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धोखा भावनाओं का || आचार्य प्रशांत, युवाओं के संग (2014)
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वीडियो जानकारी: 04.03.2014, गुरुग्राम, हरियाणा, भारत
प्रसंग:
~ हमारी भावनाएँ क्या है?
~ क्या भावनाएँ विचार ही हैं?
~ हम भावनाओं में बह क्यों जातें हैं?
~ क्या भावुक होना अच्छी बात है?
संगीत: मिलिंद दाते
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Пікірлер: 124
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भावना की उतनी ही कीमत है जितनी कि किसी और विचार की। भावना में कुछ ख़ास नहीं है। -आचार्य प्रशांत
लोगों को ये लगता है कि भावनाएँ तो सच्ची होती हैं और ये बहुत ही मूर्खतापूर्ण बात है। -आचार्य प्रशांत
जिसने इमोशन्स को महत्व देना कम कर दिया उस इंसान ने एक बड़ी लड़ाई जीत ली। -आचार्य प्रशांत
आदमी, भावनाओं से आदमी नहीं बनता आदमी आदमी बनता है बोध से, समझ से। -आचार्य प्रशांत
जब विचार का असर शरीर पर दिखाई देने लगे तो उसे भावनाएँ बोलते हैं। -आचार्य प्रशांत
दूसरों की फीलिंग्स को महत्व न दो, उससे पहले ये ज़रूरी है कि अपनी फीलिंग्स को महत्व न दो। -आचार्य प्रशांत
ये जो सत्र था बेशकीमती अतुलनीय था, करोड़ों अरबों रुपए दे भी दे तो भी किसी को ये बात न पता है न जाहिर कर पाएगा, आचार्य जी निःशुल्क हम सब को ऐसी ऐसी बातें बताए जा रहे हैं जरूर मैं ऋणी हूं आचार्य जी का ❤
आचार्य जी के कहने के बाद कहने को कुछ रह ही नहीं जाता , और कहने का कुछ मन भी नहीं करता , बस उनके शब्दों की गूंज को , गहराई को कुछ देर मौन रहकर मन में महसूस करते हुए आनंदित रहने का मन करता है l नमन है इस युगपुरुष को 🙏
एक आम आदमी की ज़िंदगी बस भावनाओं पर चलती है और वो भावनाओं के लिए ही जीता है। -आचार्य प्रशांत
जीवन से ये धारणा निकाल दो-कि जज़्बातों में कुछ रखा है। -आचार्य प्रशांत
जहाँ विचार है वही भावनायें है। सारा game mind और body का है। जहाँ thought है वहाँ ग़ुस्सा आएगा। दूसरों को feelings को महत्त्व ना दो इससे पहले अपने feelings को महत्त्व ना दो। ग़ुस्से में हम सच नहीं बोलते, यह suppressed feeling है। कोई भी thought सच नहीं होता। भावनाओं की उतनिहि क़ीमत है जितनी किसी और विचार की। दया में कुछ नहीं रखा है, करुणा बिलकुल अलग चीज़ होती है। ईगो एक और चीज़ एकट्ठा कर रहा है Grattitude।
Superficial conditioning विचार बनकर सामने आती है, deep conditioning भावना बनकर सामने आती है। -आचार्य प्रशांत
भावनाएं सिर्फ विचार ही हैं 🙏🙏🙏
भावना धोखा हैं 💕💕🙏🙏🏵️🌺🌟🌟
ज्ञान की पराकाष्ठा।।
आचार्य जी🙇♀️
शत शत नमन आचार्य जी
This channel deserves 1 billion subscribers and 100+ billion views
भावनाओं में मत बहो,बोध के चले चलो 🙏🙏🙏🙏
Man krta hai ki har pal sirf or sirf achary je ki bate hi kano mai pdti rhe uske siva or koi dusri awaj na ho 🙏❤
इमोशन्स की कोई हैसियत नहीं है। -आचार्य प्रशांत
Grateful for your teachings sir 🙏🙏🙏🙏🙏
यह वीडियो मैं और मेरे जैसे सारे इमोशनल लोगो के लिए है , जिनके ऊपर इमोशंस ओवरपोवर करते है। मैने ऐसे कभी सोचा नहीं और कभी सुना भी नही। धन्यवाद आचार्य जी 🌺 मैं अभ्यास जरूर करूंगी।
Pranam Acharya ji🙏🙏
Me apke saath hamesha hu. Sir.
प्रणाम आचार्य जी
3.जब विचार का असर शरीर पर दिखने लगे,तब उसे भावुकता कहते है। तो भावना क्या है? भावना, विचार ही है जो सब दिखाई दे रहा है क्योंकि शरीर हिलने लग गया है,आंसू गिरने लग गए है, चेहरा लाल होने लग गया है। जब शरीर भी विचार का शिकार हो जाए,तो उस स्थिति को कहते है भावना। उसमे कुछ खास नहीं है वो तो बिलकुल विचार से भी ज्यादा गिरी हुई हालत है। जीवन से ये धारणा निकाल दो की जज्बातों में कुछ रखा है। एक आम आदमी की जिंदगी सिर्फ भावनाओ पर चलती है और वो भावनाओ के लिए जीता है। सारा खेल मन और शरीर का है विचार,भावना है भावना, विचार है।दोनो में कोई अंतर नही है।बस एक हल्का है एक भारी है। चीज एक ही है।
Best of compassion n ❤practical wisdom by achryaji
🙏🙏धन्यवाद 🙏🙏
Acharya ji shat shat naman, aapke video ne satya se avgat karaya pehle se mera antarik mahol bahut accha h, warna problem plus emotion plz conditioning ke chalte hum beemar the dheh se bhi or maan se bhi. Apka bahut bahut shukriya rasta dikhane ke liye.
बहुत बहुत धन्यवाद आपका
5.कोई भी विचार सच नहीं होता। दया में कुछ नही रखा है।प्रेम बिलकुल दूसरी बात होती है करुणा बिलकुल दूसरी बात है। दया में आप दूसरे को छोटा मान रहे होते हो। अहंकार इकठ्ठा करने का नाम है। जब दे करके ये भाव आए की तूने लिया, तेरा शुक्रिया। ये भाव न आए की मैने दिया,तू मुझे शुक्रिया दे। तब समझना की प्रेम है। अब अहंकार का काम नहीं चल रहा,अब कुछ और चल रहा है।
U are my god 🙏
Thank you
Emotion is deep deep conditionning
इमोशन्स बहुत गहरी कंडीशनिंग है। -आचार्य प्रशांत
Avoid feelings ,, right 😊😊
4:30 sahi kaha......
कोटि कोटि प्रणाम आचार्य श्री 🙏
Thanks
भावनाओं से आदमी नहीं बनता, आदमी बनता हैं बोध से 💕🏵️🌺🌟🙏🙏
शत शत नमन आचार्य श्री 🙏
Ahobhav 🙏
गुरु जी आप ने जीवन बदल दिया
Aap sahi kah rahe hai aacharya ji
4.हर विचार आप पै भारी होता है। बस मात्र का अंतर है। प्रश्न:आचार्य जी इमोशन/भाव आया कहा से है। वो कही से आया नही है।वो पहले से ही था। बस जब विचार आगे बढ़ गया,तो इमोशन/भाव दिखाई देने लग गई। दूसरो की भावनाओ को महत्व ना दो,उससे पहले जरूरी है की अपनी भावनाओ को महत्व न दो। बिना भावनाओ के भी रोया जा सकता है और वो बहुत प्यारा रोना होता है। गुस्सा बढ़ता ही इसीलिए है क्योंकि हमने उसको बड़ी महत्वपूर्ण बात मान रखा है।
अत्यंत स्पष्टता 🙏🏼
Sat sat naman acharya ji 🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 pranam Acharya jee 💞🙏💞🙏💞
Prnaam achrya ji
Eye opening
9:09 ye bhi 💯💯💯💯
bht zarurat thi iski best h ye
❤
गुरू जी पृणाम 🙏🙏
1.इमोशंस की कोई हैसियत नहीं है। सतही कनडिसनिंग विचार बनके सामने आती है,और गहरी कनडिशनिंग,भावना के रूप में सामने आती है। हल्की फुल्की अशांति विचार कहलाती है। और जब अशांति बहुत गहरी हो जाए,शरीर को भी गिरफ्त में ले ले, तो भावनाएं कहलाती है।
What an amazing person
Great sir
❤❤❤
Truely eye opener talk Dhanyawad acharyaji 🙏
❣️❣️❣️🙏🙏🙏
❤❤❤❤😮😮😮😮🎉🎉🎉🎉
🙏🙏
Kya clarity h guruji
Thanks sir ❤🌺💞
नमन आचार्य जी।🙏।
शत शत नमन आचार्य जी🙏🙏
🙏🙏🙏🙏
Very important contant
Pranam guru ji .. 🙏
धन्यवाद आचार्य जी
Emotion gains power when you give it your seriousness. When you take it seriously. Don't take the emotion as real.
🙏🙏👌👌👌♥️♥️
Thanks 🙏🙏 my next Raashtra piita 🙏🙏
🙏🏻
Emotion की कोई हैसियत नहीं है
Pranam sir🙏🏻🌺
Thanku sir ur speech is very helpful for me
प्रणाम 🙏🏼
Good speech
Best video on youtube🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏❤️❤️🌺🌺
Thought is seed.
Excellent discussion. Emotions/feelings come from thoughts Thoughts come from our cultural/social conditioning Hence, feelings come from social conditioning We shouldn't take our feelings/emotions too seriously and instead observe our emotions to understand our thoughts/conditioning better. Because a lot of times, our thoughts are sitting passively but tendencies are actively showing in our body as emotions/feelings..
Emotions are a even bigger conditioning than thought
Very powerful knowledge 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏👍🏾🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏👍🏾👍🏾🙏🙏🙏🙏🙏
Thank you so much sir ❤
Nice video
J hind
Wow 😳
@jaltatva7419
3 жыл бұрын
Chup
🙏🌸
Suniye shubhankar ji ko is video mein! :D
@shubhankargoel4957
4 жыл бұрын
🙂🙃
Riya 🙏🙏🙏💐
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Stay stable in the midst of deep anger. Like you are ice, un-melting ice, while standing inside burning fire.
👏👏👏👏
😮
🙏🙏🙏
The whole game is of the mind and body.. Thought is emotion and emotion is thought. They are the same thing, just the scale is different. Thought just means, my own self constructed boundaries.