भारी बारिश में फंसे गरीब परिवार की संघर्ष और उम्मीद की कहानी |

Ойын-сауық

Story:-
यह कुछ समय पहले की बात है। एक छोटे से गाँव में लगातार कई दिनों से बारिश हो रही थी। उसी गाँव में एक गरीब परिवार रहता था। उस परिवार के मुखिया रामलाल, जो दो बच्चों के पिता थे, गहरे चिंतन में डूबे हुए थे
क्योंकि उनका रोज़गार ऐसा था कि हर रोज़ काम करके जो पैसा मिलता था, उसी से शाम का खाना बनता था। पर काफी दिनों से बारिश होने के कारण वे काम पर नहीं जा पा रहे थे।उनके घर में जो थोड़ी सी राशन थी, वह भी अब खत्म होने लगी थी।
रामलाल के लिए यह चिंता का विषय था। उन्होंने मन ही मन भगवान से प्रार्थना की कि भगवान, बारिश रोक दें ताकि वे फिर से काम पर जा सकें।
पर भगवान को कुछ और ही मंजूर था। बारिश नहीं रुकी। घर का सारा राशन खत्म हो गया और अब खाने-पीने के लिए कुछ नहीं बचा था।बच्चे अपने पिताजी की तरफ देखने लगे कि अब हम लोग क्या खाएँगे।
पिताजी मायूस हो गए, वे करें भी तो क्या करें। गाँव में बारिश ना रुकने के कारण कोई किसी से मदद भी नहीं मांग सकता था। मांगें भी कैसे, सबकी हालत खराब थी।जैसे-तैसे एक हफ्ते के बाद बारिश थम गई। सबने राहत की सांस ली। पर रामलाल की चिंता कम नहीं हुई।
क्योंकि गाँव में बाढ़ की स्थिति थी। अब वे जाएं भी तो कहां जाएं कमाने। वे सोच रहे थे कि मेरा परिवार भूखा ही रह जाएगा।फिर आशा की किरण दिखाई दी।
कोई बाहरी गाँव से राहत सामग्री लेकर उस गाँव आया और उन लोगों ने सबको खाने-पीने का सामान दिया।यह सब पाकर रामलाल बहुत खुश हुए।
उनके परिवार को खाना मिला। कुछ दिन बाद मौसम पूरी तरह साफ हुआ और रामलाल फिर से अपने दैनिक काम पर जाने लगे।
इस कहानी से यह सीख मिलती है कि आपदा-विपदा के समय हमें एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए। यही मानवता है।
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