असली जादू जानते हो? || आचार्य प्रशांत, जीसस क्राइस्ट पर (2018)
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⚡ आचार्य प्रशांत कौन हैं?
अध्यात्म की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत वेदांत मर्मज्ञ हैं, जिन्होंने जनसामान्य में भगवद्गीता, उपनिषदों ऋषियों की बोधवाणी को पुनर्जीवित किया है। उनकी वाणी में आकाश मुखरित होता है।
और सर्वसामान्य की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत प्रकृति और पशुओं की रक्षा हेतु सक्रिय, युवाओं में प्रकाश तथा ऊर्जा के संचारक, तथा प्रत्येक जीव की भौतिक स्वतंत्रता व आत्यंतिक मुक्ति के लिए संघर्षरत एक ज़मीनी संघर्षकर्ता हैं।
संक्षेप में कहें तो,
आचार्य प्रशांत उस बिंदु का नाम हैं जहाँ धरती आकाश से मिलती है!
आइ.आइ.टी. दिल्ली एवं आइ.आइ.एम अहमदाबाद से शिक्षाप्राप्त आचार्य प्रशांत, एक पूर्व सिविल सेवा अधिकारी भी रह चुके हैं।
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फ़ेसबुक: / acharya.prashant.advait
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वीडियो जानकारी:
प्रसंग:
~ जीसस कौन हैं?
~ जीसस के करीब कैसे जाए?
~ जीसस आज के लिए कितने आवश्यक हैं?
~ जीसस शत्रु से भी प्रेम करने को क्यों कह रहे हैं?
~ जीसस क्राइस्ट के जीवन से हमें क्या सीख मिलती है?
~ यीशु मसीह को सूली पर क्यों चढ़ाया गया?
~ यीशु मसीह को कैसे समझें?
~ जीसस को तत्कालीन समाज से इतना विरोध क्यों मिला?
~ हम जीसस के जीवन से कैसे परिचित हों?
संगीत: मिलिंद दाते
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#acharyaprashant
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8:44 वाकई में ये भी जादू ही है कि आपको सुनने के बाद मैं बार बार आपके पास आ जाती हूँ हर बार कुछ नया सीखने के लिए and seriously sir मेरे पास you tube भी सिर्फ आपके videos देखने के लिए है क्युकी आपके इतने knowledge से भरे videos है कि उनके अलावा कुछ और पसंद नहीं। 🌟🙏 you are really a miracle of my life ❤
जीसस क्राइस्ट करुणा की अभिव्यक्ति हैं प्रकृति की , अनंतानंत परमेश्वर की।। जय हो❤
Prem hi jaadoo hai❤😊
नमन आचार्य जी🙏
Pranaam Aachary Ji 🌹💕🌹
Thank you very much sir 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Koti koti namn Aacharya shri 🌻🙏
बहुत सुन्दर विचार आपने कहा है साहेब जी सादर प्रणाम।
प्रणाम आचार्य 🙏❤️🙏
आचार्य जी प्रणाम 🙏
बहुत बढिया गुरुजी शतम शतम प्रणाम
Aacharya ji Pranam❤🎉❤
एक Jesus के मरने से सारी दुनिया के पाप कैसे धुल जाएंगे? जो ख़ुद को नहीं बचा सका वो किसी और को क्या बचाएगा? Could you please explain this Christian logic Acharya Ji Happy Christmas 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
कोटि कोटि नमन आचार्य जीके पावन चरणों में🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼❤❤
🙏
❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
जादू क्या होता है आज समझ आया ❤।
प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏
❤ ❤ ❤ शत शत नमन गुरुदेव 🙏 🙏 🙏
Parnam Acharya ji ❤❤❤
pranam guruvar!
🙏🙏🙏🙏
हमारी बुद्धि, वृत्ति और भावुकता हमारे शरीर को आगे बढ़ाने के लिए हैं, प्रकृति के खेल को आगे बढ़ाने के लिए हैं। If you look at each emotion we have, it served a purpose in our survival during the course of evolution. Anger: It helped us reach a heightened state of "fight" aspect in flight and fight response when our resources felt threatened by other tribes, groups etc. We fought to protect our food, homes, mates and anger helped us reach that goal. Envy: We wanted to have more resources for better chances of survival and reproduction if we saw someone else has a healthier mate, bigger tribe, more muscle power in military etc. The list goes on. But you get the point. This is the reason we should not take our emotions too seriously. In the past and now, we use our brain to maximize our resources and improve our chances of getting a bigger salary, better/healthier mate. All this is built into our animal instincts. पाशविक वृति
❤
V right ❤❤❤❤
👍
Isi bat pe mujhe kathopnishad ke nachiketa aur jesus ek jaise lge bilkul....jo unhe mratyu de vo uske liye khsma maag rhe chahe Pita ho ya aam jan
💐🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Pranam acharya ji ❤❤❤
प्रकृति तुमसे जो कराना चाहती है तुम उस से अलग कुछ कर जाओ वह जादू है
Asli Jadoo hai Krishan ki hasti