आदिनाथ से निराला, पारसनाथ से निराला, कोई और नहीं || जैन भजन || Aadinath se Nirala || Jain Bhajan

हिंसा की चाह ना,
दया की सद्भावना,
जिनधर्म की प्रभावना,
यही हमारी भावना।
#जैनभजन #आदिनाथसेनिराला #veervani #aadinathsenirala

Пікірлер: 2

  • @chetanjain1918
    @chetanjain19183 жыл бұрын

    सुंंदर

  • @kanhaiyalallodha2694
    @kanhaiyalallodha2694 Жыл бұрын

    तु अहिंसा पथ पर चलते चल ए बंदे , न रख राग द्वेष किसी सबके प्रति सम्यक भाव एक दिन भव पार उतर जाएगा ओर सबके लिए मार्ग दर्शक बन जाएगा, यही मेरे स्व्यमं तीर्थंकर की वाणी है प्यारे।

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