अनुष्का पाठक जी के पिताजी के मुखारविंद से बहुत सुंदर भजन जैसे रोज आवेलु तू ter सुनके आई हो रे निदिया
🙏❣️जय श्री राम ❣️🙏
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🙏❣️जय श्री राम ❣️🙏