धधकते जंगलों पर बोले वन मंत्री सुबोध उनियाल Forest Fire | Uttarakhand | Subodh Uniyal | Ramesh Bhatt
तमाम कोशिशों के बाद भी उत्तराखंड में वना ग्नि काबू से बाहर हो रही है। सूबे के वन मंत्री राज्य से बाहर हैं, अधिकारी हनक दिखा रहे हैं। आप भी देखिए क्या कहते हैं सूबे के वन मंत्री सुबोध उनियाल ।
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ऐसे ऐसे नेता है हमारे उत्तराखंड में अपना काम बनता भाड़ में गई जनता ऐसे नेता हमारे उत्तराखंड में
मंत्री जी की बातें सुनकर तो इसमें बहुत बड़ा गोलमाल लगा रहा मैं काफी समय से गांव में हूं जो कि जंगली सीमा सिर्फ गांव से मीटरों मात्र दूर है लेकिन इनकी योजना आजतक नहीं देखी इसलिए इनके कथनी और करनी में अंतर दिख रहा
देवभूमि डायलॉग का आभार उत्तराखंड के जंगलों में आग के कारण लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो गया है जनता-जनार्दन सरकार और विभाग तीनों बराबर के दोषी है
AC मे बैठ कर आग को रोकने की बैठक हो रही है 😂
भट्ट जी आपका काम सराहनीय हैं।आपको दर्द है पहाड़ का।इतनी चिंता किसी नेता को नही है।पहाड़ की।
गाँवो में जनता है कहाँ ???? सब पलायन हो गए, बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य , रोजगार (पेट भरने) , 23 वर्षो में बैठके खूब हुई हैं इसके लिए सरकार धन्यवाद की पात्र हैं ।
भट्ट जी बहुत बहुत धन्यावाद आप ये सारे मुद्दे उठाते हैं.
एक सवाल ये पूछना था की आग उत्तराखंड मै लगीं है और सारे मंत्री मुखिया मंत्री भाजपा के प्रचार मैं जुटे है।
वन विभाग मानसूनी बारिश का इंतजार कर रहा है ,जनसहभागिता की पहल के लिए भी तो विभाग को भागीदारी करनी पडेगी 🤔🇮🇳
समसामयिक समस्या को उजागर करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से जहां उनकी नियुक्ति है वहां पर निवास करना होगा वहां जो चौकिया है वह बिल्कुल वीरान है उनको आबाद करना होगा ऐसे लेक्चर फ्रैक्चर से कुछ नहीं होगा तुरंत आदेश देने होंगे कि सारे लोग चौकिया में रहे पूरे उत्तराखंड की हालत यह है कि सब लोग अब मुख्यालय सेफ फील्ड की तरफ आते हैं जबकि फील्ड में रहने की व्यवस्था होनी चाहिए
वन मंत्री नींद खुल चुकी है अब इनके पास तकनिकी नही है फिल हाल मंत्री जी वारे नियारे करने दो ये विदेशो की फारेस्ट विभाग को नही देख रहे वहाँ कैसे काम होता जिस पार्टी से नेता बने उसका भला नही कर पाये उत्तराखंड क्या विकास करंगे
बहुत अच्छा किया अपने वन मंत्री से डिबेट की मेरे request पर एक डिबेट मुख्य सचिव mam se bhi ho jaay bhatt ji
गर्मी पूरे भारत में पड़ रही है श्रीमान आग उत्तराखंड में ही क्यों ??
मंत्री जी अपनी समिति मत गिनवाइये। बताइये की वनाग्नि पे काबू क्यों नहीं पाया गया। गर्मी से आग लग रही या आग से गर्मी लग रही है ये सरकार अपनी नाक़ाबियाँ छिपा रही है😡😡 ये कोई जवाब नहीं है । नैतिकता के आधार पर जिम्मेदारी लेते हुए वन मंत्री पद से इस्तीफा दें।
ये सब झूट बोल रहा है कोई काम नही करते है और पुरा नरेंद्र नगर ब्लॉक मै कोई काम नही होता. वन मंत्री है और वनो का ये हाल कर दिया. कोई managments नही है. सब झूठे वादे और झूठे काम.
नेता सिर्फ अपनी तारीफ करने में अधिकारी अपनी किंतु धरातल से कोई जुड़ा नही है, सिर्फ बातो की पुलाव बनवाओ इनसे
चीड़ के पेड़ हटाओ बाज के पेड़ लगाओ तब जाके कुछ होगा, बाक़ी वन विभाग विफल रहा हैं..
400 समितियां बनी है जबकि उत्तराखंड में 7000+ पंचायतें है तो क्या ये समितियां काफी है । और मेने पहली बार सुना की ये समितियां बनी है हमारे आस पास तो ऐसी कोई समितियां भी है । और क्यों सरकार सारी पंचायतों और वनपंचायत सरपंच को साथ में ले के काम क्यों नही करती है ।।
अब सारी फॉरेस्ट चौकिया वीरान पड़ी हैं कर्मचारी जंगलों के आसपास रहते नहीं हैं पहले जैसा काम अब वन विभाग में नहीं होता है
Bahut aachhe sir 🙏
उत्तराखंड ज्यादातर लोग यह कहते है कि वन विभाग ही खुद आग लगाता
Nice work ramesh sir ।। You r true journalist
You asked all valid questions Very good 👍
मंत्रियों की एक खासियत तो है चाहे स्थिति कितनी भी खराब क्यों न हो अपने बक्चोदपने से बाज नी आते । बक बक बक!
आज जब से IFS ऑफिसर की जवाबदेही तय हुई है में आज आग के मामले बहुत कम देख रहा हु Good भट जी आपका वीडियो कुछ काम कर गया
मोनिट्रिग से काम नहीं चलेगा नीति बनानी होगी इसी के लिए आपको जनता ने चुना है।
Bhai gi aap jese logo ko rajniti mai aana padega kyuki ye loog kaam nahi karige hum aapke sath hai Bhai gi
जब तक फील्ड स्टॉफ़ की कमी रहेगी कर्मचारी फील्ड में जूझते रहेंगे क्योंकि एक वन बीट अधिकारी के एकेले के पास एक हजार हेक्टेयर से ऊपर क्षेत्र होता हैं न ही कोई फायर से सम्बंधित सुबिधा हैं
उत्तराखंड बनने से पहले हर साल हर रेंज में फायर लाइन करती थी उसकी सफाई होती थी उससे काफी हद तक आजरुकती थी पर वर्तमान समय में फायर लाइन सफाई नहींहोती है
Serious issues immediate forest fire management measures should be made.Uttarakhand had so many Van Panchayats ,need to be given funds to make forest fire line in each sensitive forest areas,water conservation, natural regeneration ,perul management etc with eco friendly way by evolving local communities. These may act as remedies .
उत्तराखंड सरकार उत्तराखंड वन महकमा सभी जिला प्रशासन सभी चिरनिंद्रा में सो रहे हैं।
फॉरेस्ट गार्ड भर्ती अभी भी पूर्ण नही हुई । वेटिंग वालों का डीवी कराकर sarkar भूल गई।
कई बार तो ऐसा भी हुआ है फायर सीजन में आग बुझाने के लिए रखे जाते हैं उनको पेमेंट नहीं मिलती है
वाह मन्त्री जी क्या जबाव है
भाड़ में जाए सरकार, इनको खुद के स्वार्थ से फुरसत कहा।
सच तो यह है कि इन्होंने जमीन पर कुछ नहीं किया, किसी की जवाबदेही नहीं है! जो लोग बजट डकारने के लिए नेता बने है! उनकी कोई जिम्मेदारी तो हो ! अपनी असफलता के लिए इस्तीफे तो दो! . आग भी वाट्स एप पे ही बुझा रहे हैं
वनबिभाग ओर वन मंत्री कि लापरवाही कि वजहस से लगति है जंगलों मै आग
AC कमरो से बाहर निकल कर जरा fire season मे जंगलों की तरफ जाया करो
जंगलो मे आग तो पहले भी लगती थी, उस समय गांव में लोग रहते थे। अब पलायन हो गया है, दूसरा पहले अमानी कुली (रोड साफ करने वाले) होते थे वे सारी रोड को साफ करते थे नालियाँ साफ रहती थी तो आग लगने के चांस कम होते थे। इन नेताओं ने सारी नीतियां पहाड़ के खिलाप बनाई है। सारी जिम्मेदारी सरकार की है। आपको भी धन्यवाद इनसे वर्तालाप करने के लिए 🙏
😢 अब तक की सबसे नकारा सरकार
अ गर ये अपनी मर्जी ना चलते तो युवा परेशान न होता घर से समाज से खुद से
इस विभाग की पोल हर कोई खोलता है यहां का सबसे छोटा कर्मचारी उपनल एवं आउटसोर्स का उनको कई महीनों से वेतन नहीं मिला
sir samiti bn gyi hai aag lagti rhegi..aag bujhane koi ni ja rha bs paise or meeting a.c me ho rhi hai bs..
ये पहाड़ का आदमी है ये है पहाड़ का मंत्री ये किसी को बोलने का मौक़ा भी नहीं दे रहा है बाकियो पर कैसे भरोसा करे
कहीं आग लगने का कारण ये भी है पहाड़ में सड़क नहीं है मुल भुत सुबिधा से वंचित हैं पहाड़ के कयी गांव जो लोग 10किलोमिटर पैदल चलते है पिरूल जो है चलने में खिसकता है चलने में न गांव तक चलने को रास्ते है मजबूरी है कोई गिर गया तो वह कहीं डगआर में अपनी जान दे बैठेगा
सोए हुए हैं, जिनको जिम्मेदारी मिली है। अभी टीवी पे आके सफाई देने से कुछ नही होगा।
Hm sath me he ramesh ji aapke
बारिश वाले एप्प मंत्री से बारिश करवा दो.... 😂😂😂
Great valuable reporting.. its totally failure of this Mantri just doing Jumlabazi..
वन विभाग नाम चीड़ हटाकर अन्यवनस्पतियों लगानीचाहिए
Sahi baat ye hai ki poore forest department main native % 10 se bhi Kam hai to interest kon lega
जंगलों को आग के हवाले करना बहुत बड़ा पाप है पूरा पारिस्थितिक तंत्र प्रभावित होता है।
डिबेट अच्छा है.
अब बरसात मे ये लोग पेड लगाने का दावा करेगे लेकिन सब पेड ऐक ही खडे मे डाल कर बोलते हैं कि हमने कितने पेड लगा दिये है सब बजट साफ कर देते हैं
वंन मंत्री को भ्रष्टाचारी नेताओं की श्रेणी में रखा जाना चाहिए ये वही नेता हैं जो पहाड़ नहीं चढ़ते ऐसे नेता को वोट देने वाले लोगों को शर्म आती हैं या नहीं धिकार है ऐसे नेताओं को चुनने वाले पर
😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂 उत्तराखंड के भाग्य पर हंसी भी आता है और रोना भी
ऐसे मामलो मे अधिकारियो की बैठक नहीं उठा कर आग भूझाने के लिए भेजना chahiye
Aag to, gaav wale khud laga rahe.. Kuch selfi le rahe hai.... Ye baat to sahi hai...................
Good dev bhoomi dialog
गर्मी हर साल होती है वन विभाग के कर्मचारी इन नेताओं के घरों में बटलर वनकर रह गये है भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को संज्ञान लेना चाहिए अनुभव हीन नेता राज्य की उन्नति में बाधक है कश्मीर में या हिमाचल असम में क्यों नहीं होती उत्तराखंड के जंगलों जैसी घटनाएं
Shame on govt, minister forest, forest officers esp chief conservator, divisions chief's
उनियाल जी रट राटयि बात बोल रहे हैं जो धरातल पर कुछ नहीं दिखता
अगर ग्राम पंचायत में प्रधान को लेकर समिति तुमने बनाई तो सरपंच पद को तुमने खाली स्थान भर के रखा है वन विभाग ने जब तक ऐसा रव्य्या रहेगा कुछ भी नही होगा qki सरपंच को तुमने कुछ पूछा नही..?
जो आगबुझाने के लिए बजट आया था वो तो गायब हो गया बुझायेगा कोन सब खा गये
वन बचाओ पर्यावरण बचाओ
धन सिंह रावत जी कहां है जो अपने एप से तुरंत बारिश करवाने की ट्रिक बता रहे थे इन जंगलों को आग से बचाएं प्रभु
देश की सेना आग बुझा रही है उनका कही नाम नही लिया जा रहा है
हमारे युवा cm जी to चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं किया करे
सबसे थका हूवा विभाग उत्तराखंड का वन विभाग ही महसूस हो रहा है।
Itni garmi nahi hori uttarakhand me ki aag khud ba khud lag jaye ye lagayi jati hai
Garmi tho himachal mai aur north east mai bhi ho rahi hai
इन्हें किसी से कोई लेना देना नहीं
वन विभाग खुद लगा देते है
Jab Tak chir jungle hai...tab Tak aag .....
फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी खुद ठेकेदारी में लगे है।उनको आग से कोई लेना देना नही है।गेस्ट हाउस बनाने में जोर है बस
ye भाई सुबोध नही बल्कि कुबोध है
Sir kafi dino baad Ghar gaya, Haldwani se sitarganj jate samay kafi Matra me Ransali forest range me pedon ki katai chal rahi hy. Wah bhi is musam me. Is par Mantri ji ka kya Kahana hy?
Bas committee sammiti...bani ek aag bhujaao committee bhi bana lete
उत्तराखण्ड मै सब हवाई फायर है
@devbhoomi dialogue Ramesh bhai main district Nainital se hu. Or aapse apna experience share karna chahunga forest fire se related .
Ban panchayat,gaw walonko jimmedari dee jaye(kanoon banayen,)
Sab janta hi karegi to forest department ki jaroorat hi kya hai poora payment pardhan ko dedo wo dekh lega, or agar jangal jar rahe hain to har saal baajh ke ped dokuni tadat main lagawo isse har saal ka nuksaan deere dhrre Kam hoga or temperature bhi Kam hota jayega , mujhe lagta hai ki pine tree ko baanjh se replace kare par fire ki problem solve ho jayegi
Dehradun me rehnewale ko kya maloom pahad ki aag ka
Bhatt sir jab tak boby bhai jesa neta uttarakhand mein nhi aata. Tab tak uttarakhand ka vikash nhi ho s
Committees bana dijiye forest dept ka kam khatm nahi hota h.field m officers staff n equipment bhejiye aag ko control kijiye dist machineries ki help lijiye sare operations ki monitoring kijiye necessary help dijiye. 24 yrs m bhi govt koi thos fire fighting mgmt niti nahi bana pai h
Sabse best Patrkar , Vanagni par ab kabu pana Barish par nirbhar karegi
Sir ye to 1915 se chala aa raha he , Uttarakhandiyon ki naraji 1915 se chali aa rahi he yahi karan samajhna jaruri hei
Bolne me expert hai.khanan mantri.
मंत्री का स्थापा होना चाहिए ?
Aapko or teeke sawaal karne chahiye gov representative se , they r our servant not our master
Sab janta ko hi dosh de rahe hain agar Doshi beurocrate hain tho unko nilmbhit kado uttrakhand ki janta kab se apradhi ho gaye jo ki pure bharat ki janta janti hai ki sabse sarif uttrakhand ke log hote hain
Sab se pehle forest deprtmnt ke all officer and karmcharion ki duty 24 hr lgao phir jan sahyog automatic milna start hoga . Apne adhikari karmchariyon ki jimedari fix karo pehle
Janta ko agar unkempt jangal wapas de de to ho sakta hei ye musibat khatam ho sakti hei
बनमंत्री को तब याद गांवो की आग जंगलो को जला देती है। सर गाँवो से लोगो की याद आती है। उत्तराखण्ड सरकार की उदासीनता का प्रमुख कारण है। सुप्रीमकोर्ट को सक्त से सजा का प्रावधान करना होगा इस मे उत्तराखण्ड सरकार और बनमंत्री की नाकामी है। ।।।।।।।।।।।।।
वन नीति के केवल फाइलों में बनती होगी धरातल में नहीं
कोन कहता आग इंसान ने लगाई ,,, ये तो आसमानी बिजली से लगी ,,,conculsion स्पेशल मीटिंग का 😂😂😂😂
कुछ प्रदूषण तो आग ने बड़ा दी है और कुछ अब चार धाम यात्रा में उमड़े यात्रियों की लग्जरी कारों के धुओ से पहाड़ों को प्रदूषण की मार झेलना पड़ता है।
Sir Uttrakhand me 60%Forest jal chuken hy.
Mantri ji bhraman pe h