बनारसिया मिज़ाज, समाज और राजनीति पर Vyomesh Shukla से बातचीत | Another Election Show
#loksabhaelection2024 #varanasi #vyomeshshukla
आज कल, किसी शहर की राजनीतिक नब्ज जानने के लिए वहां के स्थानीय पत्रकार और चौक-चौराहों पर लोगों से बातचीत तक ही महदूद कर दिया जाता है. ऐसा कैसे हो सकता है कि शहर में मौजूद विद्वानों, लेखकों और चिंतकों से कोई बात ही न की जाए.
वाराणसी कहें या बनारस या काशी ये शहर आध्यात्म, संगीत और साहित्य का सदियों से घर रहा है. दाराशिकोह से लेकर पंडित रविशंकर और बिस्मिल्लाह खान जैसे अनगिनत रत्न इस प्राचीन शहर से किसी न किसी प्रयोजन से जुड़े रहे हैं. पर पिछले एक दशक में वाराणसी के वर्तमान सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में इस नगर में अनेक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं.
एक और चुनावी शो की इस कड़ी में हमने हिन्दी के बहुपठित कवि और लेखक व्योमेश शुक्ल से बातचीत की. हमने उनसे वाराणसी के उन मुद्दों पर बात की जिस पर अक्सर ही दूसरे मीडिया वाले बात करने से चूक जाते हैं. साहित्य के सत्ता पर जवाबदेही तय करने की क्षमता, बनारसिया होने का असल मतलब जैसे कई मुद्दे हमारी बातचीत में शामिल रहे.
शुक्ल ने नगर में पिछले दस सालों में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में हुए परिवर्तनों पर प्रकाश डाला, धार्मिक श्रद्धालुओं और आध्यात्मिक शांति की खोज में आने वालों में अंतर बताया, पुलिसिया कार्रवाई, ज्ञानवापी मस्जिद और स्थानीय मुद्दों पर भी खुलकर बातचीत की.
कवि कहते हैं, “आज हम बनारस का व्यापक स्तर पर बाजारीकरण होते देख रहे हैं. प्राचीन कल में यही वह जगह थी, जहां भगवान बुद्ध वृक्ष के नीचे बैठकर अपने शिष्यों को ज्ञान देते थे. लेकिन अब बनारस एक लॉलीपॉप बन गया है जिसे एक दिन में ही चूसकर खत्म कर देना है.”
देखिए कवि व्योमेश शुक्ल से हमारी ये बातचीत.
00:00- इंट्रो
2:59- इंट्रो और जरूरी जानकारी
6:14- बनारस का माहौल क्या है
9:39- लोगों में डर और मीडिया पर अविश्वास
12:47- भाजपा की कहानी
13:31- सत्ता को आईना दिखती हिंदी साहित्य
18:01- दस साल में बनारस में बदलाव
22:19- बनारस के मोहल्लों का इतिहास
24:41- लुप्त होती बनारस की आध्यात्मिकता
29:51- भारतीयों के बनारस घूमने की मंशा
30:27- बुद्ध का बनारस
30:49- बनारस की पांच हजार साल की सभ्यता
32:48- सांप्रदायिक मीडिया डिबेट
37:01- पीएम मोदी को बनारस का सहयोग
39:30- मोदी द्वारा बनारस का विकास
42:53- विपक्षी पार्टियों में बदलाव
46:53- मुख्तार अंसारी
49:13- कांग्रेस की वापसी
न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करें : hindi.newslaundry.com/subscri...
अन्य सभी अपडेट्स के लिए डाउनलोड करें न्यूज़लॉन्ड्री एप-
www.newslaundry.com/download-app
न्यूज़लॉन्ड्री हिंदी के व्हाट्सएप चैनल से जुड़ें :
whatsapp.com/channel/0029Va5n...
न्यूज़लॉन्ड्री के उतपाद अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध हैं. यहां खरीदें : kadakmerch.com/collections/ne...
न्यूज़लॉन्ड्री हिंदी से आप इन सोशल मीडिया चैनल्स पर भी जुड़ सकते हैं-
व्हाट्सएप: bit.ly/nlhindiwhatsapp03
फेसबुक: / newslaundryhindi
ट्विटर: / nlhindi
इंस्टाग्राम: / newslaundryhindi
Пікірлер: 16
Bahot badhiya sukhad anubhav.aur vimonesh ji ko 🙏🏻
Jai hind sir🙏🙏🙏
जय जय जागरूक जनता-जनार्दन जय जय इंडिया गठबन्धन सरकार जय जय पत्रकार बन्धुजन। अंहकारी मोदी सरकार तो सातवें चरण में भी खाता खोलने को तरस रही है।
That was sublime!
अतुल जी, मनीषा जी और शुक्ल जी, आप लोगों कि वार्ता ने भाव-विभोर कर दिया। धन्यवाद सर।
👍
Basically from Gunda Raaj to Police State. Police can save us from Gunda Raaj. Who can save the citizens from a Police State ?
न मंदिर होता,न मस्जिद होती ,न झगड़े होते
Bharatendu Chandrashekhar Azad se jyada muskil the, sir kuch to freedom fighter ka samman kijiye jinhone is desh ke liye khoon ka balidan diya aur Bhartendu ne nafa nuksaan dekh kar apna kalam ka prayog kiya, lagta h aap bhi nafa nuksaan ke pher mein padte h
Mr. Gyaani baba all the changes you are seeing in parties is because of Kejriwal....itna padh ke bhi thik analysis karni nahi aati
Banaras ak dharmik tirath h ise rajnitik akhada na bnaye
@Anityam
Ай бұрын
Banaras hi nhi Modi ne pure Hindu dharm ko sirf gandi Rajneeti ka sabse bda khilona bna diya
@shreevatsarao3260
Ай бұрын
Yeah before Modi.... Smell of sewage and those narrow gullies leading to mandir were best right??
@shreevatsarao3260
Ай бұрын
@@Anityam you fool ... Only rajneeti will give you gyanvapi masjid back
@Anityam
Ай бұрын
@@shreevatsarao3260It looks you r pro Andh Bhakt