अच्छी पत्नी पुण्य से मिलती है मुनि श्री श्रमण सागर जी महाराज
अच्छी पत्नी पुण्य से मिलती है मुनि श्री श्रमण सागर जी महाराज
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Пікірлер: 24
नमोस्तु गुरुदेव🙏🙏🙏
Namostu bhagvan 🙏🙏🙏
Namostu bhagwan ji
जय गुरु देव 🙏🏻
Jay jinedra❤
Namostu gurudev ji
Jai guru ji
Namostu gurudev Barodaiya
Pujya gurudev ko barambaar namostu
Ashok 🙏 🙌 🙏 🙌 band jain parth jainam society sus 🤨 ♥️ 😀 ❤️ ✨️ pune 🎉🎉🎉🎉🎉
Namasto guru ji
शिवपुराण के अनुसार,जब सदाशिव अंतरिक्ष भ्रमण कर रहे थे, उन्हें बहुत गर्मी लगी। वो ब्रह्मलोक व विष्णु लोक गये, उनके दिगम्बर स्वरूप के कारण, उन्हें, कोई द्वारपाल पहचान नहीं पाये। वो वहां से आ गये।जब विष्णु जी को ज्ञात हुआ, तो उन्हें संदेह हुआ कि वो शिव जी हैं। ध्यान अवस्था के बाद विष्णु जी ने सुदर्शन चक्र सदाशिव को ढूंढने के लिए भेजा। वह सुदर्शन चक्र उन्हें ढूंढता हुआ , झांसी के करगुवां , पंहुचा।वहां पर बैलगाड़ी का पहिया स्थान पर धंस गया जहां पर सदाशिव जी ध्यान अवस्था में बैठे थे। उनको लेकर के विष्णु भगवान लौट गए और सदाशिव अपने दिव्य स्वरुप को वहीं छोड़कर आ गए और जैनियों में दिगंबर के नाम से प्रसिद्ध हैं।
इंद्र एक पद है, जो यज्ञों की एक संख्या करके मिलता है।
Namostu gurudev
जो आज चिकित्सक बताते हैं, वो जैन धर्म में पहले से ही है और यही कारण है कि कभी कोई जैन बीमार व मोटे नहीं मिलेंगे।
@robinsingh9202
10 ай бұрын
Aao kbi hamare yaha 😂😂😂
Ñamostu Gurudev
गीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा, स्वयं सीखो कि धरती पर धरण (स्थापना) कैसे करें?
स्वर्ग नहीं चाहिए।उसके राजा इंद्र हैं।वह तो एक लोक है जहां से पुनः मृत्यु लोक में आना पड़ता है।
इक्ष्वाकु वंश के प्रथम, ऋषभ देव जी हैं।जो आदिनाथ, विष्णु जी के अवतार हैं। ये अयोध्या के शासकों में से एक हैं। भगवान श्री विष्णु जी नेश्रीराम जी के रुप में भी इसी वंश में अवतार लिया।
@rishijain6222
10 ай бұрын
तीर्थंकर ऋषभदेव जी विष्णु जी के अवतार नहीं है। विष्णु, नारायण को कहा जाता है। और नारायण और तीर्थंकर में बहुत बड़ा अंतर होता है।
@rishijain6222
10 ай бұрын
नारायण को ही त्रिखंडाधिपति और अर्धचक्री भी कहा जाता है।
हमने जहां एक हजार लोगों को कराए गये भोजन का स्वयं गुणगान किया,वहीं समस्त पुण्य समाप्त हो जाते हैं।
उपवास विधि बहुत बढ़िया है।