बालकाण्ड सो.& दोहा नं.93,94 नाचहिं गावहिं गीत परम तरंगी भूत सब l

नाचहिं गावहिं गीत परम तरंगी भूत सब l
देखत अति बिपरीत बोलहिं बचन बिचित्र बिधि ll

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