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BHAGYA EVAM HONI

भाग्य एवम् होनी -
क्या सदैव वही घटित होता है जो भाग्य में लिखा होता है ? क्या कभी ऐसा भी हो सकता है कि भाग्य में कुछ और लिखा हो और वास्तविक जीवन में हो जाए उससे उलट ? ऐसा क्यों और कैसे होता है ? क्या मानव अपने भाग्य में लिखे को बदल सकता है ? यदि हाँ, तो कैसे ? भाग्य और होनी के इस अन्तर के रहस्य को खोलते हुए, महापुरुषों के साथ घटित घटनाओं के उदाहरण सहित, ऐसे ही प्रश्नों के उत्तर दे रहे हैं स्वामी जी महाराज।

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