भगवान शिव ने बताया इस ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का रहस्य | ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की कथा
Ойын-сауық
#ओंकारेश्वर_ज्योतिर्लिंग_की_कैसे_हुई_स्थापना
एक बार मुनिश्रेष्ठ नारद ऋषि घूमते हुए गिरिराज विन्ध्य पर पहुँच गये। विन्ध्य ने बड़े आदर-सम्मान के साथ उनकी विधिवत पूजा की। ‘मैं सर्वगुण सम्पन्न हूँ, मेरे पास हर प्रकार की सम्पदा है, किसी वस्तु की कमी नहीं है’- इस प्रकार के भाव को मन में लिये विन्ध्याचल नारद जी के समक्ष खड़ा हो गया। अहंकारनाशक श्री नारद जी विन्ध्याचल की अभिमान से भरी बातें सुनकर लम्बी साँस खींचते हुए चुपचाप खड़े रहे। उसके बाद विन्ध्यपर्वत ने पूछा- ‘आपको मेरे पास कौन-सी कमी दिखाई दी? आपने किस कमी को देखकर लम्बी साँस खींची?
नारद जी ने विन्ध्याचल को बताया कि तुम्हारे पास सब कुछ है, किन्तु मेरू पर्वत तुमसे बहुत ऊँचा है। उस पर्वत के शिखरों का विभाग देवताओं के लोकों तक पहुँचा हुआ है। मुझे लगता है कि तुम्हारे शिखर के भाग वहाँ तक कभी नहीं पहुँच पाएंगे। इस प्रकार कहकर नारद जी वहां से चले गए। उनकी बात सुनकर विन्ध्याचल को बहुत पछतावा हुआ। वह दु:खी होकर मन ही मन शोक करने लगा। उसने निश्चय किया कि अब वह विश्वनाथ भगवान सदाशिव की आराधना और तपस्या करेगा। इस प्रकार विचार करने के बाद वह भगवान शंकर जी की सेवा में चला गया। जहाँ पर साक्षात ओंकार विद्यमान हैं। उस स्थान पर पहुँचकर उसने प्रसन्नता और प्रेमपूर्वक शिव की पार्थिव मूर्ति (मिट्टी की शिवलिंग) बनाई और छ: महीने तक लगातार उसके पूजन में तन्मय रहा।
वह शम्भू की आराधना-पूजा के बाद निरन्तर उनके ध्यान में तल्लीन हो गया और अपने स्थान से इधर-उधर नहीं हुआ। उसकी कठोर तपस्या को देखकर भगवान शिव उस पर प्रसन्न हो गये। उन्होंने विन्ध्याचल को अपना दिव्य स्वरूप प्रकट कर दिखाया, जिसका दर्शन बड़े - बड़े योगियों के लिए भी अत्यन्त दुर्लभ होता है। सदाशिव भगवान प्रसन्नतापूर्वक विन्ध्याचल से बोले- ‘विन्ध्य! मैं तुम पर बहुत प्रसन्न हूँ। मैं अपने भक्तों को उनका अभीष्ट वर प्रदान करता हूँ। इसलिए तुम वर माँगो।’ विन्ध्य ने कहा- ‘देवेश्वर महेश! यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं, तो भक्तवत्सल! हमारे कार्य की सिद्धि करने वाली वह अभीष्ट बुद्धि हमें प्रदान करें!’ विन्ध्यपर्वत की याचना को पूरा करते हुए भगवान शिव ने उससे कहा कि- ‘पर्वतराज! मैं तुम्हें वह उत्तम वर (बुद्धि) प्रदान करता हूँ। तुम जिस प्रकार का काम करना चाहो, वैसा कर सकते हो। मेरा आशीर्वाद तुम्हारे साथ है।
भगवान शिव ने जब विन्ध्य को उत्तम वर दे दिया, उसी समय देवगण तथा शुद्ध बुद्धि और निर्मल चित्त वाले कुछ ऋषिगण भी वहाँ आ गये। उन्होंने भी भगवान शंकर जी की विधिवत पूजा की और उनकी स्तुति करने के बाद उनसे कहा- ‘प्रभो! आप हमेशा के लिए यहाँ स्थिर होकर निवास करें।’ देवताओं की बात से महेश्वर भगवान शिव को बड़ी प्रसन्नता हुई। लोकों को सुख पहुँचाने वाले परमेशवर शिव ने उन ऋषियों तथा देवताओं की बात को प्रसन्नतापूर्वक स्वीकार कर लिया।
वहाँ स्थित एक ही ओंकारलिंग दो स्वरूपों में विभक्त हो गया। प्रणव के अन्तर्गत जो सदाशिव विद्यमान हुए, उन्हें ‘ओंकार’ नाम से जाना जाता है। इसी प्रकार पार्थिव मूर्ति में जो ज्योति प्रतिष्ठित हुई थी, वह ‘परमेश्वर लिंग’ के नाम से विख्यात हुई। परमेश्वर लिंग को ही ‘अमलेश्वर’ भी कहा जाता है। इस प्रकार भक्तजनों को अभीष्ट फल प्रदान करने वाले ‘ओंकारेश्वर’ और ‘परमेश्वर’ नाम से शिव के ये ज्योतिर्लिंग जगत में प्रसिद्ध हुए।
Video Name - Om Namah Shivay #Episode -38,39
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Пікірлер: 43
ॐ ओमकारेश्वराय नमः
जय हो ॐ कारेश्वर महादेव की 🌺🌺🌺🌹🌹🌹🙏🙏🙏🚩🚩🚩
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐहर हर महादेव हर हर महादेव हर हर महादेव
har har mahadev jai shivshakti
Har Har Mahadev❤️❤️❤️🔱🔱🔱🔥🔥🔥🙏🙏🙏
Jay Baba bhole Omkareshwar
Har Har Mahadev 🌿🌼👏
हर हर महादेव ओम नमः शिवाय श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं ओम नमः शिवाय
Om namah shivaya
जय भोले🙏🥰😘😍
@RUDARAranamandorawala1007
11 ай бұрын
Jay bhole nath ki jai
❤om 🕉 🙏 🙌 namah shivay ❤
om namah shivay
Omm Namah Shivaya❤❤Omkareshwar jyotirling ki Jay ho🎉
@sakuntlanehra2459
4 ай бұрын
Om kaareshwery Namhy
Jai Omkareshwar ❤️ mhadev Jai bhole baba hrr hrr mhadev ❤️
ॐ नमः शिवाय 🙏
हर हर महादेव🙏🙏
❤ Jai Omkareswar ❤ Har Har Mahadev 27.03.2024 Thanks
@kuldeepsinghwazirwazir387
4 ай бұрын
Thanks again update holy place of Lord Shiva ( Status Omkareswar) 2024 👉 O Key
Har har mahadev
हरहरमहादेव
Har har Mahadev
Har Har Mahadev 🙏
OM namah shivaya 🙏 PRANAM JANAI 🙏🌺🌺🌺🌺🌹🌹🌹🌹👏🙏🪔🙏 JAY BABA BHALANATH JAY 🙏 PRANAM JANAI 🙏 JAY BABA OM KARESWAR JAY PRONAM janai BABA BHALANATH JAY 🙏🌺🌺🌺🌺🌹👏 প্রনাম জানায় 🙏
ओंकारेश्वर महादेव के चरणों में नमन करने का मुझे दो बार सौभाग्य मिला। नर्मदा मां के तट पर ये तीर्थ अगस्त माह में बहुत मनभावन लगता है। कुछ गधों को अपने घर में पानी न मिलने के कारण वो इस नदी में खुद और अपने कपड़ो को साबुन से रगड़ कर गंदगी नदी में बहा देते है । कुछ अंधभक्त अपने गंदे कुचेले पुराने कपड़े नदी के घाटों पर छोड़ देते है। अपने धार्मिक स्थानों को साफ सुथरा रखे ये हिंदू कब सीखेंगे
Jay bhole baba
हर हर महादेव 🙏
Har har mahadev 🙏🙏
जय शिवशक्ति 🙏
जय श्री महाकाल
Har Har mahadev 🕉 🔱 🌺 🌺🙏🙏
Har har Mahadev Om Sai Ram Radhe Radhe Krishna
Jay shree Haríomji.
Har har Mahadev ji 🔱🕉️🚩💯
om Namath shivay jai shiv Shankar
Sabhi jyotirling ka video daliye
Aa aa ki avaj se Shri Ji ka vartalap disturb ho ja raha hai avaj rahit vartalap agar hota to ye vidio ucchkoti ka hota ,vartalap theek se na sun pane ke karn apki kahani kuchh achhi nahi lagi pl agle vidio me bematab disturb ka dhyan rakhen to jyada achha vidio banega .
Background music itana hai ki kya kah rahe kuch samaj nahi ata😢😢
🕍🕍🕍🎡🎎
Over sound
har har mahadev jai shivshakti
Har har mahadev