दाधीच की तापो स्थली बस्ती में || थलेस्वर नाथ धाम बस्ती||
दाधीच की तापो स्थली बस्ती में || थलेस्वर नाथ धाम बस्ती||
नमस्कार दोस्तो आज स्वागत है नए ब्लॉग में जिसमे मैं आज आप लोगो को धार्मिक स्थल थलापार की वीडियो दिखाएंगे
दोस्तों शिव महापुराण के 123 में अध्याय में आता है कि जहां पर जो है बाबा थलेश्वर नाथ धाम जोहै यहां दाधीच ने किया हुआ था तपस्या महर्षि दाधीच की यह जो है तपोस्थली है और यहीं पर भगवान भोलेनाथ को समर्पित यह मंदिर है थल पर जो है तालाप गांव है गांव में ही यह मंदिर है यहां पर प्राचीन पोखरा है और यह प्राचीन शिव एक यहां लोकल गांव के हिसाब से माने तोउन्होंने बताया यहां पर जो है ढेर सारी पुरानी जो है स्मृतियां मिलती है जो कुषाण काल की है कुषाण काल की स्मृतियां मिलने से पुरातत्व विभाग के लोगों ने माना है कि यह मंदिर लगभग 2000 साल पुराना है 2000 साल पुराना शिव मंदिर यह जो है उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में पड़ता है थाना पर नामक ग्राम है जो वहां पर पड़ता है दोस्तों यहां आने के लिए आपको निरंतर साधन मिल जाएंगे आप आ सकते हैं हमारी यह अधिक जानकारी के लिए आप हमसे संपर्क रख सकते हैं हमारी मेल आईडी है
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जय भोले नाथ
गंगा के तट पर ही उनका आश्रम था। जो भी अतिथि महर्षि दधीचि के आश्रम पर आता, स्वयं महर्षि तथा उनकी पत्नी अतिथि की पूर्ण श्रद्धा भाव से सेवा करते थे।
@gavkaghumakkad
2 ай бұрын
Yahan bhi kuch din tapasya kiye the dadheech ne
दधीच वैदिक ऋषि थे। इनके जन्म के संबंध में अनेक कथाएँ हैं। यास्क के मतानुसार ये अथर्व के पुत्र हैं। पुराणों में इनकी माता का नाम 'शांति' मिलता है। इनकी तपस्या के संबंध में भी अनेक कथाएँ प्रचलित हैं। इन्हीं की हड्डियों से बने वज्र से इंद्र ने वृत्रासुर का संहार किया था। कुछ लोग आधुनिक मिश्रिखतीर्थ (बिहार के सिवान जिले) को इनकी तपोभूमि बताते हैं। इनका प्राचीन नाम 'दध्यंच' कहा जाता है।❤😂😂😅😅😅😅
@gavkaghumakkad
2 ай бұрын
Shiv puran me yahan ka name aata hai 123 adhyay me Jo vanarash ki likhi huyi thi usme