अच्छी पत्नी पुण्य से मिलती है मुनि श्री श्रमण सागर जी महाराज

अच्छी पत्नी पुण्य से मिलती है मुनि श्री श्रमण सागर जी महाराज
---------------------------------------------------------
#jain
#muni
#mangal
#pravachan
#motivationalvideo
#jinendra vaani
--------------------------------------------------------- जैनम् जयति शासनम्
हमारा प्रयास है कि हम अपने चैनल के माध्यम से सद्गुरूओं की वाणी पूरे विश्व में पहुचायें। जैन धर्म की प्रभावना एवं विस्तार का एक अनूठा प्रयास है हमारा ये चैनल, आपसे विनती है कि चैनल को सब्सक्राइब करके हमारे साथ जुड़े और चैनल के वीडिओ को लाइक करें। साथ ही साथ अपने मित्रों, रिश्तेदारों और सगे संबंधियों के साथ जरूर शेयर करें।
धन्यवाद🙏
Please like and share the videos

Пікірлер: 24

  • @vijetajain5165
    @vijetajain51654 ай бұрын

    नमोस्तु गुरुदेव🙏🙏🙏

  • @jayshrijain9535
    @jayshrijain95354 ай бұрын

    Namostu bhagvan 🙏🙏🙏

  • @divayshishjain6370
    @divayshishjain63707 ай бұрын

    Namostu bhagwan ji

  • @amulmehta1928
    @amulmehta19282 ай бұрын

    जय गुरु देव 🙏🏻

  • @neeleshprajapati6918
    @neeleshprajapati69183 ай бұрын

    Jay jinedra❤

  • @poonamjain9257
    @poonamjain92573 ай бұрын

    Namostu gurudev ji

  • @bipulbaruah3557
    @bipulbaruah355710 ай бұрын

    Jai guru ji

  • @Jainsuresh5564
    @Jainsuresh556410 ай бұрын

    Namostu gurudev Barodaiya

  • @raja11111r
    @raja11111r10 ай бұрын

    Pujya gurudev ko barambaar namostu

  • @varshaband5492
    @varshaband54929 ай бұрын

    Ashok 🙏 🙌 🙏 🙌 band jain parth jainam society sus 🤨 ♥️ 😀 ❤️ ✨️ pune 🎉🎉🎉🎉🎉

  • @bipulbaruah3557
    @bipulbaruah355710 ай бұрын

    Namasto guru ji

  • @aaharved4135
    @aaharved413510 ай бұрын

    शिवपुराण के अनुसार,जब सदाशिव अंतरिक्ष भ्रमण कर रहे थे, उन्हें बहुत गर्मी लगी। वो ब्रह्मलोक व विष्णु लोक गये, उनके दिगम्बर स्वरूप के कारण, उन्हें, कोई द्वारपाल पहचान नहीं पाये। वो वहां से आ गये।जब विष्णु जी को ज्ञात हुआ, तो उन्हें संदेह हुआ कि वो शिव जी हैं। ध्यान अवस्था के बाद विष्णु जी ने सुदर्शन चक्र सदाशिव को ढूंढने के लिए भेजा। वह सुदर्शन चक्र उन्हें ढूंढता हुआ , झांसी के करगुवां , पंहुचा।वहां पर बैलगाड़ी का पहिया स्थान पर धंस गया जहां पर सदाशिव जी ध्यान अवस्था में बैठे थे। उनको लेकर के विष्णु भगवान लौट गए और सदाशिव अपने दिव्य स्वरुप को वहीं छोड़कर आ गए और जैनियों में दिगंबर के नाम से प्रसिद्ध हैं।

  • @aaharved4135
    @aaharved413510 ай бұрын

    इंद्र एक पद है, जो यज्ञों की एक संख्या करके मिलता है।

  • @ajitjain5245
    @ajitjain524510 ай бұрын

    Namostu gurudev

  • @aaharved4135
    @aaharved413510 ай бұрын

    जो आज चिकित्सक बताते हैं, वो जैन धर्म में पहले से ही है और यही कारण है कि कभी कोई जैन बीमार व मोटे नहीं मिलेंगे।

  • @robinsingh9202

    @robinsingh9202

    10 ай бұрын

    Aao kbi hamare yaha 😂😂😂

  • @rajkumarjain5542
    @rajkumarjain554210 ай бұрын

    Ñamostu Gurudev

  • @aaharved4135
    @aaharved413510 ай бұрын

    गीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा, स्वयं सीखो कि धरती पर धरण (स्थापना) कैसे करें?

  • @aaharved4135
    @aaharved413510 ай бұрын

    स्वर्ग नहीं चाहिए।उसके राजा इंद्र हैं।वह तो एक लोक है जहां से पुनः मृत्यु लोक में आना पड़ता है।

  • @aaharved4135
    @aaharved413510 ай бұрын

    इक्ष्वाकु वंश के प्रथम, ऋषभ देव जी हैं।जो आदिनाथ, विष्णु जी के अवतार हैं। ये अयोध्या के शासकों में से एक हैं। भगवान श्री विष्णु जी नेश्रीराम जी के रुप में भी इसी वंश में अवतार लिया।

  • @rishijain6222

    @rishijain6222

    10 ай бұрын

    तीर्थंकर ऋषभदेव जी विष्णु जी के अवतार नहीं है। विष्णु, नारायण को कहा जाता है। और नारायण और तीर्थंकर में बहुत बड़ा अंतर होता है।

  • @rishijain6222

    @rishijain6222

    10 ай бұрын

    नारायण को ही त्रिखंडाधिपति और अर्धचक्री भी कहा जाता है।

  • @aaharved4135
    @aaharved413510 ай бұрын

    हमने जहां एक हजार लोगों को कराए गये भोजन का स्वयं गुणगान किया,वहीं समस्त पुण्य समाप्त हो जाते हैं।

  • @aaharved4135
    @aaharved413510 ай бұрын

    उपवास विधि बहुत बढ़िया है।

Келесі