6666 मूर्तियां हैं इन मंदिरों में।
650 साल पुराने भव्य 10 जैन मंदिर जैसलमेर के किले में बने गए हैं। इन मंदिरों के नीचे विशाल तलगृह बना हुआ है जिसमें जैनियों का 7000 साल पुराना ज्ञान 438 बक्सों में रखा हुआ है। यह ज्ञान का भंडार जैसलमेर आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
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विश्व के सबसे प्राचीन धर्म जैन धर्म की जय हो।।
अद्वितीय अद्भुत। हज़ारों सालों से इतने आकर्षक मंदिर बचे हुए हैं यह हमारा बहुत बड़ा सौभाग्य है। इनको बचाकर रखने की जिम्मेदारी आज की तथा आगामी पीढ़ियों की है। जय जिनेन्द्र।
गौरवान्वित हूँ यह जानकर कि जैनों की धरोहर आज भी कुछ श्रधालु सुरक्षित किये हुए हैं। बधाई के पात्र हैं।
@alkajainmaam3155
3 жыл бұрын
⁸
बहोत सुंदर है, बहोत सुंदर है, बहोत सुंदर है
जय जिनेंद्र बहोत ही सुंदर और आकर्षक जैन मंदिर है!और मंदिर के बारेमे बहोत ही उपयुक्त और अच्छी जानकारी दि गयी है! यह हमारी ऐतिहासिक धरोहर है ! जिसका अच्छी तरहसे जतन होना जरूरी है! धन्यवाद. जय जिनेंद्र. 🙏🙏👌👌👌👌👌👍👍
बहुत सुंदर उपयोगी जानकारी। एक बार जरूर दर्शन करने आएंगे। जैजीनेंद्र।
@harshitjain765
4 жыл бұрын
Sunil Jain हहबफ
@DCJain-mg9uj
3 жыл бұрын
Very nice ingormation
@neerajjain4780
3 жыл бұрын
Jai jinendra ji
जय जिनेन्द्र आपने प्राचीन जैन संस्कृति बहुत ही अच्छी प्रस्तुति की है। हमारे पूर्वज भी जैसलमेर से थे ,हम लोगो की हवेली वहाँ आज भी मौजूद है। आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
@pawanjain2550
5 жыл бұрын
Aap abhi kaha virajte h sir
@sushdesai379
5 жыл бұрын
nai
@arjunpatidar8197
5 жыл бұрын
जब आर्य्यावर्त्तस्थ मनुष्यों में सत्याऽसत्य का यथावत् निर्णय करानेवाली वेदविद्या छूटकर अविद्या फैल के मतमतान्तर खड़े हुए, यही जैन आदि के विद्याविरुद्ध मतप्रचार का निमित्त हुआ। क्योंकि वाल्मीकीय और महाभारतादि में जैनियों का नाममात्र भी नहीं लिखा और जैनियों के ग्रन्थों में वाल्मीकीय और भारत में ‘राम’, कृष्णादि’ की गाथा बड़े विस्तारपूर्वक लिखी हैं। इस से यह सिद्ध होता है कि यह मत इनके पीछे चला क्योंकि जैसा अपने मत को बहुत प्राचीन जैनी लोग लिखते हैं वैसा होता तो वाल्मीकीय आदि ग्रन्थों में उनकी कथा अवश्य होती इसलिए जैनमत इन ग्रन्थों के पीछे चला है। कोई कहे कि जैनियों के ग्रन्थों में से कथाओं को लेकर वाल्मीकीय आदि ग्रन्थ बने होंगे तो उन से पूछना चाहिए कि वाल्मीकीय आदि में तुम्हारे ग्रन्थों का नाम लेख भी क्यों नहीं? और तुम्हारे ग्रन्थों में क्यों है? क्या पिता के जन्म का दर्शन पुत्र कर सकता है? कभी नहीं। इस से यही सिद्ध होता है कि जैन बौद्ध मत; शैव शाक्तादि मतों के पीछे चला है। अब इस १२ बारहवें समुल्लास में जो-जो जैनियों के मतविषयक में लिखा गया है सो-सो उनके ग्रन्थों के पते पूवक लिखा है। इस में जैनी लोगों को बुरा न मानना चाहिये क्योंकि जो-जो हम ने इन के मत विषय में लिखा है वह केवल सत्याऽसत्य के निर्णयार्थ है न कि विरोध वा हानि करने के अर्थ। इस लेख को जब जैनी बौद्ध वा अन्य लोग देखेंगे तब सब को सत्याऽसत्य के निर्णय में विचार और लेख करने का समय मिलेगा और बोध भी होगा। जब तक वादी प्रतिवादी होकर प्रीति से वाद वा लेख न किया जाय तब तक सत्यासत्य का निर्णय नहीं हो सकता। जब विद्वान् लोगों में सत्याऽसत्य का निश्चय नहीं होता तभी अविद्वानों को महा- अन्धकार में पड़कर बहुत दुःख उठाना पड़ता है। इसलिए सत्य के जय और असत्य के क्षय के अर्थ मित्रता से वाद वा लेख करना हमारी मनुष्यजाति का मुख्य काम है। यदि ऐसा न हो तो मनुष्यों की उन्नति कभी न हो। और यह बौद्ध जैन मत का विषय विना इन के अन्य मत वालों को अपूर्व लाभ और बोध कराने वाला होगा क्योंकि ये लोग अपने पुस्तकों को किसी अन्य मत वाले को देखने, पढ़ने वा लिखने को भी नहीं देते। बड़े परिश्रम से मेरे और विशेष आर्य्यसमाज मुम्बई के मन्त्री ‘सेठ सेवकलाल कृष्णदास’ के पुरुषार्थ से ग्रन्थ प्राप्त हुए हैं। तथा काशीस्थ ‘जैनप्रभाकर’ यन्त्रलय में छपने और मुम्बई में ‘प्रकरणरत्नाकर’ ग्रन्थ के छपने से भी सब लोगों को जैनियों का मत देखना सहज हुआ है। भला यह किन विद्वानों की बात है कि अपने मत के पुस्तक आप ही देखना और दूसरों को न दिखलाना। इसी से विदित होता है कि इन ग्रन्थों के बनाने वालों को प्रथम ही शंका थी कि इन ग्रन्थों में असम्भव बातें हैं। जो दूसरे मत वाले देखेंगे तो खण्डन करेंगे और हमारे मत वाले दूसरों का ग्रन्थ देखेंगे तो इस मत में श्रद्धा न रहेगी। अस्तु जो हो परन्तु बहुत मनुष्य ऐसे हैं जिन को अपने दोष तो नहीं दीखते किन्तु दूसरों के दोष देखने में अति उद्युक्त रहते हैं। यह न्याय की बात नहीं क्योंकि प्रथम अपने दोष देख निकाल के पश्चात् दूसरे के दोषों में दृष्टि देके निकालें। अब इन बौद्ध, जैनियों के मत का विषय सब सज्जनों के सम्मुख धरता हूं। जैसा है वैसा विचारें।
@JaisalmerkiGaliyan
5 жыл бұрын
Thank to you too. We are glad you enjoyed it.
@mamatarjainmamatarjain8172
4 жыл бұрын
Bhai ME ek sadhrmik ben hu boat taklip ME hu bache chote he koi rasta dikhao bhai muje ben samaj kar Koch madat kar do boat muskil ME hu 9113565179
Mera Bharat mahaan. I am fortunate to have my birth in Bharat. ❤️❤️❤️❤️ I love my India.
Common note for several discussions in this forum: Learn the lessons from past and build bright future, "Past ke liye jghagadana chorro, Future ke liye sambhalna shuru karro, Hamari virasat ki Raksha karna, Kisi Hindu, kisi Jain ya koi jati vishesh ki nahin hai, Ham sabki hai !!!
योग परिणाम सिद्धियाँ ऐश्वैरय दासी बन खड़ी रहती है।। बाधा भी वही पथ प्रदर्शक भी वही।। यही कारण है कि जैनी मारवाड़ियों से भी अधिक सुखी सम्पन होते हैं।। त्यागी के पिछे पिछे अष्ट सिद्धि नव निधि हाथ जोड़े चलती है।ः
@khemchandgolchha5010
5 жыл бұрын
OMPRAKASH GUPTA
@omprakashgupta5703
5 жыл бұрын
भगवद्गीता अध्याय षस्ठं श्लोक 45---46
@omprakashgupta5703
5 жыл бұрын
पहँचे हुए महात्मा कामना के वशीभूत होते ही वैकुण्ठ विशुद्धी चक्र के निचे के लोक मुलाधार में भेज दिए जाते हैं ं। भगवद्गीता प्रयोगशाला है। निस्तार परिणाम परिणति ईशावास्योपनिषद् देता है।। ऊँ शान्ति ऊँ शान्ति ऊँ सु शान्तिर्भवतु।।
जय हो चौवीसो तीर्थंकरो कि जय हो जय हो जैन शास्त्रों कि
@secratsinger7441
3 жыл бұрын
Jodha
Mai jab in mandir ji mei gaya.. to sab tourists ke beech mei khada hua mai bhi darshan kar raha tha... Parantu meri bhakti dekh ke vahan upasthit pujari ji ko mere Jain hone ka aabhaas hua... Aur unhone mujhse puchha... Jab maine haan kaha to uske baad pujari ji ne mujhe andar bulakar dhang se poore mandir ji ke darshan karwaye...
@user-hf2uc9rg4v
3 жыл бұрын
Hamne bhi same anubhav kiya
अपना जैन धर्म अनादिकाल से है अंनतकाल तक रहेगा धर्म हिंसा रहित होना चाहिए भूतकाल के तीर्थंकर भविष्यकाल के तीर्थंकर तो अलग है वर्तमान के आदिनाथ से लेकर महावीर तक।।
Bharatvarsh society should keenly observe the rich knowledge stored in Jain Heritage, through their Mandirs and Scriptures. When deeply observed and understood, it will transform the conscience and heritage intelligence of entire nation. Making our society more stronger and unified. Currently, facts and info about Jain Dharm is extremely low, among average citizens, due to various governmental policies.
जय जिनेन्द्र
हमको स्कूल की किताबो में ताजमहल और मेहमूद गजनवी को पढ़वाया जाता हैं 😤😤😤
जिनके पहने हुए कपड़े भी अग्नि से नही जले ऐसे श्री दत्त सूरी जी मा. सा. के चरणों मे कोटि कोटि वंदना
भाई मूडबिद्रे का जो मूर्तियां हैं वह चोरी की गया हुआ है इसलिए सिक्योरिटी वजह से किसी को यह वीडियो पब्लिक मत बनाइए हमें गोपी से बचाना होगा जय जिनेंद्र 🙏
@bharatijain1478
Жыл бұрын
Sahi hai hum you tube pe video acche bhav se dalte per hamare mandir pe dusare samaj ke log galat kam karte hai
This is so beautiful. Thank u for giving such great information about our great culture 🙏
@JaisalmerkiGaliyan
5 жыл бұрын
We are glad you liked it.
@jayshreekatke9113
3 жыл бұрын
जय जिनेंद्र
Jain dharm sansar ka sabse pracjin dharm hai Ek kal me chobise Thirtanker hote he Aadinath phartam Mahavir chobisve
@Rocky..1343
4 жыл бұрын
@Aryan Jaiswal aree voo.hein nautanki baaj, usko meine pehele hi exposed kia hein. vo apne ego satisfied karne mein laga hein. apne zuute baat kehne mein usatad hein, aur na pata hoo tho bolta uske religion la.adha baate.fake hi hein, jo usko bola javab deneko tho dein nahi sakata. om namah shivya ka fake identity lekar ata hein yaha katva jain.
@Rocky..1343
4 жыл бұрын
@Aryan Jaiswal - aree yaar, voo jabarjsti advaita ko jainism ke saat fake connect karta hein. Usko zero gyan hein advaita ka. usko pata hi kaha ki advaita mein bhagwan creator hein duniya kein, baad mein kaal chakra hein, 14 raaj lok ki vyvsta kuch pata hi nahi.
@Rocky..1343
4 жыл бұрын
@Aryan Jaiswal - give me your number wanna talk with you
@Rocky..1343
4 жыл бұрын
@Aryan Jaiswal - bhai, reply to what im saying and whatsap me on 7875089389....
@Rocky..1343
4 жыл бұрын
@Aryan Jaiswal -मुजे डिबेट या उस के विषय चर्चा नही करना। में सिर्फ आपसे वैदिक धर्म ज्ञान चाहिए गीता या वेद उपनिषद पर था जो यहां पर सम्भव नही, करके आपसे विनंती है आप हमें whatsp मेसेज करे Hi बोलकर, नाम के साथ, मेरा नंबर है दिया है। 7875089389
जय जिनेन्द्र बहुत सुंदर
JAINAM Temples Are Extremely important to And for Worship&+Stone Art Really Extream all Golden Kila Jaisalmer
this guide is superb, great knowledge
जय हो चौबीसों भगवान की
Great to see such information is safely stored by our ancestors.
जय हो 🙏🙏 मेरे जैन धर्म की
हिंदुस्तान के कलाकारों को शत शत नमन। क्या अभी खरबो खर्च कर के भी ऐसी कलकीर्ति बन सकती है? नही नही । क्योंकि वो सामाजिक व्यवस्था इस्लामी आक्रमण में खो चुकी है। तब के मनुष्य अपने काम से संतोष पाता था न कि काम की मजदूरी लेकर । इस्लाम के मानने वाले इसका कोई जबाब नही दे पाएंगे।
@mukeshgandhi5587
4 жыл бұрын
200% TRUE
now i have to visit this place.
अतिसुंदर 🙏
Jai Jinendra 🙏 bahut Sundar Mandir ji
Jai Jinendra 🙏🏻 bht sundr derasr Pratima bi ek dm parachin
Jaijinendra, jai jin shashan ki, jai shree Paras nath Tirthanker ji ki jai ho, jai Bhavya prachin jain samaj ki, jaijinendra
It's a heaven. We proud of This.
thanks for the keeping safe the granthas nd taadpatra because nowadays its not safe anything
@rakeshjain5609
4 жыл бұрын
Hello
जिन शासन देव की जय। 🙏🙏🙏
पहले सभी राजा जैन धर्म का पालन करते थे
@virendrajain2121
Жыл бұрын
Maximum Oswal jain Rajput hi the .
अति सुंदर ।
जय हो जिन शासनकाल की
Very nice temples..
@sakshisinha3412
5 жыл бұрын
Jain ,and Hindu temples ke aage saree Muslims architecture fail hai 28 Jain temples Ko todkar hi mullo ne kutub minar banvaye thy...
This video should not be for public reference for security reasons.
@samyakjain1
5 жыл бұрын
Haa yaar ye log samjte nai he
@mukeshgoyal5560
3 жыл бұрын
सही बात है 🙏
जयसियाराम , जय जिनेद्र , मान्यवर आपसे अनुरोध है के कृपया हिन्दी मे उर्दू के शब्दो का प्रयोग ना हो तो अधिक अच्छा होगा , मंदीर के संबंधित जो भी व्यक्ती समझा रहे थे उन्हे थोडा धिमी गती से बोलने की आवश्यकता है , आभार , धन्यवाद ! वंदेमातरंम , जयहिंद , जयजवान , जयकिसान !
JAI JINENDRA 🙏. Nice information.
जैन धर्म आदिकाल से चला आ रहा है।
@tapasdey7635
5 жыл бұрын
Jain dharm mahabir ji ne ki,to fir aadikal se kase?
@sawanshah9799
5 жыл бұрын
@@tapasdey7635 bhai ek barr history dekhlo badd me bolo
@dhyanjain4065
5 жыл бұрын
@@tapasdey7635 भाई जनों के 23वें तीर्थंकर नेमिनाथ किस समय भगवान श्री कृष्ण हुए थे और 20 वे तीर्थंकर मुनीसुव्रत के समय भगवान राम तो प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ कितने समय पहले हुए होंगे ? उन्हीं के बेटे भरत के नाम पर इस देश का नाम भारत पड़ा है उन्हीं की बेटी ब्राम्ही के नाम पर ब्राम्ही लिपि की खोज हुई थी भगवान आदिनाथ ऋषभदेव नहीं असी मसी कृषि की शिक्षा सर्वप्रथम दुनिया को दी थी यह तो वर्तमान चौबीसी की बात है ऐसी चौबीसी भूतकाल में भी हुई थी और भविष्य काल में भी होगी महावीर भगवान तो अंतिम तीर्थंकर है
@tapasdey7635
5 жыл бұрын
@@dhyanjain4065 to pahela Jain guru kon si samay hoya tha?
@dhyanjain4065
5 жыл бұрын
@@tapasdey7635 जगदीश वे तीर्थंकर मुनीसुव्रत है तब राम भगवान पैदा हुए थे तो सोच लो प्रथम तीर्थंकर नोट गुरु ऋषभदेव कितने समय पहले पैदा हुए होंगे.... ऋषभदेव उस समय से है जब कल्पवृक्ष हुआ करते थे जब कल्पवृक्ष खत्म हो गए तो ऋषभदेव ने ही प्रथम बार लोगों को खेती करना शस्त्र चलाना सिखाया था और भी दूसरी कलाई सिखाई थी ताकि बिना कल्पवृक्ष के जीवन यापन कर सके
Nice collection of granth and Hira panna's murti,koti koti bar Naman
💐JAI JAINENDAR💐 💐🙏💐🙏💐🙏💐🙏💐🙏💐
Include some of these facts in education system of India so future generations know actual history.
I have been here with family .Simply amazing
@leroybenjamin1640
3 жыл бұрын
Pro tip: you can watch movies on Flixzone. Been using it for watching loads of movies recently.
@zainnelson4602
3 жыл бұрын
@Leroy Benjamin definitely, have been using Flixzone} for since november myself :)
JAI JINENDRA
Bhut acci information......
@devendarjaat1362
3 жыл бұрын
Nmskar
भाई साहब के ज्ञान को कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏🙏
Jai Mahaveer👑🚩
Awesome 🙏🙏🙏🙏👌👌👌👌💐💐💐💐💐
Very beautiful h temple,
जय जिनेन्द्र जी, जैसलमेर कितने दिन में घूम सकते हैं।होटल के कुछ नाम बताए प्लीज़।
Very nice jankari mila sir ji
Jainism pure Bharat mein hai, jain murtiyon ki rakha honi chahiye
, साथ में पुराना ज्ञान भंडार हैं।
Really exilent job
बहुत सुंदर है
6666 om namah shivay 🙏🙏🙏🤲🤲🤲❤️❤️❤️
Nice video quality. Which camera sir?
वाह वाह क्या बात है
जो जीता वो सिकंदर ...नहीं ! ये कहना विदेशी विधर्मी माना आसुरी वृति के लुटेरे संत महात्मा देवी देवताओं के इंसानियत के दुश्मन अक्ल के दुश्मन इस्लामी मुस्लिम हिंसक वृति इवन महावीर स्वामी राम नारायण कृष्ण के दुश्मन कौन लोग हैं प्राचीन भारतवासी सहित दुनिआ इस लूटेरी बेईमान जाती को बहुत अच्छी तरह जानती है .....अपनी रक्षा करना ही सूर्य वंशी राजपूतों का धर्म इन विदेशी विधर्मी वामपंथी माया रावण पंथियों की किसी भी छद्दम चालबाज़ियों में अब किसी भी सनातन हिन्दू को नहीं आना है ..... जिनकी पाताल में जगह है वो पाताल में जाकर रहिये बाकी जिनको जन्नत में जाना है वो वहां जाने की तयारी करें इंतजार की घड़ियाँ ख़त्म इंतजाम कीजिये .... विधर्मियों को उनका धर्म और अपना धर्म दोनों की परिभाषा इंसान किसे तथा शैतान इसको कहा जाता है ...आइये बताते है....
jaiho
@dhaneshshah7720
5 жыл бұрын
Namo Jinanam
જય જિનેન્દ્ર સુપ્રભાત ❤🙏🏻
Amazing temple but unfortunately focus of the video was on narrator than on temple. Narrator should have been in background while focussing on the architecture of the temple.
So..Beautiful.....
चौबीसो भगवान की जय ।
आभार
Thanks a lot for such informative video. I look forward to visiting Jaisalmer in future.
यह बात जगत जाहिर है कि जैन धर्म मे 24 तीर्थंकर है जिनमे महावीर स्वामी सबसे आखरी 24 वे तीर्थंकर है तो कुछ लोगो का ये बोलना की जैन धर्म के संस्थापक महावीर स्वामी थे कहा तक तर्क संगत है, और ऐसा बोलने वाले लोगो की बुद्धि मत्ता पर भी शक होता है, जैन धर्म अनादि है, आज भी है कल भी था और आगे भी रहेगा, ज्यादा परेशान न हो,
@kshah5828
4 жыл бұрын
Both is true.. જૈન ધર્મમાં બધા ભગવાન સંઘ સ્થાપના કરે છે. જે પછીના ભગવાન સુધી ચાલે છે. એટલે અત્યારના આ ધર્મ ની સ્થાપના મહાવીર સ્વામી ભગવાન એ કરી..
Amazing
Very good information!
Jaijinendra. Marvelous temple. Will pray God to visit this early!
जिनशासन देव की जय जय जिनेन्द्र
बोलो जिनशाशन देव की जय
Om shri Aadinathaye namha
@devendarjaat1362
3 жыл бұрын
Nmskar .kha se ho .
Rich carving pranam
Nice
जिन शासन जयवंत हो
Naman aur dhanyvaad aapka aisy virasat ,dharohar ko sambhalne,dekh rekh krne k liye 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Those who wants to talk about jainism I humbly request you to go meet any jain maharaj saheb first & try to clear your thoughts there.. Thank you.. If I offended anyone of you by my comment મિચ્છામિ દુક્કડમ્
Good video
Bharat me Mandir unki Shilp Kala Bhavyata Duniya me our kahi nahi Mahan gyani the hamare poorvaj Lekin enki suraksha ki chinta hoti hi aaj bhi hamare any Desho me Gori Gajni Changej Khan moujud hi vinash Kari log Bharat me janam Lena Mera soubhagy hi Hamara Bharat Mahan
Mesmerising carvings so intricate and the eye catching dome art works simply exotic
Ye mandir pahle digember mandir thy ab shwetambar samaj ke pass hai
कलाकारिता का अजव नमुना हे,जिसे जितना सराहना किया जाए फिर भि कम हे। हर मानव जाे भि गए मात्र अाँखकि नजर से दिखे, वयान करनेवाले भि बाहिरि दृष्टिकोण हि रखा पर इन मन्दिरमे सजाए ६६०० मुर्ति से अध्यात्मिक सन्देस दिए जाे उस सत्य काे कितनाेने देखाकितनाेने नहि महत्त्व इसमे हे। हर प्राचीन मन्दिराेंसे ज्ञान हि दिए हे उसकाे पकड पाना या देख पाना अपनी अपनी चिन्तन पर निर्भर करता हे। वे काला गाेरा मुर्तियां जाे तपस्या पर निर्वस्त्र हो बैठे दिखाए उनसे ज्ञान हि वाँते हे कि तपस्या वह हे जाे देहभान से पृथक हो अात्मरति रहकर किए गए तप हि वास्तविक तप हे। महावीर जैन का हर मुर्ति निर्वस्त्र दिखानेका तात्पर्य हे जाे अात्मास्वरुपमे रहते हे वे हर इन्द्रियाे पर विजयी बनचुके होते हे, यहि जनेन्द्रिय पर विजयी अात्मा हि वास्तविक जैन हे, जाे काेहि जित न पाए हे वे नामके जैन हे। शरिर(देह) एक अात्माके लिए वस्त्र हे, जैसे हम ने पहने वस्त्र जब जिर्ण(फिर प्रयोगमे न अा पाए) हाेते हे ताे नुतन(नए वस्त्र) पहनते हे ठिक वैसे हि अात्मा भि इसशरीर रुपि जिर्ण शरीर काे त्याग(मृत्युु वरण) कर दुसरे अन्य नुतनशरीर के रुपमे जन्म लेते हे(गीता २:२२)। यहि शरीर काे निर्वस्त्र या नग्न दिखाना हि अात्मास्वरुपमे रहना हे, शरीर रुपि वस्त्र जिर्ण हो नष्ट हाेते हे पर अात्मा न अागसे जले न पानी गलाए या वहाए, न हावा उडाए न सुखा सके यानी अजर अमर अविनाशि हे(गीता २:२३) वे अपने शरीर मेरहते किएगए कर्मभाेग अनुसार जनमकाे पाकर नए कर्मभाेगमे निरन्तरता पाते हे। अगर अात्मास्वरुपमे वैठ नित्य ईश्वरका ध्यानष्ट हो याेगमे रहना हि तप या तपस्या हे, काेइ शरीर काे हि निर्वस्त्र रखनेका भावार्थ महावीर का नहि था, इसिलिए मात्र वे मुर्ति ध्यानमे जितेन्द्रिय हो दिखाया, अन्य अर्थसे नहि पर चिन्तनमन्थन किए बिना दिगम्बर रहना महान भुल व असतकर्म हे, या महा अज्ञानता हे। मात्र जय जिनेन्द्र कहनेसे जैनी बनता नहि हे। उन मुर्तियाेंमे काेइ काला, गाेरा, पूरा सफेद दिखाना भि, ज्ञानयुक्त हे, वैसे हि वे रंगका बनाया नहि। जाे जितेन्द्रिय अात्मा हे जिनमे काेइ विकार व विकृति रहित पुरा कन्चन हे यानी सम्पूर्ण पवित्र हे वह पूरा सफेद कन्चन का शरीर वाला दिखाया, अन्य कुछ विकार सहितका अौर काेहि पूरा विकारि(काला) मुर्ति काे दिखाया। जाे वास्तविक जैन हे वह सफेद वाला हे,जाे मात्र जय जिनेन्द्र कहाँ करते हे उनमे काला अौर कम काला वाला मुर्तियां हे नहि ताे उतने सारे मुर्ति काे एक मन्दिरमे सजाए क्याें ? मुर्ति ताे एक हि काफि हे। वर्ष चाहे जितने पुराना दिखाया वह गलतफहमि के कारण हे जवकि जैनपंथका स्थापना बर्ध्यमान महावीर से शुरु हुए हे, उनका इतिहास कितना हे वह ताे जगजाहेर हे। महावीर के समकालीन सिद्धार्थ गौतम ने भि उसि सत्यका बाेध किए पर निर्वस्त्र रहे नहि मात्र सभिकाे अात्मास्वरुप का समझ देने अर्थ नग्न या वस्त्ररहित रहनेका हिम्मत केवल बर्ध्यमान ने हि करसका इसिलिए उनको "महावीर" कहे प्रसिद्ध बना रहा अन्य किम्बदन्तियां अज्ञानता के कारण हि दिखे, अन्यथा जैनपंथमे हि तेरापंथ, स्वेताम्वरि, व दिगम्वरि क्याें ? जैन ताे सभि हे ! यहि हे तमसता। मात्र मन्दिर का अवलोकन करना भि तमसता हि हे, उनसे मिले ज्ञान सभि के लिए उजगार करना भि एक तरहका कल्याण का कर्म हे , कमेन्ट नहि चिन्तन हे, धन्यवाद !!!
Great sir
Namo jinanam
Jai Jinendra 🙏 bahut Sundar
Jai jinendra om mahavirya namah Om parswanathaye namah Om chandra prarrabhu jinedraye namah Mahendra Jain Reeta Jain Mehul Jain from dehradun
Please make Temples all over bharat
Shandar video
Proud to be jain
Jai Jinendra, information ke liye shukriya.
Jai jinendra
Jai Jinendra🙏🙏🙏
Ye mandir jab banaye gaye Uske bad un karigaro Korahasaymay Dhang se gayab kar diya Or sat hi sat Macino Ko bhi Nast kar diya gaya Jisse dusra koi na bana sake Ab tab se Ab tak Or aage bhi Bas dakbe wale hi Hai Or isi Karad Ye mandir Darsniy mandir Ban gaya Or aage Kalantar Mai bhi Darsniy Mandir rahaga ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ Para. Psyctrist ❤️❤️❤️❤️❤️❤️
मौका मिलेगा तो बता देंगे कितना चाहते
Jin shashan dev ki jay🙏