'' ऐल लछिमा गैल गेंवाड़ '' NEW KUMAONI SONG। गायन- त्रिभुवन सिंह राठौर व नागेन्द्र प्रसाद जोशी जी ।
गीत - पारंपरिक
गायन व नवोन्मेष - त्रिभुवन सिंह राठौर
सहगायन - नागेन्द्र प्रसाद जोशी
हुड़का - नागेन्द्र प्रसाद जोशी
पर्वतीय अंचल का जीवन और उसकी दैनिक चर्या बदलती रही है। यहाँ का श्रमशील जनमानस कभी तपती दुपहरी में हरे भरे खेत-खलिहानों होता है, तो कभी ऊंचाई में स्थित हरे भरे जंगलों में श्रमसाधना करता है। यही श्रम उसके जीवन का सौंदर्य बन जाता है। इसी भावभूमि पर स्थित यह गीत श्रवणीय है।
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वाह बेहतरीन प्रदर्शन
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति त्रिभुवन सर
शानदार गीत। वाह
Jai ho
वाह मजा आ गया
Wah Ati Sundar
Bhut sundr🙏👌👌
बहुत ही मधुर संगीत गुरु जी🙏
Ati sundar
जय हो जय हो मासाब वो भूली बिसरी यादें ,,,👌👌👌
बहुत अच्छे सर जी
Supar
Bahut sunder gurudev
Super
Bahut sundar 🙏🙏
बहुत बहुत धन्यवाद प्रिय मित्रो
Nice song
वाह
Nic song
Very nice sir
Wow NiCe 👌👌👌👌
Nice
Op🧡🧡
धन्यवाद आभार
Nice
Super
Nice
Nice
Nice
Nice