd3ff7w.html

  • @KantijiMotivation2005
    @KantijiMotivation20059 ай бұрын

    गजब दोगलापन है,,, आज के समय मनुस्मृति के अनुसार 99% लोग शुद्र ही हैं 😊

  • @thelogicalindian99

    @thelogicalindian99

    8 ай бұрын

    बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzread.info/dash/bejne/gYyBzad_pd3ff7w.html

  • @KantijiMotivation2005

    @KantijiMotivation2005

    8 ай бұрын

    @@thelogicalindian99 शुद्र की बदौलत तुम भी अपने channel पर veiws खींच रहे हो,, वरना तुम्हारी 1k veiws लाने की भी औकात नहीं थी 😂🙏🚩🚩🇮🇳🌹 I am also belongs to a OBC category,, But before I am a Sanatani Hindu 🙏🚩🇮🇳🌹💯✨♥️💜💙

  • @sureshchoudhary5567
    @sureshchoudhary5567Ай бұрын

    Bharat में ही ऐ सब ब्रह्मा विष्णु महेश और जाति व्यवस्था है, तार्किक बनो शिक्षित बनो, जय भीम, नमो बुद्धाय,

  • @shailendrasinghyadav91
    @shailendrasinghyadav919 ай бұрын

    Congratulations 🙏 👍 हम तो पहले से जातिवाद छुआ छूत के खिलाफ था

  • @kumaranand575

    @kumaranand575

    9 ай бұрын

    bihar me sabse jayada yadav log sc/st act me jail me hai

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    भारत की न्यायपालिका में SC/ST जज कम क्यों हैं ? kzread.info/dash/bejne/lYauj5eHnparidY.htmlsi=LOjED92eEVeWZqs7

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    भारत की न्यायपालिका में SC/ST जज कम क्यों हैं ? kzread.info/dash/bejne/lYauj5eHnparidY.htmlsi=LOjED92eEVeWZqs7

  • @ramraji1748
    @ramraji17489 ай бұрын

    Agar BHARAT me manusmriti nahi hota tho sabka adhikar brabar hota na hi unch neech hota our nahi angrejo ka aakrman hota jai Bhim Jai samvidhan Jai Bharat

  • @Amankumar-wn1xb

    @Amankumar-wn1xb

    9 ай бұрын

    Sahi batt,,,

  • @GANESHSARDARCR

    @GANESHSARDARCR

    9 ай бұрын

    Akdom 100/right

  • @govindram5054

    @govindram5054

    9 ай бұрын

    बहुत ईमानदार विश्लेषण किया है।धन्यवाद।

  • @subhshchandradomkundwar5156

    @subhshchandradomkundwar5156

    9 ай бұрын

    Manusmriti kb se lagu hui thi , ttha kb tk lagu thi ? Please answer .

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @vipindia8668
    @vipindia86685 ай бұрын

    अंग्रेज तो चले गए लेकिन उनके तलवे चाटने वाले यही रह गए यही कारण है छुआछूत और गरीबी का😢

  • @user-bh5sx1fi2w
    @user-bh5sx1fi2w9 ай бұрын

    छमा करिये मै मनुस्मृति को नही मानता हूं क्यूंकि ये अभद्र शब्द केवल दलित समाज के लोगों के साथ भेदभाव करने के लिए रणनीति बनाऐ है लोग इसलिए मै संविधान का आदर करता हुं संविधान हमारे लिए ग्रंथ है बाकी सब पंत है बाबा साहेब जी ने एक सुंदर संविधान बनाये है जिससे पुरा भारत देश चलता और ऐसे महापुरुषों का बहुत समान करता हुं the power of Constitution jay bhim👏👏👏💙💙💙💙 15:12

  • @thelogicalindian99

    @thelogicalindian99

    8 ай бұрын

    बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzread.info/dash/bejne/gYyBzad_pd3ff7w.html

  • @harinamsinghverma8387
    @harinamsinghverma83879 ай бұрын

    ब्राह्मण, छत्री वैश्य, का बच्चा प्राथमिक विद्यालय में जब प्रवेश के लिए जाता है उसकी जाति न लिख कर वर्ण क्यों लिखा जाता है ।जब पिछङे व दलित विद्यालय में प्रवेश के लिए जाता है, तो उसका वर्ण न लिख कर, जाति लिखी जाती है ,क्यों ?उत्तर स्पष्ट है शूद्रों को जातियो में बाँट कर ऊन्च नीच करके छूत व अछूत बना कर आपस में लङाओ और इन पर राज करो ।मनुस्मृति में वैश्य कर्म मे कृषि कर्म, पशुपालन ,बाद जोड़ा गया है, बहुजनो सावधान रहना तुम्हे बाँटने की साजिश की जा रही ।

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @VinodKumar-jn5pr

    @VinodKumar-jn5pr

    9 ай бұрын

    Good verma ji yahi chal hai nalayako ki jay ho SC OBC st muslim ki jay

  • @BRAJESHKUMAR-tv2ur

    @BRAJESHKUMAR-tv2ur

    15 күн бұрын

    Manusmriti likhi kisne

  • @Dr_Rajkumar_Maurya
    @Dr_Rajkumar_MauryaАй бұрын

    शुद्ध संसार का वह व्यक्ति है जो भीख मांग कर खा चमड़ा कपड़ा वस्त्र सब्जी किसी का काम ना कर सके जो झूठ बोलकर संसार में भरण पोषण करें वही सूत्र है आपको बहुत बहुत धन्यवाद

  • @AshokKumar-to2bs
    @AshokKumar-to2bs9 ай бұрын

    सर मनुस्मृति में तो सूद्र को धन रखने का अधिकार नहीं था और ना ही कोई धन दे रहा था बल्कि शूद्रो का रखा हुआ सबकुछ छीनकर नष्ट कर दिया जाता था।

  • @jipsum

    @jipsum

    9 ай бұрын

    मैं तो चाहता चमार पासी भंगी साफ सुथरे रहे mgr साले दारू पीते गांजा पीते सुवर खाते रण्डी नाच देखते गंदे रहते अंबानी वही बनेगा जो दिमाग और शरीर दोनो से मेहनत करेगा दारू गांजा भांग वाला नही सुधरो हरिजन आदिवासी समाज 10 बच्चे ना पैदा करो तंबाखू मत खाओ 🙏🙏🥰

  • @budhprakash9200

    @budhprakash9200

    20 күн бұрын

    हे मनुष्यो! पुरोहित/ विप्रजन/ धर्मगुरु / पन्थगुरु/ गुरूजन/अध्यापक / शिक्षक / चिकित्सक/आचार्य/ कविजन ( ब्रह्मण ) का आचरण व्यवहार कैसा होना चाहिए ? जानें। विश्व राष्ट्र के प्रथम सतयुग के प्रथम राजर्षि दक्ष प्रजापति महाराज की ऋषि संसद द्वारा निर्मित गुण नियम अनुसार - संस्कार शिक्षक पुरोहित ( ब्रह्मण ) विप्रजन/द्विजोत्तम/अध्यापक/कविजन/गुरूजन/पन्थगुरु को - 1- सत्यवादी आचरण व्यवहार वाला होना चाहिए , 2- शुद्ध चित आचरण रखने वाला होना चाहिए, 3- सत्यवृतपरायण आचरण वाला होना चाहिए, 4- नित्य सनातन दक्षधर्म में रत होना चाहिए, 5- शान्त चित वाला बने रहने वाला होना चाहिए, 6 - व्यर्थ अनर्गल बातो से रहित होना चाहिए, 7- द्रोहरहित स्वभाव वाला होना चाहिए, 8- चोरकर्म से रहित सही आदत वाला होना चाहिए, 9- प्राणियो के हित में लगे रहने वाला होना चाहिए, 10- अपनी स्त्री भार्या में रत रहने वाला होना चाहिए, 11- सविनय नर्म स्वभाव वाला होना चाहिए, 12- न्याय प्रिय सुरक्षक स्वभाव होना चाहिए, 13- अकर्कश सरल स्वभाव वाला होना चाहिए, 14- माता पिता का आज्ञाकारी होना चाहिए, 15- गुरुओ का सम्मान करने वाला होना चाहिए, 16- वृद्धो पर श्रद्धा रखने वाला होना चाहिए , 17- श्रद्घालु स्वभाव वाला होना चाहिए, 18- वेदमंत्र दक्षधर्म शास्त्ररज्ञाता होना चाहिए, 19- वैदिक धर्म संस्कार गुण क्रियावान होना चाहिए और 20- भिक्षा दान दक्षिणा वेतन से जीवन यावन करने वाला होना चाहिए। इन सभी बीस (20) वैदिक सनातन दक्ष धर्म विधि-विधान नियम संस्कार गुणो से युक्त विप्रजन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक पन्थगुरु अभिनेता (ब्रह्मण)को होना चाहिए। इन्ही गुण स्वभाव वाले शिक्षको को देखकर अन्य द्विजनों ( स्त्री-पुरुषो ) को आचरण व्यवहार निर्माण कर जीना चाहिए। पौराणिक वैदिक संस्कृत भाषा श्लोक - ॐ सत्यवाक् शुद्धचेता यः सत्यव्रतपरायणः । नित्यं धर्मरतः शान्तः स भिन्नलापवर्जितः।। अद्रोहोऽस्तेयकर्मा च सर्वप्राणिहिते रतः। स्वस्त्रीरतः सविनया नयचक्षुरकर्कशः ।। पितृमातृवचः कर्ता गुरूवृद्धपराष्टि ( ति) कः । श्रध्दालुर्वेदशास्त्रज्ञः क्रियावान्भैक्ष्य जीवकः ।। ( पौराणिक वैदिक सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार ) ।। जय विश्व राष्ट्र सनातन प्राजापत्य दक्ष धर्म। जय वर्णाश्रम प्रबन्धन श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।। विश्वराष्ट्र मित्रो! पौराणिक वैदिक पुरोहित संस्कार शिक्षको लिए बताए गए जैसे गुण नियम की तरह सभी साम्प्रदायिक पन्थी गुरुओ के बने नियम पोस्ट करने चाहिए, ताकि तुलनात्मक रूप से अध्ययन कर सुधार किया जाए । साम्प्रदायिक गुरुओ की निजी पन्थी सोच ने पौराणिक वैदिक सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म संस्कार विधि-विधान नियमों में क्या क्या वेवजह बिगाङ किया है ? सबजन जान सकें और सुधार कर अपने पूर्वज बहुदेव ऋषिओ देवताओ को पहचान सकें । विश्व राष्ट्र दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार प्रबन्धन। श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।।

  • @lovearmy7016
    @lovearmy70169 ай бұрын

    मानसिक गुलामी भी गरीबी का एक कारण है

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @drpcyadav
    @drpcyadav9 ай бұрын

    आप तो राहुल सान्कृत्यागन निकले। सर जी।

  • @user-kf2ey4gv8p

    @user-kf2ey4gv8p

    9 ай бұрын

    राहुल सांकृत्यायन भूमिहार थे इन दुष्ट ब्राह्मणों ने भूमिहारो को भी काफी अपमानित किया है।

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @pradipbansod3387
    @pradipbansod33872 күн бұрын

    Aaj ke samay aisi bato ka mol nahi hai. Desh ka mansik santulan bhighad jayega .i Thanks.

  • @deeprajdupare4447
    @deeprajdupare444713 күн бұрын

    aap ke video ek se badhkar ek jwalant mudde uthate hai

  • @DalipSingh-vh8he

    @DalipSingh-vh8he

    13 күн бұрын

    Manu smruti brama ne nahi manu rishi ne banai hai

  • @12.sanjeevranjan77
    @12.sanjeevranjan779 ай бұрын

    अब भी वक्त है मनुष्य सिर्फ अपने को मनुष्य समझे.अब सिर्फ. ......

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @thelogicalindian99

    @thelogicalindian99

    8 ай бұрын

    बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzread.info/dash/bejne/gYyBzad_pd3ff7w.html

  • @12.sanjeevranjan77

    @12.sanjeevranjan77

    6 ай бұрын

    @@pvplawindia वाचक अनुत्तरित।

  • @VIPINKUMAR-dy4ev
    @VIPINKUMAR-dy4ev9 ай бұрын

    अधिकार मांगने से नहीं मिलता चीन से मिलता है क्योंकि सूत्रों में जीना है मेरे बाबा भीमराव अंबेडकर ने अपने पढ़ाई और यश के बल पर बहुजन का अधिकार संविधान के थ्रू मिला है बल्कि मनुस्मृति के के अनुसार नहीं मार्शमैलो की सिर्फ गुलामी और गुलामी एक दूसरे को एक à हमारे बाबा साहब ने मनुस्मृति को जलाकर बहुत अच्छा किया जय भीम नमो

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/lYauj5eHnparidY.html भारत की न्यायपालिका में SC/ST के जज कम क्यों हैं ??

  • @kkgautam5636
    @kkgautam5636Ай бұрын

    तर्क पूर्ण तथ्य पूर्ण बात साधुवाद के के गौतम पूर्व कैबिनेट वित्त मन्त्री उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ

  • @KamalPrasad-q3t
    @KamalPrasad-q3t23 күн бұрын

    Sir,Aap,ne,bahut,achha,bataya,hai,

  • @govindprasad7356
    @govindprasad73569 ай бұрын

    बहुत अच्छी जानकारी। बहुत बहुत धन्यवाद।

  • @dhaniyadevilifevlogs
    @dhaniyadevilifevlogs9 ай бұрын

    पंकज जी, बहुत बहुत धन्यवाद, जनहित में बहुत ही अच्छा विषय पर जानकारी सहज रूप में उपलब्ध कराया है। आप के विषय में कहा जा सकता है की आप उन लोगों मे से एक है जो लकीर के फकीर नहीं हैं। सही को सही और गलत को गलत कहने वाले आज के दुर्लभ प्रजातियों में से आप एक हैं , अभिनंदन स्वीकार करें। सवर्ण जातियों में आप जैसे 25प्रतिसत हों जाए तो भारत का स्वर्णिम विकास संभव है।

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    हौसला अफजाई के लिए आपको बहुत बहुत शुक्रिया बंधु ।

  • @thelogicalindian99

    @thelogicalindian99

    8 ай бұрын

    बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzread.info/dash/bejne/gYyBzad_pd3ff7w.html

  • @AjEstail-i1u
    @AjEstail-i1uКүн бұрын

    Jbardast sar

  • @AjayKumar-nm5fr
    @AjayKumar-nm5fr3 күн бұрын

    अच्छा प्रयास

  • @meenakshiverma4865
    @meenakshiverma48659 ай бұрын

    शूद्रो का गरीबी का कारण ब्राह्मणवाद ब्रह्मा जी

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @thelogicalindian99

    @thelogicalindian99

    8 ай бұрын

    बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzread.info/dash/bejne/gYyBzad_pd3ff7w.html

  • @kushadehury8045
    @kushadehury80459 ай бұрын

    Jay bhim sir great work

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @praveensingh-fp3eg
    @praveensingh-fp3egАй бұрын

    जय भीम जय मूलनिवासी जय संविधान । एससी एसटी ओबीसी हम भारत के मूलनिवासी ।

  • @KartikDupare-zd2nx
    @KartikDupare-zd2nxАй бұрын

    Sar apne sahi tarike se samzaya

  • @ramuji6041
    @ramuji60415 ай бұрын

    आपने मनुस्मृति के षड्यंत्र को सरल भाषा में समझाने का पूर्ण प्रयास किया है 🙏🏼🙏🏼🙏🏼 संविधान सबको समानता में लाने का निरंतर प्रयास करता रहता है । 🙏🏼बाबा साहब के चरणों में सत् सत् नमन 🙏🏼

  • @Univerart_art_gallary

    @Univerart_art_gallary

    Ай бұрын

    मनुस्मृति एक सर्वोत्तम ग्रंथ है इसीलिए अंबेडकर ने अंग्रेजों के साथ मिलकर मनुस्मृति को जलाया क्योंकि मनुस्मृति में लिखा है जन्म से सभी शूद्र हैं कर्म के हिसाब से लोग ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र बनते हैं लेकिन अंबेडकर का लिखा कानून भारत के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है यह कानून पूरी तरह से अंग्रेजी है इस कानून में हमे आपस में लड़वाने की पूरी व्यवस्था है यह कानून भारत के लिए बहुत ही विनाशकारी है कृपया मोदी जी से अनुरोध है की मनुस्मृति को लागू करें जय श्री राम जय मनुस्मृति

  • @shaileshmishra6070

    @shaileshmishra6070

    25 күн бұрын

    Desh ki azadi ke bad sabse jyada pradhanmantri Brahman jivani iske pahle vah Raja nahin hote azadi ke bad Brahman ek pradhanmantri bane sanvidhan se sabse jyada labh Brahman ko hi Mila Jay Ho Ambedkar ki

  • @budhprakash9200

    @budhprakash9200

    20 күн бұрын

    मुख से ब्रह्मण, बांह से क्षत्रिय ,पेटउदर से शूद्रण और चरण से वैश्य हरएक मानव जन हैं और जो मानव जन अध्यापक शिक्षक गुरुजन पुरोहित विप्रजन द्विजोत्तम हैं वे उच्च पद पर होते हैं । पाचमुख मतलब है पांचजन = जनसेवक दासजन वेतभोगी × ( अध्यापकजन ब्रह्मवर्णजन + सुरक्षकजन क्षत्रमवर्णजन + उत्पादकजन शूद्रमवर्णजन + वितरकजन वैशमवर्णजन)। यही चारवर्ण पांचज़न सनातन शाश्वत जीविकोपार्जन प्रबन्धन विषय व्यवस्था है। शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है । यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं । शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं। चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है। कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं। कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं। द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं। शूद्रण भी द्विज पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है। क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।

  • @samasyasamadhanparishad
    @samasyasamadhanparishad9 ай бұрын

    सर आपने बहुत ही अच्छे ढंग इसके लिए आपको बहुत बहुत कोटि कोटि धन्यवाद

  • @user-ly8lr1ch9k
    @user-ly8lr1ch9k18 күн бұрын

    सिर्फ भारत मे ही नहीं बल्कि हर देश में चार वर्ण हैं।

  • @Aryaveer0086
    @Aryaveer00863 ай бұрын

    गरीबी का मुख्य कारण है शिक्षा, हम सब आधुनिक युग की तरफ बढ़ रहे है बिना शिक्षा, स्किल के कुछ भी संभव नहीं है, कंप्टीशन का समय है लेकिन होता इसके शिक्षा पर ध्यान देते नही और दोष धर्म को देते है, well Education Well Skill पर ध्यान दो...

  • @Ajeetkumar-jp9tk
    @Ajeetkumar-jp9tk9 ай бұрын

    संविधान से पहले किसी शूद्र को शिक्षा नहीं दी जाती थी

  • @ShrawanSaazOfficial

    @ShrawanSaazOfficial

    9 ай бұрын

    @@satyendramishra7877 महर्षि बाल्मीकि ब्रह्मण थे ,ब्रह्मा के पुत्र प्रचेता और प्रचेता के पुत्र बाल्मीकि ब्रह्मण थे । वेद व्यास पराशर ऋषि जो एक ब्रह्मण था के पुत्र थे । बाबा साहब को अंग्रेज आने के बाद भी बच्चों के साथ पढने नहीं दिया और संस्कृत का स तक नहीं । अंग्रेज 1835 में education लाया और 1854 में kolkata,Madras और मुंबई में विश्वविद्यालय खोला जो सभी वर्गो के लिए थी । क्या ब्रह्मणों ने कोई गुरूकुल खोला था जहाँ सभी पढ सके ? नाम बताइए

  • @slove567

    @slove567

    9 ай бұрын

    ​@@satyendramishra7877baba sahib india me education kab liye😂😂😂

  • @teach369

    @teach369

    9 ай бұрын

    kzread.infoKPjORvkecTo?si=ER0o26SC3Yw-MDzt

  • @teach369

    @teach369

    9 ай бұрын

    kzread.infoKPjORvkecTo?si=ER0o26SC3Yw-MDzt

  • @SunnySunny-pi2nq

    @SunnySunny-pi2nq

    7 ай бұрын

    ​@@satyendramishra7877ye log ya to angreji shashn me ya mugal shashn me ye mukaam hasil kiye hain na kii chritrhin nyayik chritra se shnya brahamn ya manuvadiyon ke shashn me samjhe mahoday

  • @anilshriram1fun778
    @anilshriram1fun7789 ай бұрын

    जाति धर्म से ऊपर उठ कर सामाजिक व्यवस्था को विधिक रूप से व्याख्या करने के लिए आप को धन्यवाद आप समाज के सच्चे सिपाही हैं जो निर्भिक्ता से अपनी ज्ञान को साझा किया।

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @smartstylish957

    @smartstylish957

    9 ай бұрын

    ​@@pvplawindiahlo sir Kerala breats text pe v ek video layo??

  • @budhprakash9200

    @budhprakash9200

    20 күн бұрын

    मुख से ब्रह्मण, बांह से क्षत्रिय ,पेटउदर से शूद्रण और चरण से वैश्य हरएक मानव जन हैं और जो मानव जन अध्यापक शिक्षक गुरुजन पुरोहित विप्रजन द्विजोत्तम हैं वे उच्च पद पर होते हैं । पाचमुख मतलब है पांचजन = जनसेवक दासजन वेतभोगी × ( अध्यापकजन ब्रह्मवर्णजन + सुरक्षकजन क्षत्रमवर्णजन + उत्पादकजन शूद्रमवर्णजन + वितरकजन वैशमवर्णजन)। यही चारवर्ण पांचज़न सनातन शाश्वत जीविकोपार्जन प्रबन्धन विषय व्यवस्था है। शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है । यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं । शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं। चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है। कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं। कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं। द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं। शूद्रण भी द्विज पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है। क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।

  • @mahaveermeena7370
    @mahaveermeena7370Ай бұрын

    अधिकार वंचित समाज की आवाज उठाना,संविधान की बात करना त्रिपाठी जी आपको बहुत बहुत साधुवाद

  • @shubhamsavdekar123
    @shubhamsavdekar123Ай бұрын

    Dr babasaheb ambedkar ko koti koti naman

  • @jogendrasinghjogendrasingh6104
    @jogendrasinghjogendrasingh61049 ай бұрын

    Jay bhim great bhai ji

  • @s.k.indian2052
    @s.k.indian20529 ай бұрын

    बहत ही बढ़िया जानकारी है और Analysis है।

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @ajivaklok
    @ajivaklokАй бұрын

    बहुत बढ़िया समझाया परंतु उत्तर नहीं मिला। आगे उत्तर हम बताते हैं। संविधान लागू होने का बाद भी आज शूद्र लोग गरीब, परेशान, लाचार केवल दो कार्य करने हैं कि ये लोग दान करते हैं और दूसरों की सेवा करते हैं। इनकी भलाई केवल इनको इन्हीं दो कार्यों को छोड़ने से हों जायेगी। अर्थात इन्हें मानव बनना होगा और अपने संसाधनों को अपने हित में प्रयोग करना होगा।

  • @48038

    @48038

    15 күн бұрын

    मंदिर मे दान देने से जाति व्यवस्था सताएगी सरकार को टैक्स देने से नेता मंत्री सरकारी तंत्र बाहुबली सताएगे

  • @RajKumar-cr9vk
    @RajKumar-cr9vk9 ай бұрын

    ये देखो आज के obc को वैश्य सावित करना चाहते हैं। यदि obc वैश्य है तो इनका विवाह वैश्य में क्यों नहीं होता।

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    विवाह तो एक ब्राह्मण का दूसरे ब्राह्मण से भी वर्जित किये बैठे हैं… सरयूपारिण ब्राह्मण का विवाह कान्यकुब्ज या गौड़ ब्राह्मण से नहीं होता। OBC में बहुत सी उन जातियों को रखा गया है जिन्हें मनुस्मृति में वैश्य कहा गया है… मैंने सिर्फ़ मनुस्मृति का उल्लेख किया है।

  • @venaysingh5509

    @venaysingh5509

    9 ай бұрын

    Bahe hum bahe hai sc st obc may obc hu mene sc kast may shade ke hai mere kaye kamboj kast valo nay sc ladkio say shade ke hai humne se parkar kaye sc Loko nay obc ke ladkio say be shade ke may Punjab Kay Ferozepur ka rehane vala hu

  • @ShrawanSaazOfficial

    @ShrawanSaazOfficial

    9 ай бұрын

    @@pvplawindia सीधी सी बात है " जाति तोड़ो भारत जोड़ो"

  • @sadow115

    @sadow115

    9 ай бұрын

    ​@@pvplawindiakheti to sab log kar rhe hai or pasu palan bhi sc obc or Muslim bhi ,to kaise vaish hai obc, obc shudra hai

  • @thelogicalindian99

    @thelogicalindian99

    8 ай бұрын

    बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzread.info/dash/bejne/gYyBzad_pd3ff7w.html

  • @India86147
    @India861479 ай бұрын

    Very nice explanation sir ❤❤❤

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @pushendradhangar2314
    @pushendradhangar23147 күн бұрын

    शराब जुआ सट्टा वोट बेचना बच्चे ज्यादा ये बहुत ही मुख्य कारण हे गरीबी का

  • @GulabSingh-me5jq
    @GulabSingh-me5jq6 ай бұрын

    Jai Bhim Jai Savidhan❤❤

  • @user-xq5xj3db7u
    @user-xq5xj3db7u6 ай бұрын

    वर्ण व्यवस्था एक क्रूर व्यवस्था है

  • @usmanganishaikh6649
    @usmanganishaikh66499 ай бұрын

    "बहुत ही ज्ञानवर्धक वीडियो है।" "इस ज्ञान का सब नागरिको तक पहुंचना या पहुंचाना बहुत जरूरी है ।"

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @thelogicalindian99

    @thelogicalindian99

    8 ай бұрын

    दलित/OBC के मित्र और शत्रु !! कांग्रेस या बीजेपी kzread.info/dash/bejne/pZ9sqrOIpZbWqtI.html

  • @budhprakash9200

    @budhprakash9200

    20 күн бұрын

    मुख से ब्रह्मण, बांह से क्षत्रिय ,पेटउदर से शूद्रण और चरण से वैश्य हरएक मानव जन हैं और जो मानव जन अध्यापक शिक्षक गुरुजन पुरोहित विप्रजन द्विजोत्तम हैं वे उच्च पद पर होते हैं । पाचमुख मतलब है पांचजन = जनसेवक दासजन वेतभोगी × ( अध्यापकजन ब्रह्मवर्णजन + सुरक्षकजन क्षत्रमवर्णजन + उत्पादकजन शूद्रमवर्णजन + वितरकजन वैशमवर्णजन)। यही चारवर्ण पांचज़न सनातन शाश्वत जीविकोपार्जन प्रबन्धन विषय व्यवस्था है। शूद्रं शब्द का मतलब तपस्वी है । यजुर्वेद मंत्र - तपसे शूद्रं । शूद्रं शब्द में बडे श पर बडे ऊ की मात्रा लगाकर अंक की बिंदी लगी है। यह लगानी चाहिए। अंक की बिंदी लगने से शूद्रन/ शूद्रण/ शूद्रम भी लिख बोल सकते हैं। चारवर्ण चारकर्म चारविभाग जीविका विषय अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार ही शूद्रण है। कर्म चार = = वर्ण चार = शिक्षण-ब्रह्म + सुरक्षण-क्षत्रम + उत्पादन-शूद्रम + वितरण-वैशम। पांचवेजन जनसेवक दासजन नौकरजन सेवकजन भी इन्ही चतुरवर्ण चतुर कर्म विभाग में वेतनमान पर कार्यरत हैं। वेदमंत्र दर्शनशास्त्र ज्ञान विज्ञान विधान अनुसार और प्रत्यक्ष कर्म अनुसार प्रमाण हैं। कुछ किताबो में शूद्रन का मतलब तपस्वी उत्पादक निर्माता उद्योगण ना लिखकर सिर्फ सेवक लिख कर गलती कर रहे हैं । शिक्षित द्विजन ( स्त्री-पुरुष) को सुधार कर बोलना लिखना चाहिए और सुधार कर प्रिंट करना चाहिए। अनुचित लेखन कर्म अनुचित बोलना लिखना वेद विरूद्ध करते रहते हैं आजकल अज्ञजन । लेखक प्रकाशक जन अज्ञानता में सुधार नहीं करते हैं। द्विज और द्विजोत्तम भी अलग अलग हैं। चारो वर्ण कर्म विभाग वाले सवर्ण और असवर्ण होते हैं। शूद्रण भी द्विज पवित्र होता और चार वर्ण कर्म विभाग अनुसार उत्पादक निर्माता उद्योगण शिल्पकार तपस्वी होता है। अशूद्र अब्राहण अछूत व्यभीचारी जुआरी नपुंसक चाटुकार होता है। क्षुद्र पाशविक सोच रखकर जीने वाला होता है।

  • @nandramahirwar6137
    @nandramahirwar613716 күн бұрын

    Jay Bheem sar main aapka Dil se swagat vandan Abhinandan karta hun

  • @aayushmanchaudharychaudhar7561
    @aayushmanchaudharychaudhar75614 ай бұрын

    जिनमें शील करुणा मानवता हैं वो सभी लोग मानवता को बचाने में लगे हुए हैं।

  • @user-to9nc4lv7j
    @user-to9nc4lv7j6 ай бұрын

    धन के स्रोत केवल शूद्र .... शूद्र उत्पादनकर्ता .... वैश्य विपणनकर्ता क्षत्रिय रक्षक ब्राह्मण याचक

  • @48038

    @48038

    15 күн бұрын

    नेता पूंजीपति माफिया --बंदरबांट वर्ण

  • @RanjeetKumar-nq6nn
    @RanjeetKumar-nq6nn7 күн бұрын

    बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी अमर रहे।संविधान जिंदाबाद

  • @satishchoudhary6398
    @satishchoudhary63988 ай бұрын

    धन्यवाद जानकारी के लिए 👌👍 💯सही कहा आपने

  • @bhagwanmishra7243
    @bhagwanmishra72439 ай бұрын

    एक दान दक्षिणा से एक कर से एक उत्पादन वितरण क्रय विक्रय कृषि पशु पालन व्यापार से और एक श्रम सेवा सहायक के रूप में । प्राचीन भारतीय मनुष्यो की आइडिया उस समय के लिए ठीक रही होगी किंतु सदा ही चले ऐसा हो नही सकता। कुछ भी हो आज की four categories भी बहुत अच्छी नही है। कुछ भी हो जन्म से जाति का निर्धारण ठीक नही है।।धन्यवाद आप

  • @budhprakash9200

    @budhprakash9200

    20 күн бұрын

    हे मनुष्यो! पुरोहित/ विप्रजन/ धर्मगुरु / पन्थगुरु/ गुरूजन/अध्यापक / शिक्षक / चिकित्सक/आचार्य/ कविजन ( ब्रह्मण ) का आचरण व्यवहार कैसा होना चाहिए ? जानें। विश्व राष्ट्र के प्रथम सतयुग के प्रथम राजर्षि दक्ष प्रजापति महाराज की ऋषि संसद द्वारा निर्मित गुण नियम अनुसार - संस्कार शिक्षक पुरोहित ( ब्रह्मण ) विप्रजन/द्विजोत्तम/अध्यापक/कविजन/गुरूजन/पन्थगुरु को - 1- सत्यवादी आचरण व्यवहार वाला होना चाहिए , 2- शुद्ध चित आचरण रखने वाला होना चाहिए, 3- सत्यवृतपरायण आचरण वाला होना चाहिए, 4- नित्य सनातन दक्षधर्म में रत होना चाहिए, 5- शान्त चित वाला बने रहने वाला होना चाहिए, 6 - व्यर्थ अनर्गल बातो से रहित होना चाहिए, 7- द्रोहरहित स्वभाव वाला होना चाहिए, 8- चोरकर्म से रहित सही आदत वाला होना चाहिए, 9- प्राणियो के हित में लगे रहने वाला होना चाहिए, 10- अपनी स्त्री भार्या में रत रहने वाला होना चाहिए, 11- सविनय नर्म स्वभाव वाला होना चाहिए, 12- न्याय प्रिय सुरक्षक स्वभाव होना चाहिए, 13- अकर्कश सरल स्वभाव वाला होना चाहिए, 14- माता पिता का आज्ञाकारी होना चाहिए, 15- गुरुओ का सम्मान करने वाला होना चाहिए, 16- वृद्धो पर श्रद्धा रखने वाला होना चाहिए , 17- श्रद्घालु स्वभाव वाला होना चाहिए, 18- वेदमंत्र दक्षधर्म शास्त्ररज्ञाता होना चाहिए, 19- वैदिक धर्म संस्कार गुण क्रियावान होना चाहिए और 20- भिक्षा दान दक्षिणा वेतन से जीवन यावन करने वाला होना चाहिए। इन सभी बीस (20) वैदिक सनातन दक्ष धर्म विधि-विधान नियम संस्कार गुणो से युक्त विप्रजन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक पन्थगुरु अभिनेता (ब्रह्मण)को होना चाहिए। इन्ही गुण स्वभाव वाले शिक्षको को देखकर अन्य द्विजनों ( स्त्री-पुरुषो ) को आचरण व्यवहार निर्माण कर जीना चाहिए। पौराणिक वैदिक संस्कृत भाषा श्लोक - ॐ सत्यवाक् शुद्धचेता यः सत्यव्रतपरायणः । नित्यं धर्मरतः शान्तः स भिन्नलापवर्जितः।। अद्रोहोऽस्तेयकर्मा च सर्वप्राणिहिते रतः। स्वस्त्रीरतः सविनया नयचक्षुरकर्कशः ।। पितृमातृवचः कर्ता गुरूवृद्धपराष्टि ( ति) कः । श्रध्दालुर्वेदशास्त्रज्ञः क्रियावान्भैक्ष्य जीवकः ।। ( पौराणिक वैदिक सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार ) ।। जय विश्व राष्ट्र सनातन प्राजापत्य दक्ष धर्म। जय वर्णाश्रम प्रबन्धन श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।। विश्वराष्ट्र मित्रो! पौराणिक वैदिक पुरोहित संस्कार शिक्षको लिए बताए गए जैसे गुण नियम की तरह सभी साम्प्रदायिक पन्थी गुरुओ के बने नियम पोस्ट करने चाहिए, ताकि तुलनात्मक रूप से अध्ययन कर सुधार किया जाए । साम्प्रदायिक गुरुओ की निजी पन्थी सोच ने पौराणिक वैदिक सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म संस्कार विधि-विधान नियमों में क्या क्या वेवजह बिगाङ किया है ? सबजन जान सकें और सुधार कर अपने पूर्वज बहुदेव ऋषिओ देवताओ को पहचान सकें । विश्व राष्ट्र दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार प्रबन्धन। श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।।

  • @santramsid1976
    @santramsid19769 ай бұрын

    संविधान ही अच्छी हैं

  • @thelogicalindian99

    @thelogicalindian99

    8 ай бұрын

    बुरे फँसे अमित शाह ! बिहार जातीय सर्वे पर बोलकर kzread.info/dash/bejne/gYyBzad_pd3ff7w.html

  • @user-lf4oz7my7x
    @user-lf4oz7my7x12 күн бұрын

    ❤❤ ਜੈ ਭੀਮ ਜੈ ਭਾਰਤ ❤❤❤ ਜੈ ਸੰਵਿਧਾਨ ਜੈ ਸਹਿਬ ਸ਼੍ਰੀ ਕਾਂਸ਼ੀ ਰਾਮ ਜੀ ਜੈ ਬਸਪਾ ❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @spuppsooryoday4698
    @spuppsooryoday46985 ай бұрын

    दिल जीत लिया सर❤❤❤❤❤❤

  • @ramachandramalik7164
    @ramachandramalik71649 ай бұрын

    जय भीम जय संविधान

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    भारत की न्यायपालिका में SC/ST जज कम क्यों हैं ? kzread.info/dash/bejne/lYauj5eHnparidY.htmlsi=LOjED92eEVeWZqs7

  • @ramcharityadav9373
    @ramcharityadav93739 ай бұрын

    पहली बात मनुस्मृति मनु महराज ने लिखा ना कि ब्राह्मम शूद्रों को पढ़ने का धन रखने का बेद पढ़ने का अधिकार नहीं था जिसको शिक्षा का अधिकार नहीं होगा वह तो गरीब ही रहेगा महिलाओं को तन ढकने का अधिकार नहीं था 😂

  • @prakharshankar3064

    @prakharshankar3064

    9 ай бұрын

    Ye kahani kaha he ayi he. Koi avidence he usa time ka chutiya

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @budhprakash9200

    @budhprakash9200

    20 күн бұрын

    सनातन दक्ष धर्म - जनसंख्या संतुलन आज की जरूरत l औसतन प्रति दम्पति दो बच्चे समय की मांग l A - कुछ दम्पति के कोई सन्तान नहीं होती है = 0 B - कुछ दम्पति तो एक ही संतान पैदा करते हैं = 1 C - ज्यादा तर दम्पति दो संतान पैदा करते हैं = 2 D - कुछ ही दम्पति तीन संतान पैदा करते हैं = 3 E - बहुत कम दम्पति चार संतान पैदा करते हैं = 4 सबका औसत निकालते हैं तो प्रति दम्पत्ति दो बच्चे ही आता है l औसत = 0 +1 +2 +3 +4 =10/5 = 2 दो लेकिन अब धर्म पंथ दीन सम्प्रदाय को बढ़ाने के नाम पर जनसंख्या बढ़ाना उचित सोच नहीं है l किसी मध्य कालीन साम्प्रदायिक गुरु की किताब पढ़कर माइंड सेटिंग्स करवाते हुए अपने ऊपर वाले इश्वर अल्लाह गॉड के नाम पर अब लॉकतन्त्र विज्ञान युग में जनसंख्या बढ़ाना उचित सोच नहीं कही जा सकती है l अब हर दम्पत्ति को जनसंख्या संतुलन का ध्यान अवश्य रखना चाहिए l वेद ऋषि ज्ञान अनुसार एक स्त्री से दस बच्चे तक पैदा करना कहा गया था लेकिन वो उस समय काल की मांग थी युद्घ होते थे बीमारी ज्यादा होती थी l लेकिन आजकल दो बच्चो के साथ ही अच्छा जीवन जिया जा सकता है l पांच ज़न l जय सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म l ॐ l

  • @SantLal-ok6ve
    @SantLal-ok6ve23 күн бұрын

    Tripathi ji,, aapko Mera pyar bhara Sadar pranam,,,, our aapse hamara vinamra nivedan hai ki aap hamare our hamare samaj ke bich uprokat jaisi vidambnaye jaisi sachchi kahani,ya our koi chije bhejte ya dohrate rahe, taki sarv samaj es pakhandvad se alage va door hoker apne va apne bachchon ko sahi shikchha ki disha dikhaker unhen Gyan de our dila sake,,,,,🌹 Sonu Baudh 🌹

  • @Shubham_raj.86
    @Shubham_raj.866 ай бұрын

    Very nice vido

  • @sanjayravidas9029
    @sanjayravidas90299 ай бұрын

    Jaybhim one India thaem. Jay BSP bihar. Sandar jankari sir.

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @deepram2620
    @deepram26209 ай бұрын

    जब ब्रह्मण ने उसके प्रगति के सारे दरवाजे बंद कर दीए गए।

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @Ashokkumarkhamar

    @Ashokkumarkhamar

    8 ай бұрын

    Manusmurti barna ka art ha alag he braman paribar se paida hua santan Sudraban.baishyaban.khatriaban.bramanban kaunsa ban bhi ho Santa he apka janmapatrika dekhie bra man paribar ka admi baniakam.deskasebakam.su drakam karta he .bhagaman

  • @thelogicalindian99

    @thelogicalindian99

    8 ай бұрын

    दलित/OBC के मित्र और शत्रु !! कांग्रेस या बीजेपी kzread.info/dash/bejne/pZ9sqrOIpZbWqtI.html

  • @thelogicalindian99

    @thelogicalindian99

    8 ай бұрын

    संविधान को ख़तरा किससे? कैसे बचेगा संविधान? kzread.info/dash/bejne/c3ib2ttroMqxhs4.html

  • @budhprakash9200

    @budhprakash9200

    20 күн бұрын

    हे मनुष्यो! पुरोहित/ विप्रजन/ धर्मगुरु / पन्थगुरु/ गुरूजन/अध्यापक / शिक्षक / चिकित्सक/आचार्य/ कविजन ( ब्रह्मण ) का आचरण व्यवहार कैसा होना चाहिए ? जानें। विश्व राष्ट्र के प्रथम सतयुग के प्रथम राजर्षि दक्ष प्रजापति महाराज की ऋषि संसद द्वारा निर्मित गुण नियम अनुसार - संस्कार शिक्षक पुरोहित ( ब्रह्मण ) विप्रजन/द्विजोत्तम/अध्यापक/कविजन/गुरूजन/पन्थगुरु को - 1- सत्यवादी आचरण व्यवहार वाला होना चाहिए , 2- शुद्ध चित आचरण रखने वाला होना चाहिए, 3- सत्यवृतपरायण आचरण वाला होना चाहिए, 4- नित्य सनातन दक्षधर्म में रत होना चाहिए, 5- शान्त चित वाला बने रहने वाला होना चाहिए, 6 - व्यर्थ अनर्गल बातो से रहित होना चाहिए, 7- द्रोहरहित स्वभाव वाला होना चाहिए, 8- चोरकर्म से रहित सही आदत वाला होना चाहिए, 9- प्राणियो के हित में लगे रहने वाला होना चाहिए, 10- अपनी स्त्री भार्या में रत रहने वाला होना चाहिए, 11- सविनय नर्म स्वभाव वाला होना चाहिए, 12- न्याय प्रिय सुरक्षक स्वभाव होना चाहिए, 13- अकर्कश सरल स्वभाव वाला होना चाहिए, 14- माता पिता का आज्ञाकारी होना चाहिए, 15- गुरुओ का सम्मान करने वाला होना चाहिए, 16- वृद्धो पर श्रद्धा रखने वाला होना चाहिए , 17- श्रद्घालु स्वभाव वाला होना चाहिए, 18- वेदमंत्र दक्षधर्म शास्त्ररज्ञाता होना चाहिए, 19- वैदिक धर्म संस्कार गुण क्रियावान होना चाहिए और 20- भिक्षा दान दक्षिणा वेतन से जीवन यावन करने वाला होना चाहिए। इन सभी बीस (20) वैदिक सनातन दक्ष धर्म विधि-विधान नियम संस्कार गुणो से युक्त विप्रजन अध्यापक गुरूजन पुरोहित चिकित्सक पन्थगुरु अभिनेता (ब्रह्मण)को होना चाहिए। इन्ही गुण स्वभाव वाले शिक्षको को देखकर अन्य द्विजनों ( स्त्री-पुरुषो ) को आचरण व्यवहार निर्माण कर जीना चाहिए। पौराणिक वैदिक संस्कृत भाषा श्लोक - ॐ सत्यवाक् शुद्धचेता यः सत्यव्रतपरायणः । नित्यं धर्मरतः शान्तः स भिन्नलापवर्जितः।। अद्रोहोऽस्तेयकर्मा च सर्वप्राणिहिते रतः। स्वस्त्रीरतः सविनया नयचक्षुरकर्कशः ।। पितृमातृवचः कर्ता गुरूवृद्धपराष्टि ( ति) कः । श्रध्दालुर्वेदशास्त्रज्ञः क्रियावान्भैक्ष्य जीवकः ।। ( पौराणिक वैदिक सतयुग दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार ) ।। जय विश्व राष्ट्र सनातन प्राजापत्य दक्ष धर्म। जय वर्णाश्रम प्रबन्धन श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।। विश्वराष्ट्र मित्रो! पौराणिक वैदिक पुरोहित संस्कार शिक्षको लिए बताए गए जैसे गुण नियम की तरह सभी साम्प्रदायिक पन्थी गुरुओ के बने नियम पोस्ट करने चाहिए, ताकि तुलनात्मक रूप से अध्ययन कर सुधार किया जाए । साम्प्रदायिक गुरुओ की निजी पन्थी सोच ने पौराणिक वैदिक सनातन प्रजापत्य दक्ष धर्म संस्कार विधि-विधान नियमों में क्या क्या वेवजह बिगाङ किया है ? सबजन जान सकें और सुधार कर अपने पूर्वज बहुदेव ऋषिओ देवताओ को पहचान सकें । विश्व राष्ट्र दक्षराज वर्णाश्रम सनातन संस्कार प्रबन्धन। श्रेष्ठतम जीवन प्रबंधन। जय अखण्ड भारत। जय वसुधैव कुटुम्बकम।। ॐ ।।

  • @harishchandramaurya5893
    @harishchandramaurya58939 ай бұрын

    मनुस्मृति कब.लिखी गयी यह भी बताया जाय मनुस्मृति मे इंन्सान को चार क्रमिक उंच नीच वर्ण मे बांटना अमानवीय षडयंत्रकारी कदम था वर्ण जन्म से हि है

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @sudhagupta3557

    @sudhagupta3557

    9 ай бұрын

    मनु हर युग मे होते है, मनु अपने युग मे मनुष्यो के नेता होते है

  • @pankajkumarpritam1596

    @pankajkumarpritam1596

    7 ай бұрын

    हरीश चंद्र मौर्य जी बिल्कुल सही कहा आपने।

  • @KundanYadav-rn1uc

    @KundanYadav-rn1uc

    7 ай бұрын

    ​ 5:17

  • @pankajkumarpritam1596

    @pankajkumarpritam1596

    6 ай бұрын

    @@sudhagupta3557 Manu jaise log kele ka chilka hote hai. Manu ke anusar to sabhi baniya ko sirf kharid bikri ka Kam karna chahiye. Tum log to manusmriti ke anusar na shikshak ban sakte ho aur usse uche pad par soch bhi nahi sakte the. Kar kam manusmriti ke anusar.

  • @imamudeenbhatti9683
    @imamudeenbhatti9683Ай бұрын

    जय जवान जय किसान जय विज्ञान जय संविधान !

  • @gkentertainment5141
    @gkentertainment51416 ай бұрын

    Sir bahut acche se aapne explain kiya aapne

  • @KrishanKumar-vl5jb
    @KrishanKumar-vl5jb9 ай бұрын

    जब बाहमणो का काम पढाना पुरोहित मंदिरों में दान लेना यज्ञ करना करना है तो एस पी डी एस पी कनृल जृनल मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री जज पत्रकार क्यों बनते हैं अपने वर्ण के हिसाब से मांग के ही खाएं।

  • @prakharshankar3064

    @prakharshankar3064

    9 ай бұрын

    Varna change ho jate the 1600 ke Rathod 2000 main teli he 😅

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    kzread.info/dash/bejne/d2Wczdl7h6qcabA.htmlsi=LdmUbNsodoTDLgdK विनम्र अनुरोध है कि वीडियो को पूरा देखें। यदि नहीं तो अंत के 5 मिनट में विडियो का निचोड़ है, उसे अवश्य देखें। 🙏🏻🙏🏻

  • @BrajeshrasilaBrajeshrasi-oi6fh

    @BrajeshrasilaBrajeshrasi-oi6fh

    9 ай бұрын

    ​@@pvplawindiabahut sahi likha aapne Jay ho

  • @BrajeshrasilaBrajeshrasi-oi6fh

    @BrajeshrasilaBrajeshrasi-oi6fh

    9 ай бұрын

    Pandit ji balmiki ramayan me kya likha hai uski shiksha kyo nahi dete

  • @BrajeshrasilaBrajeshrasi-oi6fh

    @BrajeshrasilaBrajeshrasi-oi6fh

    9 ай бұрын

    Balmiki ramayan ke sabd bhagwan se aaye phir usko kyo nahi padhte pakhand kyo phela rahe ho

  • @ShrawanSaazOfficial
    @ShrawanSaazOfficial9 ай бұрын

    महाशय, किस किस चीज से सेवा की जाती थी? अछूत तो सेवा करते नहीं थे क्योंकि वो तीनों वर्ण को छू नहीं सकते थे अर्थात उन्हें वर्ण कुव्यवस्था में रखा ही नहीं गया । तो फिर शूद्र कौन है ।

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    कहाँ सो रहें हैं? सवर्ण महिलाओं को बच्चों पैदा करवाने और मालिश करने का काम कौन करता था ? सारे शूद्र सभी प्रयोजनों के लिए अछूत नहीं थे।

  • @ShrawanSaazOfficial

    @ShrawanSaazOfficial

    9 ай бұрын

    @@pvplawindia मैं नहीं सोया हूँ आप अध्ययन कीजिए । महिला "शूद्र वर्ण "में आती है । महाभारत पढ लीजिए ,गीता पढ लीजिए,,रामयण पढ लीजिएया जो पढा रहे हैं मनुस्मृति पढ लीजिए । बस एक प्रश्न पूछा कि मिर्ची लग गई और कह रहे हैं कहाँ सोये हैं? ,youtube चलाते हैं तो दिमाग शान्त रखिए। मैं ने अपनी जिज्ञासा जाहिर की थी ।

  • @babitarohani4226

    @babitarohani4226

    9 ай бұрын

    SC/ST Verna System Me Hai Hi Nahi , Yah Baat Baba Saheb Dr. Ambedkar Ke Sath - Sath Gandhi Ji Ne Bhi Mani Thi, Esliye Ve Enhe Pancham Kaha Karte The, Arthat Jo Verna System Se Bahar Hai.

  • @motorambhilawekar7112

    @motorambhilawekar7112

    9 ай бұрын

    ​@@pvplawindiaAs per brahman dharm literatures, women are shudra & paapyoni.

  • @pvplawindia

    @pvplawindia

    9 ай бұрын

    मुझे आपकी जिज्ञासा से लगाव है। मैं तो आपसे जुड़नेवाली मित्रवत् शैली में “कहाँ सो रहें हैं” लिखा था, फिर भी यदि आपको मेरी भाषा चुभी हो तो मैं क्षमा चाहूंगा। महिलाओं को शूद्र जैसा माना गया है लेकिन ब्राह्मण वर्ण की महिला और शूद्र वर्ण की महिला को एक समान नहीं माना गया है। महाभारत में विदुर को दासी पुत्र होने के नाते ही राजा नहीं बनने दिया गया। रामायण में भी विवाहोपरांत सीता जी के साथ जिन सैकड़ों दासियों को अयोध्या भेजने का उल्लेख है क्या वे और सीता जी एक समान थी? आप सुझाव कि मैं यू ट्यूब पर हूँ तो दिमाग़ शांत रखूँ, मुझे बहुत अच्छा लगा। ऐसा लगा जैसे कोई मुझे बहुत Care करने वाला हो

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