दूसरों को हराना हो तो खुद को हराना सीखो || आचार्य प्रशांत (2024)
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वीडियो जानकारी: 25.01.24, वेदांत संहिता, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
~ कैसे जानें कि ज़िन्दगी बेहतर हुई कि नहीं?
~ क्या ज़िन्दगी ही प्रमाण होती है?
~ ज़िन्दगी बेहतर कैसे बनाएँ?
~ कैसे जानें कि साधना से लाभ हो रहा है या नहीं?
~ साधना से जीवन कैसे बदलता है?
संगीत: मिलिंद दाते
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Пікірлер: 419
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@user-hq7ce2xr5d
15 күн бұрын
Bsr 🌨️🌳🙏
@nkthakur0072
15 күн бұрын
Good Sir
@nkthakur0072
15 күн бұрын
❤❤❤😊
@ParmodKumar-ri9tu
12 күн бұрын
Ok
खुद को तोड़ना मतलब अपने भावना के विरुद्ध जाने का संकल्प 🙏 सत सत नमन आचार्य जी
सिर्फ सुने ही नही, जीवन मे भी उतारे तभी फायदा होगा, आचार्य जी को सुनने वालों की संख्या 50करोड़ से भी ज्यादा हो गयी है, आचार्य जी की अमृत वाणी और लोगो तक पहुंचे इसके लिए यथासम्भव सहयोग करे, धन्यवाद।।
@Anu-singh-ys2xl
16 күн бұрын
Yar bhai 50 करोड़ ❌ 5 करोड़ ✅
@ARVINDKUMAR-cc7ts
16 күн бұрын
Phle maths 😂pdho Usk baad adhyatm
@ARVINDKUMAR-cc7ts
16 күн бұрын
Phle maths pdho
@user-ns7gi8ve1j
16 күн бұрын
5 caror
@pavanbadnagre5348
16 күн бұрын
भाई जी को गणित पता होगा पर उनकी आचार्य श्री के प्रति और उनके चेनल के प्रति अति श्रृद्धा है जो 50 करोड़ होते ही अपना गणित सही मानेंगे और हमको भी मानना पड़ेगा वो अडिग है। धन्यवाद
अपने डर के सामने, क्रोध के सामने, लालच के सामने जो डट के अंगद की तरह पांव गढ़ा के खड़ा होना सीख जाता है वही भावनाओं की सुनामी का मुख मोड़ देता है तथा जब भावनाएं नहीं रहती तो उसे ही सच्चा प्रेम अनुभव होता है -आचार्य श्री
दर्द सहते हुए, कुछ ना कहते हुए, आंसू बहते हुए भी वही करना जो आत्मिक तौर पर सही हो -आचार्य श्री
ईमानदार वही है जो करता सही है ना कि वह जो लग रहा सही है ! आचार्य श्री
नमस्ते मेरा नाम अनुराग है और मैं सर को 9th क्लास से सुन रहा हु और आज मैं 12th क्लास में हुं 3 साल से भी जादा हो रहे है सुनते हुए मैं एक गांव से हु यह पर बहुत जादा अंधविश्वास जो की मैं पढ़ाई के साथ साथ लोगो के बीच मैं बैठकर लोगो तक सर की बोली हुई बात पहुंचता हु...और वो लोग मेरी बात सुनकर आचार्य सर की वीडियो देखने लगे है 😊...और मैं आज देखता ही मैं 12th का लड़का आज इतने लोगो को नसे से बाहर निकल रहा है ....ये सब आपके वजह से हुआ सर इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर ❤.... सर ने मेरे सोचने का वो तरीका बदल दिया और मैं कहा भी बोलता ही लोग मुझे सुनते है 🥹...🙏🏻🙏🏻🙇🏻
@Tamannahkeskar
15 күн бұрын
Same me bhi 12th class me hu aur 2year ho gaye acharya ji ko sun rahi hu🙏vichro me boht badlav hua hai🙏
@Anu-singh-ys2xl
15 күн бұрын
@@TamannahkeskarKeep learning like this and keep improving people 🙂🙏🏻
@preetimuskan8924
15 күн бұрын
Thanks bhai 🙏❤️👌
@bhaktithakur4494
15 күн бұрын
सुंदर❤ इसे जारी रखे, समझ को और बढ़ाये जिज्ञासा बना ये रखे वही तुम्हें आगे ले जायेगी ✊👏👍🏽
@wisdom_seekeer
15 күн бұрын
Bhut accha lga jaanke bhai🙌. Listening him from past 8 years. I too start from 9 and today I am in Master💞. Rukna mt bss yhi bolna hai
सच्चा नायक आत्मा की सुनता है भावना की नहीं- आचार्य श्री
श्रम करना है जी तोड़ श्रम करना है भरपूर श्रम करना है लेकिन बाहर की तरफ नहीं भीतर की तरफ -आचार्य श्री
जो अपनी भावना के आगे घुटने टेकना बंद कर देता है उसके विचार अपने आप बिल्कुल सीधे हो जाते हैं.. भावना तो प्रेम का दुश्मन होता है 🙏🏻🙏🏻♥️
खुद को तोड़ना माने अपनी भावना के विरुद्ध जाने का संकल्प माने एक युद्ध अपने विरुद्ध- आचार्य श्री
"जिस दिन से इंसान चैतन्य हुआ है, उस दिन से उसने सत्य के बारे में बोलना शुरू कर दिया है।" ~ आचार्य प्रशांत, गीता सत्र पर , ०४ जनवरी
खुद को तोड़ना माने अपने भावना के विरुद्ध जाने का संकल्प।
हमें अपने आप के खिलाप लड़ना होगा खुद को ही तोड़ना है, लडाई बाहर की और नहीं खुद के खिलाप लड़नी है, और ओ आवलोकन् से देखना चाहिए तो ham सही काम कर सकेंगे, 🙏🙏🍁🍁🍁🍁
भावना में बहना छोड़ते जाना ही खुद पर जीत के लक्षण हैं जिनसे भावनाओ पे काबू पा लिया उसने स्वयं को जीत लिया और जिसने भी खुद को जीत लिया उसने संसार को जीत लिया समझो ऐसा मनुष्य दूसरो की भावनाओ से बचने की समझ रखता है जिससे संसार भर के प्रपंच से खुद को व लोगो को बचा ले जाता है जो उसके संपर्क में होते हैं ऐसे लोगो को ही गीता समझ आने लगती है और जिसे गीता का ज्ञान सही सही होने लगता है वो संसार में विरला बन जाता है उसे हराना अब मुस्कील ही नहीं ना मुमकिन है
जब भावना नही होती तो फिर प्रेम प्रकट होता है।जब तक भावना है तब तक प्रेम के लिए कोई स्थान नहीं।❤❤
विचार में चेतना का थोड़ा प्रकाश होता है, भावना में तो एकदम नहीं!~आचार्य श्री 💐🙏
करना वो जो सही है, ना कि वो जो हमें सही लग रहा है।
इंसान आप भावना से नहीं चेतना से बनते हो। वो चीज़ होती है जो जानवरों के पास नहीं होती- बोध, समझ, understanding, realization. -आचार्य प्रशांत
तुम प्राप्ति की आकांक्षा ही छोड़ दो, तुम कह दो कि जिस रास्ते में चल रही हूं उस रास्ते में ही आनंद है ❤❤❤❤😇😇🕊 प्रणाम आचार्य जी 🙏🏾❤️
आचार्य जी की बातें सुन के अलग ऊर्जा का अहसास होता है। ❤❤
भारत का ये एक बड़ा दुर्भाग्य रहा है कि हमने भक्ति मार्ग को भाव मार्ग बना दिया। -आचार्य प्रशांत
सब धरती कागज़ करूँ, लेखनी सब बनराय। सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाय ॥ ☝🏻संत कबीर
हम इतने बेहोश लोग हैं जो बाहर तो भरपूर श्रम करते है और अपनी सारी ऊर्जा ,समय सब उस बाहरी श्रम में लगा देते हैं ,भीतर देखने की अब हमारे अंदर ना ताकत बची है और ना ही समय ,इसलिए हम चेतना से हम जैसे पैदा होते हैं वैसे ही मर जाते हैं
ईमानदार वो है जो वो करता है जो सही है,वो नहीं जो लग रहा सही है।👍
सावधान ! भावना मन के निहायती अंधियारे तहखानों से आती है विचार में तो फिर भी चेतना का थोड़ा बहुत प्रकाश होता है भावना में बिल्कुल भी नहीं होता -आचार्य श्री
भावना का केंद्र एक होता है, मनुष्य और पशु दोनो में
🪔 गीता एक आग है जो अगर आपको एक बार पकड़ ले तो आपकी सारी कमज़ोरियों को राख कर देती है! ~AP❤ Join live Gita sessions and community with Acharya Prashant
यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान। शीश दिए जो गुरु मिले , तो भी सस्ता जान।। ~ संत कबीर
समझ और अहसास के बीच, मैं हमेशा समझ को चुनूंगा।✨👆🏻
खुद को तोड़ना मतलब ,अपने भावना के विरुद्ध जाने का संकल्प। प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏
मनुष्य की सबसे बड़ी ताकत सच्चाई होती है, और सच्चाई में जीने को ही धर्म कहते हैं।❤
@History_of_sanatan_0397
15 күн бұрын
🎉❤💯 ❤🎉
Aap sahi kah rahe hai aacharya ji
हमे अपने विचारो को , भावनाओ को,अपने कर्मो को देखना होता है ये वही है जिसे तोड़ना होता है।📖📚👉 (संघर्ष अपने विरुद्ध)☮️🛐
भीतर के अचेतन तहखाने से आती हैं भावना, जब जान गए क्या सही है वही करना है ,चाहे उसमें कितना भी कष्ट उठाना पड़े, जो भावना से मुक्त हो गया अब उसके लिए आजादी सम्भव है 🙏
भावना मुझसे कुछ और कराना चाहती हैं,पर में फिर भी वो करूंगा जो सही है।❤❤
ॐ गुरुभ्यो नमः 🙏🙏🌈
आप सब से अनुरोध है कि सिर्फ सुने नहीं जीवन में अपनाये भी❤
श्रम भरपूर करना है अपनी आंतरिक स्थिति को बदलने के लिए ,मैं जैसा हूँ ऐसे नहीं जीना है, अपनी भावनाओं, कामनाओं, विचार को देखना है और उन्हें तोड़ना है 🙏🙏
"इंसान आप भावना से नहीं चेतना से बनते हो। भावना सुनामी की तरह आती है - चाहे वो क्रोध, ममता, आकर्षण, ईर्ष्या, मोह, वासना, भय हो - पता ही नहीं चलता कहाँ उठा के पटक दिया, उसके सामने खड़ा होना सीखो। यह है स्वयं को तोड़ना।"
आचार्य जी आप की हर एक बात मुझे सच्चे अर्थ को समझाती है और दूरदृष्टी प्रदान करती है, आपकी प्रतिदिन वीडियो से मुझे बहुत अच्छा जीवन जीने का अर्थ समझ आया, आचार्य जी के चरणों में मेरा प्रणाम, धन्यवाद 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Ap k jaisa guru mil jay na to koi b student asfal na ho apka sandesh jivan m parivartan lata h
भक्ति मार्ग माने प्रेम मार्ग, भाव मार्ग नहीं। भारत का ये एक बड़ा दुर्भाग्य रहा, हमने भक्ति मार्ग को भाव मार्ग बना दिया।
Jb bhawna nahi hoti tab Prem ❤ prakat hota hai ❤🙏🙏🙏🙏🙏
सच्चा नायक आत्मा की सुनता है भावना की नहीं - प्रणाम आचार्य जी 🙏
जो सही है वो करो चाहे कितना भी कष्ट सहना पड़े आप को आंसू आ रहे हो लेकिन भावना में नहीं रहना, अपनी चेतना के माध्यम से चलो, अगर आप भावना में वह गए तो आप और पशु में कोई फर्क नहीं रह गया। प्रणाम आचार्य जी ❤🙏
धन्यवाद आभार आचार्य जी 🙏🙏🌈
प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤❤❤❤
Between understanding and feeling, I will always choose understanding.
ईमानदार वो है जो वो करता है जो सही है, वो नहीं जो लग रहा सही है।
👉प्रेम प्रेम सब कोई कहे , प्रेम न चीन्हे कोय । जा मारग साहब मिले , प्रेम कहावे सोय ।।👉 ।।संत कबीर ।।
चरण स्पर्श, आचार्य जी। 🙇🏻🪔
वेदांत बोध ❤❤
चरण स्पर्श आचार्य जी 🌹💐
शुभ प्रभात आचार्य जी ❤️💐
भाव के होते हुए भी हम वो करेंगे जो सही है आ जाये भाव की लहर हम बहेंगे नहीं विरोध करेंगे जान लगा कर स्वयं का🔥🔥🔥
सुप्रभातम शत् शत् नमन आचार्य श्री🙏🙏🙏 एवं समस्त श्रोतागण
Sat sat pranam Sir 🙏🙏
जब भावना नहीं होती तो फिर प्रेम प्रकट होता है। जब तक भावना है तब तक प्रेम के लिए कोई स्थान नहीं। प्रेम का संबंध चेतना की ऊंचाई से है , जब प्रेम होता है, मन समझने की ओर अग्रसर होता है।
आग आंच सहना सुगम, सुगम खड़ग की धार। नेह निबाहन एक रस, महाकठिन व्यवहार।। ~ संत कबीर
ये हमारी परवरिश, हमारी शिक्षा और हमारी संस्कृति की बड़ी खोट है कि उसने हमें भावना और प्रेम में भेद करना नहीं सिखाया। ज़्यादातर लोग भावना को ही प्रेम समझ लेते हैं। प्रेम बिल्कुल अलग बात है। प्रेम का सम्बंध चेतना की ऊंचाई से है। जब प्रेम होता है तो मन समझने की ओर अग्रसर होता है। -आचार्य प्रशांत
आचार्य जी ही देश को बचा सकते हैं
सब धरती कागज करूं, लेखनी सब बनराय। सात समुद्र की मसि करूं, गुरु गुण लिखा न जाय।। ~ संत कबीर
भावनाएं हमारी पशुओ के केंद्र से पैदा होती हैं।
भावना का केंद्र एक होता है मनुष्य में और पशु में। भीतर की जो पशुता है वही भावना बन कर प्रकट होती है।
@DailyHealthImprove
2 күн бұрын
jaygi❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Love you acharya prashant ji
প্ৰণাম আচাৰ্য 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आवत गारी एक है, उलटत होय अनेक। कह कबीर नही उलटिए, वही एक की एक।। ~ संत कबीर
चरण स्पर्श आचार्य जी🙏🙏🙏❤❤❤
सादर प्रणाम आचार्य जी 🙏❤️
सभी दर्शक को विनंती है आचार्य प्रशांत जी के विङीयो मे जो सिध्दांतीक वाक्य और सुञ गुढ बाते कमेंट मे लिखा करे धन्यवाद
No one in the world at present time like you acharya ji 🌹🙅🏻♂️@Raje0397🧎🏻♂️🧎🏻♂️🧎🏻♂️
*असली संघर्ष है, अपनी भावनाओं के खिलाफ।*
नमन गुरुवर 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
"जो सही है वो करना है न कि मुझे जो सही लग रहा है वो " प्रणाम आचार्य श्री ❤।
आचार्य जी जिन स्त्रियों के बारे में इतना सोचते है आज वहीं उनकी सबसे बड़ी दुश्मन बनीं हुई है ।
@mayamurmu5281
15 күн бұрын
Isliye he atmagyan jaruri hai
Acharya jee pranam.aap mere liye bhagwan ho.
आपके भितर जाे पशुता हाेती है वहीं भावना बनके प्रकट हाेता है।
ओम स्वामी जी 🙏
भावना आपके भीतर की पवित्रता से नही, पाश्विकता से आती है।~आचार्य श्री 💐🙏
उस इंसान से बचना जो अपनी भावनाओं पर चलता हो, अगर वो इंसान आप हो तो अपने आप से बचना। इंसान आप चेतना से बनते हो, भावना से नहीं।
सादर प्रणाम आचार्य जी। 🙏
🙏 आचार्य श्री 🙏
प्रणाम आचार्य जी 🙏
Dhanyvad parbhu❤
Day 7 Namaste Acharya ji❤
Thanks for this video ❤
प्रणाम आचार्य जी
लोगों के सच्चे प्रतिनिधि आचार्य जी प्रणाम
आचार्य जि 🕉️🕉️🕉️🙏🙏🙏🇳🇵
Aacharya ji aaj mai bahut बड़ी समस्या से निकल गई, aapke इन बातों को सुन कर दिल से धन्यवाद आचार्या जी ❤🙏🏻🙏🏻🙏
भावना आपको गुलाम बनाती हैं
Prnam Aacharya ji ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Safar khoobsurat hai manzil se bhi ❤
Pranaam acharyaji 🙏
Jay ho 🙏🧘🧘
Love you Acharya ji 🙏🙏
भावनाएँ उठती है शरीर की पाशु वृति से, प्रेम उठता है चेतना की ऊँचाई से l ~आचार्य प्रशांत
Pranam acharya ji
कर्म, जाति, ज्ञान-अज्ञान सुख-दुःख, स्वर्ग-नरक, बंधन-मुक्ति, करने और ना-करने योग्य क्या है ऐसे प्रश्नों के उत्तर आचार्य जी के सान्निध्य से ही प्राप्त हुआ है निरंतर जानने को अग्रसर हूँ 🙏