|| बैकुण्ठ, गोलोक, साकेत धाम में कौन सा धाम सबसे ऊपर है ? || Shri Rajendra das ji mahraj ||
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Location - deeg, bharatpur, rajasthan , india
Language- hindi
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Topics cover-
1. golok dham kahan hai
2. golok dham kaisa hai
3. saket dham kaha hai
4. saket dham kaisa hai
5. saket dham kaise pahuche
6. baikunth kaise mile
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Пікірлер: 299
जो हनुमानजी की आरती गावे। बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥
🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙇श्री साकेतधामाय नमः!🌹🌹🙏🙇श्री सीतारामचंद्राभ्याम नमः!
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे | हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||
श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।। भज मन नारायण नारायण हरि हरि।।
🚩ॐ जय श्री सीता देवी जी माता जी की जय 🚩🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏
जय श्री कृष्ण ।ब्रह्म वैवर्त पुराण में वर्णन हैं गोलोक धाम सबसे ऊपर बताया ।अनेक धाम हैं सब भगवान के ही स्वरूप हैं ।
@narendrasingh-nx9vd
2 жыл бұрын
Kucch nahi hai golok dham sabse upar apne apne dham ko sab uncha batate hai bas sabke baap bhagwan naryan Hain bas yeah samajah lo
@सत्यसनातन369
2 жыл бұрын
माहेश्वर तंत्र मे बताया है दिव्याब्रह्मपुर गोलोक से ऊपर परमधाम मे हैँ वही अक्षर ब्रह्म का भी यमुना के किनारे धाम है अक्षर के स्वप्न मे सुमंगला शक्ति से सत स्वरुप,केवल स्वरुप और सब्लिक कहा है सत स्वरुप ब्रह्म मे तीनो तत्त्व हैँ इनको ही अक्षर ब्रह्म का हृदय वृति कहा जिसमे सब्लिक मे गोलोक है जहाँ राधा कृष्ण हैँ और चौथा पद अव्यकृत माया मोह सागर की सृस्टि करता है जिसमे प्रणव और गायत्री से विराट पुरुष हिरनयगर्भ फिर त्रिदेव होते हैँ प्रणव या ओमकार के रूप को 5 मुख 10 भुज कहा है जो की सदाशिव हैँ और अव्यकृत से निर्मित सारे ब्रह्माण्ड और ईश्वरीय रूप अक्षर का स्वप्न है मोहजाल हैँ असत हैँ.. दिव्य ब्रह्मपुर का अर्थ नित्य गोलोक से ही है जहाँ अक्षरातीत कृष्ण रूप मे हैँ इसलिये जिस ब्रह्म पुर या साकेत को गोलोक के मध्य कहा है वो यही है साकेत के पश्चिम मे गोलोक उत्तर मे महा वैकुंठ कहा गया है वो इसी परामधाम की बात हुई है अक्षर ब्रह्म वो रामनारायण नहीं हैँ वो नित्य गोलोक के अंदर ही स्थित श्री कृष्ण का सत अंग हैँ योगमाया के ब्रह्माण्ड मे इन नारायण के नित्य लोक का भी प्रतिबिम्ब महा वैकुंठ के रूप मे है जिसका वर्णन पुराणों मे है योगमाया के गोलोक से 50 करोड़ योजन नीचे जबकि नित्या ब्रह्मपुरी मे साकेत के पश्चिम मे नित्य गोलोक है उत्तर मे राम नारायण प्रभु का महावैकुंठ इसलिये राम नारायण प्रभु को भी क्षर अक्षर से परे पुरुषोत्तम कहा गया है क्युकी दिव्य ब्रह्मपुर के राम कृष्ण नारायण एक समान रूप हैँ🙏🙏जय सच्चिदानंद 🙏
@narendrasingh-nx9vd
2 жыл бұрын
@@सत्यसनातन369 bhai sab apni apni jagah theek hai nirgun se bada koi nahi na Akshr bhram na kshar brahm aur no koi bas itna samjh lo narayan se nirgun paida hota hai baki tab samjaho
@narendrasingh-nx9vd
2 жыл бұрын
Yogmaya toh naryan prabhi ki cheli hai kisi ke baap mein dam nahi ki yogmaya bhagwan naryan ke dham mein unki iccha se pradesh kar jae
@madanmohansharma2369
2 жыл бұрын
@Nandini Rajdev पुराण तो भगवान के अवतार श्री वेद व्यास जी ने लिखे हैं ।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
जी सत्य कहा माहेश्वर तंत्र मे बताया है दिव्याब्रह्मपुर गोलोक से ऊपर परमधाम मे हैँ वही अक्षर ब्रह्म का भी यमुना के किनारे धाम है अक्षर के स्वप्न मे सुमंगला शक्ति से सत स्वरुप,केवल स्वरुप और सब्लिक कहा है सत स्वरुप ब्रह्म मे तीनो तत्त्व हैँ इनको ही अक्षर ब्रह्म का हृदय वृति कहा जिसमे सब्लिक मे गोलोक है जहाँ राधा कृष्ण हैँ और चौथा पद अव्यकृत माया मोह सागर की सृस्टि करता है जिसमे प्रणव और गायत्री से विराट पुरुष हिरनयगर्भ फिर त्रिदेव होते हैँ प्रणव या ओमकार के रूप को 5 मुख 10 भुज कहा है जो की सदाशिव हैँ और अव्यकृत से निर्मित सारे ब्रह्माण्ड और ईश्वरीय रूप अक्षर का स्वप्न है मोहजाल हैँ असत हैँ.. दिव्य ब्रह्मपुर का अर्थ नित्य गोलोक से ही है जहाँ अक्षरातीत कृष्ण रूप मे हैँ इसलिये जिस ब्रह्म पुर या साकेत को गोलोक के मध्य कहा है वो यही है साकेत के पश्चिम मे गोलोक उत्तर मे महा वैकुंठ कहा गया है वो इसी परामधाम की बात हुई है अक्षर ब्रह्म वो रामनारायण नहीं हैँ वो नित्य गोलोक के अंदर ही स्थित श्री कृष्ण का सत अंग हैँ योगमाया के ब्रह्माण्ड मे इन नारायण के नित्य लोक का भी प्रतिबिम्ब महा वैकुंठ के रूप मे है जिसका वर्णन पुराणों मे है योगमाया के गोलोक से 50 करोड़ योजन नीचे जबकि नित्या ब्रह्मपुरी मे साकेत के पश्चिम मे नित्य गोलोक है उत्तर मे राम नारायण प्रभु का महावैकुंठ इसलिये राम नारायण प्रभु को भी क्षर अक्षर से परे पुरुषोत्तम कहा गया है क्युकी दिव्य ब्रह्मपुर के राम कृष्ण नारायण एक समान रूप हैँ🙏🙏
जय जय प्रभु चरण वंदन 🙏🙏 मेरी एक बात समझ नहीं आती ये कौन लोग हैं जो वीडियो unlike कर देते हैं! ये जान बूझकर करते हैं ऐसे महापुरुषों की वाणी भाग्यवान जीव को सुन ने के लिए मिलती है और ये unlike कर देते है बहुत गलत बात है!😡
गुरु देव भगवान के चरणों मै दास का नमन स्वीकार करे प्रभु जी मेरी तो एक आंख श्री राम है और दूसरी आंख श्री कृष्ण है और मेरा ह्रदय श्री नारायण है मेरा एक हाथ श्री वारहा है और दूसरा हाथ श्री नरसिंह है
@UpendraSingh-nz5ps
2 жыл бұрын
भैया आपका दर्शन बहुत बहुत अच्छा है वास्तविकता है
हमारा धन्य भाग्य कि कलियुग में भी आप जैसे महात्मा का दर्शन प्राप्त होता है ।चरण कमलेभ्यो नमः
Om Namo Narayan || ओम नमो नारायण: || जय जय राम कृष्ण हरि ❤ 🕉️ ❤️ 🕉️ ❤️ 🕉️ ❤️ 🕉️
जय जय श्री सीताराम महाराज जी आपके चरणों में साष्टांग दंडवत प्रणाम हरि शरणम🌹🌹🙏🙏
ब्रह्मवैवर्तपुराण (अध्याय ७) श्रीकृष्णकी मायासे प्रत्येक ब्रह्माण्डमें दिक्पाल, ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर हैं, देवता, मनुष्य आदि सभी प्राणी स्थित हैं। इन ब्रह्माण्डोंकी गणना करनेमें न तो लोकनाथ ब्रह्मा, न शङ्कर, न धर्म और न विष्णु ही समर्थ हैं; फिर और देवता किस गिनतीमें हैं? विप्रवर! कृत्रिम विश्व तथा उसके भीतर रहनेवाली जो वस्तुएँ हैं, वे सब अनित्य तथा स्वप्नके समान नश्वर हैं। वैकुण्ठ, शिवलोक तथा इन दोनोंसे परे गोलोक है, ये सब नित्य-धाम हैं। इन सबकी स्थिति कृत्रिम विश्वसे बाहर है। ठीक उसी तरह, जैसे आत्मा, आकाश और दिशाएँ कृत्रिम जगत्से बाहर तथा नित्य हैं।
श्री सदगुरुदेव भगवान के श्री चरणों में कोटि-कोटि नमन जय सियाराम जय सियाराम जय सियाराम जय सियाराम जय सियाराम जय सियाराम जय सियाराम
Golok Dham Jane ke Baad kisi ka dubara janm nahi hota. Hare Krishna 🙏🙏🙏
जय जय राधा वल्लभ श्री हरिवंश जय जय राधा वल्लभ श्री हरिवंश जय जय राधा वल्लभ श्री हरिवंश
महाराज जी के चरणों में कोटि कोटि प्रणाम🌹🙏🙏🙏
श्री श्री अनंत विभूषित श्री श्री महाराज श्री के श्री चरणकमलों में दास की कोटि कोटि बार शाष्टांग प्रणाम
श्री ब्रह्मसंहिता ५.५१ अग्निर मही गगनं अम्बु मरुद दिशाश्च कलास तथात्मनसीति जगत्त्रयाणि यस्माद् भवन्ति विभवन्ति विशन्ति यम च गोविंदम् आदिपुरुषम तं अहम् भजामि तीनों लोक नौ तत्वों से बने हैं, अर्थात् अग्नि, पृथ्वी, आकाश, जल, वायु, दिशा, काल, आत्मा और मन। मैं उन आदि भगवान गोविंद की पूजा करता हूँ जिनसे ये उत्पन्न होते हैं, जिनमें वे विद्यमान हैं और जिनमें वे विश्व प्रलय के समय प्रवेश करते हैं।
जय श्री सीताराम।
आप जैसे संतो के हम आभारी ह गुरुदेव
Jai shree sadgurudev bhagwan ji ko koti koti naman ji 🙏🏻🌹🌹🌹
Jai shri shitaram ji
🙏🙏🙏🙏🙏🤲🤲 राधे-राधे गुरुदेव पूज्य श्री गुरुदेव के श्री चरणों में कोटि कोटि प्रणाम कोटि-कोटि बंधन मेरा प्रणाम स्वीकार करें गुरुदेव गोलियां खुशियों से आप के दरबार की हाजिरी है मेरी हाजिरी से काल करे छोरियां खुशियों से भरे बोलो सांचे दरबार की जय
जय गुरूदेव जय श्री सीताराम हनूमान जगतगुरू सदगुरुदेव के चरणों शरण चाहिए
जय हो
हमारा तो गोलोक धाम 🥰 वही साकेत है, वही बैकुंठ है
@SantDnyaneshwarMauli
2 жыл бұрын
मेरा भी गौ-लोक धाम ही सर्वश्रेष्ठ धाम है।
@सत्यसनातन369
2 жыл бұрын
नित्य गोलोक नित्य साकेत नित्य वैकुंठ अलग नही एक ही परामधाम के रूप हैँ जो समाननंतर रूप से स्थित हैँ पुराणों मे जिस गोलोक को वैकुंठ और शिव लोक से भी ऊपर कहा गया है वो नित्य गोलोक का छाया या प्रतिबिम्ब रूप है जो योगमाया मे स्थित है इसलिए अखंड नही हर प्राकृतिक प्रलय के बाद गोलोकी कृष्ण मे लीन हो जाते हैँ योगमाया के सभी मंडल फिर अनंतानंत कल्प तक प्रलय रहता है केवल योगमाया के स्वामि कृष्ण प्रकाश रूप मे स्थित रहते हैँ फिर गोलोक वैकुंठ और शिव लोक जैसे अन्य लोको को प्रकट करते हैँ इसलिए वैव्रत पुराण, ब्रह्म संहिता गर्ग संहिता मे गोलोक और अन्य धामों की उतपत्ति एक ही कृष्ण से अलग अलग प्रकार से बताई गयी है क्युकी यही योगमाया का खेल है किन्तु योगमाया यानि बेहद से परे जो परामधाम है वही परमात्मा श्री राम रूप से विराजित हैँ साकेत लोक मे,श्री कृष्ण मूल रूप से विराजित हैँ नित्य गोलोक मे और परावासुदेव श्रीमन नारायण रूप से विराजित हैँ महावैकुंठ मे यह एक ही परामधाम हैँ यह अखंड है यहाँ ना योगमाया है ना महामाया इसलिये यहाँ हर वस्तु हर रूप नित्य है सनातन है यहाँ कोई आदि कोई अंत नही इसलिए अखंड कहा गया है इसे अयोध्या कहा है वेदो मे क्युकी काल और माया का युद्ध अर्थात खेल यहाँ नही चल पाता 🙏
jai srisiyaram
SitaRam Radheshyam.
श्री ब्रह्मसंहिता ५.४३ गोलोक-नाम्नि निज-धाम्नि तले च तस्य देवी महेश-हरि-धामसु तेषु तेषु तेषु ते ते प्रभाव-निकाय विहिताश् च येन गोविंदं आदि-पुरुषं तं अहम् भजामि सबसे नीचे देवी-धाम [सांसारिक दुनिया] स्थित है, उसके ऊपर महेश-धाम [महेश का निवास] है; महेश-धाम से ऊपर हरि-धाम [हरि का निवास] है और इन सबके ऊपर कृष्ण का अपना लोक गोलोक स्थित है। मैं आदि भगवान गोविंदा की पूजा करता हूँ, जिन्होंने उन क्रमिक क्षेत्रों के शासकों को उनके संबंधित अधिकार आवंटित किए हैं।
सच में बहुत अद्भुत कहा आपने 🥰🥰🥰👌🙇♂️👌👌👌👌🙇♂️🙇♂️🙇♂️🙇♂️🙇♂️🙏💐💐💐💐💐🙏🙏
Jay shree ram. 🙏🙏🙏 jay goumata jai gopal bhakt Vatsal prabhu din dayal.🙏🙏🙏 Pratahasmarniye Parampujya paramadarniye Swami shree Gurudev ji ke charno mein dandvat koti koti pranam namaskar Ram Ram. 🙏🙏🙏
🙏🙏🙏🌹🌹🌹 Shri Guru Dev Bhgvan ke Charno me koti koti parnam jài Shri Ram Sita ji Radhe Krishna ji 🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏♥️♥️♥️♥️
साकेत लोक सबसे महान है जो ब्राह्मलोक के निकट है
🚩||श्रीहरिः ॐ ||🚩🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏
Saket Dham Sbse Uper 🙏🙏🙏🙏
श्री सदगुरू देव भगवान के श्री चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम 🙏🏻🙏🏻 🙏🏻❤️!! श्री सीताराम !!❤️🙏🏻
Aapkeparam Divaytidivya Pavanshricharankamlon me Hmara koti koti pranam 🙏🙏 hmare ParamPujiya SadGurudev MahaRaj Shri 🙏🙏
Jai shree Ram 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🚩ॐ जय श्री कृष्ण जी भगवान जी की जय 🚩🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏
श्री सीता राम श्री सीता राम श्री सीता राम श्री सीता राम श्री सीता राम श्री सीता राम श्री सीता राम श्री सीता राम श्री सीता राम श्री सीता राम श्री सीता राम श्री सीता राम श्री सीता राम श्री सीता राम श्री सीता राम श्री सीता राम
श्री राधे गोविंद 🙏🙏
Ram ram ji
🚩ॐ जय श्री राम जी भगवान जी की जय 🚩🌹🌹🌹🌹🌹🙏
जय श्री सीता राम गुरू जी 🙏🏻🌹🙏🏻🙇🙇
🚩ॐ जय श्री गौ माता जी की जय 🚩🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏
Sita Ram Ram Ram
Jai sree Narayan
सीता राम हनुमान
जय जय श्री सीताराम भगवान।
हमारे हैं श्री गुरुदेव हमें किस बात की चिंता....
Kya farak padta hai , Golok ho ya saket ya vaikunth , hai toh Adhyatmik jagat jaha hamare bhagwan rehte hai ❤
@shreeharivansh1043
14 күн бұрын
❤❤❤❤ bilkul sahi kaha 😊😊
Maa radheradhe
🙏Paranam guru ji maharaj 🙏
RadhaKrishn Bhagwan Ki Jai🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻. Jai Shriman Narayan 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Sadguru devji ke charno me Das ka koti koti dandavat pranaam ji 🙏🙏🙏🙏
जय श्री राम
jai srisiyarama
Jai ho,jai ho gurudevji❤❤❤
Bahut sundar updesh maharaj je Jai Shree Sita ram
Jay jay sree sitaram.
Sadguru charan pranam
Sadgurudev bhagwan ki jai 🙏 radhe shyam seetaram konj bihari shree hari dash dulari 🙏 shree ram jay ram jay jay ram jay jay Shri varindavan dham radhe krishna radhe shyam 🙏🙏🙏🙏🙏
Radhe Radhe sant bhagavan Saadar pranam
jai jai shri radhe maharaj ji
🚩ॐ जय श्री राधा देवी जी माता जी की जय 🚩🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏
Shri Sitaram Shri Sitaram Shri Sitaram Shri Sitaram Shri Sitaram Shri Radhe Shyam Shri Radhe Shyam Shri Radhe Shyam Shri Radhe Shyam Sadashiv Sadashiv Sadashiv Sadashiv
प्रणाम गुरु देव
Radhe Radhe 🙏🙌 Dandwat maharaj ji 🙏🙌
गुरु जी आप को कोटि कोटि प्रणाम
Asadharan prabachan maharaj ji . antar ko sital kr diya. Aap ke sri charno me koti koti naman.
Hari om nmo narayan 🥰😍🙏🚩 Jai shree Ram Jai hanuman 🥰😍🙏🚩 Jai shree Radhe Krishna 🥰😍🙏🚩
Jai shri Krishna ❤️
Sri Harivansh 🙏🙏
Shree Radha Radha ji 🥰🙏🥰🙏
Ram Ram Ram Ram Ram
Jai Shree Radhe Radhe
Jy shri Krishna, Radhey Radhey, Jy Gau Mata
श्रेष्ठ उत्तर नमो नारायण 🙏
Om namah shivay Jai shree ram jaishreeharibishnu Radhe Radhe
गुरु चरण कमल बलिहार
राधे राधे श्रीहरि
Maharaj ji koti koti pranam. Sanshay dur hua. Dhanyabad. Jai Shiv Sankar
Ram krishna hari 🙏🙏
Anant koti pranam
Jai Ho Maharaj ji ki jai Dandvat pranam maharaj ji. Hari bol!
Jai Shree Sita Ram 🙏🙏🌺🌻
Jay ho sant ji apke Charan me bhagvan Divya vighara he Jay Swaminarayan
Ram ram
Jai Shree Sewak Das Ji Maharaj
jai srisiyatam
Brahmandnayak prabhu shree ram chandra bhagvan ki jai ho
Jai shreeman narayan narayan hari hari 🙏
Jai Jai Shree RADHEEEEEEE
🕉
Jai shri krishna 🙏
Hare krishna
Jai shree radhe
Hare Krishna